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मै और खाला अम्बरीन--6
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मै और खाला अम्बरीन--6
अम्मी – क्या? ... अम्बरीन इसके लिए भी तैयार हो गई?
मैं – अभी तो नहीं पर उन्हें तैयार होना पड़ेगा. आखिर राशिद भी तो देखे कि मैं उसकी माँ को ठीक तरह से चोदता हूं या नहीं.
अम्मी
– मुझे यकीन है कि तुम इस काम को पूरी सलाहियत से अंजाम दोगे. न अम्बरीन
को शिकायत का मौका मिलेगा और न राशिद को. पर तुम अम्बरीन को इसके लिए कैसे
मनाओगे?
मैं
– अम्मी आप मेरे साथ हैं तो सब हो जाएगा. लेकिन एक बात और है. मैंने आप पर
राशिद से दूर रहने की जो बंदिश लगाई थी उसे मैं वापस लेता हूं.
अम्मी – क्या मतलब?
अब
मैंने उन्हें राशिद की तजबीज तफसील से बताई और कहा कि मैं भी इस से
इत्तेफ़ाक रखता हूं. उन्होंने इसे मानने में आना-कानी की और कहा कि तुम्हारे
जैसे बेटे के होते मैं क्यों राशिद को खुश करूं? मैंने उन्हें बताया कि
राशिद के मुताबिक़ उसके अब्बू अम्बरीन खाला की जिस्मानी ख्वाहिशात पूरी नहीं
कर पाते हैं. जब मैं उनकी ख्वाहिशात पूरी करने में मशगूल हो जाऊँगा तो
अम्मी तो प्यासी ही रह जायेंगी. मेरा मकसद राशिद को खुश करने का नहीं है
बल्कि मैं तो चाहता हूं कि वो मेरी अम्मी को खुश रखे. यह सुन कर उन्होंने
मुझे सीने से लगा लिया और कहा कि उन्हें पता नहीं था कि मैं उनका इतना खयाल
रखता हूं. बहरहाल वो मेरी बात से रज़ामंद हो गयी. अब मैंने अगला तीर छोड़ा
और उन्हें बताया कि हम चारों ये काम मिल कर करेंगे. यह सुन कर तो वो बिदक
गयीं.
अम्मी – ये क्या बेवकूफी है! मैं अपने बेटे और अपनी बहन के सामने ये कैसे करूंगी?
मैं – अम्मी, आपकी बहन भी तो यह काम आपके और अपने बेटे के सामने करेगी.
अम्मी – वो कभी नहीं मानेगी.
मैं
– क्यों नहीं मानेंगी? वो जरूर आपके सामने ये साबित करना चाहेंगी कि उनका
बेटा इस काम में मेरे से ज्यादा हुनरमंद है. और आप भी उन्हें ये दिखाना
चाहेंगी कि आपका बेटा राशिद से किसी तरह कम नहीं है. है कि नहीं?
अब
अम्मी ने हथियार डालते हुए कहा – ये बात तो है. और मुझे यकीन है कि एक बार
ये काम हो जाए तो अम्बरीन तुम्हारी कुव्वत की कायल हो जायेगी.
मैं – तो जब खाला आपसे बात करें आप उन्हें राज़ी करने की कोशिश कीजिये.
उसी
दिन शाम को अम्बरीन खाला हमारे घर आईं. उनके आते ही अम्मी उन्हें अपने
कमरे में ले गयी. कोई एक घंटे तक उनकी गुफ्तगू चलती रही और मैं बेसब्री से
इसके नतीजे का इंतज़ार करता रहा. जब वे बाहर निकलीं तो खाला ने एक नज़र मेरे
पर डाली और बिना कुछ बोले अपने घर के लिए रवाना हो गयीं. मैंने अम्मी को
सवालिया नज़र से देखा तो उन्होंने धीमी आवाज में कहा कि वे रात को मुझे
बताएंगी. मैं इंतज़ार करता रहा और आधी रात हो गई. आख़िरकार अम्मी मेरे कमरे
में दाखिल हुईं तो मैंने पूछा कि क्या हुआ. उन्होंने मेरे पास लेट कर कहा
कि अम्बरीन खाला कल सुबह नौ-दस बजे आएँगी और मेरी मुराद पूरी कर देंगीं. जब
मैंने पूछा कि एक घंटे में इतनी ही बात हुई तो उन्होंने कहा कि थोडा
इंतज़ार करो. मैं सब बताती हूं. ये कहते हुए उन्होंने मेरी जाँघों पर हाथ
फेरा. नतीज़ा जो होना था हुआ. कुछ ही देर में अम्मी मेरे नीचे नंगी लेटी थीं
मैं उन्हें चोद रहा था. चुदाई के दरमियान हमारी बातें भी चलती रहीं.
अम्मी
– अम्बरीन ने पहले तो राशिद की तरफ से मुझ से माफ़ी मांगी और कहा कि जो हुआ
वो नहीं होना चाहिए था. मैंने कहा कि तुम ठीक कहती हो पर जो हो गया उसे अब
मिटाया तो नहीं जा सकता. उसने पूछा कि अब क्या किया जाए तो मैंने कहा कि
शाकिर बहुत नाराज़ है. उसका गुस्सा तुम्ही दूर कर सकती हो. उसने कहा कि इस
का मतलब है जो वो चाहता है वो मुझे करना पडेगा. मैंने कहा कि सिर्फ इस से
काम नहीं चलेगा, तुम्हे कुछ और भी करना पड़ेगा. उसने पूछा कि और क्या तो
मैंने कहा कि राशिद ने मेरे साथ जो किया वो अनजाने में शाकिर ने देख लिया.
अब वो चाहता है वो तुम्हारे साथ जो करेगा वो राशिद भी देखे. यह सुन कर तो
अम्बरीन तैश में आ गयी. उसने कहा कि ये क्या वाहियात बात है.
मैं – इसमें वाहियात क्या है? उनका बेटा मेरी अम्मी को मेरे सामने चोदे और उसकी अम्मी अकेले में चुदे! यह क्या इन्साफ हुआ?
अम्मी
– देखो बेटा, राशिद को थोड़े ही पता था कि ये तुम्हारी नज़रों के सामने हो
रहा है. खैर, अम्बरीन ने पूछा कि यह कितनी बार हुआ है तो मुझे बताना पड़ा कि
ऐसा तीन बार पहले भी हो चुका था. उसने पूछा कि इतनी बार हुआ और तुमने उस
बदमाश को रोका नहीं. मैं तुम्हारे अब्बू की शिकायत नहीं करना चाहती थी पर
मुझे कहना पड़ा कि हम औरतों की तकदीर ही ऐसी होती है. हमारे शौहरों की उम्र
हम से काफी ज्यादा होती है और एक उम्र के बाद या तो उनकी मरदाना ताक़त कम
हो जाती है ये किसी और वजह से उनकी बीवियों में दिलचस्पी नहीं रहती.
अम्बरीन ने कहा कि यह तो सच है. तुम्हारे दूल्हा भाई (नावेज) भी अब मेरे
पास कम ही आते हैं. मैंने कहा कि सोचो, तुम्हे शाकिर जैसा नौजवान मिल जाए
और वो तुम्हे मुतमईन कर दे तो तुम्हारा मन डोलेगा या नहीं. मेरे साथ भी यही
हुआ. पहली बार जब राशिद ने तकरीबन जबरदस्ती मेरे साथ ये काम किया तो मुझे
गुस्सा आया था पर फिर मुझे यह अच्छा लगने लगा और मैं उसे रोक नहीं पाई.
मैंने अम्मी को चोदते हुए पूछा – क्या आपको सच में यह अच्छा लगने लगा था?
अम्मी – उस वक्त तो अच्छा ही लगा था पर बाद में पता चला कि तुम उस से कहीं बेहतर हो. और जल्द ही अम्बरीन भी तुम्हे मान जायेगी.
मैं – अच्छा? पर खाला ने कुछ जवाब दिया?
अम्मी
– हां, उसने पूछा कि जब तुम उसके साथ ये करोगे तो मुझे बुरा नहीं लगेगा
क्या? मैंने कहा कि यह तो तभी पता चलेगा जब तुम मेरे सामने करवाओगी.
मैं – तो वो आपके सामने करवाने के लिए तैयार हो गयीं?
अम्मी
– हां, पर बड़ी मुश्किल से. साथ ही उसने यह भी कहा कि अगर राशिद यह काम
होता देख कर अपने आप पर काबू नहीं रख पाया तो? मैंने कहा कि मैं भी तो वहां
रहूंगी. उस का ज्यादा मन हुआ तो मैं उसका खयाल रखूंगी.
मैं – अम्मी, आपने तो कमाल कर दिया. फिर तो खाला मान गई होंगी.
अम्मी – हां, अब कल सुबह तक इंतज़ार करो. फिर जो तुम चाहते हो वो तुम्हे हासिल हो जाएगा.
मैंने
प्यार से अम्मी का मुंह चूम लिया और पूरे जोश से उन्हें चोदने लगा. कुछ ही
देर में मेरा लंड अम्मी की चूत में लावा उगलने लगा. जब अम्मी अपने कमरे
में चली गयीं तो मैं अगली सुबह का इंतज़ार करते-करते सो गया.
अगले
दिन अम्बरीन खाला सुबह 9 ½ बजे अकेली ही आईं. मै यह देख कर मायूस हो गया.
मुझे लगा कि वक्त आने पर खाला की हिम्मत जवाब दे गई. अम्मी के कहने पर में
अपने छोटे भाई-बहन को नाना के घर छोड़ने चला गया. वापस आते वक्त मैं सोच
रहा था कि एक बार खाला अम्मी के सामने मेरे से चुद गयीं तो अगली बार राशिद
के सामने चुदने को भी तैयार हो जायेंगी. एक घंटे बाद मैं वापस घर पहुंचा तो
खुशी से उछल पड़ा. वजह थी कि राशिद भी वहां नमूदार हो चुका था. थोड़ी रस्मी
बातचीत के बाद मैंने कहा कि हमें वक्त जाया नहीं करना चाहिए. खाला थोड़ी
संजीदा लग रही थीं और शर्मसार भी. अम्मी ने मुझे राशिद को बेडरूम में ले
जाने के लिए कहा. मैं उसे अंदर ले गया. कुछ देर में अम्मी और खाला भी वहां
पहुंच गयी.
फिजा
में एक अजीब किस्म का तनाव था. हम चारों में से कोई भी पहल नही कर रहा था.
अम्मी बेड पर बैठी हुई थीं और खाला अम्बरीन कुर्सी पर. मै खाला के पास बैठ
गया और उनकी कमर में हाथ डाल कर मैंने उनका गाल चूम लिया. उन्होने मेरी
रान पर अपना हाथ रख दिया. मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं उन्हें शिद्दत से चूमने
लगा. राशिद अम्मी के पास बैठ कर ये नज़ारा देख रहा था. थोड़ी देर बाद मैं
अम्बरीन खाला को उठा कर बेड पर ले आया. मैं उनके ऊपर झुक गया. उन्होने अपने
मुँह पर मेरे होंठ महसूस किये तो शर्माते हुए अपने होंठ मेरे होठों के साथ
चिपका दिये. मै उनके बोसे लेता रहा और वो जवाब में अपने लिपस्टिक लगे
होठों से मुझे चूमती रहीं. मेरा लंड तन कर फौलाद बन गया था. उनके होंठों और
गालों के जी भर के बोसे लेने के बाद मैं उठा. जब मैं उनके कपड़े उतारने
लगा तो अम्मी ने कहा – यह ठीक नहीं है, शाकिर.
मैंने कहा – लेकिन यह किये बिना काम कैसे होगा?
अम्मी – थोडा तहजीब का खयाल रखो. पहले तुम्हे नंगा होना चाहिए.
उनकी
बात मान कर मैंने अपने कपडे उतारे. नंगा होने के बाद मै खाला के सामने
खड़ा हो गया और अपना लंड उनके मुँह के सामने कर दिया. खाला ने शर्म से सर
झुका लिया पर वे समझ चुकी थीं कि उन्हें ये तो करना ही होगा. वो मेरे सामने
नजीर का लंड चूस चुकी थीं पर अपने बेटे के सामने मेरा लंड मुंह में लेने
में उन्हें शर्म आ रही थी. मैं यही नज़ारा देखना चाहता था. मेरे इसरार करने
पर उन्होंने मेरा लंड हाथ में थाम कर मुँह में ले लिया और उससे चूसने लगीं.
मैंने राशिद पर नज़र डाली. वो भी शर्मसार था पर कुछ कर नहीं सकता था. हां,
उसकी पैंट में तम्बू बन चुका था. मेरा लंड चूसते हुए खाला के मुँह से लप-लप
की आवाजें सुनाई दे रही थीं.
मैंने
सोचा कि मैं जो चाहता था वो हो ही रहा था. अब राशिद को और तडपाना मुनासिब
नहीं था. मैंने कहा – राशिद, मैंने अम्मी की बात मान ली पर इस कमरे में
सिर्फ मैं नंगा हूं. यह तहजीब है क्या?
यह
सुनते ही राशिद एक मिनट से भी कम वक्त में नंगा हो गया. और उसने कहा – लो
शाकिर भाई, मैं भी नंगा हो गया मगर यहाँ सिर्फ हम दोनों नंगे रहें ये तहजीब
है क्या?
मैं – हां, यह तो मुनासिब नहीं है. अब हमें दोनों खवातीन को भी नंगा कर देना चाहिए.
फिर
क्या था, मैंने खाला के कपड़े उतारने शुरू कर दिये और राशिद ने अम्मी के.
मैं बहुत दिनों बाद अम्बरीन खाला के नंगे जिस्म का दीदार कर रहा था. राशिद
ने भी शायद काफी दिनों के बाद अम्मी को नंगा देखा था. हम दोनों के लंड
टनटना रहे थे. मैंने खाला को आगोश में ले लिया और अपने हाथ पीछे ले जा कर
उनके मांसल चूतड़ों को दबाने लगा. उधर राशिद भी यही कर रहा था. राशिद ने
अम्मी को बिस्तर पर लेटा कर उनके होठों को अपने मुँह में लिया और दोनो
हाथों से उनके मम्मे मसलने लगा. अम्मी अपना मुँह खोल खोल कर उस का साथ दे
रही थीं. दोनो बुरी तरह एक दूसरे को चूम-चाट रहे थे.
मैं
भी कहाँ पीछे रहने वाला था. मैंने अम्बरीन खाला को अम्मी के पास लिटाया और
उनके होंठों और मम्मों पर काबिज़ हो गया. बेडरूम में चूमा चाटी की आवाजें
फैली हुई थीं. होंठों और चूंचियों की दावत उडाने के बाद मैंने खाला अम्बरीन
की चूत की जानिब रुख किया. मुझे उनकी चूत का रस पीते देख कर राशिद ने भी
अपना मुंह मेरी अम्मी की बुंड पर रख दिया. कुछ ही देर में खाला और अम्मी के
जिस्म बुरी तरह मचलने लगे. अब जाहिर था कि दोनों की बुंड में आग लग चुकी
थी. मैं अम्बरीन खाला को और तडपाना चाहता था मगर जब उन्होंने मुझे अपने ऊपर
आने को कहा तो मैं अपने आप को नहीं रोक पाया. जिस लम्हे का मैं अरसे से
मुन्तज़िर था वो आ चुका था और मेरा लंड भी मेरे काबू में नहीं था. मैंने
खाला को अपने नीचे लिया और अपना लंड उनकी बुंड में घुसा कर आहिस्ता आहिस्ता
घस्से लगाने लगा. वो भी अपने बदन को ऊपर-नीचे हरकत दे रही थीं. मै खाला
अम्बरीन की चूत में घस्से मारता रहा. धक्कों की वजह से उनके मम्मे डांस कर
रहे थे.
राशिद
ने अपनी माँ को चुदते हुए देखा तो उसने भी अम्मी की टांगें उठा कर अपने
कंधों पर रख लीं. अम्मी की चूत का मुँह उस के सामने आ गया. राशिद ने जब
अपना लंड अम्मी की चूत में डाला तो अम्मी की टांगें उनके सीने की तरफ आ
गईं. अम्मी ने ज़ोर से उफफफ्फ़ कहा और अपने हाथों से राशिद को पीछे ढकैलने
की कोशिश की. राशिद ने अपना पूरा वज़न डाल कर अम्मी के घुटने उनके सीने से
मिला दिये और उनकी उभरी हुई चूत में घस्से मारने लगा. वो इतना ताक़तवर नज़र
नही आता था मगर उस ने अम्मी जैसी तंदरुस्त औरत को बड़ी अच्छी तरह क़ाबू
किया हुआ था. अम्मी उस के हर घस्से पर बड़ी तेज़ आवाज़ में कराहती थीं.
उनकी चूत से पानी काफ़ी मिक़दार में निकल रहा था. फिर राशिद के चेहरे के
नक्श बिगड़ गये. उस ने अपना लंड अम्मी की फुद्दी से बाहर निकाला और तेजी से
मूठ मारने लगा. फ़ौरन ही उसके लंड से पानी निकल कर अम्मी के पेट पर गिरने
लगा. अपना लंड खाली कर के राशिद बेड से उठ गया और सामने पड़ी हुई कुर्सी पर
जा बैठा. अम्मी बेड पर ही लेटी रहीं.
राशिद
को खलास होते देख कर मुझे खुशी हुई के में उस से पहले नही झडा. मैंने
अम्बरीन खाला की चूत से लंड निकाला और उन्हे पीछे से चोदने की ख्वाहिश
जाहिर की. वे घुटनो और कोहनियों के बल कुतिया बन गयीं. मैं लंड घुसा कर
पीछे से उनकी चूत का मज़ा लेने लगा. उन्हें चंद मिनट हलके धक्कों से चोदने
के बाद मैं उनकी चूत में खलास होने की नीयत से जबरदस्त घस्से लगाने लगा.
जल्द ही मुझे अपने लंड के सुपाड़े पर एक मीठी गुदगुदी महसूस हुई और मैंने
अम्बरीन खाला की चूत में ताबड़तोड़ घस्से मारने शुरू कर दिये. वो अपने बदन
की सारी ताक़त लगा कर के पीछे की तरफ धक्के लगा रही थीं. हमारी मेहनत रंग
लाई और मेरे लंड ने उनकी चूत में पिचकारियाँ मारनी शुरू कर दीं. मेरे
साथ-साथ खाला का भी पानी निकल गया और वो बेदम हो कर लेट गयीं. मैं भी निढाल
हो कर उनके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर बाद हम सब उठ कर नहाए. अम्मी नाश्ता
लायीं और हम सब बातें करने लगे. इतनी लज़्ज़तदार और बेबाक चुदाई के बाद हम
काफी बेतकल्लुफ हो चुके थे.
राशिद – शाकिर भाई, अब तो आप गुस्सा नहीं हो? आप जो चाहते थे वो हो गया ना?
मैं – मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है. लगता है मैं कोई ख्वाब देख रहा था.
राशिद – यकीन तो मुझे भी नहीं हो रहा है. यह तो यास्मीन खाला और अम्मी ही बता सकती हैं कि कुछ हुआ था या नहीं.
खाला – बदमाश, अपनी अम्मी के सामने सब कुछ करने के बाद अब नाटक कर रहा है.
राशिद – लेकिन शाकिर भाई ने भी तो आपके बेटे और अपनी अम्मी के सामने आपकी ली थी.
खाला – तुम दोनों ही बेशर्म हो.
मैं – इसका मतलब है कि ये ख्वाब नहीं हकीक़त थी. लेकिन खाला, ये दुबारा होगा या नहीं?
खाला (शर्माते हुए) – तुम्हारा मन हो तो कर लेना.
मैं – मेरा मन तो अभी कर रहा है.
अम्मी – अम्बरीन, पहले ये बता कि शाकिर ने ये काम तसल्लीबख्श तरीके से किया या नहीं?
खाला – शाकिर मियां इस काम में यकीनन होशियार हैं.
राशिद (मेरी अम्मी से) – खाला, शाकिर भाई ने जितनी देर अम्मी की ली मैं उतनी देर नहीं ले पाया. आप का काम तो हुआ ही नहीं होगा.
अम्मी – शायद इन दोनों की मौजूदगी की वजह से तुम जल्दी फारिग हो गये.
मैं – अम्मी, सिर्फ ये वजह नहीं हो सकती. आपकी चूत है ही इतनी टाइट कि उसमे ज्यादा देर टिकना मुश्किल है.
राशिद (मुझ से) – यह तो सच है पर ये आपको कैसे मालूम हुआ?
अब
मुझे एहसास हुआ कि मैं बिना सोचे ये बोल गया था. लेकिन अब क्या हो सकता
था? मैं यह भी नहीं कह सकता था कि मैंने यह सिर्फ सुना था क्योंकि राशिद ने
तो मुझे बताया नहीं था और अब्बू मुझे ये बताने से रहे. और इन दोनों के
अलावा किसी ने अम्मी की चूत ली नहीं थी.
खाला (अम्मी से) – ये लड़का क्या कह रहा है, आपा. कहीं इसने भी आपकी ...
मैंने
बात को संभालने की कोशिश की – खाला, आपको तो इल्म होगा कि अब्बू अब ये
कभी-कभार ही करते हैं और अम्मी को पता चल गया था कि मैं एक अरसे से आपकी
चूत का ख्वाहिशमंद था जो मुझे हासिल नहीं हो रही थी. इसलिए उन्होंने ...
खाला – लेकिन राशिद के अब्बू भी तो ये काम अब कम ही करते हैं. तो क्या इस वजह से मैं ...
अम्मी (खाला से) – अम्बरीन, अब ये भूल जाओ. अब तो तुम्हे एक नौजवान लड़का मिल गया है.
राशिद - लेकिन खाला, शाकिर भाई को आप की चूत ही अच्छी लगती है.
मैं
– मैंने ये कब कहा? मेरा मतलब था कि अम्मी की ज्यादा टाइट है मगर लज्ज़त
में अम्बरीन खाला की चूत भी कम नहीं है. लेते वक्त ऐसा लगता है जैसे लंड एक
फोम के गद्दे में लिपटा हुआ हो!
राशिद – सच?
मैं – तुम्हे यकीन नहीं है तो खुद ले कर देख लो.
राशिद (खाला से) – अम्मी, एक बार मुझे भी दे दो ना.
खाला – ये क्या कह रहे हो तुम?
मैं – खाला, इसे भी देखने दीजिए ना कि आप की चूत कितनी मज़ेदार है.
अम्मी (खाला से) – अम्बरीन, अब मान भी जाओ. बच्चे इतना कह रहे हैं तो एक बार राशिद को भी दे दो.
खाला – तुम सब यही चाहते हो तो ठीक है.
फिर
क्या था, जब अम्मी-बेटे राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी? तहजीब के मुताबिक पहले
राशिद ने और मैंने अपने कपडे उतारे और फिर हमने अपनी-अपनी अम्मी को बेपर्दा
करना शुरू किया. अम्बरीन खाला थोड़ी देर पहले हमारे सामने बे-लिबास हो चुकी
थीं पर इस बार अपने बेटे के हाथों नंगी होने में वो शर्मा रही थीं. जब
उनके जिस्म से आखिरी कपडा अलग हुआ तो वे शर्मा कर अपने बेटे की बाहों में
समा गयी. मैं भी अम्मी से लिपट कर उनके गालों और होंठों का रस पीने लगा.
मेरे हाथ उनके चूतडों पर घूम रहे थे. राशिद भी कहाँ पीछे रहने वाला था.
उसने खाला के होंठों को चूसते हुए उनके मम्मों को अपने हाथों में ले लिया.
मैंने अम्मी को बिस्तर पर लिटाया और मेरे होंठों ने उनकी चूंचियों पर कब्ज़ा
कर लिया. अम्बरीन खाला भी अब अब बिस्तरदराज़ हो चुकी थीं और राशिद उन पर
चढ़ा हुआ था. वो उनके मम्मों को बिल्कुल दीवानों की तरह चूस रहा था. खाला
अम्बरीन के मुँह से मस्ती की आवाजें निकलना शुरू हो गईं थीं और वो आहिस्ता
आहिस्ता अपना सीना आगे पीछे कर रही थीं. ये मंज़र खून गरमा देने वाला था.
राशिद और अम्बरीन खाला मुझ से क़रीब ही थे. जब राशिद अम्बरीन खाला का एक
मम्मा चूस रहा था तो मैंने हाथ आगे बढ़ा कर उनके दूसरे मम्मे को दबाना शुरू
कर दिया. खाला अम्बरीन के मुँह से निकलने वाली आवाजें एक लम्हे के लिये
बंद हुईं और फिर फॉरन ही उन्होने ज़ियादा तेज़ आवाज़ में सिसकना शुरू कर
दिया.
अम्मी
ने मुझे इशारा किया कि मैं अपना लंड उनके मुंह में दे दूं. मेरा लंड तो
इंतज़ार कर रहा था कि उसे मुंह या चूत की गर्मी नसीब हो. मैंने अपना लंड
उनके मुंह के सामने किया और उनके मुंह ने फ़ौरन उसे लपक लिया. ये देख कर
राशिद ने भी अपना लंड अपनी माँ के मुँह के हवाले कर दिया. अम्बरीन खाला
अपने बेटे का लंड चूसने लगीं मगर उनके चेहरे पर हया के आसार साफ़ नज़र आ रहे
थे. इधर अम्मी के मुँह के अंदर मेरे लंड में मज़े की मौजें उठने लगीं. मै
अपना लंड आहिस्ता आहिस्ता अम्मी के मुँह के अंदर बाहर करने लगा. जब मेरा
लंड अम्मी के मुँह में घुसता तो वो अपनी ज़बान नीचे कर लातीं और जब लंड
उनके मुँह से बाहर निकलता तो वो उस के टोपे पर ज़बान फेरतीं. लंड चुसवाते
हुए मैंने खाला के मम्मे पर हाथ फेरा तो वो खिसक कर मेरे क़रीब आ गईं और
में उनके मम्मे को मसलने लगा. राशिद ने अपनी माँ में मेरी दिलचस्पी देखी तो
उठ कर अम्मी के पास आया और अपना लंड उनके मुँह के आगे कर दिया. अम्मी ने
मेरा लंड मुँह से निकाला और राशिद के लंड का सुपाडा चाटने लगीं. मैंने भी
अपना लंड खाला के मुँह में दाखिल कर दिया. मुझे अंदाज़ा हुआ के जब दो मर्द
दो औरतों को एक साथ चोदते हैं तो दोनो एक दूसरे को देख कर एक जैसी हरकतें
करने लगते हैं.
फिर
राशिद ने अम्मी से कहा के खाला ज़रा अपने चूतड़ मेरी तरफ करें. अम्मी ने
अपने नंगे चूतड़ों को राशिद की तरफ कर दिया. राशिद ने उनके चूतड़ों को अपने
हाथों से खोला और उनकी चूत और गांड़ चाटने लगा. अम्मी ने बिस्तर की चादर
पकड़ ली और ऊऊं ऊऊऊं करने लगीं. मै भी खाला अम्बरीन के पीछे आ गया और
बिल्कुल राशिद की तरह उनके चूतड़ों को खोल कर उनकी चूत पर ज़बान फेरने लगा.
अम्बरीन खाला भी अपनी चूत चटवाते हुए खुद पर क़ाबू ना रख सकीं और मज़े से
सिसकने लगीं. दोनो बहने एक दूसरे से चंद इंच के फ़ासले पर थीं.
मैंने
अम्बरीन खाला का हाथ पकड़ कर अम्मी के हिलते हुए मम्मों के क़रीब कर दिया.
उन्होने अम्मी के मम्मों को पकड़ा और उन्हे दूध दुहने वाले अंदाज़ में
नीचे की तरफ खैंचने लगीं. मैंने खाला अम्बरीन की चूत को चूमते हुए उनकी
गांड़ के सुराख को देखा जो कभी खुल रहा था और कभी बंद हो रहा था. मैंने
अपनी एक उंगली उनके गांड़ के सुराख पर रखी और उससे आहिस्ता से अंदर धकेला.
खाला अम्बरीन ने एक तेज़ आवाज़ निकाली और अपना एक हाथ नीचे ला कर अपनी चूत
को मसलने लगीं. वो इस दोहरे हमले को ज्यादा देर ना झेल सकीं. उनका जिस्म
जोर से लहराया और वो झड़ने लगीं.
राशिद
ने जब देखा के उस की माँ खलास हो गई है तो वो अम्मी को छोड़ कर अम्बरीन
खाला के पास आ गया. चूँके कुछ देर पहले राशिद ने खाला अम्बरीन को मेरे लिये
छोड़ा था इसलिये में भी उसे अम्मी के पीछे से उठते हुए देख कर वहाँ से हट
गया. राशिद ने अम्बरीन खाला के चूतड़ों को अपने लंड की तरफ घुमाया और अपना
फूँकारता हुआ लंड उनकी चूत के अंदर डाल दिया. लंड अंदर जाते ही वो कस कर
घस्से मारने लगा. खाला ने उसे जल्दबाज़ी न करने की हिदायत दी तो उसके धक्कों
की तेज़ी कुछ कम हो गयी. शायद खाला कोशिश कर रही थीं कि वो जल्दी न झडे.
मैंने
भी अम्मी को घुटनो के बल झुकाया और उनकी चूत में अपना लंड दाखिल कर दिया.
अम्मी की चूत राशिद ने काफ़ी देर चाटी थी और वो पूरी तरह चिकनी हो चुकी थी.
मेरा लंड उनकी चूत में आसानी से रास्ता बनाता हुआ उस के अंदर घुस गया और
मैंने उनके चूतड़ पकड़ कर घस्से मारने शुरू कर दिये. क्या दिलकश नज़ारा था!
दोनों बहने पास-पास थीं और उनके बेटे उनको खुल कर चोद रहे थे. हमारे लंड एक
लय के साथ अपनी अम्मियों की फुद्दियों में अंदर बाहर हो रहे थे. वो दोनो
भी अपने चूतड़ों को हमारी जानिब धकेल-धकेल कर हमारा साथ दे रही थीं. दोनो
के मम्मे हमारे झटकों की वजह से बुरी तरह हिल रहे थे. अम्मी और खाला
अम्बरीन वक़फे-वक़फे से एक दूसरे की तरफ भी देख लेतीं थीं. वो अब इस खेल का
पूरा मज़ा ले रही थीं और दोनो के चेहरों पर इतमीनान और सकून नज़र आ रहा
था.
में
चुदाई में ज्यादा तजुर्बेकार नही था लेकिन फिर भी मुझे एहसास हो गया के
अम्मी की बुंड पानी छोड़ने वाली है. उन्होने तेज़ रफ़्तारी से मेरे लंड पर
अपनी फुद्दी को आगे पीछे किया और झडने लगीं. उनकी फुद्दी पूरी तरह पानी में
भीग गई और वो सर बिस्तर में घुसा कर मुँह से बे-हंगम आवाजें निकालने लगीं.
उन्होने खलास होने के बाद अपनी राने नीचे की और उल्टी लेट गईं. मेरा लंड
अब भी उनकी फुद्दी के अंदर था. मैंने बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभाला.
जब अम्मी थोड़ी नोर्मल हुईं तो मैंने फिर घस्से मारने शुरू किये लेकिन अब
मुझे अपना लंड उनकी बुंड के ज्यादा अंदर पहुंचाने में मुश्किल हो रही थी.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सीधा लेट कर उन्हे अपने लंड पर चढा लिया.
मेरा लंड फिर अम्मी की चूत के अंदर था और वो उस पर आहिस्ता आहिस्ता धक्के
लगाने लगीं. मैंने अम्बरीन खाला की तरफ सर घुमाया.
राशिद
अब भी उन्हें पीछे से ही चोद रहा था. जब वो अपना लंड उनकी चूत में अंदर
करता तो खाला मुँह से उफफफफ्फ़ की आवाज़ निकलटीं लेकिन जब उस का लंड उनकी
चूत से बाहर निकलता तो उनके चेहरे पर तक़लीफ़ के आसार आ जाते. राशिद की
पतली रानें खाला के मांसल चूतड़ों से टकरा कर नशीली आवाजें पैदा कर रही
थीं. उस ने खाला के चूतड़ों को कस कर पकड़ा और अपने घस्सों में थोड़ी तेज़ी
ले आया. कुछ देर इस तरह खाला को चोदने के बाद वो भी मेरे पास लेट गया और
अपनी माँ को अपने ऊपर चढ़ने के लिए कहा. अब खाला की शर्म उनसे कोसों दूर जा
चुकी थी. उन्होंने अपने हाथ से राशिद का लंड पकड़ कर अपनी फुद्दी पर रखा और
एक शानदार धक्का लगाया. एक ही धक्के में उन्होंने पूरा लंड अपनी बुंड में
ले लिया. अब अम्मी की तरह अम्बरीन खाला भी अपने बेटे के लंड पर फुदकने
लगीं.
अभी
तक मैंने अपने ऊपर काफ़ी क़ाबू रखा था और खलास नही हुआ था लेकिन जब अम्मी
के भरे हुए चूतड़ों ने बार बार मेरे लंड पर वज़न डाला तो मुझे लगा के में
खलास हो जाऊंगा. अम्मी मेरे चेहरे के ता’असूरात से समझ गईं के में खलास
होने वाला हूँ. उन्होने अपने चूतड़ों की हरकत धीमी कर दी. वो खामोशी से
मेरी मदद कर रही थीं. मैंने अपनी साँसें दुरुस्त कीं और एक हाथ से अम्मी का
एक मम्मा पकड़ा और दूसरे हाथ से खाला का उछलता हुआ मम्मा दबोच लिया. खाला
अब मजीद रफ़्तार से फुदक रही थी और झड़ने के कगार पर थीं. अम्मी ने भी अपने
घस्सों को तेज़ी दी और फिर दोनों बहने एक साथ चीखें मारते हुए झड़ने लगीं.
राशिद का बदन भी अकड गया. शायद वो भी अपनी अम्मी की चूत में झड रहा था. सब
को झड़ते देख कर मेरा भी बाँध टूट गया. कुछ मिनट बाद मेरी हालत ज़रा बेहतर
हुई तो में खाला अम्बरीन की तरफ मुखातिब हुआ. वो राशिद के लंड से उतर कर
मेरे साथ लिपट गईं. अम्मी ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा और राशिद के पास
खिसक गयी. वो भी गर्मजोशी से उन से लिपट गया.
इस
वाक़िये को चार साल बीत चुके हैं. उस दिन मैंने और राशिद ने फ़ैसला किया
था के हम दोनों की शादी होने तक हम सिर्फ अपनी खाला और अम्मी को चोदेंगे.
हम आज तक इस फ़ैसले पर कायम हैं. अम्मी और अम्बरीन खाला भी हमारा साथ दे
रही हैं. जब मैं अकेला होता हूं और अम्मी को लगता है मुझे चूत की जरूरत है
तो वो बिना झिझक मुझे अपनी चूत दे देती हैं. उधर खाला भी राशिद की चूत की
ख्वाहिश खुशी से पूरी कर देती हैं. और जब मौका मिलता है, हम चारों इकट्ठे
हो जाते हैं. मैं खाला को चोद लेता हूं और राशिद मेरी अम्मी को. हमें पता
है कि मेरी और राशिद की शादी होने के बाद ये हालात नहीं रहेंगे. तब ये
सिलसिला शायद बंद करना पड़े. ... पर मेरी और राशिद की बीवियां तो होंगी. हम
कोशिश करेंगे कि हम इकट्ठे अपनी बीवियों को चोदें, ... और एक दूसरे की बीवी
को भी.
हम
दोनों फिक्रमंद हैं कि जब हमारी शादी हो जायेगी तब खाला और अम्मी का क्या
होगा. मेरी तजबीज तो यह होगी कि उन दोनों को मिल कर एक दूसरे के शौहर को
पटाने की कोशिश करनी चाहिए. मैंने सुना है कि साली को चोदने से उम्रदराज़
इंसान की भी मरदाना ताक़त लौट आती है.
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