Wednesday, September 17, 2014

Fentency रानी मेरे दोस्त की वाइफ़ 5

Fentency


रानी मेरे दोस्त की वाइफ़ 5


अभी तक आपने पहले भागों में पढ़ा कि रानी की मैं ने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

मैने अपने आप को रानी की दोनो टांगों के बीच फ़िक्स कर लिया और उसकी दोनो टांगों को और फ़ैलाकर उसकी चूत को और चौड़ा कर दिया मुझे उसकी चूत का छेद साफ़ इतना बड़ा दिख रहा था कि उसमे में अपने थम्ब को सीधा डाल सकता था। पर मैने बिना टाइम गंवाये किये अपने लंड को सीधा उसकी चूत के छेद में झोंक दिया और मेरा लंड रानी की चूत में आधा धंस गया। ये शायद ऐसा मौका था जब चुदाई में मुझे इतनी आसानी लंड डालने का मौका मिला हो। मैने एक और जोर का धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड रानी की चूत में ठुक गया।

आज उसकी चूत पहले ही गीली हो रखी थी इसलिये अब मैं अपने लंड को ऊपर नीचे रगड़ने लगा तो रानी की चूत में सरसराहट होने लगी। रानी ने भी नीचे से हमला कर दिया और अपनी गांड का एरिया ऊपर को उठा कर खुद भी चुदायी करवाने के लिये मुझे इनवाईट करने लगी। आज मुझे और रानी को चुदायी में दर्द नही हो रहा था और दोनो ही मस्त थे वह आज बड़ी मस्ती में लग रही थी। मैने रानी की चूत में ऊपर नीचे रगड़म परेड शुरु कर दी और रानी भी अपनी चुदायी करवाने लगी। धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ गयी तो गन्ने के खेत में जैसे तूफ़ान सा आ गया। मैने चुदायी के साथ साथ रानी के पूरे बदन को चूमना, चाटना, मसलना और रगड़ना भी चालू रखा था। मेरा ऐसा करने पर रानी भी जवाब दे रही थी बस जवाब के लिये उसके पास लंड नहीं था नहीं तो वह भी पूरे जोर से हमारी चुदायी की गाड़ी को धकेल रही थी।

मैं पहले की तरह बेड पर लेट गया और रानी मेरे ऊपर आ गयी। मुझे तो इससे बड़ा फ़ायदा हुआ, मैं पूरी ताकत से चोदने के चक्कर में अपनी काफ़ी एनर्जी वास्ट कर चुका था और इस पोसिशन में मुझे रानी की दुबारा चुदायी के लिये रिचार्ज होने का मौका मिल गया। रानी ने अब ऊपर से धक्का लगाना शुरु कर दिया और मैं आराम से उसके चूचियों और निप्पलों को मसलने लगा।। पर उसके बूब्स ही मेरे हाथों के में टार्गेट थे, जब मुझे ज्यादा मज़ा आता तो मैं उसके चूतड़ पर जोर जोर से स्लाप कर देता जिससे रानी और मुझे दोनो को मज़ा आता। मैं जैसे ही रानी की गांड के आस पास स्लाप करता रानी और जोर से अपनी चूत को मेरे लंड की तरफ़ उठा देती और दोनो का मज़ा दोगुना हो जाता।

अचानक रानी बोली राजु अब जल्दी करो मैं गीली हो गयी हूं तो मैने रानी को फ़िर पहले वाली पोसिशन में करके अपने आप को उसके ऊपर ले आया। अब मैने ऊपर से अपनी स्पीड बड़ाकर रानी की चूत को अपने लंड से पूरी ताकत के साथ ठोंकना शुरु कर दिया। रानी अब जोर जोर से आवाजें निकाल रही थी पर अब वह पहले की तरह खुश नज़र नहीं आ रही थी पर उसकी आहें मुझे और उत्तेजित कर रही थी और मैने और जोर से उसकी चुदाई करने लगा। मुझे रानी की चीख में एक अलग ही मज़े का आने लगा और में और जोर से उसकी चूत को अपने लंड से ठोंक रहा था। करीब २-३ मिनट बाद ही मेरी भी हालत कुछ ढीली होने लगी और में थकने लगा तो मैने स्पीड थोड़ा कम कर दी तो रानी भी थोड़ा रिलेक्स लगने लगी। अचानक मुझे ऐसा लगने लगा कि मेरे लंड के जड़ से अंदर नसों में पानी निकलने को बेताब है मैं समझ गया कि अब मेरा भी झड़ने वाला है रानी तो शायद पहले ही झड़ चुकी थी।

मैने रानी की चूत में अपना पूरा लंड अंदर तक ठोंक कर अपने को रोक दिया। और मेरे लंड के अंदर से सारा क्रीम धीरे धीरे होता हुआ रानी की चूत में जाता सा लगने लगा। उधर रानी भी शायद अपनी चूत में मेरे लंड का क्रीम फ़ील कर रही थी वह हलकी सी आहें भरते हुए रिलेक्स और खुश नज़र आ रही थी। कुछ पलों के बाद मेरे लंड का सारा क्रीम रानी की चूत की गेहराई में कहीं गुम हो गया। मैं एकदम सुस्त हो गया था ऐसा लग रहा था जैसे किसी लम्बी रेस दौड़ी हो और मेरा लंड भी एकदम सिकुड़ गया था में इतना सुस्त हो गया कि वैसे हो रानी के ऊपर लेट गया और रानी ने भी कोई जावब नहीं दिया और हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे मतलब रानी नीचे बेड पर लेटी हुई थी और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर ही था।

५ मिनट बाद ही अलग हुए और बाथरूम जाकर पहले साफ़ किया और अपने अपने कपड़े पहन लिये। इसके बाद रानी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट ठीक किया और फ़िर हम दोनो बेडरूम से दुबारा कम्प्यूटर टेबल पर आ गये। इस समय करीब १०:५० का टाइम हुआ था में बोला चलो चाय पीते हैं तभी अनिल का भी फोन आया कि वह ५ मिनट में पहुंच रहा है। फ़िर ५ मिनट में चाय भी तैयार हो गयी और फ़िर तीनो ने चाय पी, आज अनिल ने ड्रिंक भी नहीं किया था शायद उसे मौका नहीं मिला पर मैं रानी को देखकर उसके बारे में सोचने लगा और शायद अनिल के इरादे ही आज कुछ वैसे ही थे। मैं रानी को देख रहा था पर रानी शायद हम दोनो का मतलब समझ गयी थी पर दोनो को ही कुछ बताना नहीं चाहती थी।












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Fentency रानी मेरे दोस्त की वाइफ़4

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रानी मेरे दोस्त की वाइफ़4

 अभी तक आपने पहले भागों में पढ़ा कि रानी की मैं ने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

रानी ने मुझसे लंड को पकड़ कर लेट जाने को कहा मैने वैसा ही किया तो रानी ने खड़े खड़े ही अपनी नंगी गोरी टांगें, चमकती हुई गोरी गुलाबी जांघें, मस्त चूतड़ और उनकी जांघों के बीच से झांकती हुइ उसकी मस्त गंजी चूत देखकर मैं तो पागल हो गया। मेरा लंड तो और भी खींचा जा रहा था और मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था कि उसकी चूत का रस चूसते हुए उसके जांघों को खा जाऊं। रानी के गुलाबी बूब मुझको बेचैन कर रहे थे, इसी बीच उसने अपने दोनो हाथ ऊपर को कर दिये तो उसके बूब्स और बगल मुझे और उत्तेजित करने लगे। मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और उसके बूब्स देखकर तो मैं एकदम बेचैन सा हो गया और मैने रानी के बूब्स को मुंह में लेकर उनको चूमना और चाटना शुरु कर दिया। रानी कभी अपने बूब्स को ज़ोर से दबाने को कहती और जब मैं ज़ोर से दबाता तो कहती अरे धीरे से क्या मार डालोगे मुझे।

रानी के चूचियों पर मालिश करने में बड़ा मज़ा आ रहा था पर मैं आज उसे इतनी जल्दी छोड़ने वाला नहीं था आज मैं उसके बदन का एक एक पुर्ज़ा मसल देना चाहता था जिससे साली रानी मेरी चुदाई को याद रखे। मैं साइए में उसकी बगल और कंधे पर भी मालिश कर रहा था। फ़िर मेरा ध्यान रानी की पतली कमर पर गया वह इतनी पतली थी कि जितनी शायद १५ साल की कन्या की भी नहीं होगी। मैने रानी के नाभि के नीचे के हिस्से में मसाज करने लगा। इस एरिआ में मासाज करने पर रानी की उत्तेजना बढ़ गयी थी और वह जोर से अपने पैर पटकने लगी तो मुझे अपने लंड को कंट्रोल करना पड़ रहा था जो मेरे लिये थोड़ा मुश्किल हो रहा था। मैने उसकी चूत के आस पास अब्दोमेन का एरिया तक जब उसकी नंगी थाईस पर जोर से मसाज किया तो उसने अपनी दोनो थाईज़ को बंद करके चिपका दिया। मैने भी जल्दी से उसकी चूत पर हाथ डालकर वहां पर उंगली करने लगा तो रानी का तो बुरा हाल हो गया था वह मस्ती में छटपटाने लगी और उसने अपनी दोनो थाईज को खोल दिया तो मेरे तो मज़े ही आ गये अब मैं उसकी चूत, थाईज़ या अबदोमेन जहां चाहे वहां मसलने लगा।

मेरी उंगलियों के हमले से रानी की हालत अब खराब हो गयी थी वह अब मेरे एक्शन का विरोध नहीं कर पा रही थी। मैं जैसे मर्जी आये उसके हर पार्ट को मसलता, रगड़ता और मसाज कर रहा था। जब मेरी मस्ती और बढ़ी तो मैने रानी की चूत पर उंगली डालकर अंदर तक उंगली से उसकी चूत के छेद के अंदर तक मसाज करने लगा। मेरे इस एक्शन से तो रानी पूरी तरह से चित हो गयी और बोली राजू प्लीज़ अब बस करो और एकदम से पलट गयी। अब रानी के नंगे चूतड़ मेरे सामने थे जिसके बीच में उसका गांड तो नज़र नहीं आ रहा था पर पीचे से भी रानी की चूत मुझको फ़िर नज़र आने लगी तो मैं फ़िर अपनी उंगली से उसकी चूत पर हमला कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी जांघों को पीछे से मसलने लगा।

जब रानी की चूत मेरी उंगलियों के हमले को नहीं बरदाश्त कर पायी तो रानी बोली राज प्लीज़ ऐसा मत करो मुझे ऐसे ही गीली कर दोगे क्या। मैं उसके बड़े बड़े चूतड़ और उसके नीचे मोटी मोटी जांघों को सारा का सारा एक बार में ही मसल देना चाहता था पर मेरे दोनो हाथों में इनता एरिया एक बार में कवर नहीं हो रहा था। रानी एकदम नंगी थी तो मेरे को अपने लंड पर कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैने अपना ध्यान रानी के चूचियों पर दिया पर वह उल्टी लेटी हुई थी और उसके बूब्स साइड से ही नज़र आ रहे थे। फ़िर भी मैने साइड से ही उसके दोनो बूब्स को जोर से दबाया और सहलाना शुरु कर दिया। रानी को तो मेरा हर एक्शन एंजोयमेंट दे रहा था और अब वह मेरे हर एक्शन पर बस आहें भर रही थी। मैं रानी के चूतड़ पर मसाज करने लगा तो उसके चूतड़ बहुत बड़े बड़े थे और उनको दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था।

पर मैं और मज़ा लेने के लिये उसके चूतडों पर जोर से स्लाप भी कर देता जिससे चटाक! की आवाज आती और रानी को बड़ा मज़ा आता था और वह अपने चूतड़ ऊपर उठा कर जैसे और स्लाप करने को कहती। रानी की जांघें मुझे सबसे ज्यादा उत्तेजित कर रही थी, मैं वहां पर प्रेस, मसाज, किस, रब कर सकता था। और मैं ये सोच रहा था कि जब मैं उसकी चुदाई करुंगा तो उसकी थाईज़ जब मेरी थाई के साथ रब होंगी तो कितना मज़ा आयेगा। अगर रानी की जैसी स्मूथ बॉडी हो तो ऐसा लगता है कि जैसे लिनेन पर स्लिप हो रहा हो। जब मैं उसके चूतडों पर मसाज कर रहा था तो मुझे बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था। रानी को डबल मज़ा आ रहा था एक तो उसकी मसाज हो रही थी दूसरा एक मर्द के हाथों उसके बॉडी के पार्ट्स का स्पर्श दे रहा था और जिसे वह फुल्ली एन्जॉय कर रही थी।

मैने रानी के दोनो चूतड़ को चोडा करके उसकी गांड को देखने लगा और मुझे रानी की चूत पीछे से दिखायी देने लगी और मेरा लंड फ़िर जोर मारने लगा। इधर मेरा लंड अब पूरी तरह बेकाबू हो गया था और उसको कंट्रोल करना मेरे लिये पोस्सिब्ल नहीं था। वह अब रानी की चूत में जाये बगैर मानने वाला नहीं था।। रानी की चूत का बुरा हाल हो गया था। मैने अपने अंगूठे से को रानी की चूत के आस पास रब करना शुरु कर दिया और मौका पाते ही उसकी चूत के अंदर पूरा अंगूठा डाल दिया। मेरा अंगूठा पूरा उसकी चूत में गया तो रानी की खुजली जरा कम हुई और वह अब थोड़ा मज़ा लेने लगी। मेरा अंगूठा लंड की तरह रानी की चूत में अंदर बाहर फ़िसलने लगा, रानी को मज़ा तो आ रहा था पर उसकी चूत की खुजली पूरी तरह से दूर नहीं हो रही थी। वह मस्ती मेरे से चिपट गयी जैसे कहना चाहती हो कि कब चोदोगे पर वह बोली कुछ नहीं।

पहले रानी के नंगे बदन की गरमी से मेरा लंड तो तना हुआ था मैने जल्दी से रानी को दाब लिया। रानी की चूत में तो पहले से ही खुजली थी पर वह झूठा गुस्सा दिखा रही थी और मना कर रही थी। मैने उसको कमर से पकड़ा और उसके चूचियों को अपने लिप्स से किस करने लगा जैसे ही रानी ने मुंह खोला तो मैने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिया और नीचे से दूसरे हाथ को उसकी थाईज़ पर मसाज करने लगा। उसकी थाईज़ बड़ी टाइट थी, बच्चों वाली औरतों की तरह ढीली नहीं थी। मैं थाई पर हाथ फ़ेरते हुए उसकी चूत की तरफ़ बढ़ना चाह रहा था। रानी के बूब्स भी एकदम टाइट हो गये थे जिसका मतलब था कि उसको पूरी उत्तेजना हो रही थी। मैने कैइ बर रानी के बूब्स के निप्पल को लिप्स में लेकर जोर से प्रेस किया जिससे दोनो को बड़ा मज़ा आया।

जब मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा तो मैने एक दो बार रानी के निप्पल को अपने दांत से हल्का सा काट भी दिया जिससे रानी चीख पड़ी और मुझे बड़ा मज़ा आया। नीचे से मेरा हाथ रानी की थाईज़ से होता हुआ उसके चूतडों और रानो पर मसाज करने लगा। ऊपर से मैने रानी की बैक, नेक, वेस्ट और नाभि के आस पास लिप्स और जीभ से किस और लिक करना चालु रखा था। जब मेरा एक हाथ रानी की रानो पर फ़िसल रहा था तो रानी की मस्ती कंट्रोल से बाहर हो गयी तब मैने रानी को बेड पर लिटा दिया और अपने आप भी साइड बी साइड लेट गया। मैं आराम से अपने दोनो हाथों और लिप्स से रानी के पूरे बदन से खेलने लगा। अब दोनो एकदम गरम हो गये थे रानी की भी सारी शरम दूर हो गयी थी और उसका बदन की एक एक हरकत मुझे महसूस हो रही थी उसकी गरम सांसें मुझे बेचैन कर रही थी। मैने रानी की चूत के ठीक पास अपनी उंगली से रब करना शुरु कर दिया जिससे मस्ती के मारे रानी ने अपनी दोनो टांगें फ़ैला दी और मुझे उसकी चूत पर अटैक का एक मौका मिल गया।

शेष अगले भाग में .....









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Fentency रानी मेरे दोस्त की वाइफ़ 3

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रानी मेरे दोस्त की वाइफ़ 3

अभी तक आपने पहले दो भागों में पढ़ा कि रानी की मैं ने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

शाम को मैं करीब ८:३० पर खाना खा करके फ़्री हुआ और रानी के आने का इंतज़ार करने लगा करीब ८:४५ पर अनिल रानी को लेकर आ गया और उसे छोड़कर चला गया और बोला मैं काम निबटाकर जल्दी से आता हूं अगर देर हो जाये तो मेरा इंतज़ार करना घबराना नहीं राजू शरीफ़ आदमी है। रानी ने आज प्रिंटेड बलोउस , लाईट कलर की साड़ी और और अंदर गहरे रंग का ब्लाउज़ पहना था। उससे अंदर के कपड़े का आइडिया मुझे नहीं लग पाया। रानी और मैं फ़िर पेपर तैयार करने में लग गये, पर आज मैं थोड़ा मस्ती के मूड में था तब भी हमारा काम एक घंटे में हो गया। मैं आज बीच में दो तीन बार रानी की कभी जांघ पर तो कभी उसकी कमर पर और कभी उसके ब्लाउज़ के बाहर से उसके बूब्स पर छू रहा था। रानी मुझे रोक देती और कहती अरे पहले काम पूरा करने दो फ़िर अगर मौका मिला तो मैं मना थोड़े ही कर सकती हूं।

जब काम पूरा हो गया तो मैं अब रानी के साथ मस्ती के मूड में था पर कोई सिग्नल रानी ने नहीं दिया तो मैं उसे एम्ब्रस नहीं करना चाहता था। रानी से मैने पूछा आज जब अनिल तुमको छोड़ कर गये तो उसने ये क्यों बोला की राजु शरीफ़ आदमी है। तब रानी बोली कल अनिल मुझसे बोल रहे थे कि राजू बहुत ही बेवकूफ़ है अगर उसे मौका मिलता (किसी की वाइफ़ के साथ अकेले रहने का) तो वह जरूर मौके का फ़ायदा उठाता। फ़िर रानी बोली, जब मैने कहा कि अगर औरत ने गड़बड़ कर दी तो वह बोल रहे थे कि अगर वह किसी औरत को एक्साइट करे तो वह मना कर ही नहीं सकती है। रानी फ़िर बोली इसीलिये मुझे भी उनकी बात सुनकर मरदों की मानसिकता के बारे में पता चल गया और वह कोई गलती नहीं कर रही है और मैं भी ऐसा न करूं। अब मैने कहा ये बात तो ठीक है पर आपको तो मालूम है न मैं भी बड़ा कमीना हूं और आज तो मैं अब तुमको इस समय नहीं छोड़ सकता हूं जब दोनो फ़्री हैं। रानी कुछ ज्यादा नहीं बोली तो मैने कहा पर आज मैं तुमको पूरी तरह से प्यार करना चाहता हूं क्योंकि आज हमारे पास टाइम काफ़ी है।

फ़िर मैं रानी का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर ले आया, और उसे आराम से चूमते हुए उसकी इच्छा जानने की कोशिश करने लगा रानी बोली हां राज आज मैं चाहती हूं कि तुम मुझे ऐसे प्यार करो जैसे अनिल पहले पहले किया करते थे। मैं बोला चलो पहले ऐसा करते हें एक दूसरे के कपड़े उतारते हैं मुझे महाभारत की दरौपदी की तरह अपनी पार्टनर के कपड़े उतारने में बड़ा मज़ा आता है और अगर वह विरोध करे तो और मज़ा आता है। क्या मैं स्टार्ट करूं, रानी बोली नहीं पहले मैं तुम्हारे कपड़े उतारुंगी, अगर मेरे कपड़े पहले उतर गये तो तुम मुझे मौका ही कहां दोगे, मैं मर्दों की आदत जानती हूँ।

मैने कुरता पायजामा पहना था और रानी ने एक झटके मेरे कुरता और बनियान खींचकर मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया और तब तक मैने भी अपना अंडरवियर नीचे कर दिया। रानी ने मेरे लंड को देखकर थोड़ा हैरान सी हुई मैं जानता था कि उसे तो अनिल के लम्बे लंड की आदत थी न और फ़िर मेरा लंड उस समय खड़ा भी नहीं था। फ़िर मैने रानी के साड़ी के पल्लू को खींचना शुरु किया और रानी घूम घूम कर अपनी साड़ी उतारने लगी। जब साड़ी उतर गयी तो मैने रानी को पकड़ कर उसके ब्लाउज़ के हुक एक एक करके खोलकर उसका ब्लाउज़ भी उतार दिया।

उसी समय अनिल का फोन आया तो मैं समझा कि आज तो काम का सत्यानाश हो गया पर अनिल ने पूछा कितना काम बाकी है तो मैने कहा आधे से थोड़ा कम तो अनिल बोला आराम से काम कर लो मुझे अभी एक घंटा और लगेगा मैं ११:०० बजे तक आउंगा। रानी ने कहा ठीक है पर जल्दी की कोशिश करना ज्यादा लेट से सभी परेशान होंगे। अब तो हम और भी रिलेक्स हो गये रानी ने अंदर सफ़ेद ब्रा पहन रखी थी उसकी ब्रा एकदम टाइट थी और उसके बूब्स उसके अंदर कैद हो गये थे। मैने एकदम से रानी को पकड़ कर उसकी टांगों को पेटीकोट सहित अपनी टांगों के बीच फ़ंसाकर उसे जकड़ लिया और फ़िर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जैसे ही उसकी ब्रा से उसके बूब्स आज़ाद हुए ऐसा लगा जैसे कोई धमाका हुआ उसके बूब उछलकर मेरे सामने आ गये।

क्या टाइट गोल एकदम क्रिकेट बाल की तरह ही लाल, मन तो कर रहा था कि एक झटके में दोनो को मसल दूं पेर मैं उसे पूरा नंगा करना चाहता था। उसके बाद मैने रानी के पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया पर उसका पेटीकोट नीचे नहीं आया। उसके पेटीकोट में इलास्टिक लगी हुई थी इसलिये वो नीचे नहीं गिरा तो मैने उसके पेटीकोट को नीचे को जोर से खींचा तो उसका काले रंग का पेटीकोट एकदम नीचे आ गया। जैसे ही रानी का पेटीकोट नीचे हुआ मेरी तो मस्ती का ठिकाना ही नहीं रहा जब मैने देखा कि रानी ने तो पैंटी पहनी ही नहीं थी। अब हम दोनो एकदम नंगे हो गये थे, रानी ने आज शायद अपनी चूत साफ़ की थी इसीलिये उसके पूरी बोडी पर सर के सिवा कहीं एक बाल भी नज़र नहीं आ रहा था।

जब तक मैं रानी के बदन पर नज़रें फ़ेर पाता रानी मेरे लंड को देखकर बोली अरे ये तो बहुत छोटा है चलो मैं अभी इसे तैयार करती हूं और उन्होने उसको धीरे से पकड़ा और उसके टोपे (टोप) पर अपनी जीभ से लिक करने लगी। मुझे बड़ी सरसराहट सी होने लगी, रानी बीच में मेरे लंड के टोपे को अपने लिप्स से भी दबा देती। इससे मेरे लंड का साइज़ अब बढ़ने लगा तो रानी ने भी उसे अपने मुंह के अंदर लेना शुरु कर दिया और मुझे ये बड़ा अजीब लग रहा था। ऐसा मैने केवल कुछ ब्लू फिल्म्स में ही देखा था और मैं ये नहीं सोच सकता था कि किसी दिन मेरे साथ भी ऐसा होगा। मैं ये भी विश्वास नहीं कर पा रहा था कि एक सीधी साधी औरत रानी ऐसा कर सकती है, पर उसका पति अनिल बड़ा स्मार्ट, हैंडसम और हरामी भी है उसने उसको ट्रैंड कर रखा था। मैं तो सेक्स का मतलब बस चुदायी तक ही समझता था और जब ऐसा सीन मैने एक ब्लू फ़िल्म में देखा था तो मुझे उल्टी सी आने लगी थी। पर आज जब मेरे साथ ये हो रहा था तो बड़ा मज़ा आ रहा था यहां तक कि मुझे इस में अब रानी की चुदायी से ज्यादा आनंद आ रहा था बेसौसे इसमे मुझे कोई ताकत नहीं लगानी पड़ रही थी।

जैसे जैसे मेरे लंड का साइज़ बढ़हा गया रानी ज्यादा मस्त होने लगी और अब जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो वह मेरे लंड को लेमन जूस वाली टोफ़ी की तरह से चूसने लगी। दोस्तों जब वह मेरे लंड को मुंह में लेकर आगे पीछे करती तो मुझे तो उसमें अब तक की गयी चुदायी से ज्यादा मज़ा आने लगा था। मैं जोश में कभी कभी रानी के मुंह को उसकी चूत समझ कर चुदायी वाले एक्शन में अपना लंड उसके मुंह में डाल देता था। रानी मेरे लंड को पूरा खाने वाली स्टाइल में मुंह में लिये हुए थी और कभी मुंह से बाहर निकाल देती और फ़िर पूरा मुंह में ले लेती। मस्ती में वह कभी कभी मेरे लंड को दांतों से भी दबता देती ऐसे में मेरी तो चीख ही निकल गयी तो घबरा कर रानी थोड़ा ढीली हो गयी।

फ़िर रानी ने मेरे लंड को जड़ से पकड़ कर कभी चाटना और कभी मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दिया। थोड़ी देर में रानी ने मेरे लंड को मुंह में लेकर उसको गुब्बारे की तरह से फुलाना शुरु कर दिया और कभी उसे अंदर को चूसने लगी। कभी वह अपने मुंह से मेरा लंड निकाल कर मेरे लंड के टोपे पर लिप्स रखकर उसे चूसने लगी। ऐसे में तो मुझे ऐसा लगता जैसे मेरी सांसें ही बंद हो जायेंगी। पर रानी मेरे लंड को पूरा मुंह में लेकर चाटने और चूसने लगती। मेरे लिये सेक्स का ये अलग एक्सपेरिएंस था पर था बड़ा मज़ेदार एक्सपेरिएंस । रानी की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी और वह मेरे लंड को कैंडी आइस क्रीम की तरह उसे कर रही थी मुझे भी थोड़ा बहुत डर के बावजूद बड़ा मज़ा आ रहा था। यारों, सेक्स में पता नहीं क्यों दर्द में ही मज़ा आता है जैसे किसी कड़वी दवा से ही आराम मिलता है। रानी की मस्ती तो बढ़ रही थी पर अब मेरे लंड के अंदर से फ़्लो बाहर को होने का अहसास सा हुआ तो मैने चिल्लाकर कहा रानी अब नहीं रुका जरा है, रुको। रानी तो पुरानी खिलाड़ी थी उसने लंड से मुंह हटा लिया और मेरे लंड के टोपे को हाथ से दबाकर बोली लल्ला चिंता न करिये मैं तो तुम्हारा ये आइस क्रीम खाने के लिये पूरी तरह तैयार हूं और इसके बाद उसने मेरे लंड को पूरा मुंह के अंदर ले लिया।

इसके तुरंत बाद मेरे लंड से हुई सारी बरसात रानी के मुंह के रास्ते उसके पेट में चली गयी। जब मेरा पूरा क्रीम झड़ गया तो रानी फ़िर से मेरे लंड को अच्छी तरह से चूसने लगी। रानी ने मेरे लंड को सावधानी से चाटना शुरु कर दिया और मेरे लंड के माल का एक एक कतरा भी वह चूस लेना चाहती थी। मेरा लंड दुबारा से सिकुड़ कर छोटा हो गया था पर उतना नहीं जितना रानी की चुदायी के बाद। रानी को जब ये लगा कि अब मेरे लंड का सरा माल वो चाट चुकी है तो उसने अपना मुंह मेरे लंड से हटा लिया। रानी को शायद बड़ा मज़ा आया था मेरी तरह से ही वह बड़ी खुश थी जैसे कोई अच्छी चीज़ बहुत दिनो के बाद मिली हो। रानी बोली लल्ला ये मेरा भी पहला तज़ुर्बा है ऐसे केरने पर बड़ा मज़ा दिया राजु तूने।

मैने तो एक बार टीवी में तेरे भैया के साथ देखी थी तो तेरे भैया मुझे छेड़ते हुए बोले थे कि उनका चूसेगी तो मैने मना कर दिया था। पर आज तेरा लंड देखते ही मैं मचल रही थी एक बार ऐसा करके देखूं, आज़ राजु बड़ा मज़ा आया। मैं बोला हां रानी मुझे बड़ा अच्छा लगा पर अब बहुत देर हो गयी है अब हमें चलना चाहिये। फ़िर रानी ने मेरे लंड को कभी चाटना और कभी मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दिया और कभी रानी मेरे लंड को मुंह में लेकर उसको गुब्बारे की तरह से फुलाना शुरु कर दिया और कभी उसे अंदर को चूसने लगी। फ़िर वह अपने मुंह से मेरा लंड निकाल कर मेरे लंड के ऊपर लिप्स रखकर उसे चाटने लगी। ऐसे में तो मुझे ऐसा लगता जैसे कोई मेरे लंड को सहला रहा हो और उसका साइज़ बढ़ने लगा। पर अगले पल रानी मेरे लंड को पूरा मुंह में लेकर चाटने और चूसने लगती और मेरा लंड एकदम लोहे की तरह कड़ा और चुदायी के लिये तैयार होता चला गया।

शेष अगले भाग में और यह भी जानें कि अगली बार कैसे चुदाई और ट्रीट कैसे मिली। जानने के लिये अगला भाग अवश्य पढ़ें ..... 








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Fentency रानी मेरे दोस्त की वाइफ़ 2

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रानी मेरे दोस्त की वाइफ़ 2

राजेश

अभी तक आप ने पढ़ा कि मैने कैसे अपने दोस्त की बीवी को चोदने के लिये तैयार किया। अब आगे क्या होता है, ये जानने के लिये आगे पढ़ें

वैसे तो मैं तो आराम से मस्ती के साथ मज़ा लेने वाला हूं पर सोफ़े में कम्फर्टेबल न होने के कारण ऐसा नहीं कर पाया। मैने जल्दी से रानी की कमीज़ उतार दी और अब वह सोफ़े के बीच काली ब्रा और लाल पैंटी में आधी नंगी खड़ी थी। फ़िर मैने उसे कमर से पकड़ कर उसकी ब्रा के बाहर से ही उसके बूब्स पर किस करना शुरु कर दिया वह चिल्लाने वाली थी पर मैने उसे डराते हुए कहा की किसी ने सुन लिया तो तुम्हारी बहुत बे-इज़्ज़ती होगी इसलिये जैसे मैं करता हूं मुझे करने दो। मैं तो उसकी सारे शरीर पर मस्ती से मसलना, दबाना, रब करना और किस करना जारी रखा। फ़िर मैने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और उसके बूब्स को रब करने लगा अब रानी मस्ती में आने लगी और उसको मेरा ऐसा करना अच्छा लगने लगा वो मुझे बीच में प्यार से मना करती और कभी कभी चूमने लगती पर उसे इस बात का डर लगता था कि कहीं अनिल आ न जाये।

थोड़ी देर के बाद मैने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया तो वह परेशान हो गयी और उसने जल्दी में अपनी पैंटी अपने आप उतार दी। वाह उसकी चूत बड़ी मस्त थी एकदम गुलाबी और उसके चारों ओर छोटे छोटे से भूरे बाल, मुझे लगता है उसने अपनी चूत एक दो दिन पहले ही साफ़ की थी। उसकी चूत के बाल एकदम नरम नरम थे शायद उनको कल परसों ही काटा गया था वह ज्यादा लम्बे भी नहीं थे ज्यादा से ज्यादा १ -२ मिलीमीटर तक होंगे। उसकी चूत देखकर तो वह १८-२० साल की सी लगती थी उसे बूब्स भी एकदम टाइट और छोटे छोटे थे। पर जहां तक चूत की बात थी शायद अनिल तो कभी कभी ही उसकी चूत तक हाथ फ़ेर पाता था, उसकी चूत देखकर लगता नहीं था कि वह अभी तक एक बच्चा निकाल चुकी थी और कई बार एक ६ फुटे मर्द के लंड की मार झेलती थी। वह एकदम नर्म गुलाबी मस्त गुदगुदी मक्खन जैसी थी। उसकी ऐसी अनछुई चूत देखकर मैं अपने आप को रोके नहीं सका और मैं समझ गया कि ऐसी चूत दुबारा चोदने को शायद कब मिल पाये।

फ़िर मैने उसे सोफ़े पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया मैने अपने कपड़े नहीं उतारे केवल पैंट की ज़िप खोलकर पैंट नीचे कर दी और अपना लंड बाहर निकाल कर रानी के ऊपर चढ़ गया मेरे लंड के टच से तो रानी पागल हो गयी और उसकी बोडी के टच से मेरा लंड भी टाइट होता चला गया मैं अपने लंड से उसकी पूरी बोडी पर रब करने लगा और वह शरमाते हुए चीखने लगी पर वह मस्ती में ये सब कर रही थी। अचानक मुझे एक मस्ती सूझी और मैने उसके दोनो बूब्स को दोनो हाथों में लेकर उसके बीच अपना लंड रख दिया मेरा लंड देखकर शरमाते हुए रानी ने अपनी आंखें बंद कर ली और फ़िर मैं उसके दोनो बूब्स के बीच लंड को फ़िट कर के चुदाई वाली स्टाइल में उसके बूब्स से लंड को रगड़ने लगा। इससे मेरा लंड और रानी के बूब्स टाइट होते चले गये और दोनो इसे एन्जॉय करने लगे। रानी तो मेरे इस एक्शन से मचल उठी थी वह २७-२८ साल की औरत थी उसके मुकाबले मेरा चुदाई का कोई ज्यादा अनुभव नहीं था। थोड़ी देर में मेरा लंड इतना टाइट हो गया कि उसे हिलाना भी मुश्किल लग रहा था। अब मुझे लगा कि यह रानी की चूत में जाने के लिये बिल्कुल फ़िट है।

रानी ने अपनी आंखें अभी भी बंद किये हुई थी। वह मेरा लंड देखकर घबराने का बहाना कर रही थी जबकि उसका पति पूरे ६' का था और उसका लंड तो कम से कम ७-८" का होगा। फ़िर मैने बिना दर किये रानी की दोनो टांगों को फ़ैलाया और एक धक्के के साथ रानी की चूत को दोनो ओर से फ़ैलाकर अपना खड़ा लंड उसकी चूत में ठोंक दिया और एक झटके में ही पूरा अंदर तक घुसेड़ दिया। रानी की चूत बड़ी टाइट थी किसी १८ साल की लड़की जितनी टाइट और अनछूई थी और मुझे उसकी चुदाई की शुरुआत में ही इतनी मेहनत करनी पड़ रही थी। रानी तो मेरे एक्शन से मस्त होती जा रही थी और उसकी भूख बढ़ती जा रही थी और वह मुझे और अंदर डालने के लिये कह रही थी। मैने भी फ़िर और एक धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और रानी अपनी गांड उठाकर और अपनी तरफ़ से धक्का लगा कर चुदवाने को बेताब थी इससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था पर रानी के धक्के से मैं पूरा ही हिल रहा था और मेरा लंड उसकी चूत में फ़ंस गया था।

क्योंकि मेरी चुदायी का अनुभव भी ज्यादा नहीं था पर मैने अपनी मर्दानगी दिखाने के लिये रानी को पकड़ लिया और एक जोर का धक्का आगे पीछे लगाया तो रानी तो मस्ती में उछल पड़ी और दर्द के बावजूद मुझसे बोली राज, दिस इस वाट आइ वांट अह्ह्ह ! बस ऐसे ही आगे पीछे करो, दर्द की परवाह मत करो चाहे मैं कितना चिल्लाऊं। चाहे फाड़ ही डालो पर यार बड़ा मज़ा आ रहा है ऐसा पहली बार है जब दर्द में भी मज़ा आ रहा है। मेरी हालत भी खराब हो गयी थी और मैने उसका मुंह बंद कर दिया था जिससे वह चीख न पड़े। पर लंड के अंदर जाते ही रानी की मस्ती बढ़ गयी अब मुझे दर्द हो रहा था पर वह दर्द के साथ मस्ती में मोअन कर रही थी और मुझे धक्का लगाने को कह रही थी। एक तरफ़ वह चिल्ला रही थी और दूसरी तरफ़ मुझसे धक्का लगाने को कह रही थी। राज जोर से धक्का लगाओ न आअह्हह तेज़, और जूर्रर सीए प्पहफाड़ दो इसे आज मज़ा आ रहा है दर्द की परवाह नहीं पर धक्का लगाओ जल्दी। राज प्लीज़ तेजी से धक्के लगाओ न म्मम्म। आआह्हह्ह औअर जूओर र्र सीए आउरुर तेज़ म्मम्मम म्ममाज़्ज़ा आअ रहाअ हैई।

मैं लंड की रफ़्तार से रानी की चूत में पेलने लगा और वह भी चूतड़ उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैं उसके बूब्स को भी मसलता जाता था, कभी कभी तो जोश में मैने उसके चूचियों को पूरी ताकत से दबा कर मसल दिया। पर उसके बूब्स उत्तेजना में इतने टाइट हो गये थे कि एकदम पत्थर से लगते थे पर मैने भी उनको ऐसा मसला कि साली की हालत खराब हो गयी। एक तो उसकी चूत वैसे ही फ़ट रही थी और ऊपर से मैने उसके निप्पल भी पूरे जोर से मसल दिये तो रानी की मस्ती के साथ दर्द के मारे इतनी जोर से चीख निकली कि मैं डर गया कि कहीं पड़ोस में किसी को पता न चल जाये, अगर कोई और वहां होता तो वह भी समझ गया होगा कि उसकी जबरदस्त ठुकाई चल रही है।

पर रानी की ये चुदायी ज्यादा देर न चल सकी मेरी थकान से हालत खराब होने लगी और मैने अपनी रफ़्तार थोड़ा कम कर दी। इसी बीच मेरे लंड में लंड का प्रेसर लेवल से ऊपर पहुंच गया और उसमे सरसराहट सी होने लगी। मैं समझ गया कि अब मैं झड़ने वाला हूं तो मैने रानी के दोनो चूतड़ पकड़ कर अपने लंड को उसकी चूत के अंदर पूरा घुसाकर रोका तो रानी भी समझ गयी कि मैं झड़ने वाला हूं। रानी बोली राज प्लीज़ पुल इट आउट जल्दी से, मैने वैसा ही किया और जैसे ही मैने लंड को बाहर निकाला रानी ने झपट कर उसे अपने मुंह के अंदर ले लिया। फ़िर मेरे लंड का सारा माल रानी के मुंह में चला गया और एक ही झटके में उसने पूरा माल पी लिया और मेरे लंड को ऐसे चूसने लगी जैसे मैं उसके निप्पल को कर रहा था। मेरे लंड को पूरी तरह से चूसने और चाटने के बाद रानी अपने कपड़े पहन लिये पर जब लास्त में वह अपनी सलवार पहन रही थी तो एकदम से फ़टाफ़ट अपने कपड़े ठीक करने लगी वह बड़ा घबरायी हुई थी। मैने भी जल्दी से अपनी पैंट और कमीज़ ठीक की, मैं समझ गया था कि अब वह एम्बरास फील कर रही थी।

उसने कुछ बोला पर जैसी उसकी हालत थी उसमे उसका इतनी बेरुखी सा दिखना मुझसे समझ नहीं आया। रानी ने मुझे दूर की तरफ़ इशारा सा किया और वह जल्दी से अपनी सलवार का नाड़ा बांधते हुए फ़टाफ़ट अपने कपड़े ठीक करके दूर की तरफ़ चली गयी। तभी बेल बजी और रानी ने नोर्मल होकर दरवाजा खोल दिया तो बाहर अनिल था। अब मेरी समझ में रानी की घबराहट का मतलब समझ में आया। अनिल कुछ ज्यादा पिये लग रहा था पर वह बोला देर हो गयी है घर पर सब इंतज़ार कर रहे होंगे। मैं एक बार अनिल की हालत देखकर उनको घर तक छोड़ना चाहता था पर में जानता था कि अनिल के लिये ऐसे में ड्राइव करना कोई मुश्किल नहीं था।

रात भर मैं इस घटना के बारे में सोचता रहा कि क्या ये ठीक हुआ और क्या ये गलत तो नहीं और काफ़ी देर बाद मुझे नींद आयी। सुबह तक मैं पहले शाम वाली बात भूल गया और फ़िर मुझे रानी के बदन के बारे में सोचकर उत्तेजना होने लगी और मैं सोचने लगा कि रानी को अब और चोदने का मौका कैसे मिलेगा। दिन में ओफ़िस में रानी का फोन आया तो मैने सोचा शायद वह अनिल से बात करना चाहती है पर वह मुझसे ही बात करने लगी तो मैने रानी को सोरी बोला पहली शाम के लिये। वह बोली राज मैने कल वाली बात के बारे में सोचा तो ऐसा लगता है कि इसमे हमारी कोई गलती नहीं। तुम इस बारे में परेशान मत होना मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूं, अरे मुझे तो तुम्हारा शुक्रिया करना चाहिये कि इतने दिनो बाद मुझे सचमुच प्यार और सेक्स का एक साथ अनुभव हुआ।

रानी कह रही थी यह एक भूख की तरह है और भूख लगने पर हर कोई जो उसे मिलता हो उसका ही मज़ा लेता है। मैं तो चाहती हूं कि ये मौका मुझे और मिले वैसे मैने फोन इसलिये भी किया है कि आज तुम घर पर ही रहना मुझे आज तुमसे ३ पेपर टाइप करवाने हैं। अनिल का तो पता नहीं वह कुछ मदद करें या न पर तुमसे उम्मीद है। मैं अब काफ़ी नोर्मल हो गया था और मैने मज़ाक में कहा एक पेपर की ट्रीट तो तुमको पता ही है तो तीन के बारे में सोच लो तुमको मुझे तीन ट्रीट देनी होंगी। रानी बोली राज इसे मज़ाक समझो या सीरियसली लो पर मुझे भी तुम्हारी ट्रीट से उतना ही मज़ा आया जितना तुमको। इसलिये ट्रीट के लिये जगह का इंतज़ाम होना चाहिये और मेरे को मौका मिले तो मैं तो और ज्यादा ट्रीट लेना चाहुंगी। मैने कहा -आशा है तुम अपने शब्द याद रखोगी

शेष अगले भाग में और यह भी जानें कि अगली बार कैसे चुदाई और ट्रीट कैसे मिली। जानने के लिये तीसरा भाग अवश्य पढ़ें .....







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Fentency रानी मेरे दोस्त की वाइफ़ -1

Fentency

रानी मेरे दोस्त की  वाइफ़ -1

राजेश

तो ये तब की बात जब एक दिन मेरा दोस्त अनिल अपनी वाइफ़ के साथ मेरे घर आया, अनिल और मैं साथ साथ काम करते हैं, अनिल की वाइफ़ रानी टीचर है। उस दिन अनिल ने बताया की उसका प्रिंटर और यु पी एस खराब हो गया है और रानी को स्कूल के कुछ पेपर सेट करके स्कूल में जमा करने हैं। इसलिये वो मेरी मदद चाहता था, मेरे पास प्रिंटर और पी सी दोनो हैं। वह जब शाम को करीब ८:०० बजे आया तो मैं थोड़ा घबरा गया था कि अचानक दोनो कैसे आ गये। अनिल को थोड़ा ड्रिंक लेने की आदत है और उस दिन शायद शनिवार था तो उस समय वह थोड़ा ड्रिंक किये हुये था। उससे मैने कहा कोई बात नहीं मैं टाइप कर देता हूं और तुम बोलो, तो रानी ने कहा कोई बात नहीं मैं बोल देती हूं, ये मैने ही बनाया है तो गल्तियां नही होंगी,क्योंकि उसको अच्छी टाइपिंग नही आती तो वह टाइप नहीं कर पायेगी। रानी मेरे बगल में कुरसी लगाकर बैठ गयी

वह इतना नज़दीक थी कि मैं उसकी सांसें महसूस कर सकता था। कई बार उसके बोडी से मेरी बोडी छू रही थी और उसके लिप्स बिल्कुल मेरे करीब थे उसके गोरा रंग और स्लिम फिगर मुझे डिस्टर्ब कर रहा था। अनिल भी पीछे बैठा था और मैं अपने पर किसी तरह कंट्रोल किये हुये था। पर रानी एकदम नोर्मल थी, उसे शायद ही मेरे बुरे इरादों का अहसास हो रहा हो। मैं थोड़ा नर्वस सा भी हो रहा था। मन तो कर रहा था कि उसकी एक पप्पी ले लूं और उसकी थाईस पर हाथ फ़ेरूं। उसके मीडियम साइज़ के टाइट बूब्स पर अपने लिप्स से चूमूं। पर ये सब उस समय सम्भव नहीं था, इस चक्कर में, मैं एक दो बार टाइपिंग करना ही भूल गया। कभी कभी मैं उसके पूरे बदन को ही देखते रह जाता।

थोड़ी देर में अनिल को फ़िर ड्रिंक की जरूरत महसूस हुयी, तो वह बोला रानी मैं १० मिनट में आया। हम दोनो समझ गये थे कि वह कहां जा रहा है। दोनो ही उसकी आदत जानते थे। अनिल के जाने के बाद रानी और मैं अपना काम करते रहे और मै बीच बीच में रानी के पूरे बदन पर नज़र मार लेता तो रानी भी मुझे देखकर मुस्करा देती। फ़िर जब पेपर पूरा हो गया तो मैने एक प्रिंट आउट चेकिंग के लिये रानी को दे दिया। रानी ने कुछ कोर्रेक्शन के बाद मुझे प्रिंट आउट दिया तो मैं कोररेक्शन करके दुबारा फ़ेयर प्रिंट आउट निकालकर रानी को दे दिया। इस तरह हमारा टाइपिंग का काम पूरा हो गया तो मैने रानी को बोला कि काम तो पूरा हो गया पर अनिल नहीं आया।

मैं ऐसा करता हूं थोड़ी चाय बनाता हूं तब तक शायद अनिल आ जाये फ़िर तीनो चाय पीयेंगे। रानी बोली नहीं चाय में बनाउंगी, मुझे कल भी तुमको तकलीफ़ देनी है। यह तो एक ही पेपर हुआ है अभी तीन पेपर और हैं, प्रिंटर और यु पी एस शायद दो-तीन दिन में ठीक होंगे और मुझे पेपर परसों तक जमा करना है। मैं कुछ कहता इससे पहले ही रानी किचन में चली गयी मैं मना नही कर पाया। उसे किचन में कोई परेशानी नहीं हुई और उसने चाय बनाने को भी रख दी। ५ मिनट के बाद रानी दो कप में चाय लेकर आ गयी तो मैने कहा कि अनिल को भी आने दो तो वह बोली राज तुम क्या बात कर रहे हो इस टाइम वह चाय पीने की हालत में होंगे कहां। उनके लिये चाय मैने नहीं बनायी है उनको जो चाहिये वो उसके लिये ही गये हैं। मैं तो अनिल के ड्रिंक के बारे में जानता था पर किसी की बुराई और वह भी उसकी बीवी से करना बड़ी बेवकूफ़ी होती है आखिर पति परमेश्वर जो होता है।

फ़िर अचानक वह मुझसे बोली राज तुम भी अब शादी कर ही लो, ऐसे कब तक चलेगा तो मैने कहा हां अनिल को देखकर मेरा भी मन करता है और उसके मज़े देखकर कभी जलन भी होती है।

रानी बोली क्यों जलन किस बात की, अरे वह तो तुम्हारी बचोलर लाइफ को अच्छा बताते हैं और कहते है कि वह गलत फ़ंस गये। मैने कहा मैं सच कहूं तो एक बात की जलन बड़ी होती है कि उसकी (अनिल) की बीवी बड़ी खूबसूरत है। मेरा ऐसा कहने पर रानी पहले तो शरमा सा गयी फ़िर बोली अच्छा जी तो तुम मुंह में जबान भी रखते हो। मैं तो तुमको बड़ा सीधा साधा समझती थी, पर तुम भी कम नहीं हो बातें बनाने में। दूसरे की हरी हरी दिखती है, मेरी भी कुछ परेशानियां हैं, मैने कहा क्यों आपका एक अच्छा परिवार है बच्चा है। ऐसी कोई प्रोब्लम तो नहीं लगती आप दोनो ठीक ठाक कमाते हो।

रानी बोली हां वह सब तो है पर। बहुत कुछ मिस करती हूं, फ़िर भी ठीक ही है। अनिल अभी तक भी नहीं आया तो मैने कहा पता नहीं क्या बात है, तो रानी बोली यही तो बात है अगर ड्रिंक कर लिया तो इन्हे किसी बात का कोई ध्यान नहीं रहता। अब घर जाकर न ढंग से खायेंगे न कुछ करेंगे और सो जायेंगे, कभी कभी तो रोज़ ही ऐसा होता है। मुझे ऐसे पियक्कड़ से नफ़रत होती है और फ़िर हम दोनो कई दिनो तक एक कमरे में भी अलग अलग रहते हैं। बच्चा तो बस इस बात का सबूत है कि हम पति पत्नि हैं पर शायद एक पति पत्नि की तरह प्यार किये हमें सालों गुजर गये। रानी एकदम इमोशनल हो गयी थी, मैने उसके हाथ पर हाथ रखकर कहा सब ठीक हो जायेगा तुम उसे प्यार से समझाओ वह समझेगा। वह तुमसे डरता तो है पर शायद अपनी आदत भी नहीं छोड़ पाता और इसका कारण भी शायद उसकी कम आमदनी है, तुम उस से ज्यादा मांगें ना किया करो

रानी ने अपना कंधा मेरी गोद में रख दिया और बोली राजु तुम्हारी भी तो प्रोब्लम्स होंगी तो क्या ड्रिंक में ही सब प्रोब्लम का हल है? वह मेरी गोद में आ गयी थी मैं उसकी बाहों पर हाथ फ़ेरने लगा वैसे मैं ये कन्सोल करने के लिये कर रहा था पर मेरा सेक्सी मन पूरा मज़ा ले रहा था। रानी को भी मेरा टच पसंद आया था और वह कुछ नहीं बोली तो मैने उसे और ऊपर खींच कर अपनी बाहों में ले लिया। रानी ने कुछ नहीं कहा और अपना सर मेरे कंधों पर रख दिया। मैं उसे कमर से पकड़ कर सोफ़े की तरफ़ ले गया तो वह मेरे साथ चल दी। रानी दिखने में एकदम पटाखा है, गोरा रंग और चमकदार चिकनी त्वचा, पतली कमर, कद ५’३ ”/४ ” उसका फ़िगर ३४-२६-३६ होगा। रानी शायद चाहती थी कि मैं उससे खूब बातें करूं और उसकी तारीफ़ करूं पर में ऐसा नहीं कर पाया। मैं अब तक रानी के बदन को देखकर मस्त हो चुका था और मैने सोचा बेटा इससे बढ़िया मौका किसी औरत के बदन से खेलने का मिलना मुश्किल है इसलिये मैं भी मौके का फ़ायदा उठाना चाहता था।

रानी को क्या फ़र्क पड़ता अगर मैं वहां नहीं होता तो अनिल तो उसके साथ रोज़ ही ऐसा करता। मैं उमर में बड़ा और उसको अपनी बाहों में लेकर बोला सब ठीक हो जायेगा तुम चिंता मत करो बस मस्त रहो, अभी तो मैं तुमको निराश नहीं करुंगा, अनिल से ज्यादा मज़ा दूंगा और इतना कह कर मैने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रखकर उसके लिप्स को बंद कर दिया। रानी सकपका गयी और कुछ बोल नहीं पायी, मैने उसके लिप्स जो बंद कर दिये थे। जैसे ही मैं अपने लिप्स हटाये वह बोली राज आप बहुत गंदे हो, आप ने ऐसी गंदी बात कैसे सोची। मैने कहा जो अनिल नहीं करता वह मैं करता हूं तो तुम क्यों परेशान हो, मैं कौन हूं भूल जाओ थोड़ी देर के लिये। मैं भी तुम्हारा नज़दीक का हूं और सोचो मैं वह सब तुमको दे रहा हूं जो तुम अनिल से इस समय चाहती हो, फ़िर मैं ड्रिंक भी नही करता।

मेरी इस बात का रानी पर असर हुआ और वह बोली पर मुझे डर लग रहा है, मैं उनके साथ कोई गलत तो नहीं कर रही। मैने कहा सोच लो यह तुम्हारे ऊपर है और मैं उसे चूमता और उसके जांघों और बैक पर मसाज भी करता रहा। रानी बोली प्लीज़ जैसा तुम चाहो पर प्लीज़ मेरे कपड़े मत उतारना आप बाहर से जो चाहे कर लो मुझे बड़ी शरम आ रही है। मेरा तीर सही निशाने पर लग गया था और मैने रानी को अपनी बाहों में ले लिया। फ़िर मैने बिना समय गवाये किये हुए रानी के बूब्स पर उसकी कमीज़ के बाहर से ही हल्का हाथ फ़ेरना शुरु कर दिया।

दोस्तो ये सब कैसे हो रहा था मुझे नहीं मालुम, मैं इतना हिम्मत वाला नहीं हूं। रानी मेरे टच से मस्त हो रही थी, इसी बीच मैने मौका देखकर रानी की सलवार का नाड़ा चुपके से खोल दिया और उसे पता नहीं चला। मैं उसकी चिकनी जांघों पर हाथ फ़ेरना चाहता था पर जैसे मेरा हाथ उसकी पैंटी पर टच हुआ वह एकदम से नाराज़ होते हुए बोली राज नो चीटिंग और उसने अपनी सलवार एक हाथ से पकड़ ली पर ऊपर से वह मस्त हो चुकी थी पर अभी भी मुझसे चुदवाने में वह संकोच कर रही थी पर मेरे टच से उसे मज़ा आ रहा था। पर उसकी सलवार अभी तक खुली हुई थी जिसको उसने एक हाथ से पकड़ रखा था। जैसे ही मैने उसे अपनी बाहों में लिया तो उसके हाथों से उसकी सलवार नीचे सरक गयी और मैने ऊपर से उसकी कमीज़ की ज़िप पीछे से खोल दी और उसने अंदर से काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। मैं तो उसके गोरे बदन पर काली ब्रा देखकर मस्त हो गया।

अब आगे की कहानी अगले भाग में..........






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Fentency अब नहीं रहा जा रहा

Fentency

 अब नहीं रहा जा रहा


हैल्लो दोस्तो आज फिर पुरानी यादे ताज़ा हो गई है। दोस्तों में कानपुर से हूँ, देखने पर में ठीक ठाक ही हूँ, मेरी हाईट 5.8” है और मेरा रंग साफ है। आज मुझे एक पुरानी कहानी फिर याद आई है, वैसे ये कहानी 2008 की है, लेकिन मेरी यादो मे अभी भी तरो ताज़ा है। 
अब आप को सीधे स्टोरी पर लिए चलता हूँ। बात बहुत पुरानी भी नहीं है, अभी भी मेरे दिमाग़ मे तरो ताज़ा है बरसात का मौसम है, कल यूँ ही पुराने दिन याद आ गये थे, में अपने स्कूटर से मार्केट के लिए निकला था। में थोड़ी दूर ही गया था कि रस्ते में मुझसे थोड़ी दूरी पर दो लड़कियां अपनी स्कूटी पर जा रही थी, आगे जो लड़की बैठी थी उसके बाल खुले हुए थे और उसकी उम्र कोई 25-26 साल की रही होगी रंग गोरा और दिखने मे भी बहुत ही खूबसूरत थी। पीछे बैठी लड़की थोड़ी सावली सी तोड़ा हेवी शरीर फेसकट अच्छा सा उम्र 20-22 की ही होगी वो दोनो ही बड़ी स्पीड से जा रही थी।
में 30-40 कि स्पीड मे था। वो दोनो थोड़ा आगे निकल गई, लेकिन मुझे उन्हें देखने कि मेरी इच्छा थी, लेकिन में भी ज़्यादा तेजी से स्कूटर नहीं चलता हूँ। अब में पीछे ही रह गया था और वो करीब 200 मीटर तक आगे निकल गई थी और थोड़ा आगे ही एक चौराहा था, वहीं पर एक ज़ोरदार आवाज़ आई जैसे कोई गाड़ी किसी से टकरा गई हो, मैने वहाँ जाकर देखा कि वही दोनो लड़कियां एक कार से टकरा गई थी। दोनो ही लड़कियां गिर गई थी और शायद उन्हे चोट भी आई थी, वो खुद उठ भी नहीं पा रही थी। वहाँ पर कई लोग आ गये थे और भीड़ जमा हो गई लोग कार वाले से झगड़ा भी करने लगे थे, लेकिन कोई भी लड़कीयों कि और ध्यान नहीं दे रहा था वो उठ नहीं पा रही थी। में आगे बड़ा और लड़की को सहारा देकर खड़ा किया उसके पैरो मे शायद मोच आ गई थी वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। लेकिन पीछे बैठी लड़की तो उठ कर खड़ी हो गई थी, शायद उसे हल्की सी चोट ही आई थी या फिर कुछ संकोच की वजह से कुछ कह नहीं रही थी।
अब उनके सामने समस्या थी कि वो घर कैसे जाये। दूसरी मोटी वाली लड़की को स्कूटी चलानी नहीं आ रही थी और जो चला रही थी उसे चोट लगी थी और दर्द से कराह भी रही थी। तभी उसने मेरी और देखते हुए कहा प्लीज़ आप मुझे घर छोड़ देगे मेरा घर पास मे ही है। स्कूटी मेरी फ्रेंड घर तक ले आएगी अब उस मोटी वाली लड़की ने सहमति मे सर हिला दिया था। मैने भी उसे अपने स्कूटर पर बैठाया और उसे कहा कि आप मुझे रास्ता बताते हुए चलना वो रास्ता बताती जा रही थी, मेरी पीठ पर उसके बूब्स का मुझे अहसास हो रहा था।
बीच बीच मे उसके कराहने कि आवाज मुझे और भी मादक बना रही थी, में मस्ती मे आ गया था। पांच मिनट मे ही हम उसके घर पहुंच गये, वहां पहुंचते ही उसे स्कूटर से उतारा तो उसकी काम वाली बाई बाहर निकल कर आ गई और बोली दीदी सब लोग बाज़ार गये है और हमसे कह कर गये थे कि जब आप आवोगे तो चली जाना, मेरे बच्चे कि तबीयत बहुत खराब है। ये कह कर वो जाने लगी थी, अब उसने मेरी और देखा उसकी आँखों मे गुज़ारिश थी कि मुझे अंदर तक छोड़ दो, मैने उसके एक हाथ को कंधे पर लेते हुए उसकी कमर को सहारा देकर आगे बड़ने लगा था। उसका बहुत ही मस्त फिगर था, पहली बार अहसास हुआ था कि उसकी कमर पर हाथ रखते ही मेरा मन डोलने लगा था और में मन ही मन सोचने लगा कि काश इसे में अभी चिपका लूँ, सोच कर मेरी पेंट मे तनाव बढ़ने लगा था। उसे सहारा देते हुए में उसे उसके कमरे तक ले गया था और उसे उसके बेड पर लिटा दिया। वो कराहते हुए मुझसे लिपट गई शायद दर्द उठा होगा, फिर आहिस्ता से मुझे छोड़ते हुए लेट गई प्लीज़ आप बुरा ना माने तो मुझे क्रीम उठाकर दे दीजिए, उसने मेरी और देखते हुए कहा मैने कहा ठीक है।
तभी उसने कहा ऊपर रखी हुई है ठीक है में ला कर दे देता हूँ, उसने बोला कि बगल के कमरे मे ड्रेसिंग टेबल पर रखी होगी में बगल वाले कमरे मे चला गया था। तो वहाँ पर ढूंढने लगा वहीं पर मुझे क्रीम मिल गई थी, मैने उसे लाकर उसके हाथ मे दे दिया था, इधर मेरे लंड ने मुझे तंग करना चालू कर दिया था।
पहली बार मैने उसके पूरे शरीर का जायज़ा लिया था, 25-26 साल कि गौरी लड़की थी फिगर 34-28 -38 यही रहा होगा, बूब्स किसी जवान लड़कीयों जैसे ही थे, टॉप और जीन्स मे एकदम मस्त लग रही थी, टॉप पर उसकी ब्रा कि लाईन भी दिख रही थी। पहली बार अहसास हुआ कि चोदने को मिल जाए तो आज मज़ा आ जाए। तभी कहाँ खो गये उसकी आवाज़ ने मुझे चौका दिया था। मैने क्रीम उसके हाथ मे दे दी लेकिन दर्द कि वजह से वो लगा नहीं पा रही थी मेरी और देखते हुए उसने कहा आप लगा दीजिए प्लीज़ में क्रीम लेकर उसके घुटने पर लगाने वही उसके पास बैठ गया था। मुझे थोड़ी सी असुविधा हो रही थी तो उसकी जीन्स को ऊपर चढ़ाते हुए क्रीम लगाने लगा था।
बहुत ही नाज़ुक से पैर थे और अब उसके हाथो का स्पर्श मुझे मदहोश कर रहा था, उसने भी आँखे बंद कर ली थी शायद उसे भी अच्छा महसूस हो रहा था। उसके रोए भी खड़े हो गये थे और में भी आनंद मे डूबा हुआ था। घुटने पर लगाने के बाद मैने बोला क्या तुम्हे कहीं और भी चोट आई है, तभी उसने बिना आंख खोले अपना टॉप ऊपर करके कमर की और इशारा किया, में भी बिना कुछ बोले कमर पर क्रीम लगाने लगा था। बहुत ही गोरा सा शरीर था और अब मेरा लंड काबू मे नहीं था। लेकिन उसकी जीन्स बहुत टाइट थी मैने थोड़ा अंदर लगाने कि कोशिश की लेकिन हाथ अंदर नहीं गया वो समझ गई और बिना मेरी और देखे जीन्स का बटन और चैन ढीली कर दी थी, थोड़ा हटाते ही उसकी काले रंग कि पेंटी दिखाई देने लगी थी।
अब में अपने होश मे नहीं था मन कर रहा था कि बस इसे नंगा करू और चोदना शुरू कर दूँ। बहुत ही मस्त चूतड़ थे, गोरे सी कमर पर क्रीम लगते लगते अपने को रोक नहीं पाया और हाथो से उसके चूतड़ सहलाने लगा और उसके मुहं से सिसकारियों की आवाज़ आने लगी थी और अब में समझ गया था कि जो मेरा मन कर रहा है वही वो भी चाह रही थी। अब में उसकी जीन्स उतारने लगा, वो वैसे ही आंखे बंद किये लेटी थी, बस इतना इशारा काफ़ी था मेरे लिए। मैने क्रीम वाले हाथ को उसके बिस्तर कि बेडशीट से रगड़ कर साफ किया और अपना हाथ उसकी पेंटी मे घुसा दिया वो चीख गई और एक मादक सी चीख मारी आहहहह अपनी आंखे खोलकर मेरी और देखा एकदम नशा सा छा चुका था। उसके ऊपर आंखे लाल थी, एक निगाह मारकर फिर उसने आंखे बंद कर ली थी और अब मेरे लिए सब्र करना बहुत भारी हो रहा था।
में उसके पास मे ही लेट गया और उसका चेहरा अपनी और करके उसके होठो पर अपने होठ रख दिए उसकी तरफ से मुझे अब पूरा पूरा साथ मिल रहा था। मैने अपनी जीभ उसके मुहं मे डाल दी थी, फिर उसकी जीभ को में अब जोरो से चूसने लगा था। इधर मेरे हाथ उसके बूब्स से खेल रहे थे। अब मेरे लिए ये बयान करना बहुत मुश्कील हो गया है कि उस लम्हे का वर्णन कैसे करूं मुझे शब्द ही नहीं मिल रहे है। नाज़ुक से होठ मक्खन से बूब्स अब तो बस दिल ये चाह रहा था कि इसे नंगा करूं और अपने लंड कि तमन्ना पूरी करू दूँ।
दोस्तो आपको बता नहीं पा रहा हूँ कि कितना हसीन अहसास था। मैने उसके सारे कपड़े उतार दिए थे और अब कपड़ो का बोझ मुझे भी सहन नहीं हो रहा था। हम दोनो ही लोग पूरे नंगे हो चुके थे, में दोनो हाथो से उसके बूब्स दबा रहा था और होठो से होठ चूस रहा था लंड बस उसकी चूत मे घुसने को तैयार था। उसकी सिसकियां मुझे और भी मदहोश किये जा रही थी। आअहैहै हााआ आ चोद दो मुझे अब नहीं रहा जा रहा है। उसके हाथ मेरे लंड से खेल रहे थे अब में उसके होठो को छोड़ कर उसके बूब्स चूसने लगा था।
उसकी सिसकियाँ और भी तेज हो गई थी और वो कहने लगी चोदो मुझे, में उसके बदन को पागलो कि तरह से चूसता ही जा रहा था और वो आवाज़े निकाल रही थी लेकिन मेरा ध्यान इस और नहीं गया था कि घर के सारे दरवाजे खुले है। मेरा तो पूरा मन उसके बदन से खेल रहा था। उसके बदन को चूमते हुए उसके हर रंग का अहसास कर रहा था और वो अब मेरा पूरा साथ दे रही थी मेरी हर किस पर उसकी आहहह बड़ती जा रही थी और अब बदन अकड़ रहा था। में पूरा उसमे समा जाना चाह रहा था।
पूरे कमरे मे सिसकारियां गूंज रही थी और कह रही थी समा जाओ मुझमे में उसके ऊपर आ गया अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी में लंड को चूत मे घुसाने लगा था और वो कह रही थी थोड़ा सा और दूसरे झटके मे लंड पूरा अंदर था। उसके चेहरे पर दर्द कि लकीरें खिंच आई थी और अब पूरा 6 इंच का लंड चूत मे घुस चुका था। थोड़ी चीख थोड़ी कामुकता थी उसकी आवाज़ मे। धीरे धीरे वो सिर्फ़ वासना कि सिसकियों मे बदल गई थी।
हमारी चुदाई पूरे ज़ोर पर चल रही थी और हर पल मे हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। आहैहहह प्लीज चोदो मुझे और ज़ोर से दोनो ही पसीने मे नहा गये थे, तभी किसी ने मुझे छुआ। अचानक ये क्या हो गया घबराहट हुई अब मैने मुड़ कर देखा कि उसकी सहेली भी वहीं पर आ चुकी थी और वो बहुत देर से ये सब देख रही थी। उसकी आंखे बता रही थी कि वो बहुत ही गरम हो चुकी है, बस वो भी चुदवाने को तैयार थी।
अब क्या था मौका देखकर उसने भी पूरे कपड़े उतार दिए थे और एक हाथ से अपने बूब्स खुद ही दबा रही थी। ये सब देखकर में बहुत डर गया था। लेकिन मुझे अब उसने कहा कि तुम्हे अब मेरी भी भूख मिटानी है, अब में पूरे जोश से चोदने लगा था और मैने उसकी दोस्त को कहा तुम थोड़ा लेट जाओ और मैने उसकी चूत से लंड बाहर निकाल कर उसकी सहेली कि चूत में डाल दिया था और अब उसको भी चोदने लगा। मैने अपनी स्पीड बड़ा दी थी, क्योकि में कुछ देर में झड़ने वाला था और में जोर जोर से धक्के पर धक्के दिये जा रहा था। लेकिन उसकी चूत में बहुत दर्द था, वो दर्द से चीख रही थी और कह रही थी चोदो और चोदो मुझे, तुम दोनों को बहुत देर से देखकर में अब नहीं रह सकती हूँ, तुमने बहुत मजे लिये है चुदाई के अब मेरा नम्बर आया है। चोदो और चोदो फाड़ दो इस चूत को में पूरे जोश से उसे चोदे जा रहा था और कुछ देर बाद में झड़ गया उसकी चूत में और वीर्य के गिरते ही वो पूरी ठंडी हो गई थी और में भी वहीं पर लेट गया था।
लेकिन दोस्तो उस दिन दोनो लड़कीयो के साथ चुदाई का मज़ा लिया। दोनो को खूब चोदा उस दिन हम तीन घंटे साथ मे रहे और कई तरीके से हमने चुदाई की ।।







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Fentency भाभी मेरी रंडी

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भाभी मेरी रंडी


हाय दोस्तों में इसका बहुत चाहने वाला हूँ। दोस्तों मेरा नाम राज है, उम्र 22 साल की है, लम्बाई 6, सुंदर लुकिंग है। में हरयाणा का रहने वाला हूँ, मेरी स्टोरी थोड़ी लंबी है, पर आपको पसंद आएगी।
में 2 महीने पहले पढ़ाई के लिए दिल्ली आया था। यहाँ पर मुझे जानने वाला कोई नहीं है, तो में वहाँ पर कमरा ढूँढने लगा था। मुझे एक प्रॉपर्टी डीलर ने घर दिखाया जो मुझे पसंद आया, उस घर मे सिर्फ़ दो लोग रहते थे, एक भैया और उनकी वाईफ, भैया की उम्र लगभग 35 साल थी और भाभी की उम्र 26 उनकी कोई संतान नहीं थी।
भैया एक कम्पनी मे काम करते है, जब की भाभी हॉट हाउस वाईफ है। भाभी देखने मे बहुत सुंदर है, उनके बूब्स तो ज़्यादा मोटे नहीं है, लेकिन 3230 38 होंगी लेकिन उनकी गांड देखने लायक है। भाभी बहुत ही फ्रेंक है, उन्होने लव मेरिज की है। में शुरू शुरू मे उनसे ज़्यादा बात नहीं करता था, बस पढ़ाई और काम से काम रखता था। बस शाम को में भैया के आने के बाद कुछ देर के लिये टीवी देखने उनके पास मे जाता था।
एक दिन भैया रात 10 बजे तक घर नहीं आए, तो भाभी ने मुझे बुलाया और कहा कि तुम्हारे भैया अब तक नहीं आए है। क्या में तुम्हारा फोन यूज़ कर सकती हूँ। तो मैने उन्हे अपना मोबाइल दे दिया था, भाभी ने बात करने के बाद बताया कि वो ट्रॅफिक जाम मे फंसे है, थोड़ी देर मे आ जाएँगे। वो फिर मुझसे कहने लगी कि आज मेरे मोबाईल मे बॅलेन्स नहीं था तुमने मेरी मदद की तो थॅंक्स।
मैने कहा कि अरे कैसी बात करती है आप, भाभी जी थेंक्स तो मुझे कहना चाहिए कि आपने मुझे अपना समझ कर मेरा मोबाइल यूज़ किया है। तभी वो हंसने लगी थी, हंसते हुए वो बड़ी सेक्सी लग रही थी। दिल किया कि अभी पटक कर चोद दूँ। लेकिन मैने अपने आप को रोक लिया था, तभी वो बोली कि तुम्हारा मोबाइल नम्बर तो दो कभी मुसीबत मे ज़रूरत पड़ सकती है। तो मैने उन्हे अपना नम्बर दिया उस दिन में मूठ मार कर सो गया था।
अगले दिन क्लास कि छुट्टी थी तो में 11 बजे तक कमरे पर सो रहा था, 11 बजे मेरा फोन बजा तो मेरी नींद खुली। तभी मैने फोन उठाया वो भाभी का था। हमने नॉर्मल बाते की और तभी वो बोली कि में अकेले बौर हो रही हूँ, तुम नीचे आ जाओ प्लीज़। मैने कहा ठीक है और फ्रेश होकर में नीचे चला गया था। उन्होने मुझे नाश्ता दिया और टीवी चालू किया। उन्होने रेड कलर का पंजाबी सूट पहना था। उसमे वो बहुत सेक्सी लग रही थी। मैने जल्दी नाश्ता किया और उन्हे देखने लगा था।
वो मेरे बिल्कुल सामने बैठी हुई थी, मेरा लंड खड़ा हो गया था, वो हंसते हुए बोली ऐसे क्या देख रहे हो। तो में हड़बड़ा कर बोला कुछ नहीं भाभी, तो वो हंसने लगी थी और मेरा बहुत बुरा हाल था। वो बोली देखो मुझमे और तुम्हारी उम्र मे ज़्यादा फर्क नहीं है। हम दोस्त जैसे है बताओ तुम क्या देख रहे थे। मैने हड़बड़ाते हुए कहा कुछ नहीं पर आप इस ड्रेस मे बहुत सुंदर लग रही हो।
उन्होने मुझे कहा थेंक्स, तभी वो बोली क्या में एक बात पूछ सकती हूँ। मैने कहा हाँ पूछिए, उन्होने कहा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है। में थोड़ा हैरान होकर बोला कि नहीं है। मैने पूछा क्यों क्या हुआ, वो बोली नहीं ऐसे ही पूछ रही थी, क्योकि तुम हरयाणा के रहने वाले हो तो मैने सुना है कि दिल्ली की लड़कियां उन्हे बहुत पसंद करती है, ज़रा बच के रहना और एक स्माइल दी।
मैने कहा ऐसा कुछ नहीं है, यहाँ की लड़कियां तो बहुत हाई स्टॅंडर्ड की है। उन्हे तो हम जैसे देसी जाट मे कहाँ दिलचस्पी होगी, वो बोली यही तो बात है पर तुम नहीं समझते और हंसने लगी थी। मुझे रियल मे उनकी बात समझ मे नहीं आई। लेकिन उनसे बात करते हुए मेरा लंड साला तब से खड़ा था और दुखने लगा था। फिर में ज़रूरी काम का बहाना बनाकर वहाँ से चला गया।
लेकिन मुझे उनकी बातो से ऐसा लग रहा था, की वो भी शायद मुझसे कुछ चाहती है। मैने अपने कमरे मे जाते ही मुठ मार कर अपना लंड शांत किया। रात को करीब दस बजे उनका मैसेज आया कि क्या सो गये हो, मैने रिप्लाई किया नहीं। नींद नहीं आ रही ऐसे ही लेटा था, उन्होने रिप्लाई किया किसके बारे मे सोच रहे हो रात को, मैने मज़ाक मे कहा आपके बारे मे सोच रहा था। मेरा मतलब आपकी दिन वाली बात के बारे मे, वो बोली ज़्यादा सोचोगे तो नींद उड़ जाएगी जनाब की, अब सो जाओ।
मैने कहा प्लीज़ बताओ ना कि देसी लड़को मे ऐसा क्या है जो लड़कियां पसंद करती है। वो बोली कि वक़्त आने पर सब बता दूंगी। अब बाए गुड नाईट, उसके बाद कैसे उन्होने मुझे कुछ नहीं कहा और फोन बंद कर दिया, अब मैने मन ही मन सोचा कि में अब कैसे उनको चोदूं, में ये सोचकर पूरी रात नहीं सोया था, लेकिन मुझे सुबह कब नींद आई मुझे नहीं पता था। अब सुबह भाभी का कॉल आया और मेरी नींद खुली, भाभी कहने लगी कि क्या तुम रात को नहीं सोये। अब में बिना कुछ कहे भाभी को सुनता रहा और वो बोलती गई, कुछ देर बाद हमारी बात खत्म हो गई, अब उठकर नहा लिया और बहुत देर तक भाभी के बारे में ही सोचता रहा में बस हर बार यही सोच रहा था कि मुझे कैसे भी भाभी की चूत मारनी है। तभी कुछ देर के बाद भाभी मेरे कमरे पर आ गई, में उन्हें ऐसे देख रहा था कि वो मेरे सामने नहीं, में उन्हें नींद में देख रहा हूँ।
तभी भाभी ने मुझे छुआ और फिर कहने लगी, अब तो जागो नींद से और हंसने लगी। तभी मैने कहा आप कब आए मुझे तो मालूम नहीं, वो कहने लगी तुम गहरी नींद में थे। अब हम दोनों बाते करते रहे भाभी मेरे पास बैठी थी, तभी उनकी नजर मेरे लंड पर गई और कहने लगी शायद तुम्हारे लंड को भूख लगी है।
अब मैने बिना डरे कहा कि हाँ इसे आपकी चूत चाहिए। भाभी कहने लगी तो देर किस बात की मेरी चूत को भी बहुत भूख लगी है। उसने बहुत दिनों से कुछ नहीं खाया है। मैने कहा कि आपको क्या पसंद है, तो उन्होने कहा कि जो आपको पसंद और फिर क्या था, मैने अपना हाथ उनकी कमर में डाला और कहा कि भाभी मैं आपसे बहुत बहुत प्यार करता हूँ और आपका होना चाहता हूँ, तो उन्होने कहा तो आपको रोका किसने है, अब हम एक दूसरे की बाँहों में समा गए थे। मैने अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए और उन्हे चूसने लगा।
वो मेरा साथ दे रही थी, मैं अपनी जीभ से उनके होंठो को चूस रहा था और उनके मुहं में घुसने की कोशिश कर रहा था और उन्होने थोड़ा सा मुहं खोला और मैं उनकी जीभ को अपनी जीभ से मिलने लगा। मैने उन्हे अपनी बाँहों में जकड़ लिया था और अब उन्हे किस कर रहा था।
मैं उनके बूब्स को अपनी छाती में रगड़ रहा था और उनकी गांड दबा रहा था। तभी मुझे होश आया कि ये सही जगह नहीं और हमने किस ब्रेक किया। उन्होने किस ब्रेक करने के बाद एक बार फिर से मेरे लिप्स को चूमा और फिर एक स्माइल दी।
फिर हम एक दूसरे को देखकर स्माइल करने लगे थे, अब हम दोनों कमरे से बाहर आ गये थे और मैने उन्हे बाईक पर बिठाया और होटल रूम में पर लेकर आया। होटल पहुंचने से पहले मैने एक शॉप से 10 कॉंडम ले लिए और वो ये देखकर हँसने लगी और कहने लगी कि लगता है, आज मेरी हालत खराब होने वाली है मैने स्माइल दी और कहा देखते जाइए।
रास्ते से मैने वोड्का और बियर की बॉटल भी ले ली थी और हम होटल रूम पहुंचे और पहुंचते ही मैने सामान अंदर रखा और भाभी गेट बंद करने लगी थी और गेट खोलकर वही खड़ी हो गई और हँसने लगी मैंने उनके पास जाकर उनका चेहरा पकड़ कर उन्हे किस करना शुरू किया।
मैं उनके लिप्स को चूसने लगा और उनका हाथ पकड़ कर अपनी पेंट पर लंड के ऊपर रखकर रगड़ने लगा था। अब मैने उनके बूब्स पकड़े और दबाने लगा वो कामुक होने लगी थी, वो बीच बीच में मेरे लिप्स को काटने लगी थी और लंड को दबाने लगी थी, मै उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था।
अब उन्होने किस करना छोड़ा और मेरी पेंट खोलने लगी, उन्होने मेरी पेंट ऊतारी और अंडरवियर नीचे करके लंड को रगड़ने लगी और मेरी तरफ देखकर हंसकर बोली मज़ा आएगा आज तो, फिर उन्होने लंड पर एक ज़ोरदार किस दिया और जीभ से लिक करने लगी थी।
मुझे तो अब जन्नत का मज़ा मिल रहा था। फिर उन्होने मेरा लंड मुहं में लिया और सक करने लगी थी। मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैने उनका सर पकड़ा और उनके मुहं को ही फक करने लगा था, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
कुछ देर बाद मैं उनके मुहं में ही झड़ गया वो पूरा वीर्य पी गई, तोड़ा सा होंठ से बाहर आ गया लेकिन मैने उनका मुहं पकड़ कर किस कर दिया। उन्हे बहुत अच्छा लगा फिर मैने उन्हे बेड पर लेटाया और उनके दोनों पैर फैलाए और उनकी चूत के आस पास किस करने लगा और लिक करने लगा था।
वो सिसकारियां ले रही थी और अपनी गांड उठा उठा कर मेरे मुहं को अपनी चूत में लेने की कोशिश कर रही थी, उनके मुहं से स्स्स्सह ओउुउउ कि आवाज़े मुझे मज़ा दे रही थी। मैने उनकी चूत के होंठो को उंगली से खुज़ाया और फिर उन होंठो को अपने होंठो से किस करने लगा था।
मैं उन्हे स्मूच करने की कोशिश करने लगा था और भाभी तड़प गई थी। उनके मुहं से एक दम से निकला चोदो मुझे प्लीज जल्दी से, मेरे सच्चे पति में तुम्हारी हूँ, चूसो चाटो मज़ा आ गया और अब में पूरे जोश में उन्हें चोद रहा था। वो एक दम से अकड़ गई और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था और में पूरा पानी पी गया और थोड़ी और मैने देर बाद चूत चाटी मेरा लंड फिर से कड़क हो गया था।
मैने बियर कि बॉटल खोली और भाभी के बूब्स पर डालकर पीने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था मैने थोड़ी सी बियर ली और उसे उनकी चूत पर डाली और चाटने लगा था, भाभी भी मस्त हो गई थी। अब मैने बियर उन्हे दी और उन्होने उसे मेरे लंड पर डाला और चूसने लगी थी। बहुत देर तक ऐसे करने के बाद उन्होने कहा कि जान अब रहा नहीं जा रहा है, मेरी चूत फाड़ दो अब तो मैने उन्हे लेटाया और उनकी चूत में अपना लंड डालने कि कोशिश करने लगा था।
उनकी चूत बहुत गीली थी, लेकिन मैं अपना निशाना चूक गया था। उन्होने लंड पकड़ा और होल पर रखा और मुझे धक्का लगाने के लिए कहा, मैने धक्का लगाया और पूरा लंड चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया था। चूत बहुत टाईट थी क्योकि वो कभी कभी चुदवाती थी और मेरे और उनके दोनो के मुहं से थोड़ी सी चीख निकल गई। अब मैं रुक गया और दर्द कम होने के बाद धीरे धीरे प्यार से लंड अंदर बाहर करने लगा था, मुझे ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं क्या बताऊँ।
भाभी भी नशे में खो गई थी और वो बहुत कामुक आवाज़े निकाल रही थी, वो अपने पैरो से मेरी गांड दबा कर लंड को और अंदर लेने की कोशिश कर रही थी और मुझे तेज़ी से चोदने को कह रही थी। अब मैने धक्के तेज़ कर दिए और उनको चूमने लगा और दबा कर बूब्स बड़ा रहा था। बहुत देर कि चुदाई के बाद मैं उनके अंदर ही झड़ गया और साथ साथ वो भी झड़ गई। चुदाई में वो दो बार झड़ी, इस चुदाई में इतना मज़ा आया कि मैं बयान नहीं कर सकता हूँ।
अब भाभी ने लंड लेते हुए मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और अपने पैरो को मेरी कमर में लपेट कर मुझसे चिपक कर मुझे किस करने लगी थी और फिर हम सो गए थे ।।







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Fentency मैं और मेरे ससुर अकले

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 मैं और मेरे ससुर अकले


हैल्लो दोस्तों मै बहुत दिनो से ये सोच रही थी कि मै अपनी सेक्स लाइफ के बारे मैं कुछ लिखूं और आप सभी को कुछ बताऊँ, लेकिन मुझे ऐसा मौका ही नहीं मिल रहा था। तो आज मै आप सभी लोगो को मेरी ये कहानी बताने जा रही हूँ। दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है, अगर इस में कोई ग़लती हो तो आप मुझे माफ़ कर दीजियेगा।
दोस्तों मेरा नाम सोनिया है, मुझे प्यार से लोग सोनी भी कहते है। मैं अपनी तारीफ खुद क्या करूं, मेरा फिगर 32-28-34 है। मुझे देखकर सभी लड़के आहे भरते है। मैं एक शादीशुदा औरत हूँ, शादी के बाद मेरी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी। मेरे पति रोज जब कभी भी समय मिलता सुबह हो या शाम मेरे साथ सेक्स करते थे। उन्होंने अपना लंड मुझे बहुत दिया और मेरी प्यास बुझाई थी।
तभी एक बार उन्हे ऑफीस के काम से एक महीने के लिये बहर जाना पड़ा था। उस समय घर पर मैं और मेरे ससुर अकले हो गये थे। मेरी सास की कुछ समय पहले डेथ हो चुकी थी और अब मेरे पति के जाने के बाद मेरी सेक्स कि प्यास अधूरी रह गई थी। तभी एक रात मैं अकेली बैठी टीवी पर ब्लू फिल्म देख रही थी और मैने कुछ नहीं पहना हुआ था कि तभी अचानक मेरी नज़र मेरे कमरे की खिड़की पर गई तभी मैने देखा वहाँ पर से कोई मेरे कमरे मैं देखने की कोशिश कर रहा था। मैने अचानक से टीवी बंद कर दी और अब कमरे मैं अंधेरा छा गया था।
उस पूरी रात मैं सो नहीं पाई थी, मुझे बहुत डर लगा और यही सोचती रही कि कहीं मेरे ससुर जी ने मुझे ब्लू फिल्म देखते हुआ देख लिया हो। अब दूसरे दिन सुबह मुझे ससुर जी के सामने भी जाना था और मुझे डर भी लग रहा था। अब मुझे ससुर जी ने आवाज़ दी बहू चाय लाना, मैं डरते हुए उनके सामने गई थी और उन्हे मैने चाय दी तभी अचानक से मेरी साड़ी का पल्लू थोड़ा नीचे सरक गया और ससुर जी कि नज़रे मेरे बूब्स पर चली गई थी। तभी वो मुझसे बोल पड़े बहू ज़रा संभाल कर काम किया करो और मुझे स्माइल दी, अब मेरी नज़र उनके लंड की तरफ गई वो उनका लंड मुझे देखकर खड़ा हो गया था।
अब मैं वहाँ से चली आई और अब में सारा दिन ससुर जी के बारे मे सोचती रही। मैने बहुत दिनो से सेक्स नहीं किया था, तभी मैने अपने ससुर जी के साथ सेक्स करने का प्रोग्राम बनाया था और अब मैं सोचने लगी कि ससुर जी को कैसे तैयार किया जाए सेक्स करने के लिये। अब मेरे दिमाग़ मैं एक आइडिया आया था। अब मैने ससुर जी को किचन मे बुलाया और कहा कि मुझे ऊपर अलमारी से सामान निकालना है, तो आप यहाँ पर आकर ज़रा स्टूल पकड़ ले और वो आ गये थे और मैं अलमारी से सामान निकालने लगी थी। अब मेरी कमर मेरे ससुर जी को साफ साफ दिख रही थी, तभी मैने अचानक से गिरने का नाटक किया और मैं ससुर जी के ऊपर गिर गई थी।
उस समय मेरे बूब्स उनके मुहं में समा गये थे। अब मैंने उठने का नाटक किया और फिर उनके ऊपर गिर गई थी। ससुर जी ने मुझे उठाया, में कमर और पैरो मे चोट लगने का बहाना करने लगी थी, अब मुझे ससुर जी ने सहारा देकर मेरे बेडरूम तक पहुँचाया था, तभी मैने ससुर जी से दवाई लगाने को कहा और वो मान गये थे। अब मैने अपनी साड़ी ऊपर की और वो मेरे पैरो मैं दवाई लगाने लगे थे और मैं गरम होने लगी थी। दवाई लगाते लगाते उनका हाथ मेरी जाँघो तक पहुंच गया था। अब उनके हाथ मेरे बूब्स को छुए थे मेरे बूब्स को टच होने पर मुझे कुछ होने लगा था।
तभी ससुर जी ने पूछा तुम्हे कैसा लग रहा है बहू, मैने भी कह दिया अब मुझे ठीक लग रहा है, तो उन्होने कहा क्यो मज़ा नहीं आ रहा है क्या और वो मुस्कराने लगे थे। अब मैने भी उन्हे स्माईल दी फिर ससुर जी एक हाथ से मेरे बूब्स पर फेरने लगे थे। मैने कहा आप ये क्या कर रहे हो, अब ससुर जी कहने लगे कि जो तुम्हे पसंद है बहू और फिर मेरे होंठो पर हाथ फेरने लगे थे और मुझे ज़ोर से किस करने लगे थे। अब मै भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी और अब मैं भी उन्हे किस का रेस्पॉन्स देने लगी थी। अब हम दस मिनट तक किस करते रहे, फिर ससुर जी ने मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बूब्स को चूसने लगे थे, फिर ससुर जी ने मेरी साड़ी और ब्लाउज उतार दिया मैं सिर्फ़ उनके सामने ब्रा और पेंटी मैं थी। अब वो मेरे ऊपर आ कर मेरे बूब्स को चूसने लगे थे। उन्होने मेरी ब्रा एक झटके मैं उतार फेकी थी और मेरे बूब्स को कुत्तो कि तरह चाटने लगे थे और मैंने कहा ससुर जी थोड़ा आराम से कीजिये लेकिन वो नहीं माने और मेरे बूब्स को काटने और चाटने लगे थे। जब वो मेरे बूब्स को चूस रहे थे तभी उन्होने एक हाथ मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया और मेरी चूत को रब करने लगे थे 15 मिनट तक वो यही करते रहे। अब मैं बहुत गरम हो गई थी और तभी उन्होने अपना लंड मेरे मुहं मैं डाल दिया था। लेकिन उनका लंड बहुत छोटा था 10 मिनट लंड को चूसने के बाद उन्होने कहा बहू मज़ा तो आ रहा है ना, अब मैने उन्हे प्यारी सी एक स्माइल दी और वो भी हंसने लगे थे।
अब ससुर जी ने मेरी चूत मैं अपना लंड रखा और एक ही झटके मैं चूत के अंदर डाल दिया था और मैं चीख पड़ी थी। अब उन्होंने एक और ज़ोर का झटका मारा और उनका पूरा लंड चूत के अंदर चला गया था। अब मैं बहुत जोर से चीख पड़ी थी। दो मिनट बाद जब मैं शांत हुई तब ससुर जी ने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था और अब मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था। अब मैं भी उनका साथ देने लगी थी। बीस मिनट तक वो मुझे चोदते रहे बीस मिनट के बाद उनका लंड झड़ गया था और ससुर जी ने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत मैं ही छोड़ दिया था और मेरे ऊपर ही गिर गये थे। करीब 15 मिनट बाद ससुर जी ने एक बार मुझे फिर चोद दिया था।
अब मैं उठ कर बाथरूम मे गई और वहाँ पर मै अपने को साफ करने लगी और बाहर आकर अपने कपड़े पहनने लगी थी। तभी ससुर जी ने मेरी ब्रा और पेंटी मुझसे छीन ली, तो मैने कहा कि ससुर जी मुझे मेरे कपड़े दे दीजिये अब मुझे खाना बनाना है तो वो कहने लगे कि तुम आज खाना बिना कपड़ो के भी बना सकती हो बहू और हंसने लगे थे। उस दिन मैं पूरे दिन उनके सामने नंगी रही और वो सारा दिन मेरे साथ खेलते रहे। उन्होंने मुझे पूरे दिन मे कई बार चोदा था और मै भी पूरे मजे से चुदवा रही थी। उन्होने रात के समय मे चोद कर मेरी हालत बहुत खराब की और कभी वो लंड को चूत मे डालते कभी गांड में और कभी मेरे मुहं में लेकिन इस चुदाई से आज उन्होंने मेरी पूरी प्यास बुझाई थी और मुझे पूरा मजा दिया था। अब जब कभी मेरे पति बाहर या ऑफीस जाते है तो मैं अपने ससुर जी की सेवा करती हूँ और वो मुझे अपना लंड देते है ।।





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Fentency मौसी की मस्ती

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 मौसी की मस्ती
 मैं और मा एक दूसरे को बहुत ज़्यादा प्यार करते थे हमेशा से, मैं हमेशा अपनी मा के करीब रहा क्यूंकी पिता जी हमेशा काम के सिलसिले मे बाहर ही रहते थे, फिर अचानक एक दिन वो चल बसे और मैं और मा और भी नज़दीक आ गये. हम दोनो के लिए अब एक दूसरे का ही सहारा था. मुझे अपनी मा के मन का बात नही पता लेकिन मेरा अपनी मा के प्रति बहुत सारा प्यार था सिर्फ़ एक बेटे के जैसा नही बल्कि मुझे वो मेरे सपनो की रानी लगती थी. मुझे वो दुनिया की सबसे सुंदर औरत लगती थी. लेकिन मैं उसे ये सब नही कह सकता था कि मेरे अंदर जो चाहत थी वो मा बेटे के बीच कभी नही सोचा जा सकता था. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

मेरा अभी अभी ग्रॅजुयेशन पूरा हुआ था और मा मुझे चाहती थी कि मैं MBआ करने के लिए देल्ही मौसी के पास चला जाउ. मैं बिल्कुल नही चाहता था की मैं अपनी मा से दूर जाउ इसलिए मैं मा से सहमत नही था. मा जब भी मुझे कहती कि मौसी के पास जाओ तो मैं यही कहता कि मैं तुमसे दूर नही रह सकता, ये सोचकर कि वो मेरे अंदर की भावनाओ को समझे लेकिन मुझे ये नही पता था कि वो हमारे भले के लिए सोच रही थी.

खैर मुझे मेरी मौसी के पास जाना ही पड़ा, मेरी मौसी का देल्ही मे अपना घर था मौसा जी की अच्छी नौकरी थी और मेरे पिता जी की तरह हमेशा बाहर रहते थे. मेरी मौसी, मा से 4 साल बड़ी थी मगर 46 साल की हो जाने के बाद भी वो काफ़ी सेक्सी थी. मौसी भोजपुरी पिक्चर की माशूर हेरोयिन संभावना सेठ के जैसी लगती थी, सेक्सी नाक, मस्त रसीले होंठ, गोल गोल गाल अपर से गदराया हुआ गतिला सरीर. उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ और गोल गोल गंद देख कर तो कोई भी मदहोश हो जाए. वैसे तो मेरे सपनो की रानी हमेशा से मेरी मा रही थी लेकिन मौसी भी कम सेक्सी नही थी.

देल्ही आते ही मुझे अड्मिशन मिल गया और सब कुछ बहुत जल्दी सेट हो गया. मौसी ने मुझे अपना अलग कमरा दे दिया. मैं कॉलेज के अलावा जो टाइम मिलता घर पर ही रहता क्यूंकी मैं बाहर घूम कर अपना रिज़ल्ट नही खराब करना चाहता था और देल्ही मे नया होने के कारण ज़्यादा फ्रेंड भी नही हुए थे. लेकिन जब भी अकेले होता मा को मिस करता था. जब कभी मौका मिलता उसे सोचकर मूठ मार लेता और अपनी मा को चोदने के एहसास को महसूस करने की कोशिश करता.

घर मे ज़्यादातर मौसी और मैं ही रहते थे क्योंकि मेरा मौसेरा भाई जो कि 12थ मे पढ़ता था वो हॉस्टिल मे रहता था और मौसेरी बेहन की शादी हो गयी थी और ससुराल मे ही रहती थी. मुझे जब भी मौका मिलता मैं अपनी मौसी के सरीर को जी भरकर देखता लेकिन जैसे ही मौसी की नज़र मुझ पर पड़ती मैं अपनी नज़र झुका लेता.

सॅटर्डे को मौसा जी आए और रात को जब हम डिन्नर कर रहे थे तो मौसा जी ने पूछा कि पढ़ाई लिखाई कैसे चल रही है, आगे क्या प्लॅनिंग है, और कोई दिक्कत तो नही है. मैने मौसा जी के प्रस्नो का उत्तर दे दिया लेकिन तभी मौसी बोल पड़ी बस अब शादी करने की ज़रूरत है, मेरी बेहन का बेटा पूरा मर्द हो गया है. मैने अपना सर नीचे झुका लिया. मौसा ने सिर्फ़ मुस्कुरा कर टॉपिक चेंज कर दिया लेकिन मौसी के नज़रों मे अजीब से शैतानी झलक रही थी. डिन्नर के बाद मौसा जी ने कहा सुबह मार्केट जाउन्गा तुम्हे जो चाहिए वो बता देना क्यूंकी शाम को मैं जा रहा हूँ बिज़्नेस ट्रिप पे और 15 दिन तक नही आउन्गा. मैने मना कर दिया कि मुझे कुछ नही चाहिए लेकिन मौसी ने कहा इसके लिए घर पर पहनने के लिए ढीले ढाले कपड़े ला दीजिएगा, घर पे भी जीन्स ही पहनता है.

मौसा जी के जाने के बाद एक बार फिर मैं और मौसी घर पे अकेले हो गये. मौसी मेरे से ज़्यादा खुलती जा रही थी. वो जितना मेरे नज़दीक आती मैं उतना ही उस से अट्रॅक्ट होने लगा था. मैं अपनी सपनो की रानी अपनी मा को हर पल मिस करता था लेकिन मेरी दिलचस्पी मौसी मे भी बढ़ने लगी. मुझे उसके गुदाज सरीर से प्यार बढ़ता जा रहा था. हमेशा उसे घूरता था जब भी मौका मिलता था. अगले दिन जब सुबह मौसी चाइ लेकर आई मेरे रूम मे तो मैं आधी नींद मे था, मेरा लंड जो कि बचपन से तेल लगाकर मैने मोटा(3 इंच) और लंबा(8 इंच) कर रखा है रोड की तरह खड़ा था. मैने मौसी के आते ही उसे चादर से धक लिया था लेकिन मैने उसकी नज़र को अपना लंड पर घूरते देख लिया था. मौसी ने भी अपनी नज़र को मेरे से मिलाया और मुस्कुरा दिया. फिर चाइ रख कर चली गयी और बोली उठो फ्रेश हो जाओ नाश्ता लगा देती हूँ टेबल पर. मैं उठा और फ्रेश होकर नाश्ता करने लगा, मौसी भी मेरे साथ नाश्ता कर रही थी और मुझे घुरे जा रही थी. मुझे अजीब लग रहा था लेकिन फिर उसने मुझे मुस्कुराते हुए कहा क्या बात है बड़े परेशान लग रहे हो. मैने कहा मौसी कुछ नही तो मौसी ने बस मुस्कुरा दिया.

नाश्ता करने के बाद मौसी ने कहा कि आज सनडे को तुम्हारा क्या प्लान है, मैने कहा मौसी कुछ नही घर पे ही रहकर पढ़ाई करनी है, तो मौसी ने हंसते हुए कहा क्यूँ देल्ही आकर भी लड़की नही पटाई, सब तो सनडे को मूवी देखने जाते हैं. मौसी को इस तरह फ्रॅंक बाते करते देख मैने कहा नही मौसी आज कल की लड़किया बहुत चालू होती हैं.मौसी ने ज़ोर से हंसते हुए कहा तो क्या 40 साल की औरत को पटाओगे. मैने कहा हां वो मुझे ज़्यादा पसंद हैं और मुस्कुरा दिया. मौसी ने हंसते हुए कहा अच्छा तो साहबजादे की पसद लड़की नही बल्कि औरत है, गुड. तो तुम्हे मैं कैसी लगती हूँ, मैने झट से बोला बहुत खूबसूरत. फिर मौसी ने कहा खूबसूरत या कुछ और, मैने कहा समझा नही तो उसने कहा सिर्फ़ खूबसूरत लगती हूँ तो मैने कहा सेक्सी भी, उसके होंठों पे अजीब मुस्कान थी और फिर जब उसने ये तो मैने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए कहा हां तुम बहुत सेक्सी लगती हो मुझे. फिर मौसी के आँखो मे जो चमक थी वो देखने लायक थी और वो मेरे पास आकर मेरे गाल पर चिकोटी काट कर बोली इसलिए मुझे घूर घूर के देखता रहता है नॉट्ली बॉय, अपनी मौसी पे बुरी नज़र डालने मे शर्म नही आती और हँसने लगी. मैने कहा सॉरी मौसी तो उसने कहा कोई नही सारी तुम्हारी उमर की ग़लती है, और मुझे तुम्हारा देखना अच्छा लगता है मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे देखो.

मैं अब कुछ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गया था और एक स्टेप आगे बढ़कर कहा मौसी  तुम अगर चाहो तो मैं तुम्हारे साथ मूवी देखने चल सकता हूँ. मौसी ने मेरी तरफ देखा और हंसते हुए कहा 46 साल की औरत को पटाना इतना आसान नही है. मैने कहा मैं पटा थोड़े ना रहा हूँ मूवी देखने के लिए ही तो बोल रहा हूँ. मौसी ने कहा मुझे सब पता है तुम क्या कह रहे हो. मैने बोला सॉरी मौसी आपको बुरा लगा तो, उसने कहा नही मुझे बुरा नही लगा सोचती हूँ. फिर हम लोग अपने अपने काम फिनिश कर चुके थे और मैं मौसी के जवाब का इंतज़ार कर रहा था, शाम को मौसी तैयार होके अपने कमरे से निकली और बोली चलो तैयार हो जाओ मूवी देखने चलो. मैने कहा अब तो शाम हो गया तो उसने कहा मूवी देखने का मज़ा शाम को ही आता है पगले इतना भी नही पता. मेरे अंदर तो मानो ख़ुसी का नदी बह रहा था. लेकिन मैं और ज़्यादा कन्फर्म हो जाना चाहता था कि मौसी नॉर्मल है या उसके मंन मे भी कुछ है. फिर मैने कहा मौसी अगर किसी जानने वाले ने देख लिया तो? मौसी ने कहा अजीब डरपोक हो मेरे लाल, देल्ही मे कोई किसी से इतना मतलब नही रखता. और देख भी लिया तो कौन सा हम दोनो वहाँ कुछ ऐसा करेंगे मूवी ही तो देखेंगे

हम दोनो मूवी देखने गये, मौसी ने पूछा कि कौन सा मूवी देखोगे तो मैने कहा जो आपका मंन हो. मौसी ने एक इंग्लीश कॉमेडी पिक्चर का टिकेट कटवाया जिसमे खूब सारे सेक्स सीन थे. जब जब मूवी मे सीन आता मौसी मेरे हाथ को पकड़ को दबा देती मैं समझ गया कि मौसी गरम हो चुकी है इसलिए मैने अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया तो उसने मेरे कान मे कहा यहाँ नही घर चल के करेंगे. अब मैं बस यही चाहता था कि घर जल्दी पहुँच जाए.

हम दोनो मूवी देखकर घर आ गये रिक्शा पर भी मौसी ने अपना हाथ हमेशा मेरी जाँघ पर ही रखा. घर पहुँचते ही जब मैने मौसी की तरफ देखा तो मौसी ने कहा कैसी लगी मूवी तो मैं कम्कपाति आवाज़ मे बोला बहुत अच्छा, मौसी ने कहा अच्छा, जीन्स पहन के गये थे ज़्यादा दिक्कत तो नही हुआ. मैने कहा नही मौसी दिक्कत तो बहुत हुआ लेकिन क्या करता तुमने कहा घर पे.

मौसी भी गरम थी, उसकी नज़र बार बार मेरे जीन्स के अंदर टाइट लौडे पर जा रहा था. इतना तो पक्का था कि उसकी चूत से भी फवरे निकल रहे थे आग के. लेकिन वो मज़े को और अच्छे से लेना चाहती थी.

उसने कहा तो क्या करना चाहते थे तुम जो मैने तुम्हे कहा घर पे, वो मुझे तडपा रही थी. मेरा लंड जीन्स के अंदर टूट रहा था. फिर उसने कहा खुल के बोलो रंजीत, तुम मौसी के साथ क्या करना चाहते थे. मैं चुप रहा और वो मेरे पास आ गयी और बोली डरने की कोई ज़रूरत नही है मौसी को पता है कि तुम उसको चोद्ना चाहते हो. मौसी के मुँह से ऐसा बात सुनकर मेरा होश हवास उड़ गया और मैं अवाक रह गया. लेकिन मौसी ने मेरा हाथ पकड़ के बेड रूम मे चलने को कहा तो मैं झट से तैयार हो गया. मेरे लंड का तो हालत खराब ही था उसके इस खुले निमंत्रण से और भी खराब हो गया.

रूम मे जाते ही मैने मौसी को अपनी गोदी मे उठाया और पलंग पर लिटा दिया. उसके रसीले होंठों पे अपना होंठ लगाकर चूसने लगा. मेरी 46 साल की मौसी के होंठ इतने रसीले होंगे ये मैं सोच भी नही सकता था. उसकी दोनो चुचिया मेरे सीने मे दबे हुए थे, 10 मिनिट तक होंठ चूसा चूसी करने के बाद मौसी ने कहा ज़रा आराम से करो, मैं कोई भागी नही जा रही हूँ, एंजाय करते हुए करेंगे यहाँ मेरे और तेरे सिवा कोई और नही है.

फिर मौसी ने कहा चलो तुम मेरे कपड़े उतारो और बताओ मेरा सरीर तेरे लायक है कि नही? मैने उसके ब्लाउस के बटन को खीच कर तोड़ दिया और उसके दोनो बड़ी बड़ी पपीते जैसी चुचियों को मसल्ते हुए बोला तुम्हारा सरीर सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे लायक है मौसी तेरी बेहन के बेटे को तुम से अच्छा माल नही मिल सकता चोदने के लिए. ये तेरी बड़ी चुचि छुने के लिए मैं कब से तड़प रहा था. मौसी ने मेरी जीन्स को खोल दिया और मेरे मोटे लंबे लंड को पकड़ के अपना होंठ चबाते हुए बोली तो बस अब चोद डाल अपनी मा की बेहन को, अरे बाप रे तुम्हारा लॉडा तो कमाल का है. मैने तो सपने मे भी नही सोचा था कि इतना बड़ा मोटा लॉडा मुझे मिलेगा. बिल्कुल गधे जैसा है तुम्हारा लंड मेरा राजा. इतना मोटा लंड मेरी चूत मे जाएगा तो मेरी चूत तो मस्त हो जाएगी मेरे सैयाँ. लाओ मेरे राजा मुझे तुम अपना लंड चूमने दो इतना कहकर उसने मुझे चित लिटा दिया और मेरे उपर आकर मेरे लंड को चूम लिया. मेरे मोटे लंबे लंड को जब उसने अपनी होंठों से चूसा तो मेरे अंदर बिजली की एक करेंट से दौड़ गयी, मुझे लगा कि मेरे सरीर मे अजीब सी ख़ुमारी फैल गयी. फिर उसने अपनी जीभ से मेरे लॉड को चाटने लगी और बोली अरे वाह मेरे सेर क्या लंड है तुम्हारा. अब बस पहले मेरी चूत को चोद कर मुझे मस्त कर दो फिर हम लोग पूरी रात एंजाय करेंगे.

मैं भी सबसे पहले अपने घंटो से खड़े लंड को शांत करना चाहता था इसलिए उसको पूरा नंगा करके उसकी गंद के नीचे एक तकिया रखा और अपना लंड उसकी चूत के छेद पर टीका दिया, चूत के छेद पर लंड सटाने के बाद ऐसा लगा कि मैं स्वर्ग मे हूँ, मौसी की फूली फूली गीली गर्म चूत ने मानो मुझे मदहोश कर दिया था मेरा होश उड़ गया था. मेरे पूरे सरीर मे अजीब सी खुमारी फैल चुकी थी. ऐसा लग रहा था कि मैं सातवे आसमान मे हूँ. फिर मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत मे घुस चुका था और उसकी सिसकारी भारी आवाज़ कमरे मे गूंजने लगी थी.

आआआआः.... सस्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईई.. मेरे राजा मेरी चूत मे अपना लंड पेल दो राजा मेरे पूरे सरीर मे हलचल फैला दिया है तुम्हारे लंड ने देखो कितना फैल चुका है.

हम दोनो ने फिर एक दूसरे को खूब चोदा ...





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Fentency चोदिवुड सोसायटी

Fentency

चोदिवुड सोसायटी

अभी कल रविवार के दिन मै चोदिवुड सोसायटी का राउंड मारने निकला तो दोस्तों मेने क्या देखा???
सबसे पहेले चोद-कपूर साहब आये गाते गाते की...
मैं हुं झुमझुम झुमझुम झुमरुं
भोसड़ा चोदुं बनके घुंमरु!
मैं ये सेक्स का गीत सुनाता चला!
भोसडे पे मेरी नझर, हुं दुनिया से बेखबर,
बिती बातो पे वीर्य उडाता चला!!
भोलाभाला सीधा-साधा,
लेकिन लंड का हू शेह्जादा,
है ये मेरी सोसायटी और ये मेरा पार्किग प्लोट!

योडली...योडली योउ..योडली योडली युं!
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सदाबहार 'ज्वेलथीफ' को जब कोई भोसड़ा न मिला तो
उन्होंने अपना दर्द कुछ इस तरह से बयाँ किया,

ये लंड ना होता बेचारा,
कदम नो होते आवारा,
जो खूबसूरत कोई भोसड़ा,
हमसफर होता होता..हो..हो...हो..
अरे माना, चुत को नही में पहेचानता,
बंदा... रंडी-खाने का पता भी नही जानता,
अरे भोसड़े की धुन में पडेगा दुःख झेलना,
सिखा हमने है मुठ मारके जीना,
कोई ना कोई भोसड़ा तो चुदेगा,
खड़े है हम भी राहों में!
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जब सदाबहार लंड गाइड के रूप में मिल जाए तो फिर आंटी बोली ...

आज फीर चोदने का इरादा!
आज फीर गांड मरवाने का इरादा है!
कोइ ना रोको भोसडे की खुजली को!
भोसडा चुदा..आहाहा..हा हाहा!!
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'लौडो की बारात' में आये अपने प्रेमी से मिन्नत चोदान आंटीने वचन लिया की ..

चुरा लीया तुमने जो भोसडे को,
गांड कहीं मारना ना सनम!
फाड के मेरा भोसडे
कहीं बदल ना जाना सनम!
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जब श्रीचोदी आंटी को कुवारा लेकिन 'हिम्मतवाला' चोदेन्द्र का लंड मिला तो

ता थैया..ता थैया होओओओओ,
नैनो में सपना, सपनो में सजना,
सजना से भोसडा चुदवा लिया!
ओ सजना से भोसडा चुदवा लिया!
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चोदुल रॉय को 'आशिकी' में अनुभवी भोसड़े को जरूरत महेसुस हुयी.

सांसो की जरुरत है जैसे, जींदगी के लीए!
हां एक अनुभवी भोसड़ा चाहीए .ए ..ए..
कुंवारा लंड चुदवाने के लीए!
टुटुन..टुटुन...टुटुन!


लेकिन जब नादाँन चोदुल रॉय ने अनु आंटी का भोसड़ा चाटने से मना किया तो आंटी ने कहा ...

जाने जीगर जानेमन!
तुजको है मेरी कसम,
तुने भोसडा ना चटवाटा,
मर जाउंगा मैं सनम!
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चोदित रॉय ने अपनी प्यार कुछ ऐसे बयाँन किया,

लंड क्या चीज है आंटी अपना
बेंक बेलेंस तेरे नाम करता है,
ये आख्खा इण्डिया जनता है,
हम भोसड़े पे मरता है..!!

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जब लंडक्षय कुमार का लंड एक 'मोहरा' बन गया तो उन्होंने रविना आंटी से कहा

तु भोसडा बडा है मस्त! मस्त!
तु भोसडा बडा है मस्त!
आशिक है मेरा नाम नाम,
भोसडा चोदना मेरा काम...
मदहोश हुं मै हर वक्त वक्त!
तु भोसडा बडा है मस्त! मस्त! (२)


तो रविना आंटी ने जवाब दिया उसको
नही तुजको कोइ होश होश!
तुज पर वियाग्रा का जोश जोश!
नही तेरा कोइ दोश दोश
मदमस्त है तु हर वक्त..वक्त!
तेरा लंड बडा है मस्त मस्त!
तेरा लंड बडा है मस्त!
▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♪ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♫ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄
जब चोदिश्मा कपूर आंटी परदेस चली तो 'चुदासे-हिन्दुस्तानी' नामिर खान ने कहा..

परदेसी परदेसी जाना नहि,
परदेसी मेरे यारा, वादा निभाना,
तुम भोसड़ा चुदवाना कंही भुल न जाना!!

और तब करिश्मा आंटी ने कहा

हाय हुकु..हाय हुकु..हाय हाय..
ये लडका मेरे सामने,
मेरा भोसडा चोद जाए जाए जाए
हाय हुकु..हाय हुकु..हाय हाय..

▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♪ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♫ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄
और "लंड वाले आंटी ले जायेगे" बोलके माहरुख खान ने माजोल आंटी से कहा...

रुक जा ओ आंटी दिवानी,
बुझू तो मैं जरा!
भोसड़ा है या है जादु
चाटू तो मैं जरा!
पास तू आये तो भोसड़ा चोद के में देखू जरा आ..आ..आ...
▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♪ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♫ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄
तभी राधे भैया बोले

भोसड़ा चोदना, भोसड़ा चाटना
बडा अच्छा लगता है!
क्या है ये, क्युं है ये, क्या खबर ? हां मगर, जो भी है!!
भोसड़ा अच्छा लगता है!!

तो आंटीजी ने जवाब दिया

ओढनी ओढ के आज चुदावाउं,
ओढनी..
हो चुदवाउं ओढनी ओढ के आज..
के भोसडा परदेसी हो गया!
हमे तुमसे हो गया प्यार
के भोसडा परदेसी हो गया!

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बन्टी और आंटी फिल्म की केश्वर्या आंटीजी ने फरियाद की,

मेरा चेन-वेन सब उजडा!
जालिम लंड नीकाल दे,
बरबाद हो गए हैं जी
मेरे अपने शहेर वालो!

तो लडको ने जवाब दिया....

भोसडा रे..भोसडा रे,
तेरा काला काला भोसडा,
ओ तेरा भोसडा
तेरा भोसडा,
तेरे भोसडे को चोद के रहेना!
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तभी निमेश केशमिया ने माइक हाथ पे लिया..और आंटीजी को कहा ...

तेरे भोसडे की इइ...
सुर्ख दिवारो पै...
लंड है मेरा, मेरा..
लंड है मेरा, मेरा..
लंड है मेरा, मेरा आआ..
▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♪ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♫ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄
'लंडफरोश' बने नामिर खान के बारे में मोनाली आंटी ने कहा...

इस दिवाने लौंडे को,
कोइ समजाए,
सेक्स चुदाइ से ना जाने क्यो ये गबराए,
दर्दे भोसडा, जाने ना!
पास मैं जीतना आउं
उतनी दुर लंड ले जाए.!!
▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♪ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♫ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄
तभी 'चोदर' के चोद्दी देओल पाजी ने अपने ढाई किलो का लंड दिखा के चोदिषा पटेल से कहा,

उड़ जा काले कांवा तेरे
मुंह विच वियाग्रा पाँवा,
ले जा ये संदेसा मेरा,
में सजके जांवा,

ये छोटा सा लंड हे मेरा,
रांता लम्बिया लम्बिया
भोसड़ा चुदवाजा आंटीजी,
के तेरी मेरी एक सोसायटी!
▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♪ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄ ♫ ▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄▄
तो आओ मित्रों मिलकर 'शान' से गाये की,

सेक्स करने वाले!
सेक्स करते है शान से
चोदते है शान से,
गांड भी मारते है शान से,
हो चोदते है जो अनुभवी भोसडा
उनको हझारो सलाम!
ये कभी रुकते नही! रुकते पर झुकते नही
फीर चाहे जो भी अंजाम!
भोस चाटने वाले, भोस चाटते हैं शान से!
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तो दोस्तों किसकी राह देख रहे हो? आ जाओ और यूँही फ़िल्मी गीतों के जरिये भोसड़े का गुणगान और महिमागान ऐसे ही चालु रखो





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Tuesday, September 2, 2014

Fentency रंडियों का दलाल--4

Fentency

 रंडियों का दलाल--4

आगे की कहानी  . . .
रीना बोली-”हाँ माँ, पर अब ये मुझे छोड़े तब ना…इतना गन्दा हैं कि मेरा बदन चाट रहे हैं।”
मैंने जोर से कहा, “बदन नहीं बिन्दा, आपकी बेटी की चूत चाट रहा हूँ….आप चाय बनवा कर यहीं दे
दीजिए….तब तक मैं एक बार इसको चोद लूँ जल्दी से।” यह कह कर मैंने रीना को सीधा लिटा कर उसके घुटने मोड़ कर जाँघों को खोल दिया। और अपना लन्ड भीतर गाड़ कर उसकी चुदाई शुरु कर दी। आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह का बाजार गर्म था। और  जैसे हीं मैं उसकी चूत में हीं झड़ा…घोर आश्चर्य……बिन्दा खुद चाय ले कर आ गई।
बिन्दा यह देख कर मुस्कुराई…तो मैंने अपना लन्ड पूरा बाहर खींच लिया…पक्क की आवाज हुई और रीना की चूत से मेरा सफ़ेदा बह निकला।
बिन्दा यह देख कर बोली, “अरे इस तरह इसके भीतर निकालिएगा तब तो यह बर्बाद हो जाएगी” .  वो जल्दी-जल्दी अपने साड़ी के आँचल से उसकी चूत साफ़ करने लगी। रीना भी उठ बैठी तो बिन्दा उसकी चूत की फ़ाँक को खोल कर पोछी। मैं बिना कुछ बोले बाहर निकल गया हाथ में चाय ले कर, और थोड़ी देर में रीना और बिन्दा भी आ गई। फ़िर हम लोग सब जल्दी-जल्दे तैयार हुए। आज बिन्दा ने अपने हाथ से सारा खाना बनाना तय किया और रीना और रागिनी को मेरे साथ बाजार जा कर सामान सब खरीद देने को कहा। हमें अगले दिन वहाँ से निकलना था और मैंने तय किया कि आज की रात को रीना की चुदाई जरा पहले से शुरु कर दुँगा, क्योंकि आज मैं उसको वियाग्रा खा कर सबके सामने चोदने वाला था। अब जबकि बिन्दा सुबह अपनी बेटी की चूत से मेरे सफ़ेदा को साफ़ कर हीं ली थी तो मैं पक्का था कि आज के शो में वो एक दर्शक जरुर बनेगी। मैंने बाजार में हीं रीना को इसका ईशारा कर दिया था कि आज की रात मैं उसको रंडियों को जैसे चोदा जाता है वैसे चोदुँगा।
मैंने उससे कहा, “रीना बेटी, आज की रात तुम्हारी स्पेशल है। आज मैं तुम्हें सब के सामने एक रंडी को जैसे हम मर्द चोदते हैं वैसे चोदुँगा। अभी तक मैं तुम्हें अपनी बेटी की तरह से चोद रहा था और तुम्हें भी मजा मिले इसका ख्याल रख रहा था, पर आज की रात मैं तुम्हारे मजे की बात भूल कर केवल एक मर्द बन कर एक जवान लड़की के बदन को भोगुँगा तो तुम इस बात के लिए तैयार रहना। शहर में लोगों को तुम्हारे खुशी का ख्याल नहीं रहेगा। उन्हें तो सिर्फ़ तुम्हारे बदन से अपना पैसा वसूल करना रहेगा। करीब 2 बजे हम लोग घर आए और फ़िर खाना खा कर आराम करने लगे।
रीना अपनी माँ और बहनों के पास थी और रागिनी मेरे पास। हम दोनों अब आगे की बात पर विचार कर रहे थे। मैंने कहा भी कि अब अगले एक सप्ताह तक मुझे काम से छुट्टी नहीं मिलेगी सो आज रात मैं अपना कोटा पूरा कर लुँगा तब रागिनी बोली हाँ और नहीं तो क्या…अब वहाँ जाने के बाद सूरी तो रीना की लगातार बूकिंग कर देगा, जब उसको पता चलेगा कि यह शहर सिर्फ़ कौल-गर्ल बनने आई है। एक तरह से ठीक हीं है आज रात में रीना को जरा जम कर चोद दीजिए कि उसको सब पता चल जाए कि वहाँ हम लोग क्या-क्या झेलते हैं अपने बदन पर।”
मैंने आज शाम की चाय के समय हीं सब को कह दिया कि आज रात में मैं रीना को बिल्कुल जैसे एक रंडी को कस्टमर चोदता है वैसे से चोदुँगा और आप सब वहाँ देखिएगा और रागिनी मेरे रूम में रीना को वैसे हीं लाएगी जैसे रीना को दलाल लोग मर्दों की रुम तक छोड़ कर आएँगे। सबसे पहले सबसे छोटी बहन रीता की मुँह से निकला “वाह … मजा आएगा आज तो”,
फ़िर मैंने बिन्दा को कहा, “अपनी बेटी की पहली दुकानदारी पर वहाँ रहोगी तो उसका हौसला रहेगा…अगर साथ में घरवालें हों तो।” उसके चेहरे से लगा कि अब वो भी अपना सिद्धान्त वगैरह भूल कर, “जो हो रहा है अच्छा हो रहा है”, समझ कर सब स्वीकार करने लगी है। उन सब के आश्वस्त चेहरों के देख मैं मन हीं मन खुश हुआ…आजकल मेरी चाँदी है, अब एक बार फ़िर मैं एक माँ के सामने उसकी बेटी को चोदने वाला था…और ऐसी चुदाई के बारे में सोच-सोच कर हीं लन्ड पलटी खाने लगा था। मैंने करीब 8 बजे खाना खाया हल्का सा और रीना को भी हल्का खाना खाने को कहा। फ़िर करीब 9 बजे मैंने वियाग्रा की एक गोली खा ली, रागिनी मुझे वियाग्रा खाते देख मुस्कुराई…वो समझ गई थी कि आज कम से कम 7-8 घन्टे का शो मैं जरुर दिखाने वाला हूँ उसकी मौसी और मौसेरी बहनों को।
करीब पौने दस बजे मैंने रीना को आवाज लगाई जो अपनी बहनों के साथ अपना सामान पैक कर रही थी। जल्द हीं जब सब समेट कर वो आई तो मैंने उसी को जाकर सब को बुला लाने को कहा और फ़िर खुद सब के लिए नीचे जमीन पर हीं दरी बिछाने लगा। कमरे में एक तरफ़ मैंने बेड को बिछा दिया था। करीब दस मिनट में सब आ गए, सबसे बिस्तर से लगे दरी पर बैठ गए तब रागिनी अपने साथ रीना को लाई।
रागिनी एकदम सूरी के अंदाज में बोली, “लीजिए सर जी, एक दम नया माल है। आपके लिए हीं इसको बुलाया है सर जी, पहाड़न की बेटी है…खुब मजा देगी। रात भर चोदिएगा तब भी सुबह कड़क हीं मिलेगी। अभी तो इसकी चूचियाँ भी नहीं खिली हैं देखिए कैसी कसक रही है”….कह कर उसने रीना की बायीं चूची को जोर से दबा दिया। वहाँ बैठी सभी लोग रागिनी की ऐसी  भाषा सुन कर सन्न थे और उसकी अदाकारी का फ़ैन हो रहा था। फ़िर उसने रीना को मेरी तरफ़ ठेल दिया जिसे मैंने बिना देर किए अपनी तरफ़ खींचा। वियाग्रा खाए करीब एक घन्टा हो गया था सो मेरा लन्ड लगभग टन्टनाया हुआ था। बिना देर किए मैंने रीना के बदन से कपड़े उतारने शुरु कर दिए। पहले दुपट्टा, फ़िर कुर्ती इसके बाद सलवार….। रीना को ऐसी उम्मीद न थी सो मेरी फ़ुर्ती पर वो हैरान थी, और बिना देर किए मैंने उसकी पैन्टी नीचे सरार दी और जब तक वो समझे मैंने उस पैन्टी को उसके ताँगों से निकाल दिया और एक धक्के के साथ उसे नीवे बिछे बिछावन पर लिटा दिया। उसकी दोनों टाँगों को घुटने के पास से पकड़कर खोल दिया और फ़िर उसकी चूत में अपना टनटनाया हुआ लन्ड घुसा कर चोदने लगा। बेचारी सही से गीली भी नहीं हुई थी और उसको मेरे लन्ड पर लगे मेरे थुक के सहारे हीं अपनी चूत मरानी पड़ी सो वो कराह उठी। पर लौन्डिया नया-नया जवान हुई थी सो 5-6 धक्के के बाद हीं गीली होने लगी और मेरा लन्ड अब खुश हो कर मस्ती करने लगा। रीना की माँ और उसकी दोनों बहने वहीं बैठ कर सब देख रही थी। करीब 10 मिनट तक लगातार कभी धीरे तो कभी जोर से मैं उसको चोदा और फ़िर उसकी चूत में झड़ गया। किसी को इसका अंदाजा न था, पर जब मैंने अपना लन्ड बाहर खींचा तो रीना की चूत में से मेरा सफ़ेद माल बह चला।
मैंने बिना देरी किए रीना के मुँह में अपना लन्ड घुसा दिया जो ईशारा था उसके लिए, जिसको समझ कर वो मेरे लन्ड को चुस-चाट कर साफ़ की तो मैंने उसको पलट दिया और फ़िर उसकी गाँड़ मारने लगा। उस दिन लगातार चार बार मैं झड़ा, दो बार उसकी चूत में और एक-एक बार उसकी गाँड़ और मुँह में। इसके बाद मैंने पानी माँगा। बेचारी रीना थक कर  चूर थी और वो मुँह से न बोल कर ईशारे से अपने लिए भी पानी माँगी।
बिन्दा हमारे लिए पानी लेने चली गई तो मैंने ईशारा किया और रीता मेरे पास आ कर मेरे लन्ड को चुसने लगी। बिन्दा जब पानी ले कर आई तो यह देख सन्न रह गई कि उसकी सबसे लाडली और छोटी बेटी अपने से 31-32 साल बड़े एक मर्द का लन्ड चूस रही है, वो भी उस मर्द का जो उसकी माँ के साथ अभी-अभी उसके सामने उसकी बड़ी बहन को चोदा था। वो गुस्से से भर कर रीता को मेरे ऊपर से हटाई तो रागिनी मेरे सामने बैठ कर लन्ड चूसने लगी और जैसे हीं बिन्दा ने एक थप्पड़ रीता को लगाया रुँआसी हो कर बोल पड़ी, “ये सब देख कर मन हो गया अजीब तो मैं क्या करूँ, तुम तो अंकल से चुदा ली और दीदी को भी चुदा दी और मुझे जो मन में हो रहा है उसका क्या? एक बार अंकल का छू ली तो कौन सा पाप कर दी, कुछ समय के बाद मुझे भी तो ऐसे हीं चुदाना होगा तो आज क्यों नहीं?”
अब रीना तो मैं अगले दौर के लिए खींच लिया था और रागिनी उन माँ-बेटी में सुलह कराने के ख्याल से बोली, “रीता अभी तुम छोटी हो, अभी कुछ और बड़ी हो जाओ फ़िर तो यह सब जिन्दगी भी करना हींहै} अभी से उतावली होगी तो तुम्हारा समय से पहले हीं ढ़ीला हो जाएगा फ़िर किसी को मजा नहीं आएगा न तुमको और न हीं जो तुमको चोदेगा उसको। अभी तो ठीक से झाँट भी नहीं निकला है तुमको।”
मैंने कहा – देखिये बिंदा जी. आज मैंने वियग्रा खाया है. मेरा लंड अभी शांत नही होगा. आपकी रीना तो अभी ही पस्त हो गयी है. अब मै किसे चोदुं?
बिंदा ने कहा – आप मुझे चोद लीजिये.
मैंने कहा – आईये , कपडे उतार कर आ कर नीचे लेट जाईये.
बिंदा ने सिर्फ साड़ी पहन रखी थी. उसने झट अपनी साड़ी उतारी. साड़ी के नीचे उसने ना ब्रा पहनी थी ना ही पेंटी. वो रागिनी और अपनी सभी बेटियों के सामने नंगी हो कर मेरे लंड को चूसने लगी. रीना ने लेटे लेटे ही अपनी चूत में अपनी उंगली डाल कर अपनी माँ को मेरा लंड चूसते हुए देख रही थी. अब मैंने देर करना उचित नही समझा. मैंने बिंदा को पटक कर जमीन पर लिटाया और उसकी टांगों को मोड़ कर अलग कर उसके बुर को फैलाया और अपना विशाल लंड उसके चूत में घचाक से डाल दिया. कई मर्दों से चुदा चुकी बिंदा को भी मेरे इस मोटे लंड का अहसास नही था. वो दर्द के मारे बिलबिला गयी. लेकिन वो मेरे झटके को सह गयी. अब मै उसकी चूत को पलना  चालु कर दिया. उसकी बेटियां अपनी माँ की चुदाई काफी मन से देख रही थी. करीब १५ मिनट की चुदाई में बिंदा ने 3 बार पानी छोड़ा. लेकिन मेरे लंड से 15वें  मिनट पर माल निकला जो उसकी चूत में ही समा गयी. अब बिंदा भी पस्त हो कर जमीन पर लेट गयी थी. लेकिन मै पस्त नहीं हुआ था. अब रागिनी की बारी थी. वो तो पेशेवर रंडी थी. मैंने सिर्फ उसे इशारा किया और वो बिंदा के बगल में जमीन पर नंगी लेट गयी.
लेकिन मैंने कहा – रागिनी तेरी गांड मारनी है मेरे को.
रागिनी मुस्कुराई और खड़ी  हो कर एक टेबल पकड़ कर नीचे झुक गयी. मैंने उसकी कई बार गांड मारी थी. इसलिए मेरे लंड को उसके गांड के अन्दर जाने में कोई परेशानी नही हुई. तक़रीबन 200 बार उसके गांड में लंड को आगे -पीछे  करता रहा. लेकिन वो सिर्फ मुस्कुराते रही. बिंदा और उसकी बेटियां मुझे रागिनी की गांड मारते हुए देख रही थी.
मैंने कहा – देखा बिंदा, इसे कहते हैं गांड मरवाना, देखो इसे दर्द हो रहा है?
रूबी ने कहा – रागिनी दीदी तो रोज़ 10-12 बार गांड मरवाती हैं तो दर्द क्या होगा?
मैं रागिनी की गांड मारते हुए हंसने लगा. रागिनी ने भी मुस्कुराते हुए रूबी से कहा – आजा, तू भी गांड मरवा के देख ले अंकल से. तुझे भी दर्द नहीं होगा.
रूबी ने कहा – ना बाबा ना. मै तो सिर्फ चूत चुदवा सकती हूँ आज. गांड नही.
यह सुन कर मेरी तो बांछें खिल गयी. मैंने कहा – खोल दे अपने कपडे , आज तेरी भी चूत की काया पलट कर ही दूँ. क्यों  बिंदा क्या कहती हो?
बिंदा ने कहा – जब चुदाई देख कर रीता की चूत पानी छोड़ने लगी है  तो रूबी तो उस से बड़ी ही है. उस की तमन्ना भी पूरी कर ही दीजिये. लेकिन प्यार से. रूबी, अपने कपडे उतार कर तू भी हमारी बगल में लेट जा.
माँ की परमिशन मिलते ही रूबी ने अपनी कुर्ती और सलवार उतार दिया. अन्दर उसने सिर्फ पेंटी पहन रखी थी. जो पूरी तरह गीली हो चुकी थी. सीने पर माध्यम आकार के स्तन विकसित हो चुके थे. रूबी पेंटी पहने हुए ही अपनी माँ के बगल में लेट गयी. बिंदा ने उसकी पेंटी को सहलाते हुए कहा – क्यों री , तेरी चूत से इतना पानी निकल रहा है?
रागिनी ने अपनी गांड मरवाते हुए कहा – क्यों नहीं निकलेगा पानी मौसी? इतनी चुदाई देखने के बाद तो 100 साल की बुढ़िया की चूत भी पानी छोड़ देगी . ये तो 16 साल की जवान है.
जवाब सुन कर हम सभी को हँसी आ गयी. बिंदा ने रूबी  की पेंटी खोल दी. और उसकी चिकनी गीली चूत सहलाने लगी.
बिंदा बोली – क्यों री रूबी, ये चूत तुने कब शेव किया? दो दिन पहले तक तो बाल थे तेरी चूत पर.
रूबी – उस रात को जब अंकल तुम्हे चोद रहे थे ना तब तू अंकल से कह रही थी कि मेरी चूत के बाल फँस गए हैं .  तभी मै सजग  हो गयी थी. और उसी रात को चूत की शेव की थी मैंने. मुझे पता था कि क्या पता कब मौका लग जाए चुदाने का
बिंदा – अच्छा किया कि तुने चूत की शेव कर ली. नहीं तो तेरे अंकल का लंड इतना मोटा है की चुदाई में बाल फँस जाते हैं और बहुत दुखता है. अच्छा , मै जो मोटा वाला मोमबत्ती खरीद कर लायी थी वो इसमें डालती हो कि  नही आजकल?
रूबी – क्या माँ, अब तेरी उस मोमबत्ती से काम नहीं चलने वाला .  अब तो पतला वाला बैगन भी डाल लेती हूँ.
बिंदा – पूरा घुसा लेती हो?
रूबी – नहीं , आधा डाल कर ही मुठ मार लेती हूँ.
बिंदा – अच्छा ठीक है, आज अपने अंकल का लंड ले कर अपनी प्यास बुझा लो.
मैंने जितना सोचा था उस से भी कहीं अधिक यह परिवार आगे था. मैंने झटाझट रागिनी की गांड मारी और अपना माल उसकी गांड में गिराया. अब मेरी वियाग्रा का प्रभाव कम होना शुरू हुआ. मैंने रागिनी के गांड में से अपना लंड निकला और रूबी के बगल में लेट गया. रागिनी भी नंगी ही मेरे बगल में लेट गयी. अब बिंदा उसकी दो बेटी- रूबी और रीना , रागिनी और मैं सभी एक साथ जमीन पर पूरी तरह नंगे पड़े हुए थे. अब मुझे रूबी की चूत का भी सील तोड़ना था.
मैंने रूबी को अपने से सटाया और अपने ऊपर लिटा दिया. उसका होंठ मेरे होंठ के ऊपर था. मैंने उसके सर को अपनी सर की तरफ दबाया और उसका होठ का रस चूसने लगा. वो भी मेरे होठ के रस को चूसने लगी. उसके हाथ मेरे लंड से खेल रहे थे. मैंने उसे वो सब करने दिया जो उसकी इच्छा हो रही थी. वो मेरे मोटे लंड को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसल रही थी. उसकी माँ और बहन उसके बगल में लेट कर हम दोनों का तमाशा देख रही थी. थोड़ी देर में मैंने उसके होठों को अपने होठ से आजाद किया. उसे जमीन पर पीठ के बल लिटाया और उसकी माध्यम आकार की चुचियों से खेलने लगा. रूबी को काफी मज़ा आ रहा था. 
बिंदा – अरे भाई, जल्दी कीजिये न? कब से बेचारी तड़प रही है.
मैंने भी अब देर करना उचित नही समझा. मैंने कहा – क्यों री रूबी, डाल दूँ अपना लंड तेरी चूत में?
रूबी – हाँ, डाल दो.
मैंने – रोवेगी तो नहीं ना?
रूबी – पहाड़न की बेटी हूँ. रोवुंगी क्यों?
मैंने उसके दोनों टांगों तो मोड़ा और फैला दिया. उसकी एक टांग को उसकी माँ बिंदा ने पकड़ा और दूसरी टांग को रागिनी ने. मैंने अपने लंड को उसकी चूत की छेद के सामने ले गया और घुसाने की कोशिश  की. लेकिन रूबी की चूत की छेद छोटी थी और मेरा लंड मोटा. फलस्वरूप उसकी चूत पर चिकनाई की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में ना घुस कर फिसल गया.
बिंदा ये देख कर हंसी और बोली – अरे भाई संभल कर. पहली बार चूत में लंड घुसवा रही है. रुक जाईये. मै डलवाती हूँ.
उसने एक हाथ की उँगलियों से अपनी बेटी रूबी की चूत चौड़ी करी और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर उसकी चूत की छेद पर सेट किया. फिर मेरा लंड को कस कर पकड़ लिया ताकि फिर फिसल न जाये. बोली – हाँ , अब सही है. अब धीरे धीरे .
मैंने अपना लंड काफी धीरे धीरे रूबी की चूत में ससारना शुरू किया. उसकी चूत काफी गीली थी. इसलिए बिना ज्यादा कष्ट के उसने अपने चूत में मेरे लंड को घुस जाने  दिया. करीब आधा से ज्यादा लंड मैंने उसके चूत में डाल दिया था, लेकिन रूबी को कोई तकलीफ नहीं हो रही थी.
बिंदा को थोडा आश्चर्य हुआ. बोली – क्यों री, पहले ही चुदवा  ली है क्या किसी से?
रूबी – नही माँ. इस लंड के इतना मोटा बैगन तो मै रोज डालती हूँ ना.
मैंने कहा – आप चिंता क्यों करती हो बिंदा जी. अभी टेस्ट कर लेता हूँ.
मैंने कह कर कस के अपने लंड को उसके चूत में पूरा डाल दिया. रूबी चीख पड़ी. –माआआ
उसकी चूत की झिल्ली फट गयी. उसके चूत से हल्का सा खून निकल आया. खून देख कर बिंदा का संतोष हुआ कि रूबी को इस से पहले किसी ने नहीं चोदा था.
मैंने अपना काम तेजी से आरम्भ किया. उस दुबली पतली रूबी  पर मै पहाड़ की तरह चढ़ उसे चोद रहा था. लेकिन वो अपनी इबादी बहन से ज्यादा सहनशील थी. उसने तुरंत ही मेरे लंड को अपने चूत में और मेरे भारी भरकम शरीर के धक्के को अपने दुबले शरीर पर सहन कर लिया. फिर मैंने उसकी 10 मिनट तक दमदार चुदाई करी. उसकी माँ इस दौरान अपनी बेटी के बदन को सहलाती रही तथा ढाढस बंधाती रही. 10 मिनट के बाद जब मेरे लंड ने माल निकलने का सिग्लन दिया तो मैंने झट से लंड को उसके चूत से निकाला और रूबी को  उठा कर उसके मुह में अपना लंड डाल दिया. वो समझ गयी की मेरे लंड से माल निकलने वाला है. वो मेरे लंड को चूसने लगी. मेरे लंड ने माल का फव्वारा छोड़ दिया. रूबी ने सारा माल बिना किसी लाग लपेट के पी गयी. और मेरे लंड को चूस चूस कर साफ़ करी.
अब मै फिर एक- एक बार रीना और उसकी माँ बिंदा को चोदा .
रात दो बज गए थे. अंत में हम सभी थक गए. सबसे छोटी रीता हमारी चुदाई का खेल  देखते देखते वहीँ सो गयी. बिंदा की गांड मारने के बाद मैं थक चुका था. हम सभी जमीन पर नंगे ही सो गए. लेकिन एक घंटे के बाद ही मेरी नींद खुली. मेरा लंड कोई चूस  रही  थी . मै लगभग नींद में था. अँधेरे में पता ही नही था की उन चार नंगी औरोतों में कौन मेरे लंड को चूस रही थी. मेरा लंड खड़ा हो चुका था. वो कौन थी मुझे पता नहीं था. मैंने नींद में ही और अँधेरे में ही उसकी जम के चुदाई की. इसी दौरान मेरी पीठ पर भी कोई चढ़ चुकी थी. ज्यों ही मैंने नीचे वाली के चूत में माल निकाला त्यों ही मेरी पीठ पर चढी औरत ने मुझे अपने ऊपर लिटाया और अपनी चूत में मेरे लंड को घुसा कर चोदने का इशारा किया. फिर मै उसे भी चोदने लगा. तभी मुझे अहसास हुआ की मेरी दोनों तरफ से दो और महिला भी मेरे से सट गयी हैं और मेरे चुदाई का आनंद उठा रही है. यानि मै इस वक़्त तीन औरतों के कब्जे में था. कोई मेरे होठों को चूम रही थी तो कोई मेरे अंडो को चूस रही थी. कोई मेरे लंड को अपने चूत में डलवा रही थी. ये प्रक्रम सुबह होने तक चलता रहा. जब थोड़ा थोडा उजाला हुआ तो मैंने देखा की मुझे से बिंदा, रीना और रूबी लिपटी हुई हैं. मेरे लंड इस वक़्त बिंदा के चूत में थे. बगल में रागिनी बेसुध सोयी पड़ी थी. मैंने अभी भी इन तीनो के साथ चुदाई करना चालु रखा. सुबह के नौ बज चुके थे. और तीनो माँ बेटी मुझे अभी तक नही छोड़ रही थी. ठीक नौ बजे  सबसे छोटी रीता जग गयी. उस वक़्त रूबी मुझसे चुदवा रही थी और बिंदा मेरी पीठ पर चढी हुई थी. उधर रीना अपनी माँ की चूत चूस रही थी. जब मैंने रूबी के चूत में माल निकाला तो कुछ भी नही निकला सिर्फ एक बूंद पानी की तरह निकला. इस में भी मुझे घोर कष्ट हुआ. मजाक है क्या एक रात में 24-25 बार माल निकालना?
उसके बाद तो मै उन सब को अपने आप से हटाया और नंगा ही किसी तरह आँगन में जा चारपाई पर गिर पड़ा. शायद तब उन तीनों को समय और अपनी परिस्थिती का ज्ञान हुआ. वे तीनो कपडे पहन बाहर आयीं. रागिनी को भी जगाया. हमारी आज की बस छुट चुकी थी. रागिनी बेहद अफ़सोस कर रही थी. लेकिन मुझे नंगा चारपाई पर पड़ा देख उसे काफी आश्चर्य हुआ? उसने बिंदा से पूछा – मौसी, इन्हें क्या हुआ?
बिंदा – रात भर हम लोगों ने इस से चुदवाया. अभी अभी इस को हमने छोड़ा.
रागिनी – माई गाड, इतना तो बेचारा एक महीने में भी नहीं चोदता होगा. और तुम पहाड़नियों माँ बेटियों ने एक ही रात में इसका भुरता बना दिया. हा हा हा हा …खैर.. इस चारपाई को पकड़ो और इसे अन्दर ले चलो. कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी.
उन चारों ने मेरी चारपाई को पकड़ा और मुझे अन्दर ले गयी. मै दिन भर नंगा ही पड़े रहा. शाम को मेरी नींद खुली तो मैंने खाना खाया.
हालांकि हमें अगले दिन ही लौट जाना था लेकिन उन माँ बेटियों ने हमें जबरदस्ती 10 दिन और रोक लिया. और वो तीनों माँ-बेटी और रागिनी हर रात को पूरी रात मेरा सामूहिक बलात्कार करती थी .
जब बिंदा और रूबी का मन पूरी तरह तृप्त हो गया तब उसने मुझे रीना के साथ शहर वापस आने की अनुमती दी. रीना तो पहले से ही रंडी बन चुकी थी. शहर आते ही उसने रंडियों में काफी ऊँचा स्थान बना लिया. छः महीने में ही उसने कार और फ़्लैट खरीद कर बिंदा , रूबी और रीता को भी शहर बुला लिया. बिंदा और रूबी भी इस धंधे में कूद पडीं.
मुझे आश्चर्य हुआ कि बिंदा की डिमांड भी मार्केट में अच्छी खासी हो गयी . अब ये तीनो  इस धंधे में काफी कम रही है.


हाँ, सबसे छोटी रीता को इस दलदल से दूर रखा है और उसे शहर से दूर बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाया जा रहा है.

धन्यवाद









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