Friday, May 1, 2015

Fentency भाई के दोस्त ने पेंटी खुलवाई

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 भाई के दोस्त ने पेंटी खुलवाई

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम संजना है और मेरी उम्र 18 साल की है.. मेरा फिगर 34-28-36 है और में चुदाई की बहुत शौकीन हूँ.. जब में पहली बार चुदी तब से अब तक चुदाई ही मेरी ज़िंदगी है. में अभी तक 22 लोगों से चुदवा चुकी हूँ.. दोस्तों अब में अपनी स्टोरी पर आती हूँ.
दोस्तों यह एक साल पहले की बात है.. मेरे छोटे भाई के 2 दिन के बाद परीक्षा शुरू होने वाली थी और उसका पहला पेपर गणित का था.. लेकिन उसके चश्मे का नंबर बढ़ गया था.. इसलिए मेरी माँ उसे डॉक्टर के पास ले गयी थी. मेरा भाई और उसका दोस्त विपिन मिलकर पढ़ाई करने वाले थे. विपिन की कोचिंग में दूसरे ही दिन गणित का टेस्ट था और वो स्कूल के एग्जाम के पहले था और मेरा भाई गणित में बहुत अच्छा था. विपिन एक टपोरी लड़का था.. वो बहुत शरारती, मस्तीखोर, बत्तमीज और पढ़ाई में बहुत खराब था और वो हम लोगों के इलाके में एक छोटी सी खोली में रहता था. उसे मेरा भाई हमारे घर पर आज गणित सिखाने वाला था.. इसलिए वो हमारे घर आया.. लेकिन मेरे भाई ने विपिन को नहीं बताया था कि वो आज डॉक्टर के पास जाने वाला है. तो विपिन दोपहर को ही हमारे घर पर आ गया और में उस समय घर पर बिल्कुल अकेली थी. तो मैंने उसे बताया कि मेरा भाई डॉक्टर के पास गया है और क्या तुम्हे उसने पहले नहीं बताया था कि वो आज घर पर नहीं मिलेगा? तो वो कहने लगा कि नहीं उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया और फिर उसने कहा कि क्या वो मेरे भाई की गणित की किताब लेकर जा सकता है? तो मैंने उससे कहा कि तुम इधर ही रुक कर पढ़ाई कर लो और शायद हो सकता है कि मेरा भाई भी एक घंटे में आ जाए.
तो वो अंदर आ गया और सोफे पर बैठ गया और उसने मुझसे पीने को पानी माँगा और मैंने उसे किचन से पानी लाकर दिया और में उसे अपने भाई की गणित की किताब लाने के लिए अंदर चली गयी. फिर जब में बाहर आई तो वो मेरी किताब ( जो में उसके आने के पहले पढ़ रही थी और वो सोफे पर ही रखी थी ) पढ़ रहा था. उस किताब में प्यार पर आर्टिकल था और फोटो भी थे. तभी मैंने उससे किताब छीन ली और बहुत डाटा.. लेकिन वो बेशार्मो की तरह हंस रहा था और फिर उसने मुझसे सॉरी कहा और किताब लेकर बैठ गया और हमेशा उसके मुहं पर पूरे टाईम बेशार्मो वाली स्माईल रहती थी. फिर वो मुझे बार बार देखकर हंस रहा था जैसे उसे मेरा सीक्रेट पता चल गया है. तो में वहाँ से उठकर अपने रूम में चली गयी और फिर से अपनी किताब पढ़ने लगी. तभी कुछ देर बाद मुझे ऐसा लगा कि अगर उसने बैठक रूम में से कुछ सामान उठा लिया तो? और इसलिए में फिर से बाहर गयी.. तो वो सोफे पर लेटकर पढ़ रहा था और में उसे देखकर चौंक गयी कि यह लड़का इतना बत्तमीज कैसे हो सकता है? फिर मैंने उसे उठने को नहीं कहा और सीधा सोफे पर उसके पास बैठने चली गयी.. यह सोचकर कि शायद वो मुझे देखकर उठेगा.. लेकिन उसने बस अपना पैर हटाया और मुझे बैठने दिया और उसका पूरा ध्यान अपनी किताब में ही था. तो में भी अपने मोबाईल में व्यस्त हो गयी और ऐसे ही मैसेज टाईप करते करते मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे घूर रहा था और वो भी बहुत देर से और उसकी नज़र मेरे चेहरे पर नहीं थी. फिर मैंने उसे ध्यान से देखा तो वो मेरे बूब्स की गली की तरफ देख रहा था और मुझे याद आया कि विपिन के आने से पहले मैंने अपनी ब्रा को निकाल दिया था और में आर्टिकल पढ़ते पढ़ते अपनी निप्पल को सहला रही थी और में विपिन के अचानक से आने पर अपनी ब्रा को पहनना भूल ही गयी. एक तो में टी-शर्ट भी बहुत टाईट पहनी हुई थी और अब मेरे निप्पल भी बहुत साफ साफ टी-शर्ट में से दिख रहे थे और फिर मैंने किताब से अपनी निप्पल वाला भाग ढक लिया.
फिर मैंने विपिन से कुछ भी नहीं कहा.. क्योंकि में उससे कुछ बोल ही नहीं पाई. मेरे भाई का दोस्त अब मेरे बूब्स देख रहा था यह सोचकर मुझे बहुत अजीब लगा.. मेरे लिए मेरा भाई बच्चो जैसा है और मुझे उसके दोस्त भी बच्चे ही लगते थे भले ही वो ज्यादा उम्र का हो. हम दोनों में 4 साल का अंतर है और मैंने कभी भी मुझसे कम उम्र वालों की तरफ उस नज़र से नहीं देखा था. फिर में बहुत शांत हो गयी और मैंने पढ़ते पढ़ते फिर से विपिन की तरफ देखा.. वो भी मेरी तरफ देखने लगा और हम दोनों एक दूसरे की आँखो में बिना कुछ कहे घूर रहे थे. वो भी बिना किसी के डर के मेरी आँखों में बिना नज़र हटाए देख रहा था और मेरी धड़कने बहुत तेज़ हो गयी और मुझे यह अहसास जाना पहचाना सा लग रहा था. तो मैंने अपनी नज़रे उसकी तरफ से हटाई और में किताब में देखने लगी. तभी मैंने विपिन की तरफ फिर से देखा तो वो मेरे शरीर को पूरी तरह से देख रहा था और उसने अपनी नशीली आँखों से मेरी तरफ देखा. तभी मुझे उसकी पेंट में उसके खड़े लंड का आकार दिखाई दिया और मेरी गरम चूत से खुद ब खुद पानी निकलने लगा और अब मुझे पता चल गया कि मुझे क्या अहसास हो रहा था?
तभी में जल्दी से उठकर अपने रूम की तरफ चली गयी और विपिन भी जल्द से उठकर बैठ गया और मुझे अपने रूम में जाते वक़्त बड़े ध्यान से देखने लगा. फिर मैंने रूम में अंदर घुसते वक़्त सोफे पर बैठे हुए उसकी तरफ देखा और हम 5 सेकिण्ड तक एक दूसरे को ऐसे ही घूरते रहे और में अंदर चली गयी और फिर मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर मैंने अपने कपड़े उतार कर फेंक दिए और अपने आप को सहलाने लगी. मैंने अपनी चूत में ऊँगली डालनी शुरू कर दी.. लेकिन यह बहुत ग़लत था और मुझे उस लड़के की वजह से गर्माहट महसूस हो रही थी.. में पूरी तरह गरम हो चुकी थी. मेरी चूत अब मुझसे एक लंड मांग रही थी और मेरा अपने आप पर कोई वश नहीं था. वो दूसरे रूम में था और में अपने कमरे में नंगी होकर अपनी चूत को सहलाकर ठंडा करने की कोशिश कर रही थी.
तभी मुझे दरवाज़े के नीचे वाले हिस्से से दिखाई दिया कि दरवाज़े के बाहर कोई खड़ा है और में समझ गयी कि यह विपिन ही है. तो में ज़मीन पर लेट गयी और खुद को सहलाने लगी और विपिन भी ज़मीन पर झुककर दरवाज़े के नीचे के हिस्से से अंदर देख रहा था. में उसके सामने ही उसे अपनी चूत दिखाते हुए नीचे ज़मीन पर लेटी थी. तभी डोर बेल बजी तो में जल्दी से उठी और कपड़े पहनकर बाहर गयी तो मैंने देखा कि हॉल में उसकी किताब सोफे पर पड़ी थी.. लेकिन विपिन वहां पर नहीं था. फिर वापस से एक बार और डोर बेल बजी और मैंने दरवाज़ा खोला तो वॉचमेन था और वो लाईट का बिल देने आया था. फिर मैंने उससे बिल लिया और जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया और विपिन को ढूँढने लगी और फिर मुझे हॉल में एक अंडरवियर ज़मीन पर पड़ी हुई मिली और मैंने अंडरवियर उठाई और उसे ढूँढने लगी. मैंने उसे बाथरूम में देखा तो वो वहाँ पर भी नहीं था और फिर में मेरे भाई के बेडरूम में गयी तो वो वहाँ पर चुपचाप खिड़की की तरफ खड़ा था. तभी मैंने उससे पूछा कि यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो वो कुछ नहीं बोला और फिर थोड़ी देर मुझे घूरने के बाद बोला कि मुझे बहुत डर लगा कि कोई आ गया है तो में यहाँ पर आकर छुप गया. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या यह तेरी अंडरवियर है? तो उसने कहा कि हाँ. फिर मैंने उससे पूछा कि इसे क्यों निकाली थी? तो उसने फिर से नशीली आँखों से घूरते हुए कहा कि ऐसे ही.
तो मैंने उससे पूछा कि सीधे सीधे बता क्यों निकाली थी? लेकिन वो कुछ नहीं बोला. तो मैंने कहा कि तू जब तक नहीं बताएगा.. में तब तक तुझे तेरी अंडरवियर नहीं दूँगी. फिर मैंने उसकी अंडरवियर ली और हॉल में चली गयी और सोफे पर जाकर बैठ गयी. तो मुझे पता चल गया कि वो शायद पहले नंगा हुआ होगा और बेल बजने पर जल्दी जल्दी में कपड़े लेकर रूम में भाग गया होगा.. लेकिन में जानना चाहती थी कि वो नंगा हो कर क्या करने वाला था? और वो बहुत देर तक उस रूम से बाहर नहीं निकला. तो में फिर से अपने भाई के रूम में देखने गयी तो वो बेड पर नंगा बैठकर अपना लंड हिला रहा था. तभी उसने मुझे देखा तो उसकी आँखों में बिल्कुल भी डर नहीं था.. किसी और के घर में अपने फ्रेंड की बड़ी बहन के सामने नंगा होकर लंड हिलाने की बात पर उसे कोई भी डर या शरम नहीं थी.. बल्कि वो मुझे अपनी नशीली आँखों से घूर घूरकर देखता रहा. उसका लंड बहुत बड़ा था.. करीब 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा और वो एकदम तनकर खड़ा था.. शायद वो मेरी चूत को सलामी दे रहा था.
मुझे अपने से छोटी उम्र के लड़के के खड़े लंड को देखकर अलग सा अहसास हुआ और में इतना खूबसूरत लंड देखकर चौंक गयी थी.. लेकिन उम्र में बड़ी होने की वजह से कुछ भी नहीं बोली. में उसे डांटने का नाटक तक करना चाहती थी.. लेकिन कुछ बोल ना सकी और में चुपचाप हॉल में चली गयी और किताब पढ़ने का नाटक करने लगी. फिर मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? और अब मेरी चूत गीली हो चुकी थी और में अभी भी यही सोच रही थी कि क्या यह सब ग़लत तो नहीं हो रहा? और वो लड़का मुझसे छोटा है. तभी विपिन वैसे ही नंगा मेरी तरफ हॉल में आया और मेरे सामने आकर खड़ा हो गया और अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा. तो में उसे वहाँ से भगाना चाहती थी या भगाने का नाटक करना चाहती थी.. लेकिन वो भी मुझसे नहीं होने वाला था. फिर मेरी चूत भी लंड की प्यासी हो गयी थी और मेरा मुहं भी लंड के लिए सूख गया था और लंड लिए मेरे पूरे बदन में बिजली दौड़ रही थी.. में फिर भी किताब में ही देखती रही.
तभी विपिन ने मेरे हाथ से किताब छीनकर फेंक दी और मेरी तरफ देखने लगा. फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे किस का इशारा किया और जोर से अपना लंड हिलाता रहा और में उसके लंड को 1 मिनट तक देखती रही और निहारती रही.. मुझे अब उसके लंड पर टूट पढ़ना था.. लेकिन वो मेरे भाई का फ्रेंड था और वो मेरे भाई को ब्लॅकमेल भी कर सकता था और मुझे भी ब्लॅकमेल कर सकता था.. इसलिए में अभी भी कुछ नहीं कर रही थी.. लेकिन मेरा पूरा शरीर कुछ और ही बोल रहा था और मन कुछ और.. तो मैंने धीमी आवाज़ में कहा कि अब बंद भी कर यार. तो उसने मुझसे कहा कि लो ना.. में चुप बैठी रही और वो मेरे मुहं की तरफ लंड को करीब लाया और मुझे उसके लंड की खुश्बू आने लगी.. में झुकी हुई थी और माथे पर हाथ था और उसका लंड मेरे होंठो से सिर्फ़ थोड़ी ही दूरी पर था और अगर वो हल्का सा भी आगे आता तो मेरे होंठो को उसका लंड छू जाता. मैंने वापस लंड की तरफ देखा और उसकी तरफ देखा.. तो वो मेरे पास में आकर सोफे पर लेटकर लंड को हिलाने लगा. हम एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे और वो ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगा. फिर आखिरकार उसका वीर्य गिर ही गया और उसका बहुत सारा वीर्य निकला और में उसके लंड की तरफ ही देखती जा रही थी. वो दो मिनट ऐसा ही पड़ा रहा और फिर बाथरूम में जाकर लंड धोकर बाहर आया और वो मेरे पास में आकर नंगा थककर बैठा हुआ था. मैंने उससे पूछा कि यह क्या था? तो उसने कहा कि तुझे देखकर जोश चड़ गया था. वो मेरे सामने अपने बड़े लंड को लेकर हिला रहा था.. फिर वीर्य को गिराया और अब मेरे पास में बिना किसी शर्म के नंगा बैठकर मुझसे बातें कर रहा है.
तो हम कुछ देर तक ऐसे ही शांत बैठे रहे. तभी उसने सोफे पर लेटते हुए मेरी गोदी में सर रखा.. लेकिन में चुप रही और उसने फिर अपनी उंगली से मेरे निप्पल को छुना शुरू किया और मुझे उसका ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था.. में बस चुप रही. फिर वो ऐसा कुछ देर तक करता रहा और जब में कुछ नहीं बोली तो उसने धीरे धीरे मेरे बूब्स को दबाना शुरू किया. अब जब में बिल्कुल शांत रही तो उसने सीधा टीशर्ट के ऊपर से ही निप्पल को काटना शुरू किया और वो टी-शर्ट के ऊपर से ही निप्पल को दांत से खींच रहा था.. लेकिन मेरा शरीर शांत था. में कुछ नहीं सोच रही थी.. बस जो होगा वो होने दे रही थी. फिर उसने नीचे से मेरी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर किया और मेरे नंगे बूब्स को चूमने लगा, काटने लगा और सहलाने लगा. फिर उसने मुझसे टी-शर्ट को उतरवाया और मेरी गोद में ही सर रखकर वो यह सब कर रहा था.. मेरी नाभि को भी चाट रहा था. जब उसने मेरी नाभि में जीभ डाली तब मेरे मुहं से सिसकियाँ निकली.
फिर वो उठ गया और मेरी चूत को मेरी जिन्स के ऊपर से ही चाटने लगा.. उसने मेरी जिन्स उतरवाई और पेंटी भी उतरवाई और चूत चाटने लगा. फिर वो चूत चाटते चाटते एकदम रुककर मेरी चूत को बहुत देर तक देखता रहता.. जैसे कि उसने पहली बार चूत को देखा हो. फिर में भी उसका साथ देने लगी और उसने जब मेरी चूत में जीभ डाली तो मैंने अपने पैर उसके सर के आस पास लपेट लिए और ज़ोर ज़ोर से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ माँ करने लगी. फिर उसने मुझे लेटा लिया और खुद भी मुझ पर लेट गया और किस करने लगा.. फिर वो अपने घुटनो पर खड़ा हुआ और मुझे बैठा दिया. हम दोनों एक दूसरी की आँखों में देख रहे थे और वो अपना लंड मेरे होंठो पर छूने लगा और रगड़ने लगा.
फिर मैंने मुहं खोला और उसका लंड पूरी तरह से अंदर लिया और बहुत देर तक चूसा.. चूसते वक़्त वो बहुत सेक्सी आहें भरने लगा और मुझे उसकी आहें सुनने में बहुत मज़ा आ रहा था.. वो आहह आहह करते हुए मेरे मुहं की चुदाई करने लगा. तभी अचानक से मेरे मुहं से लंड बाहर निकालकर मुझे किस करने लगा और लेटकर मेरे पैर फैलाकर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा.. लेकिन उसे डालते वक़्त थोड़ा दर्द होने लगा. तो मैंने उससे कहा कि लंड पर थोड़ा थूक लगा लो.. फिर उसने वही किया और मेरे पैरों के बीच में लेटकर मुझे चोदने लगा. वो चुदाई करते करते मुझे किस करता रहा. फिर 5 मिनट के बाद ही उसने वीर्य मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया और मुझ पर वो वैसे ही पड़ा रहा.. लेकिन मेरी चुदाई अभी पूरी नहीं हुई थी. फिर उसने मुझे कुछ देर तक किस किया और बैठ गया.. में लेटी रही और उसे देखती रही. वो वापस मेरी तरफ आया और मेरे निप्पल को चूसने लगा और 5 मिनट तक बूब्स के साथ खेलता रहा.. हम उठे और एक दूसरे से लिपटकर बैठे रहे. फिर मैंने उससे पूछा कि यह सब कैसे सीखा? तो उसने बताया कि उसकी कोचिंग टीचर के साथ भी उसने एक बार सेक्स किया है. उसकी कोचिंग टीचर दो बच्चों की माँ है और वो 40 से भी ज़्यादा उम्र वाली है.
फिर मैंने उससे कहा कि क्या ऐसे किसी के सामने सीधे नंगे होते वक़्त तुम्हे डर नहीं लगता? तो उसने कहा कि उसे उस वक्त सेक्स का जोश बहुत चड़ गया था. फिर उस दिन के बाद हमने करीब 10 बार सेक्स किया है.. वो अब चुदाई में और भी बेहतर होता जा रहा था.. वो करीब 15-20 मिनट तक 2-2 बार चोदता है और उसको हमेशा अलग अलग स्टाईल में वीर्य गिराने में बहुत मज़ा आता है. में कभी उसे खुद नहीं बुलाती.. वो खुद सीधा घर पर किसी ना किसी बहाने से पहुंच जाता है और घर खाली होता तो घर पर सेक्स करते है या छत पर, सीढ़ियों पर, स्कूल के पेपर के दिनों में भी उसने मुझे बहुत बार चोदा है ..










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Fentency आंटी ने जमकर चुदवाया

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 आंटी ने जमकर चुदवाया

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम प्रेम है और मेरी उम्र 23 साल है. दोस्तों में आप ही की तरह इस वेबसाइट का बहुत बड़ा फ्रेंड हूँ.. मैंने आज तक इस साईट पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी लगी और फिर मैंने भी अपनी एक सच्ची घटना को आप सभी के सामने रखने का फैसला लिया. तो आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ.. जो आज से सिर्फ तीन महीने पहले ही घटी.. में अब सीधा अपनी घटना पर आता हूँ.. यह बात तब की है जब हमारे घर के पास वाले घर में एक नई आंटी रहने आई थी जो कि एकदम अकेले रहती है. उन्हें हमारे पास आए हुए अभी कुछ ही दिन गुजरे थे और वो दिखने में बहुत सेक्सी है और उनका फिगर भी बहुत अच्छा है और उनका साईज लगभग 34-30-32 है और फिर हमारे दोनों के घर बिल्कुल पास में होने के कारण हमारा उनके घर पर आना जाना लगा रहता है और उनके अभी नये होने के कारण हमने उनकी कुछ मदद भी की जैसे कि उनको पीने का पानी देना, घर का सारा सामान सेट करने में उनकी मदद करना आदि.
फिर एक दिन मुझे यह पता चला कि उनके एक भी बच्चा नहीं है और उनका पति उनको अभी कुछ समय पहले ही छोड़कर भाग गया है और वो बिल्कुल अकेले होने के कारण बहुत शराब भी पीती है. दोस्तों यह बात 12 अप्रेल की है.. जब उस रात को में खाना खाने के बाद अपने घर से बाहर घूमने लगा.. तो मैंने देखा कि आंटी के घर का दरवाजा खुला है और फिर मैंने घर के अंदर जाकर देखा कि आंटी घर में नहीं है. तो मैंने आंटी को सभी कमरों में जाकर देखा.. लेकिन वो मुझे कहीं पर नहीं मिली और उसके बाद में घर के बाहर आ गया. तभी मैंने देखा कि आंटी कहीं बाहर से जोर जोर से चिल्लाते हुए आ रही है और उनके हाथ में एक शराब की एक बोतल भी है. तो में उन्हें देखता ही रह गया और में तुरंत अपने घर आया और आकर चुपचाप बैठ गया और फिर मेरी फेमिली के सभी सदस्य घर की लाईट बंद करके अपने अपने कमरों में सोने चले गये और उन्होंने मुझे भी सोने के लिए बोला.. लेकिन मैंने मना किया और कहा कि में अभी फोन पर गाने सुन रहा हूँ और में थोड़ी देर बाद सो जाऊंगा.. आप लोग सो जाओ. फिर उन सभी के सोने के बाद में मौका देखकर घर के बाहर निकला और जाकर आंटी के घर के बाहर खड़ा हो गया. तो आंटी ने मुझे देखते ही कहा कि अरे प्रेम आओ ना बैठे और फिर में जाकर सोफे पर बैठ गया और कहा कि यह क्या आंटी आप शराब पी रही हो?
आंटी : हाँ बेटा मुझे तुम्हारे अंकल की बहुत याद आ रही है ना इसलिए में शराब पी रही हूँ.. वो मुझे छोड़कर चला गये और अब में इस पूरी दुनिया में बिल्कुल अकेली हूँ.
में : तो क्या हुआ आंटी में हूँ ना आपके साथ.. प्लीज आप शराब मत पियो.. इससे आपकी तबीयत खराब हो सकती है.
फिर उसके बाद हमारी बहुत बातें हुई और वो शराब पीती गई और में सिर्फ़ उनकी बातें सुनता रहा. फिर मैंने धीरे धीरे उनको कहा कि आंटी मुझे आपकी तकलीफ़ पता है.. आपकी उम्र में तो सब खुश रहते है और आप रोती हो.. आंटी को शराब का बहुत नशा हो गया था. फिर आंटी मुझे बोली कि प्रेम क्या तुम मुझे टॉयलेट तक लेकर जा सकते हो? मुझे पेशाब करना है. तो मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं और फिर उसके बाद मैंने आंटी को टॉयलेट के पास ले जाकर छोड़ दिया और आंटी मेरे सामने ही अपनी मेक्सी को पूरा घुटनों तक उठाकर मूतने लगी.. लेकिन उन्होंने मेक्सी के अंदर पेंटी नहीं पहनी थी.. जिसकी वजह से उनकी चूत मुझे साफ साफ दिखाई दे रही थी और में सिर्फ़ उन्हें देखता ही रह गया. फिर उसके बाद आंटी को मैंने टॉयलेट से लाकर उनके बेडरूम में बिस्तर पर लेटा दिया और में उनके पास में बैठ गया. आंटी के बहुत नशे में होने की वजह से उनकी मेक्सी घुटने के ऊपर तक उठ गई और मैंने धीरे से उनकी जांघ पर हाथ रख दिया.. लेकिन उसने कुछ नहीं बोला और मैंने धीरे धीरे मेक्सी को और ऊपर उठा दिया और मुझे आंटी की चूत दिखने लगी.. वो बहुत बालों से भरी हुई थी.
तो आंटी ने उठकर अचानक से मुझे देखा और फिर मैंने भी देखा कि आंटी मुझे देख रही है और मैंने अपना हाथ मेक्सी से हटा लिया. तो आंटी ने कहा कि तू यह क्या कर रहा है? मादरचोद सिर्फ़ चूत देखेगा या चोदेगा भी.. भड़वा साला. फिर में यह बात सुनते ही समझ गया कि इसकी चूत में लंड लेने की खुजली हो रही है और मैंने अपना सर हिलाते हुए उनकी चूत में अपनी एक ऊँगली को डाल दिया और जोर जोर से हिलाने लगा. फिर उसके बाद मैंने आंटी की मेक्सी को पूरा खोल दिया.. आंटी सिर्फ़ ब्रा में थी और में उनके बूब्स देखकर पागल हो गया.. उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे और मैंने जल्दी से उनकी ब्रा का हुक खोलकर एक बूब्स मुहं में ले लिया और चूसने लगा और एक बूब्स दबाने लगा. तो आंटी सिसकियाँ लेते हुए मुझे गालियां दिए जा रही थी.. मदारचोद मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है.. चोद मुझे में बहुत दिनों से चुदी नहीं हूँ.. जल्दी से चोद मुझे. तो मैंने अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर सीधा उसके मुहं में डाल दिया.
दोस्तों मेरा लंड एकदम ठीक है और 6 इंच लम्बा है. फिर में 69 पोज़िशन में आ गया और मुझे उनकी चूत चाटने का मन कर रहा था.. लेकिन उनकी चूत पर बहुत से बालों की वजह से मेरी इच्छा नहीं कर रही थी और फिर मैंने सामने टेबल पर बाल साफ करने की क्रीम देखी और मैंने जल्दी से उसको उठा लिया और मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसकी चूत में पूरा लगा दिया और 15 मिनट बाद उसकी चूत को पूरा साफ किया और में जमकर चूत चाटने लगा और वो पागल हो गई और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और कहने लगी कि बहुत अरसे बाद मेरी चूत किसी ने चाटी है.. प्लीज प्रेम जमकर चाट.
फिर मेरे 10 मिनट तक चूत चाटने के बाद आंटी मेरे मुहं में ही झड़ गई और उनके साथ साथ में भी झड़ गया. तो आंटी ने मेरे लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी और में उनकी चूत में ऊँगली डालने लगा और कुछ देर बाद फिर मेरा लंड खड़ा हो गया. तो आंटी बोलने लगी कि साले कुत्ते जल्दी लंड को मेरी चूत में डाल. तो मैंने लंड को चूत के मुहं के पास लाकर एक जोर के धक्के के साथ लंड को चूत में डाल दिया और चूत गीली होने के कारण मेरा लंड आधा अंदर घुस गया और आंटी के मुहं से चीख निकल गई.. अहह उह्ह्ह उफ्फ्फ मेरे प्रेम राजा क्या लंड है तेरा? और डाल अंदर तक और मुझे जोर जोर से चोद. फिर मैंने एक और धक्का दिया और लंड पूरा चूत में घुस गया और आंटी अहह्ा हााहह करके चुदाई के मज़े लेने लगी और कहने लगी कि प्रेम तेरे अंकल चले गए.. लेकिन तू तो तेरे अंकल का भी बाप है.. चोद मुझे और जमकर चोद. फिर मैंने आंटी को घोड़ी बनने को कहा और 8 से 10 मिनट तक चोदने के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया और आंटी भी झड़ गई और आंटी नंगी ही सो गई और में आंटी के ऊपर चादर डालकर में भी अपने घर चला गया.
दोस्तों मेरी और आंटी की चुदाई का दौर उस रात से शुरू हो गया और मैंने आंटी को कभी भी अंकल की याद नहीं आने दी.. उसके बाद में आंटी का गुलाम बनकर रहा आंटी मुझे फोन करती और में उनकी सेवा में हाजिर हो जाता.. मैंने आंटी को बहुत समय तक चोदा.. लेकिन उनकी बच्चेदानी का ऑपरेशन होने की वजह से कभी भी माँ नहीं बनी और में उन्हें सुबह, शाम, दोपहर जब भी समय मिलता लगातार चोदता रहा ..








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Fentency अंकल आंटी की दास्तान

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अंकल आंटी की  दास्तान

हेलो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और में भारत से हूँ और फिलहाल यूरोप में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और में इस वेबसाइट पर कहानियां 2 साल से पढ़ रहा हूँ.. और इसके कारण में बहुत सारे सेक्स करने के तरीके सीख चुका हूँ और इसी के कारण मुझे लगता है कि में सेक्स के मामले में बहुत सुधरा भी हूँ.. मगर नीयत के बारे में बिगड़ भी गया हूँ. दोस्तों यह स्टोरी आराम आराम से हॉट फिर सेक्सी होती जाएगी तो में उम्मीद करता हूँ कि कहानी पढ़कर ही आपकी चूत गीली और लंड टाईट हो जाएगा.
चलो अब में अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह बात आज से तीन साल पहले की है जब में पढ़ाई कर रहा था और में दीवाली की छुट्टियों में मेरे अंकल आंटी के घर पर गया था. वो महाराष्ट्र में रहते है और में करीब शाम 8 बजे उनके यहाँ पर पहुंचा और मैंने घर की बेल बजाई और मेरे अंकल ने घर का गेट खोला और अंकल के गले मिला. फिर हम दोनों घर के अंदर गये.. अंकल मुझसे मिलकर बहुत खुश थे और हम दोनों बिल्कुल अच्छे दोस्त की तरह है. अंकल–आंटी की शादी को 4 साल हो गए थे लेकिन फिर भी उनको कोई बच्चा नहीं था.. लेकिन शायद हो सकता है उनकी कोई फेमिली प्लॅनिंग हो और वो अभी बच्चा नहीं चाहते हो.
चलो लेकिन मुझे क्या फिर हम हॉल में गए और अंकल ने मुझे बैठने को कहा में आराम से गांड टिकाकर सोफे पर बैठ गया. अंकल ने मुझे पीने का पानी दिया और वो भी मेरे साथ बैठ गये. तभी मैंने आंटी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी आंटी अभी मार्केट से शॉपिंग करके आई है इसलिए बाथरूम में शावर लेने गयी है. तभी मेरे अंकल ने मुझे पूछा कि क्या तुम दारू पीना चाहते हो? तो मैंने कहा कि क्यों नहीं? और में बियर पीने के मूड में था और उन्हें भी दारू के लिए कोई साथी मिल गया था. यह सुन कर वो बहुत खुश हो गए और कार की चाबी लेने बेडरूम में चले गये रूम से वापस आकर वो बोले कि रोहित में आधे घंटे में आता हूँ.. तुम तब तक आराम करो और मैंने तुम्हारी आंटी को बोल दिया है वो आती ही होगी.
फिर अंकल के जाने के 5 मिनट बाद में ही में आंटी से मिलने उनके बेडरूम में चला गया और बेडरूम में पीले लेम्प की रोशनी थी और ड्रेसिंग टेबल के सामने आंटी खड़ी थी. आंटी ने गहरे नीले कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना था.. ब्लाउज पीछे से पूरा का पूरा खुला था और उसकी डोरी बहुत छोटी थी और उनकी पीठ लगभग नंगी लग रही थी और साड़ी शरीर से टाईट थी.. जिसमे उनकी गांड उभर कर बाहर आ रही थी और उनको पीछे से देखकर ऐसा लग रहा था कि उनके पीछे जाकर उनको किस करूं.. लेकिन में मजबूर था. मेरी आंटी की हाईट 5.4 इंच है उनके बूब्स बड़े और मुलायम है. मुलायम इतने कि अगर वो पूरी की पूरी नंगी सो जाए तो बूब्स इधर उधर हिलने लगे और उनकी उम्र पता नहीं है और उनकी गांड तो उनके शरीर का एक बहुत अच्छा हिस्सा है उनकी गांड बड़ी कोमल है.. इतनी कोमल है कि हाथ लगाए तो उछलती है और अगर चांटा मारो तो लाल लाल हो जाती है लेकिन में आप सभी को आंटी का नाम बताना भूल गया.. उनका नाम मधु है.
तो जब में उनके बेडरूम पहुंचा और उनको मेरी आहट हुई और उन्होंने मुझे देखा और खुश होकर मुझसे पूछा कि रोहित कैसे हो? और वो मेरे पास आई.. आते हुए उनकी चूड़ियां साड़ी ब्लाउज और बिंदी देखकर में तो पागल हो गया और उनका चलने का स्टाईल भी बड़ा प्यारा था. वो मेरे पास आई और मेरे माथे पर किस करके बोली कि रोहित तुम्हे देखकर मुझे हमेशा बहुत अच्छा लगता है. अब मेरे बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश हो जाओ और फिर हम साथ में खाना खाएँगे. मैंने तेरी पसंद की मटन हांड़ी बनाई है. तभी मैंने कहा कि ठीक है में मेरा बेग लेकर आता हूँ. तभी वो बोली कि नहीं में लाती हूँ तुम फ्रेश होने लग जाओ. में तुरंत उनके बाथरूम में गया और बाथरूम में बड़ी अच्छी खुश्बू आ रही थी.
आंटी हमेशा अच्छी कम्पनी के शावर जेल काम में लेती थी.. वो बड़ी सेक्सी महक देते है. में भी बहुत सारा शावर जेल डालकर नहाया.. नहाते समय मेरी नज़र आंटी की पेंटी पर गयी वो वहीं पर सूख रही थी. शायद आंटी ने अभी ही शावर लिया था.. पेंटी पीले कलर की जाली वाली थी और में उसे देखकर पागल हो गया और में मेरे लंड को टाईट करके मसलने लगा और कभी कभी ऐसा एहसास होता था कि आंटी मुझे कहीं होल से देख रही है तो में और ज़ोर ज़ोर से मस्ती से मालिश करता.. लेकिन मेरी आंटी बेडरूम में ही होगी मुझे पता था.. क्योंकि वो ऐसे छिछोरे काम करने वालो में से नहीं है इसका मुझे अंदाज़ा था. फिर मेरा नहाना पूरा हुआ और में टावल लपेट कर बाहर आ गया और बाहर आकर में अपने बाल सुखा रहा था. तभी मेरी आंटी आई और मेरे बेग में से मेरी पेंट और टी-शर्ट निकालने लगी. फिर मैंने अचानक से घूमकर उनको देखा तो वो बोली कि क्या बात है रोहित? आज कल खाना जमकर खा रहा है.. तूने तो बड़ी अच्छी बॉडी बना ली है और फिर मेरे पास आकर मेरे पेट पर हाथ घुमाकर बोलने लगी कि अब तो तेरा पेट भी बड़ा हो गया है और तू कुछ ही दिन में सेठ की तरह दिखेगा.. ज़रा एक्सर्साइज़ किया कर और यह पेट ज्यादा ना बड़ने दे.. इसका ध्यान रखा कर नहीं तो तेरे पैट के कारण तेरी बीवी बोर हो जाएगी. तभी मैंने कहा कि मधु आंटी में समझा नहीं.. मेरे पैट के कारण मेरी बीवी क्यों बोर हो जाएगी? तभी आंटी बात काटकर बोली कि तू तेरे अंकल से पूछ लेना वो तुझे बता देंगे और तेरी शरीर से बड़ी मस्त खुश्बू आ रही है. फिर में बोला कि क्यों नहीं आएगी? आपका ही शावर जेल मैंने काम में लिया है. तो वो मुस्कुराने लगी. फिर में तैयार होकर हॉल में आया तब तक अंकल आ गए थे और ग्लास में ड्रिंक्स भर रहे थे और फिर हम दोनों ने पीना शुरू किया. मैंने दो बियर पी और उन्होंने एक विस्की खत्म कर दी. फिर हम तीनों खाना खाने लगे और खाते हुए भी उन्होंने बहुत विस्की पी ली. फिर आंटी ने जब उनको कहा कि बस हो गया.. तब जाकर वो रुके. हमारा खाना होने के बाद हम तीनों सोफे पर बैठ गये. मैंने और आंटी ने आईसक्रीम खाई और अंकल को बहुत दारू चड़ गयी थी तो में उनको बेडरूम में लेकर गया और सुला दिया.
फिर उन्होंने कहा कि गेस्ट रूम का एयर कंडीशनर खराब है इसलिए तुम हमारे बेड रूम में ही सो जाओ. अंकल ने फोर्स किया कि में उनके साथ सो जाऊँ और उनका बेड बड़ी साईज़ का था. तीनों आराम से सो सकते है और आंटी ने मुझे बोला कि रोहित क्या तुम दो मिनट बाहर जा सकते हो.. मुझे चेंज करना है? लेकिन अंकल अभी मस्ती के मूड में थे वो मज़ाक करते करते बोले कि उसे क्यों बाहर भेज रही हो? वो तो अभी बच्चा है.. सिर्फ़ बियर पीता है. उसके सामने ही चेंज कर लो तो आंटी बोली कि आप चुप रहो वरना आपको भी बाहर जाना होगा. फिर में बाहर गया और 5 मिनट में आंटी ने मुझे बुलाया. वाह क्या लग रही थी मधु आंटी? उन्होंने लाल कलर की बहुत सेक्सी नाईटी पहनी थी.. लेकिन पारदर्शी नहीं थी.
तभी हम तीनों आराम से सो गये और मुझे कल्पना भी नहीं थी कि अगले एक घंटे में मेरे साथ क्या होने वाला था? अंकल बेड पर बीच में सोए थे.. आंटी ड्रेसिंग टेबल की साईड में सोई थी और में दूसरे बेड साईड पर सोया था. तो करीब एक घंटे बाद जब मैंने करवट बदली और हल्की सी आँखे खोलकर देखा तो अंकल और आंटी एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए एक दूसरे को मसल रहे थे. उन्होंने एक कम्बल लिया हुआ था और में कुछ नहीं देख पा रहा था और उन्होंने सर से लेकर पैर तक कम्बल ओढ़ा हुआ था. वो दोनों एक दूसरे पर बदन घिस रहे थे और कुछ सेकेंड बाद बात करने लगे.. लेकिन पता नहीं क्या कह रहे थे और फिर कम्बल उनके बदन से निकलने लगा और मेरा लंड पत्थर की तरह टाईट हो गया.
तभी मेरा दिमाग सोचने लगा कि वो क्या कर रहे है और में मेरा हाथ पेंट में डालकर लंड को सहलाने लगा. तभी अचानक वो लोग कम्बल दूसरी तरफ हटाने लगे और मैंने डर के मारे करवट बदल दी और दीवार की साईड देखने लगा. 5 मिनट बाद मेरे लंड से रहा नहीं गया और मैंने करवट बदलकर उनको सोचने लगा लेकिन आँखे बंद कर रखी थी. करीब 2 मिनट के बाद आंटी की अयाहह हाहााहह ऐसी आवाज़ आने लगी. तभी मैंने हल्के से आँख खोली और देखा तो अंकल आंटी ने एक दूसरे को किस कर रहे थे.. लेकिन में सिर्फ़ मेरे अंकल को देख सकता था. वो सिर्फ़ उनके अंडरवियर में थे और आंटी का एक हाथ उनके गले में था. उस हाथ में मस्त चूड़ियाँ थी और आंटी का दूसरा हाथ अंकल के अंडरवियर में जा रहा था. आंटी ने फिर अंकल की गांड को ज़ोर से दबा दिया और अंकल ने जल्दी से आंटी को खींचकर साईड चेंज कर ली. अब में मधु आंटी का पिछला हिस्सा देख रहा था.. वाह मेरी किस्मत. उन्होंने सिर्फ़ ब्रा पेंटी पहनी थी. उन्होंने गहरे लाल कलर की पेंटी पहनी थी और उसी कलर की सेक्सी ब्रा पहनी थी. अंकल ने आंटी की पेंटी में हाथ डालकर उनकी गांड रगड़ने लगे.. वाह क्या गांड थी साली वो? ऐसा लग रहा था कि उसमे मेरा लंड घुसा दूँ. मादरचोद अंकल ने मधु आंटी की गांड जोर जोर से रगड़ते रगड़ते आंटी के पिछवाड़े में यानी गांड में उंगली घुसा दी और आंटी धीरे से चिल्लाकर अंकल को ज़ोर से चिपक गयी और अपनी चूत उनके अंडरवियर पर घिसने लगी.
आंटी ने फिर अंकल का हाथ निकाला और उसी हाथ को उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया. कुछ सेकिण्ड आंटी की चूत में उंगली करने के बाद अंकल ने आंटी के ऊपर आकर उनको किस किया तो आंटी बोली कि पति देव थोड़ा जल्दी करो.. आज हम अकेले नहीं है. अंकल आहह मेरी जान तुझे अकेले कहाँ पसंद आता है.. आज में तुझे रोहित के सामने जोर जोर से चोदू क्या? तभी आंटी गरम हो गई और जल्दी से अंकल की अंडरवियर नीचे खींच दी और खुद की भी निकाल दी. आंटी की चूत इतनी गीली थी कि मुझे उनकी चिकनाई की चिप चिप आवाज़ आ रही थी. तभी आंटी ने झट से अंकल का लंड लिया और खुद की चूत में घुसा दिया और बोली कि हरामी पति रोहित के सामने क्यों चोदता है मुझे? क्या पत्नी की इज़्ज़त का ख्याल नहीं है? आआहह. अंकल बोले कि हरामी तो तू है रोहित का नाम सुनते ही जोश में आ गई रांड. आंटी बोली कि चोद ज़ोर से चोद और जोर से मादरचोद आहह चोद तेरी बीवी को और ज़ोर से चोद.
तभी अंकल ने आंटी के मुहं को दबाया और बोले कि ओहह छिनाल साली बड़ा मजा आ रहा है. आज तो में साली तुझे मार दूंगा और अंकल ने आंटी को ऊपर लिया और वो नीचे आ गये. आंटी ज़ोर ज़ोर से अंकल पर कूद रही थी और अंकल गाली और प्यार ज़ोर ज़ोर से दे रहे थे और आंटी बोली कि आह आराम से रोहित उठ ना जाए. फिर अंकल ने आंटी को बोला कि साली तुझे उससे चुदवाना है क्या? बोल तुझे खुश करने के लिए आज में बहुत मूड में हूँ. आंटी बोली कि साले सच में चुदवाउंगी ना तो आपकी गांड जल जाएगी और वो बड़ी ज़ोर से उनकी चूत को उनके लंड पर दबाने लगी. अंकल जोश में आकर आंटी को चूमते हुए मेरे और करीब लेकर आ गये. आंटी और मेरे बीच में सिर्फ़ एक उंगली का अंतर था और फिर अंकल आंटी की चूत को चाटने लगे. उन्होंने शायद उनकी पूरी जीभ उनकी चूत में डाल दी थी. तभी आंटी का चेहरा मेरे सर के पास ही था तो में उनकी सिसकियाँ सुन रहा था. वो आआअहह उफफ्फ्फ् स्वामी और चाटो और चाटो मेरे स्वामी. तभी अंकल बोले कि आज में तुझे डरा डराकर चोदूंगा. तभी आंटी बोली कि वो कैसे? फिर वो आंटी को सरकाकर मेरे पास लाए और मैंने आंखे बंद कर दी और करीब 2 मिनट बाद मैंने अपने आस पास कुछ हलचल महसूस की और आंटी के मुहं से सुना कि आज मत करो रोहित उठ जाएगा. अंकल बोले कि वो नहीं उठ सकता है उसने दारू पी रखी है. तभी मैंने हल्के से जब 3 मिनट बाद आँखे खोली तो मेरे चहरे की साईड में आंटी का एक ही पैर दिखाई दिया.. जैसे कि वो मेरे पास में खड़ी है और में हैरान हो गया.. यह देखकर कि मधु आंटी का पैर मेरी सीधी साईड में था और एक पैर उलटी साईड में था और उनको लग रहा था कि में गहरी नींद में सो रहा हूँ और मैंने जब ऊपर देखा तो आंटी की प्यारी चूत दिखी जिसमे अंकल का टाईट लंड था. जो कि ज़ोर ज़ोर से आंटी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था. वो दोनों भी मुझे नहीं देख सकते थे. आंटी के दोनों हाथ दीवार पर टिके थे.. उनकी चूत बिल्कुल मेरे मुहं के एक फिट ऊपर थी और अंकल आंटी की कमर को पीछे से पकड़कर चोद रहे थे और बोले कि कैसा लग रहा है मेरी हरामी पत्नी को भतीजे के ऊपर चुदने में? तभी आंटी बोली कि गांडू अगर भतीजा उठ गया तो माँ चुद जाएगी आअहह. वाह क्या सीन था वो.. में तो पागल हो रहा था साला में मूठ भी नहीं मार पा रहा था.. क्योंकि उनको पता चल जाता.
तभी चुदते चुदते आंटी सिसकियाँ लेने लगी.. गांडू चोद और चोद आहह आ चोद मदारचोद और चोद नहीं तो में इसके मुहं पर बैठ जाऊंगी. तभी अंकल ने यह सुनते ही आंटी की गांड पर तमाचे मारते हुए उनको और जोर जोर से चोदने लगे और आंटी की गांड में उंगली डाल दी. आंटी ने ज़ोर से गाली दी गांडू भडवे और एक हाथ अपनी चूत के पास लाकर उंगलियों से अपनी चूत की चमड़ी को खींचने लगी और पागल हो गई. अंकल और ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे और आंटी ज़ोर ज़ोर से चूत घिस रही थी और अचानक एक हादसा हुआ.. आंटी की चूत का पानी इतना बड़ गया कि उसकी एक छोटी सी बूंद मेरे होंठो पर गिर गई और मधु आंटी की चूत का पानी मेरे होंठो को छूकर मुझे और पागल कर गया. मैंने वो पी लिया. अंकल ने फिर आंटी की ब्रा को पीछे से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से चोदा.
मुझे आंटी के बूब्स देखने थे.. लेकिन उस रात नहीं देखने को मिले. अंकल ने आंटी की ब्रा को पीछे से दोनों हाथ से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से स्पीड बड़ाकर चोदने लगे और आंटी के बूब्स झूल रहे थे और वो बोल रही थी कि और जोर से चोदो में झड़ने वाली हूँ.. कमीने हरामखोर चोद चुदक्कड़ और वो दोनों झड़ गये और उन दोनों का थोड़ा सा जूस मेरी छाती और गर्दन पर गिरा. आंटी और अंकल अलग हुए तो अंकल तुरंत दारू के नशे में सो गये और आंटी ने तुरंत अपनी पेंटी से मेरे ऊपर के गिरे जूस को आराम से साफ किया और रोहित नाम से मुझे पुकारा चेक करने के लिये कि में सो रहा हूँ या नहीं.. लेकिन में सोने का नाटक कर रहा था. अब आंटी भी नंगी ही मेरे पास में मतलब हम दोनों के बीच में सो गई. दोस्तों मेने आज तक कभी अंकल आंटी को उस रात का अहसास नहीं होने दिया. तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी ..








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Fentency गोवा में मजा – 1

Fentency

 गोवा में मजा – 1

हैल्लो फ्रेंड.. में जॉन आप सभी के सामने एक गर्म और सेक्सी स्टोरी लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 22 साल है और मेरा कलर साफ, अच्छी बॉडी है.. क्योंकि में हर दिन जिम जाता हूँ. फ़िलहाल में दिल्ली में रहता हूँ और मेरी फेमिली जालंधर में रहती है. में दिल्ली में एक हॉस्टल में रहता हूँ. हमारे कॉलेज के पेपर्स खत्म होने के बाद मेरे दोस्तों ने कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाया.. वो दिसम्बर का महिना था और उन्होंने गोवा जाने का प्लान बनाया. तो मैंने कहा कि चलो ठीक है और हम सभी ने दो सप्ताह के लिए गोवा जाने का प्लान बनाया. तो मेरे दोस्तों ने कहा कि हम सभी वहाँ पर अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ चलेंगे और यह बात सुनकर में थोड़ा उदास हुआ.. क्योंकि मेरी गर्लफ्रेंड के साथ मेरा कुछ दिन पहले ही का झगड़ा हुआ था. फिर में सोचने लगा कि अब में क्या करूं? तो अब मेरी समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा था. फिर मेरे दोस्तों ने 22 दिसम्बर को जाने के लिया बोला और सब कुछ तय होने के बाद में अपने घर आ गया. फिर जब में घर पर पहुंचा तो माँ घर पर अकेली थी और पापा ऑफिस गए हुए थे और मेरी बहन कॉलेज गयी थी.
दोस्तों अब में अपनी बहन के बारे में आप सभी को बता दूँ.. वो बहुत सुंदर है उसकी उम्र 19 साल है, कलर गोरा, उसका फिगर 34-28-36 है. मैंने अपनी बहन को पिछले 6 महीने से नहीं देखा था.. क्योंकि में कभी कभी अपने घर पर आता हूँ और जब शाम को मेरी बहन कॉलेज से घर वापस आई तो मैंने उसे देखा और मुझे उसमे बहुत कुछ बदला बदला सा लगा. उसकी छाती बहुत अच्छे आकार में आ गई थी और उसकी गांड भी बहुत अच्छे आकार में थी. फिर जब वो मेरे रूम में मुझसे मिलने आई तो उसने नीले कलर की टाईट जिन्स पहनी हुई थी और गहरे नीले कलर का टॉप पहना हुआ था. उसकी जांघे भी बहुत अच्छे आकार में थी और उसकी गांड जीन्स में से हिलती हुई साफ दिख रही थी. अभी तक मैंने अपनी बहन के बारे में कभी भी कुछ बुरा नहीं सोचा था और वो मेरे रूम में आई तो में लेपटॉप पर गेम खेल रहा था. वो आई और कहा कि आप कैसे हो और आप कितने दिनों के बाद आए हो और उसके बूब्स मेरे चेस्ट पर लगे.. लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. क्योंकि वो मेरी बहन है.
तो मैंने कहा कि में बिल्कुल ठीक हूँ.. लेकिन तुम अपनी सुनाओ. फिर मैंने कहा कि तुम बहुत फिट हो गयी हो और बहुत अच्छी लग रही हो. तो उसने भी कहा कि आपने भी बहुत अच्छी बॉडी बनाई है. फिर हमने थोड़ी देर इधर उधर की बातें की और रात को खाने के टाईम में अपने पापा से मिला.. तो उन्होंने पूछा कि तुम्हारे पेपर कैसे रहे? फिर मैंने कहा कि बहुत अच्छे. तभी थोड़ी देर के बाद मैंने कहा कि पापा मेरे दोस्तों ने दो सप्ताह के लिए गोवा जाने का प्लान बनाया है तो क्या में भी उनके साथ चला जाऊँ? तो पापा ने कहा कि हाँ क्यों नहीं तुम भी जा सकते हो और यह सब हमारी बातें मेरी बहन भी सुन रही थी. फिर खाने के बाद मेरी बहन मेरे रूम में आई और वो कहने लगी कि में भी यहाँ पर बोर हो जाऊंगी.. क्या में भी आप सभी के साथ चलूं? तो मैंने कहा कि नहीं प्रीति वहाँ पर मेरे सभी दोस्त जा रहे है और तुम वहाँ पर जाकर क्या करोगी? तो उसने कहा कि कुछ नहीं होता और फिर वहाँ पर कोई तुम्हारी क्लास की लड़की भी तो आ रही होंगी. तो मैंने कहा कि हाँ आ तो रही है.. तो उसने कहा कि तो में भी चलूंगी.. क्या प्राब्लम है? लेकिन मैंने उससे कहा कि तुम नहीं जा सकती और वो गुस्सा होकर चली गयी. फिर उसने अगले दिन मुझसे बात नहीं की और फिर रात को खाने के बाद में उसके रूम में गया तो मैंने कहा कि प्रीति तुम समझा करो.. तो वो कहने लगी कि मेरे जाने में क्या प्राब्लम है? तो मैंने कहा कि हम सब अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ जा रहे है. तो उसने कहा कि तो अच्छा यह प्राब्लम है.. फिर उसने मुझसे कहा कि तो क्या तुम भी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ जा रहे हो. तो मैंने कहा कि हाँ शायद.. तो उसने कहा कि यह हाँ शायद से क्या मतलब? तो मैंने कहा कि उसका और मेरा झगड़ा हो गया है और मैंने उसे मनाने की बहुत कोशिश की.. लेकिन वो नहीं मानी. फिर मेरी बहन ने कहा कि तो फिर क्या तुम गोवा अकेले जाओगे? तो मैंने कहा कि हाँ शायद हो सकता है अगर वो नहीं मानी तो ऐसा ही करना पड़ेगा. तभी मेरी बहन ने कहा कि तो क्या में तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनकर चल सकती हूँ? तो मैंने कहा कि अरे तुम यह क्या कह रही हो? तो वो कहने लगी कि देखो तुम्हारे फ्रेंड में मुझे कोई भी नहीं जानता और ना ही किसी ने मुझे कभी नहीं देखा.. तो किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा.
फिर मैंने उसे बहुत समझाया तो वो फिर भी नहीं मानी और फिर मैंने भी लास्ट में कहा कि ठीक है तुम चल सकती हो.. लेकिन किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि तुम मेरी बहन हो. तो उसने कहा कि हाँ में वादा करती हूँ कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा. तो 21 दिसम्बर को मैंने पापा से बात कर ली कि प्रीति भी मेरे साथ जा रही है.. तो उन्होंने कहा कि ठीक है जाओ.. लेकिन अपना ख्याल रखना ठीक है. तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर 22 दिसम्बर को दिल्ली से गोवा हमारी फ्लाईट थी. में और मेरी बहन दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे तो वहाँ पर मेरे सभी फ्रेंड मिले जो कि सब अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आए थे. तभी उन्होंने मेरी बहन को देखा जो कि एक सेक्सी बॉम्ब लग रही थी.. उसने एक हरे कलर का गहरे गले का टॉप पहना हुआ था और मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी. तो मैंने अपने सभी दोस्तों का उससे परिचय कराया और फिर हम सब फ्लाईट के लिये चले गये. फिर हम गोवा पहुंचे और वहाँ पर मेरे दोस्त ने पहले से ही एक होटल बुक किया हुआ था.. उसने सबको रूम की चाबी दी. फिर हम सब अपने अपने कमरों में चले गये.
फिर हम फ्रेश होकर मिले तो हम घूमने निकल गये.. तो मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा कि यह तेरी गर्लफ्रेंड तो बहुत ही अच्छा माल है. तो मैंने उसे कहा कि तू चुप रह और ऐसा मत बोल.. तो उसने कहा कि ठीक है. फिर उसने मुझसे पूछा कि यह क्या जालंधर ही रहती है? तो मैंने कहा कि हाँ यह मेरी पड़ोसन है. फिर उसने कहा कि क्या तूने इसे कभी चोदा है? तो मैंने उसे कहा कि तू पागल है क्या? मैंने अभी तुझे मना किया है ना तू ऐसी बातें मत कर. तो उसने कहा कि ठीक है नहीं करता और फिर 22 दिसम्बर की रात को हम सभी ने डिस्को जाने का प्लान बनाया और जब हम सब डिस्को के लिए निकले तो मेरी बहन ने काली कलर की लम्बी फ्रोक पहनी थी. तो मेरे सभी फ्रेंड्स मेरी बहन को घूर घूरकर देख रहे थे और फिर मैंने उनसे कहा कि चलो चलते है. फिर हम डिस्को पहुंचे और अंदर जाकर मेरे सभी फ्रेंड्स तो अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ डांस करने लगे.. में और मेरी बहन साईड में एक कुर्सी पर बैठ गये और बातें करने लगे.
तो थोड़ी देर बाद मेरा एक फ्रेंड मेरे पास आया और हमे डांस के लिए बुलाने लगा.. तो मैंने मना किया तो वो थोड़ा फोर्स करने लगा और फिर हम खड़े हुए और डांस फ्लोर पर चले गये. हम दोनों थोड़ा दूर होकर डांस कर रहे थे और मेरे सभी फ्रेंड्स अपनी गर्लफ्रेंड के साथ चिपक-चिपक कर डांस कर रहे थे. फिर मेरे एक फ्रेंड ने मुझे इशारा किया और कहा कि थोड़ा चिपककर डांस करो. तो मैंने अपनी बहन को पास बुलाया और अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और डांस करने लगा. फिर मैंने अपनी बहन को कहा कि देखा मुझे पता था कि कुछ ऐसा ही होगा.. तभी तो में तुम्हे आने को मना कर रहा था. तो उसने कहा कि कुछ नहीं होता इतना तो नॉर्मल है. फिर मेरा एक फ्रेंड थोड़ा साईंड में अपनी गर्लफ्रेंड को स्मूच कर रहा था और यह देखकर में सोचने लगा कि काश मेरी गर्लफ्रेंड भी यहाँ पर मेरे साथ होती.. इतने में मेरी बहन ने भी उन्हें देख लिया और कहने लगी कि क्या आप अपनी गर्लफ्रेंड को मिस कर रहे हो? मैंने कहा कि हाँ.. तो उसने मुझे गर्दन पर किस किया और कहने लगी कि कोई बात नहीं.
फिर मैंने स्माईल दी और डांस करने लगा और हम सभी करीब 2 बजे होटल वापस आए और हम सब अपने अपने रूम में चले गये. फिर सुबह हुई और हम सब लड़के बीच पर घूमने गये और सभी लड़कियाँ होटल में ही थी. तो मेरे सभी फ्रेंड आखरी रात की बातें करने लगे और कहने लगे कि रात को मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को इतनी बार चोदा, यह किया, वो किया और बहुत कुछ कह रहे थे. तो मेरे दोस्तों ने मुझसे पूछा कि तूने क्या किया? तो मैंने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया.. तो वो सब कहने लगे कि क्या तू पागल है और उसे यहाँ पर क्यों लाया है? फिर वो कहने लगे कि यह तेरी गर्लफ्रेंड इतनी सेक्सी है तब भी तूने कुछ भी नहीं किया. फिर मेरा एक फ्रेंड बोला कि अगर मेरी इतनी सेक्सी गर्लफ्रेंड होती तो में पूरी रात चोद चोदकर उसकी चूत फाड़ देता. तो मैंने कहा कि तुम चुप हो जाओ जो होना होगा हो जाएगा और फिर सारे फ्रेंड चुप हो गये. फिर में सोचने लगा कि मेरी बहन वैसे रात को लग तो बहुत सेक्सी रही थी.. लेकिन फिर मैंने दिमाग से निकाल दिया क्योंकि वो मेरी बहन थी. फिर हम सारे होटल वापिस आए और अपने रूम में चले गये.
में जब अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि मेरी बहन बाथरूम से नहाकर बाहर निकली थी और उसने अपने शरीर पर टावल लपेटा हुआ था.. लेकिन उसने मुझे नहीं देखा था और में भी थोड़ी देर तक ऐसे ही पीछे चुपचाप खड़ा रहा. मैंने देखा कि उसके बूब्स थोड़े से टावल से नज़र आ रहे थे और उसके सीधे बूब्स के ऊपर एक तिल था और टावल उसकी जांघो से ऊपर तक था और टावल में से उसकी गांड का आकार साफ नज़र आ रहा था. फिर उसने मुझे देखा और कहा कि ओह भैया आ गए आप और उसने अपने कपड़े उठाए और बाथरूम में चली गयी. फिर वो थोड़ी देर बाद बाथरूम से आई और उसने कहा कि वो बाकी लड़कियों के साथ बाहर घूमकर आएगी. फिर में बेड पर लेट गया और अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में सोचने लगा और में सोच रहा था कि काश आज मेरी गर्लफ्रेंड भी मेरे साथ होती तो में भी रात को उसे चोदता और यही सब सोचते हुए मुझे मेरे दोस्तों की बातें याद आने लगी जो वो सुबह कह रहे थे कि मेरी गर्लफ्रेंड मतलब मेरी बहन बहुत सेक्सी है. फिर मेरे दिमाग़ में थोड़ी देर पहले का सीन घूमने लगा जब में रूम में आया था और मेरी बहन टावल में थी और में अपने फ्रेंड की बातों के बारे में भी सोच रहा था और फिर मैंने देखा कि मेरा लंड थोड़ा टाईट हो गया था. फिर में अपनी बहन के बारे में सोचने लगा कि वो टावल में कितनी सेक्सी लग रही थी और उसके गीले बाल, टावल में दिखती टाईट गोल गांड और आधे आधे दिखते गोरे टाईट बूब्स.. अब मेरा लंड पूरा टाईट हो गया था. फिर में बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा. मुठ मारते हुए में अपनी बहन के बारे में सोचने लगा और में वो सब सोचकर मुठ मार रहा था कि में अपनी बहन की डॉगी स्टाईल में चूत मार रहा हूँ और उसकी सेक्सी गोल गांड हिल रही है और थोड़ी देर के बाद में झड़ गया और मेरा बहुत सारा वीर्य निकला जो कि पहले कभी इतना नहीं निकला था. फिर में होश में आया और अपनी ग़लती महसूस करने लगा कि वो मेरी बहन है.. लेकिन दिमाग़ में फिर यह बात भी आई की उसको सोचकर मुठ मारने में इतना मज़ा आया है जितना पहले कभी नहीं आया.. तो फिर उसे चोदने में कितना मज़ा आएगा? फिर में बेड पर लेट गया और यह सोचने लगा कि क्या करूं.. उसके साथ सेक्स करूं या नहीं? अगर सेक्स करूं तो कैसे करूं वो मेरी बहन है और उसे सेक्स ले लिए कैसे मनाऊंगा? फिर मैंने सोचा कि हम दोनों यहाँ पर गोवा में अपने घर से बहुत दूर है और ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा और मेरा गोवा का ट्रिप भी मज़े में निकल जाएगा. अब मैंने ठान लिया कि में उसके साथ सेक्स करूँगा और फिर यह सोचने लगा कि उसे कैसे मनाऊं और थोड़ी देर बाद मेरी बहन आई और आकर मेरे पास बेड पर लेट गयी. मुझे उसके जिस्म से बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी.
फिर रात को हम रेस्टोरेंट गये और वहीं पर खाना खाया और साथ में रेड वाईन पी.. मेरी बहन ने रेड वाईन पहली बार पी थी. फिर खाना ख़त्म होने के बाद हम सब बीच पर घूमने चले गये.. हम सब कपल बनकर घूमने लगे. मेरे सब फ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर बैठ गये में भी अपनी बहन को एक कोने में लेकर बैठ गया. मेरी बहन और में बातें करने लगे और फिर मेरी बहन ने बोला कि देखो तुम्हारे सब फ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड के साथ क्या कर रहे है? तो मैंने कहा कि तुम उन्हें मत देखो.. फिर मेरी बहन ने कहा कि क्यों? मैंने कहा कि ऐसे ही.. तो उसने कहा कि क्यों यहाँ पर तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है इसलिए तुम ऐसे बोल रहे हो. शायद मेरी बहन ने वाईन थोड़ी ज़्यादा पी ली थी इसलिए वो थोड़ा खुलकर बात कर रही थी. फिर मेरी बहन थोड़ा मेरे पास आई और कहा कि अगर तुम्हारी गर्लफ्रेंड यहाँ पर अभी तुम्हारे साथ बैठी होती तो क्या तुम भी यह सब करते? तो में कुछ नहीं बोला.. फिर मेरी बहन ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि कोई बात नहीं उदास मत हो…
दोस्तों आगे की कहानी अगले भाग में …









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Fentency पड़ोसन भाभी की अधूरी चाहत

Fentency

 पड़ोसन भाभी की अधूरी चाहत 

मैं एक पंजाबी लड़का हूँ और साल 2012 मैं मे आपने काम के चलते अलाहाबाद गया हुआ था, कन्स्ट्रक्षन का काम था जिस के लिए मैने एक कमरा रेंट पे ले लिया, मैं एक्सर सुबा चला जाता और देर रात को काम से वापिस आता, एक दिन जब मैं काम से घर लौटा तो मैने देखा के साथ वाले रूम मैं एक कंपनी इंजिनहीयर आया हैं, ओसने वो रूम रेंट पे ले लिए वो भी किसी कंपनी मैं काम करता था, नेक्स्ट दे जब मैं काम से वापिस आया तो उसकी फॅमिली भी वाहा आ गयी जिसमे उसकी बीवी और 2 बचे थे, एक लड़का और एक लड़की, मैने जाड़ा द्‍यान नही दिया और आपने रूम मैं चला गया, फिर मेरे कंपनी का काम नेक्स्ट वीक किसी बात के चलते बेंड हो गया और उसको दुबारा शुरू होने मैं 15-20 दिन लगने थे, मैने सोचा के पुंजब चलता हूँ लेकिन फिर ये था के काम शुरु हो गया तो जल्दी आना पढ़ सकता है इश्स लिए मैं घर पे हे रुक गया.
मुझे टा चला के साथ वाले रूम्स मैं भी और लोग आ रहें है, फिर नेक्स्ट दे मंडे मैने इंजिनहीयर से थोड़ी बात की वो आपने बचों के साथ पास के एक स्कूल जा रहा था और मुझे बोला के एक साल यही रुकना है बचों की अड्मिशन करवाने जा रहा हूँ, नेक्स्ट दे सुबा इंजिनहीयर साहब बचों को स्कूल शॉड आए और खुद काम पे चले गये, मैं सुबा का नाश्ता कर क घर आया तो जो नज़ारा मैने देखा वो देख कर एक बार तो दिमाग़ हिल गया, इंजिनहीयर साहब की वाइफ आपने रूम के बाहर जादू लगा रही थी और ओस ने गौण पह्न रखा था, जब वो जुक के जादू लगा रही थी तो उसकी क्लीवेज सॉफ दिख रही थी, मैने सोचा अब रूम मैं टाइम पास हो जाएगा कही जाने की ज़रूरत नही है, फिर हर रोज मैं जब भी टाइम मिलता जा भाभी जी दिखाई देती तो उनको देख लेता था, पर मुझमे बात करने की हिम्मत नही थी और ना ही मैने कभी उन को बुलाया ही.
रूम्स के बाहर थोड़ी खाली जघा थी जहा पे भाभी ने वॉशिंग मशीन सेट कर न्यू एअर थी और वो वाहा पे क्लोद्स वॉश किया करती थी, एक दिन मैं रूम के बाहर खड़ा था तो बभी आई और क्लोद्स वॉश करने लगी, मैने हिम्मत कर के पूछा के आप कहा के रहाँे वाले हो तो अनो ने हास कर बोली के हम केरला के रहाँे वाले हैं, फिर थोड़ी सी बात हुई और वो आपने रूम मैं चली गयी, रोज सुबा जब बचे और इंजिनहीयर साहब चले जाते तो मैं आपने रूम मैं इंग्लीश सॉंग्स लगा लेता और रूम का डरवाजा ओपन कर लेता, भाभी भी रोज जादू लगती और मेरे रूम के सामने तक आ जाती, फिर वो मुझे देखती तो आपना गौण नेक से ठीक करती और चली जाती, 5-6 दिन तक यू हे चला, फिर ईव्नहींग मैं उन के घर बचों को पड़ने के लिए एक टीचर आने लगा, वो एक गणता बचों को पड़ता और चला जाता, मंडे मॉर्नहींग मैं आपने रूम के बाहर खड़ा था तो भाभी क्लोद्स वॉश करने आई.
मुझे भाभी का नाम भी टा नही था तब तक, फिर मैने उनका नाम पूछा तो अनो ने ब्टाया के उन का नाम अनहीता है, फिर कुछ बात हुई और वो बोली के यहा के टीचर आचे नही हैं, बाँहो को टुटीओन सही नही दे रहा है, मुझे बोला के आप की इंग्लीश सही लगती है तभी आप इंग्लीश सॉंग्स सुनते हो आप बचों को कुछ पड़ा दिया करो, मैने कहा के जब तक फ्री हूँ ज़रूर पड़ा दिया करूँ गा, फिर अनो ने मेरे नाम पूछा और मैने ब्टाया के मेरा नाम सॅंडी है और मैं पुंजब से हूँ, उस ईव्नहींग मैने बचों का होमे वर्क करवा आपने रूम मैं बुला के, बचे मेरे साथ खुश थे मैं उन से मज़ाक भी कर रहा था, अब मैं अनहीता भाभी से छे माँग लिया करता था ईव्नहींग मैं और वो मेरे रूम के बाहर आ क छे दे जाती, मेरे काम फिर से स्टार्ट हो गया लेकिन सला काम पे द्‍यान नही लग रहा था, अनहीता भाभी की याद बहुत आती और दिल करता के पकड़ लून लेकिन ये सोच रहा था के कैसे?.
फिर 2 वीक्स के बढ़ इंजिनहीयर साहब को घर जाना पढ़ गया, उनकी मौसी की डेत हो गयी थी लेकिन बचों के स्कूल की वजह से भाभी नही जा सकी, फिर मुझे लगा के ये सही मौका हो सकता है, अब हे कुछ किया जा सकता है नही तो कभी नही, फिर नेक्स्ट दे मैं ईव्नहींग मैं जल्दी घर आ गया, और बचों को मिला, उनका टुटीओन टीचर भी आया हुआ था, वो कुछ देर रुका और फिर चला गया, मैने देखा के वो कुछ भी सही नही करवा रहा बस टाइम पास कर रहा है, मैने अनहीता भाभी को बोला के इसका आना बेंड कर दो बचों को ये ग़लत हे प़ड़ाए जा रहा है, और भाभी बोली के टुमरे पास भी तो टाइम नही है हमारे लिए, मैं थोडा सा चुनका फिर भाभी ने मुझे आपने रूम मैं बुलाया और छे पिलाई, आज भाभी कुछ जाड़ा हे खुश थी और हास हास के बातें कर रही थी, मैने भाभी का नंबर माँगा और कहा के इंजिनहीयर साहब नही हैं इश्स लिए किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो फोन कर देना.
उन्होने मुझे नंबर दिया और मैने मिस कॅल कर दी, भाभी ने मेरा नंबर सवे कर लिया, रात को मैने एक बियर पे और डिन्नर कर के घर पे आ गया, भाभी का रूम अंडर से बेंड था, मैने सोचा के कैसे भाभी से बात की जाए, फिर बियर के जोश मीयन मैने म्स्ग किया और लिख दिया गुड नाइट, करीब एक गाँते बढ़ रिप्लाइ आया गुड नाइट जी, मैने फिर से म्स्ग किया सोए नही आप, भाभी- नही अभी नही, बचे सो गयेन हैं लेकिन, मैने नेक्स्ट म्स्ग मे लिखा के के काम कर दो भाभी अगर बुरा ना लगे तो, भाभी “बोलिए” मैं “एक कप छे मिल सकती है क्या, दिल कर रहा है छे पीने को” भाभी मैं छे ब्ना कर म्स्ग करती हूँ, ई साइड ओक, फिर 10 मीं बढ़ भाभी का फोन आया छे बन गयी है आ कर ले जाओ, मैने फोन पे कहा आप नही पेवगी, भाभी ने बोला हाँ मैने आपने कप मैं रख ले है, मैने भाभी को कहा के आप ले कर आ जाओ मेरे रूम मैं, हम बात करते करते छे पेएँगे.
वो बोली नही तुम ले जाओ आ के, मैने कहा के फिर आप रहाँे दो, आख़िर भाभी मन गयी और बोली चलो आती हूँ, मैने रूम का दूर ओपन कर दिया और हल्की सी ठंड होने के चलते मैने कंबल ओढ़ लिया, भाभी गौण पह्न के रूम पे आई, देख कर मेरा लॅंड कंबल के अंडर आग उगलने लग गया, फिर भाभी ने मुझे एक कप दिया और खुद चेर पर बैठ गयी, मैने बोला भाभी जी ठंड लगवानी है क्या,? बेड पे आ जाओ बहुत बड़ा है और कंबल ले लो, वो कुछ नही बोली और बेड पे आने लगी, मैने भाभी को बोला के रूम का दूर थोडा बेंड कर दो हवा आ रही है, भाभी ने रूम का डरवाज़ा लॉक कर दिया और कंबल मैं आ गयी, फिर वो मेरे सामने बेठ कर छे पीने लग गयी, मैने आपना पौन भाभी के पौन से लगा दिया और बात करता रहा जैसे कुश भी ना हो रहा हो भाभी ने भी पौन नही हटाया, छे ख़तम हो चुकी थी और अब भाभी ने बोला अछा तो मैं चलती हूँ.
लेकिन मैने कहा के रुक जाओ 10 मीं के लिए वो कहाँे लगी, नही, मुज से रहा नही गया और मैने भाभी को आपनी बाँहो मैं ले लिया और किस करने लगा, भाभी मेरे से चोटने की कोशिस कर रही थी लेकिन मैं कहा सोडने वाला था, मैने भाभी को किस करना नही सोडा और बभी का गौण उपर यूटा दिया, भाभी की ब्रा को उपर किया और बूब्स चूसने लगा, भाभी को टा नही क्या हुआ और उनोणे मुझे जपत दिया, और कप वही सोध के गुस्से मैं चले गयी, नेक्स्ट दे मॉर्नहींग मैं बचे स्कूल चले गये और मैने काम से छुट्टी कर ली, भाभी बाहर आ के जादू लगाने लगी लेकिन मेरे तरफ ड़ख भी नही, मैने भी कुछ नही कहा, दुपेहर 12 बजे मैने म्स्ग किया सॉरी, भाभी का कोई रिप्लाइ नही आए, फिर मैने म्स्ग किया सॉरी तो भाभी का म्स्ग आया के तुम से ये उमीद नही की थी, मैने म्स्ग कर के कहा के आप को फोन कर सकता हूँ, फिर म्स्ग आया क्यूँ, मैने लिखा बस के बार बात कर लो.
फिर म्स्ग आया ओक, मैने फोन किया और बोला भाभी ई म सॉरी रात मुझे टा हे नही चला के मुझे क्या हो गया था, मैं आप को बहुत प्यार करने लग गया हूँ, भाभी – आएसा क्या है मुज मैं, मैं- आप बहुत स्वीट और सुन्दर हो, आप के जैसी लड़की कभी देखी नही है मैने, भाभी- कुश हो के अछा मस्का मॅट मरो, मैं- फिर माफ़ कर दो ना मुझे नही तो मैं रूम शॉड के चला ज़ाऊ गा, भाभी बोली ओक लेकिन फिर दुबारा मत करना आएसा, मैने कहा ओक, लेकिन आप को पता है के शेयर के मूह को जब खून लग जाए तो फिर शिकार जाड़ा दिन बच नही सकता, रात को फिर म्स्ग किया और बोला मेरी छे तो दे जाओ भाभी, भाभी का रिप्लाइ आया नही, मैने कहा आप ने माफ़ नही किये मुझे ना, भाभी, कर दिया है बोला ना, मैं- फिर छे दे कर जाओ, ओक बाबा , फिर 10 मीं बढ़ भाभी छे ले कर आई और हम ने नॉर्मल हो कर छे पे, जब भाभी जाने लगी तो मैने उन्हे कहा ई लव उ अनहीता और हग कर लिया.
वो कुछ नही बोली, मैं कहता रहा ई लव उ, ई लव, ई लव उ फिर भाभी बोली के आएसा नही हो सकता मैं मॅरीड हूँ, लेकिन मैने उन्हे शोदा नही और बेड पे गिरा लिया, और किस करने लगा अब भाभी ने भी मेरे कान मे बोला ई लव उ टू, बस फिर क्या था मैने उनको पकड़ लिया और गौण उत्तर दिया, फिर मैने कोई जल्दी नही की और बूब्स दबाने लगा और किस करता रहा, मुझे टा था आज की रात मेरी है, मैने भाभी की चुत पे हाथ फेरा तो वो पागल हो गयी, मैने उनकी पेंटी निकाल दी और किस करता रहा, फिर मियने आपने कपड़े उत्तर दिए और आपना 7 इंच का लॅंड भाभी की चुत पे रख दिया, भाभी ने आखें बेंड कर ली और लेग्स खो दी मैं ज़मीन पे था और वो बेड पे फिर राइड शुरू हो गयी और बेड की आवाज़ आनने लगी, टाइम का टा नही चला के कितन लगा लेकिन मज़ा बहुत आया, फिर हम दोनो एक साथ जाध गये, उस रात भाभी को 3 बार आचे से चोदा और सुबा 5 बजे वापिस बेजा.







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Fentency हरियाणा के छोरे को मिली

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हरियाणा के छोरे को मिली


अभी कुछ दिन पहले की बात है मैं कुछ काम से नरवाना गया हुआ था तो मैं अपने एक दोस्त के घर पे रुका हुआ था। मेरे दोस्त का घर जिस कालोनी में था, वहां महिला आयोग वालों का प्रोग्राम हो रहा था वो सब महिलाओं के अधिकारों पर भाषण दे रहे थे तो जैसा कि मैं प्रवृति से थोड़ा जिज्ञासु हूँ तो मैं भी वहां पर चला गया संयोग से मुझे सबसे आगे वाली सीट मिल गई। स्टेज पर एक अधेड़ उम्र की महिला भाषण दे रही थी। उसके पीछे कुर्सियों पर कुछ और अधेड़ महिलाएँ बैठी थी और उनके पीछे कुछ सुन्दर बालाएं खड़ी थी। उन लड़कियों के बीच में एक लड़की ख़डी थी बिल्कुल गोरी चिट्टी। उसकी लम्बाई तकरीबन ५.५" होगी और फ़िगर तो एकदम बार्बी डोल के जैसी। उसने सफ़ेद रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसमें वो स्वर्ग की किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। उसे देखते ही मेरी नियत बदलने लगी और मैं उन महिला उद्धार वालों की उस लड़की का उद्धार करने के बारे में सोचने लगा। मैं एक टक उसे ही देखने लगा। उसके उभरे हुये उरोज मुझे आमंत्रित कर रहे थे कि मैं जाऊं और उन्हें जी-जान लगाकर मसलूं। उसकी नजरें सामने बैठे सब लोगों में घूम रही थी। जैसे ही उसकी नजर मुझसे टकराई, मेरे शरीर में ४४० वोल्ट का करंट सा लगा और शायद कुछ फ़र्क उसे भी पड़ा था क्योंकि उसने एक बैचेनी के साथ बहुत जल्दी से अपना मुँह दूसरी तरफ़ घुमा लिया, पर मैं अपनी नजर उसके सेब जैसे गालों से न हटा सका। अबकी बार मुझे काफ़ी देर हो गई थी कि वो कब मेरी आँखों में देखे। वो शायद जानबूझ कर ऐसा कर रही थी। लेकिन उसके चेहरे की बैचनी साफ़ देखी जा सकती थी। काफ़ी देर के बाद फ़िर उसने कुछ पल के लिये मेरी तरफ़ देखा लेकिन अबकी बार वो कुछ सामान्य थी और इस तरह हमारी एक दूसरे से लगातार नजरें मिलने लगी और हम अब एक दूसरे को स्माईल भी दे रहे थे। अब मुझसे बर्दाशत करना मुश्किल होता जा रहा था। लण्ड पैंट को फ़ाड़कर बाहर आने के लिये बेताब था। तो इतनी देर में ही वो कहीं चली गई तो मैंने भी सोचा जब तक शो दोबारा शुरु हो तब तक मैं भी जाकर सूसू करके आऊं और मैं उठ कर पंडाल से बाहर आ गया जहां पे सामने ही जेन्ट्स और लेडिज बाथरुम साथ साथ बने हुए थे मैं सीधा जेन्टस बाथरुम में गया और अपने खड़े हुए लण्ड को पकड़ कर दीवारों पे धार मारते हुए सूसू करने का मजा लेने लगा……………
मैं जैसे ही बाहर निकला वही लड़की जो अन्दर स्टेज पर थी, बिल्कुल मेरे सामने दरवाजे के साथ कुश्ती कर रही थी, शायद उससे बाथरुम का दरवाजा नहीं खुल रहा था। उसे मैंने पहली बार इतनी नजदीक से देखा था उसका रंग धूप में समुन्दर के किनारे पड़ी रेत की तरह चमक रहा था, उसकी कमर मेरी तरफ़ थी वो दरवाजे की कुण्डी को पकड़ के थोड़ा झुकी हुई थी जिससे उसके चूतड़ों के उभार बाहर की ओर निकले हुए थे। उसके कूल्हों की गोलाईयां कमाल की थी। उसकी कमर से लेकर कूल्हों तक देखने में वो ऐसी लग रही थी जैसे अजन्ता की गुफ़ाओं में मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकार ने उसे अपने हाथों से बनाया हो। उसकी नंगी दिख रही कमर पे कुछ पसीने की बूंदें जो उसके गोरे बदन पे मोतियों की तरह चमक रही थी। दिल कर रहा था कि उसे अभी दबोच लूँ। लेकिन मैं एक शरीफ़ आदमी हूँ। मैंने ना तो कभी किसी लड़की के साथ कोई जबरदस्ती की है और ना ही किसी लड़की का कभी फ़ायदा उठाने की कोशिश की है। अगर वो खुश है तो मैं अपने लण्ड का प्रयोग करता हूँ नहीं तो चक्षु चोदन करके ही खुश रहता हूँ। तो मैं उसे देख ही रहा था कि वो कुण्डी छोड़ कर वापस मुड़ी। मैं उसके कुछ ज्यादा ही नजदीक खड़ा था जिससे वो मुड़ते ही एकदम मुझसे टकरा गई और उसकी छातियां मेरे सीने से आ चिपकी। जिससे मेरे शरीर में सनसनाहट सी दौड़ गई। वो जल्दी से मुझसे दूर हटी और मुझे बार बार सॉरी कहने लगी। मैंने जब ओ के कहा तो उसने थोड़ा सामान्य होते हुये मुझसे कहा- दरअसल दरवाजा नहीं खुल रहा है। क्या आप जरा ! मैंने उसकी बात खत्म होने से पहले ही ' हां जरुर ' कहा और दरवाजे को जोर से झटका मारा दरवाजा बहुत धीरे से बंद था और जरुरत से ज्यादा जोर लगाने के कारण एक झटके में ही खुल गया जिससे मैं उस लड़की के उपर जा गिरा। वैसे तो लड़की की तरफ़ मेरी पीठ थी लेकिन जैसे ही मुझे लगा कि मैं गिरने वाला हूँ मैंने एकदम से अपना मुँह घुमा लिया और अपनी दोनों हथेलियां सीधी करके इसलिए आगे निकाल ली कि अगर मैं गिरुँ तो हाथों को जमीन पर लगा कर खुद को गिरने से रोक सकूँ जिससे मेरे मुँह पर चोट लगने से बच सके, जैसा कि आमतौर पर मनुष्य करता है। वो एकदम मेरे पीछे खड़ी थी जिससे मैं उसी के उपर जा गिरा और जो मेरे हाथ आगे की ओर निकले हुये थे वो उसके सीने पे जा टिके और हम दोनों जमीन पर जा गिरे। शायद उसे जमीन पर गिरने से ज्यादा चोट नहीं आई थी क्योंकि उसके चेहरे पर कोई दर्द के भाव नहीं थे। वो मेरे बिल्कुल नीचे पड़ी थी और मैं उसके गुदाज बदन के ऊपर लेटा हुआ था। उसके सीने के दोनों मोटे-२ उभार जिनका साईज एक बड़े अनार के जितना था, मेरे दोनों हाथों में कैद थे जो कुछ ज्यादा ही सख्त लग रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं किसी मखमल के गद्दे के उपर लेटा हुआ हूँ और मेरे हाथों में दो मुलायम पत्थर पकड़ा दिये गये हैं। हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे। ना तो वो मुझे उठने के लिये कह रही थी और ना ही उसके चेहरे पे कोई नाराजगी नजर आई और मुझे तो होश ही नहीं था। फ़िर भी मैंने अपने आप को संभाला और उसके उपर से उठते हुये सॉरी बोला तो उसने मुझे ओ के कहते हुए कहा- वैसे आपको जगह देख के गिरना नहीं आता अगर आप बाथरुम के अन्दर मेरे ऊपर गिरते तो आप को सॉरी नहीं कहना पड़ता। वैसे मेरा नाम मुस्कान है। यह सब कहते हुए उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी, एक तो ये सब उसने बहुत तेजी से कहा और दूसरे उसकी आवाज कुछ ज्यादा ही मीठी थी, जिससे मैं कुछ बोल ही नहीं पाया लेकिन फ़िर भी मैंने अपने आप को सम्भालते हुये कहा- गिरना तो सीख लेते लेकिन कोई सिखाने वाला भी तो हो ! वैसे मेरा नाम जतन है ! मैंने भी उसकी दोनों बातों का जवाब एक साथ देते हुए कहा। वो कुछ ज्यादा ही फ़्रेंक थी, उसने जल्दी से मुझसे हाथ मिलाते हुये हाय कहा।
मैंने कहा- तो चले फ़िर? कहां ? गिरना सीखने के लिये ! अभी ?
कल करे सो आज कर आज करे सो अब !
तुम बहुत शरारती हो वो हसंते हुये बोली जिससे उसके सफ़ेद दांत दिखाई दिये जो अनार के दानों के जैसे थे। और मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे उसी लेडीज बाथरुम के अन्दर खींच लिया और वो भी बिना कोई जोर जबरदस्ती किये अन्दर आ गई। मैंने अन्दर जाते ही बाथरुम का दरवाजा अन्दर से बदं कर लिया और उसको अपनी बाहों में भरते हुये उसके चेहरे पे पागलों की तरह किस करने लगा, उसके नरम गुलाबी होठों को बेदर्दी से चूसने लगा तो उसने मुझे थोड़ा पीछे धकेलते हुये कहा- इतनी बेसब्री क्यों दिखा रहे हो ? मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ ! और मेरे दोनो हाथों की अगुंलियों को अपने हाथों की उंगलियों में फ़ंसाते हुये कहा- अब तुम अपने हाथ पैर नहीं चलाओगे, आराम से खड़े रहो ! मैं सीधे होकर खड़ा हो गया। उसने बहुत ही प्यार से मेरे होठों पर अपने होंठ टिकाते हुये मुझे धीरे-२ किस करना शुरु कर दिया। वो कभी ऊपर वाले होंठ को चूस रही थी तो कभी नीचे वाले होंठ को ! उसके चूमने का अदांज इतना मादक था कि मेरे तो होश ही उड़ रहे थे। मैंने अपने हाथ उसकी नाजुक उंगलियों से आजाद करके उसकी पतली कमर थाम ली जिसे छूने की मैं कब से कल्पना कर रहा था। मेरे हाथ उसके दोनों कूल्हों की तरफ़ से उसके बदन को सहलाते हुए उसके कंधों तक आ रहे थे। उसके कूल्हों की गोलाईयां बहुत ही मुलायम मगर सख्त थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं दो तरबूजों पर हाथ फ़िरा रहा हूँ। उसके ब्लाउज का पीछे का कट बहुत बड़ा था, उसकी पूरी पीठ नंगी थी जो उसने अब तक अपनी साड़ी से छुपा रखी थी। ब्लाउज को संभालने के लिये बस एक पतली सी स्ट्रीप थी जो पीछे पीठ पर बंधी हुई थी। मैंने उसकी पीठ पर हाथ फ़िराते हुए वो स्ट्रीप खोल दी जिसके बाद उसके ब्लाउज में खोलने के लिये कुछ बाकी नहीं रहा। वो अब भी मुझे किस करने में मगन थी पर मेरा पूरा का पूरा ध्यान मुस्कान के कपड़े उतारने में लगा हुआ था। मैंने उसके ब्लाउज को उतार कर एक तरफ़ फ़ैंक दिया, उसने कुछ नहीं कहा। मुझे तो जैसे स्वर्ग का आनन्द आ रहा था। उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जो उसके बदन के गोरे रगं को और भी कातिल बना रही थी। मैं उसकी सीने के उभारों को दबाने लगा, मुझे बहुत ज्यादा आनन्द आ रहा था। उसके बड़े-२ चुचे मेरे हाथों में नहीं समा रहे थे। मैं अपने होश खोता जा रहा था। मैंने उसकी ब्रा भी उतार कर एक तरफ़ उछाल दी। वो अब भी किस करने मैं मगन थी। मैं उसके नंगे चुचों को बेदर्दी से मसल रहा था, वो सिसकियां ले रही थी। मैंने अपने होठों को उसके होठों से आजाद करवाया और एक नजर उसकी नंगी छाती पर डाली क्या खतरनाक नजारा था मेरे आँखों के सामने उसके दो सफ़ेद उभार झूल रहे थे जिन्हें देख कर मेरा हलक सूख रहा था। वो कतिल नजारा किसी भी जवान मर्द की जान लेने के लिये काफ़ी था। उसके हल्के गुलाबी रंग के निप्पल सुई की नोक की तरह तने हुए थे।
अब ज्यादा देर तक मुझसे उसे इस हालत मैं नहीं देखा जा रहा था। मैंने उसे अपने सीने से लगाकर जोर से भींच लिया जिससे उसके चुचे मेरे सीने में दब गये। वो इतने सख्त थे कि मुझे ऐसा लग रहा था कि वो मेरे सीने के पार ही ना निकल जायें। वो बहुत जोर-२ से सिसक रही थी। शायद वो भी अब बेकाबू होती जा रही थी। उसने मेरी पीठ पर जहां उसके हाथ थे, अपने नाखूनों से जोर से नोच दिया, मुझे बहुत ज्यादा दर्द का अहसास हुआ पर मैं जाने क्या सोचकर सब बर्दाश्त कर गया। मैंने उसे अपने आप से अलग किया और दीवार के साथ खड़ा करके उसके मस्त उभारों पर टूट पड़ा। उसके चुचों को जोर से मसलते उए उसके निप्पलों को चूसने लगा। ऐसा करते हुए मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। वो सेक्स में मस्त होते हुये मेरे बालों को नोच रही थी मैंने उसकी छाती को चूस-२ कर और ज्यादा लाल और बड़ा बना दिया। अब मैं दोबारा जैसे ही उसके होठों के पास होंठ ले गया, वो मुझ पर पागल की तरह टूट पड़ी और वो मेरी शर्ट के बटन खोलने की कोशिश करने लगी लेकिन उसकी बौखलाहट के कारण वो बटन नहीं खोल पा रही थी जिससे उसने गुस्से में शर्ट को ही फ़ाड़ डाला। मुझे शर्ट फ़टने के कारण गुस्सा तो आया लेकिन उस वक्त गुस्से पे उन्माद हावी हो चुका था जिस कारण मैं कुछ बोलने की हालत में नहीं था उसने मेरी फ़टी हुई शर्ट को उतारकर एक तरफ़ फ़ैंक दिया। इससे पहले कि वो बनियान भी फ़ाड़ डाले, मैंने खुद बनियान उतारकर एक तरफ़ रख दी। अब हमारे ऊपर से नंगे बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे और हम दोनों ही एक दूसरे के बदन को बेदर्दी से मसल रहे थे जिससे दर्द तो हो रहा था पर दर्द से ज्यादा मजा आ रहा था। उसके हाथ जैसे ही मेरी पैंट के ऊपर गये, मुझे डर था कि कहीं ये मेरी पैंट भी ना फ़ाड़ दे और मुझे नंगे ही घर जाना पड़े। मैंने फ़ट से पैंट शरीर से अलग कर दी। उसने लपक कर अडंरवियर में हाथ डाल कर मेरे खड़े लण्ड को पकड़ लिया और अपने घुटनों के बल बैठ कर लिंग को मुँह में डाल लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी। वो लंड को जड़ से लेकर टोपी तक आईस्क्रीम की तरह चाट रही थी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था लेकिन जब भी वो टोपी की खाल पीछे खींचकर अपनी जीभ वहां फ़िरा रही थी तो मुझे अपनी जान निकलने का अहसास हो रहा था। उसका इस तरह से लंड और अंडकोश को चाटना असहनीय था, जिससे जल्दी ही स्खलन तक पहुँच गया। मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ, मैंने अपने लण्ड को पकड़ा और पीछे से उसके बाल पकड़ कर एक झटके में ही जड़ तक लंड उसके मुँह में डाल दिया। वो उसके गले में जाकर अटक गया। मुस्कान के मुँह से घूं घूं की आवाज आ रही थी जिससे मुझे लगा कि उसे सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है, पर मैं झड़ने वाला था और खुद को रोक नहीं सकता था, मैं लंड को पूरी गति से आगे पीछे करने लगा जिससे लंड ने जल्दी ही पिचकारियां छोड़नी शुरु कर दी। मैंने उसके मुँह को जोर से पकड़ रखा था और पूरा लंड उसके मुँह के अन्दर था जो उसके गले में चिपका हुआ था, लंड से वीर्य निकल कर उसके गले की दीवारों पर बह रहा था, उसकी आँखों में आँसू छलक आये थे। लेकिन शायद उसे मजा भी आ रहा था क्योंकि उसने एक बार भी मुँह को पीछे खींचंने की कोशिश नहीं की थी। जब मैं पूरी तरह से झड़ चुका तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और उससे सॉरी बोला पर उसने मेरी बात पर कोई प्रतिक्रिया करने की बजाय वापस लंड को पकड़ा और उस पर लगे वीर्य को चाट-२ कर साफ़ करने लगी। उस वक्त वो मुझे इतनी प्यारी लगी कि दिल कर रहा था अपनी पूरी जिन्दगी उस पर वार दूं मैंने उसे बहुत ही प्यार से खड़ा किया और उसकी साड़ी को उससे अलग़ कर दिया उसका पेटिकोट उतार कर चड्डी भी उतार दी। अब मेरे सामने पहले से भी भयानक नजारा था। आपने कभी संगमरमर की बनी हुई एक निर्वस्त्र लड़की की मूर्ति देखी होगी ! कितना मस्त फ़िगर होता है उसका ! अब कल्पना कीजिये कि वो लड़की आपके सामने जिन्दा बनकर आ जाये तो क्या हालत होगी आपकी ! कुछ ऐसी ही हालत मेरी भी थी, उसकी गोरी-२ सुडौल जांघों पर हाथ फ़िराते हुए मैंने जैसे ही उसकी बिना बालों वाली चूत पर अपना हाथ रखा उसने हल्की सी सिसकी ली। मैंने उसकी चूत की फ़ाड़ों को अपने हाथ की दो उंगलियों से अलग करके देखा तो उसकी चूत का मुँह थोड़ा सा खुल गया लेकिन छेद ज्यादा बड़ा नहीं था। उसके छेद का रंग गहरा गुलाबी था। मैंने अपनी एक अगुंली को अपने मुँह में डालकर थूक में गीला किया और धीरे से उसकी चूत में सरका दिया और अन्दर बाहर करने लगा। मैं जिस स्पीड से उंगली को चला रहा था उसी स्पीड से उसका शरीर थिरक रहा था। मैंने अपनी रफ़्तार तेज कर दी तो उसके शरीर की रफ़्तार भी बढ गई। शायद मेरी ये हरकत उसे कुछ ज्यादा ही आनन्दित कर रही थी क्योंकि उसके मुँह की सिसकियां चीखों में बदल रही थी। मैंने अपने हाथ को चलाना बदं कर दिया ताकि बाहर कोई आवाज ना सुन ले। तो वो खुद मेरी उंगली पर उपर नीचे होने लगी। मैंने जल्दी से उंगली बाहर निकाली और खड़े होकर उसे नीचे बिठाया और अपना लंड दोबारा उसके मुँह में डाल दिया। वो नरम पड़े लंड को रबड़ की तरह खींच-२ कर ऐसे चूसने लगी जैसे कोई बछ्ड़ा गाय के थन को खींचता है और गाँव के लोगों ने बछ्ड़े को ऐसा करते हुये जरुर देखा होगा। जल्दी ही उसने लंड को दोबारा खड़ा करके पत्थर की तरह सख्त कर दिया। मैंने खड़े होकर उसका मुँह दीवार की तरफ़ घुमाया और सामने लगे वाश बेशिन पर उसके हाथ रखवाकर उसे झुका दिया। अब उसकी गाण्ड उभर कर सामने आ गई और गाण्ड के नीचे टागों के बीच से उसकी चूत बाहर झांक रही थी। मैंने अपने लंड पर वाश बेशिन के उपर पड़ा साबुन लगा कर बहुत सारे झाग बनाये और और उसकी चूत के मुँह पर रख कर धीरे से अदंर सरका दिया। वो उसकी चूत की दिवारों को खोलता हुआ आराम से अन्दर समा गया। अन्दर से उसकी चूत काफ़ी चिकनी और नरम थी। मेरा लंड उसकी चूत में कुछ इस तरह से फ़िट था कि जैसे उसकी चूत को स्पेशल मेरे लंड के लिये ही बनाया हो।
मैंने उसे जोर से वाश बेशिन को पकड़ने के लिये कहा और खुद उसके चूतड़ पकड़ कर जोर जोर से उसे चोदना शुरु कर दिया। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। जैसे ही मैं लंड को आगे की तरफ़ धकेलता, वो अपने चूतड़ों को पीछे की तरफ़ धकेलती और जैसे ही मैं लंड को पीछे की तरफ़ खींचंता वो खुद को आगे की तरफ़ खींचंती। मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। जब भी मेरा लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसता और उसके कूल्हे मेरी जाघों से टकराते तो बहुत ज्यादा पट-पट की आवाज आ रही थी और मैं इसी पट पटा पट के साथ उसे चोदे जा रहा था। मैंने अपने दांत बहुत जोर से भींच रखे थे और सांस रोक कर शॉट पर शॉट लगा रहा था और मुस्कान, अब की बार वो अपनी चीखों को नहीं रोक पा रही थी और मस्त हो कर बड़बड़ा रही थी- ओ ह ह ह आ ह ह ह हाँऽऽ अं आ ह ह ह कर ! आह ह ह ह ओह यस और जोर से ! मुझे डर था कि कहीं कोई उसकी चीखों को न सुन ले, पर मैं अभी उसको चुप कराने की हालत में नहीं था। एक दम से उसका शरीर अकड़ने लगा और अपनी चूत में मेरे लंड को भींच कर जोर से चिल्लाई और उसकी चूत ने फ़ूलना पिचकना शरू कर दिया। उसकी चूत से उसका पानी निकलकर उसकी जांघों पर और मेरे लंड से होते हुये मेरी टांगों पर बह रहा था। मैं अब अपने लंड को नहीं हिला पा रहा था क्योंकि जैसे ही उसकी चूत थोड़ी ढीली पड़ती तो मैं लंड को हिलाने की कोशिश करता तो दोबारा वो चूत को भीच कर लंड को जकड़ लेती। उसका पूरा पानी निकल चुका था लेकिन मेरा दूसरा रांउड होने के कारण अभी नहीं हुआ था तो मैंने दोबारा अपने धक्के लगाने शरू कर दिये पर उसने मुझे रुकने के लिये कहा। जैसे ही मैं रुका तो उसने सीधे खड़े होकर लंड बाहर निकाल दिया जिससे मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आया और मैंने उसे डाटंते हुए दोबारा झुकने के लिये कहा पर उसने प्यार से मेरी आँखों में देखते हुये कहा- प्लीज डीयर ! अब मैं अन्दर बर्दाशत नहीं कर पा रही हूँ ! मैं तुम्हारा हाथ से हिलाकर या मुँह से चूसकर निकाल देती हूँ ! पर मैं अन्दर डालना चाहता था लेकिन मैंने उसकी बात मानते हुए उसकी चूत में डालने का विचार त्याग दिया पर अन्दर डालने का नहीं। तो मैंने उसे दोबारा झुकने के लिये कहा- मुझे तुम्हारी गाण्ड मारनी है ! तो उसने कहा- मैंने कभी मरवाई नहीं है लेकिन तुमने मुझे आज इतना मजा दिया है कि मैं मना नहीं कर सकती, पर कोशिश करना कि दर्द कम से कम हो ! तो मैंने प्रोमिस कर दिया और उसे वापस झुका दिया और साबुन उठा कर अच्छी तरह से उसकी गाण्ड के छेद पर घिसाया और बहुत सारे झाग उठने के बाद उसकी गाण्ड के छेद पर लण्ड को रख कर एक जोर का धक्का लगाया। लण्ड सट से आधा उसकी गाण्ड में जा घुसा वो जोर से चिल्लाई और बाहर निकलवाने की कोशिश करने लगी। पर मैंने उसे जोर से पकड़ रखा था वो जिस कारण हिल नहीं पाई तो उसने कहा- तुमने वादा किया था कि तुम ज्यादा दर्द नहीं करोगे ? तो मैंने कहा- अगर मैं धीरे धीरे अन्दर डालता तो तुम मुझे कभी डालने ही नहीं देती। इसलिये मुझे ऐसा करना पड़ा लेकिन अब ज्यादा दर्द नहीं होने दूंगा और लण्ड को धीरे से बाहर खींचा और धीरे-२ ही वापस अन्दर डाल दिया। मैं ऐसे ही धीरे-२ करने लगा थोड़ी देर में ही वो नार्मल गई तो मैंने अपनी स्पीड बढा दी और हर धक्के के साथ थोड़ा-२ लंड अन्दर बढ़ाता रहा। थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड उसकी गाण्ड में था जो बहुत ज्यादा टाईट थी। मेरा लंड बिल्कुल फ़ंसा हुआ था लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने तूफ़ानी गति से धक्के लगाने शुरु कर दिये जिससे कभी-२ उसका सर वास बेशिन के ऊपर लगे आईने से टकरा जाता था लेकिन कुल मिलाकर उसे भी मजा आ रहा था। मेरे धक्कों के कारण उसके बड़े-२ चूचे आईने में हिलते हुए ऐसे लग रहे थे जैसे उनमें जलजला आ गया हो। वो आँखें बंद करके मेरे धक्कों को सह रही थी और मैं आँखें खोले उसे आईने में देखते हुए चोदने का आनन्द ले रहा था। मुझे लगा कि मैं अब झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी जिससे उसका सर लगातार दीवार से टकराने लगा तो उसने अपनी छाती को वाश बेसिन पर टिकाते हुए सर को दीवार केसाथ सटा दिया ताकि उसका सर फ़ूटने से बच जाये। मेरा पानी बस अभी निकलने ही वाला था। मेरे शरीर की नसें खिंच गई और मैंने सबसे ज्यादा जोर के धक्के लगाते हुए लंड उसकी गाण्ड पर पटकना जारी रखा। उसी वक्त मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मेरे मुँह से अजीब सी आवाज निकली और मैंने अपने शरीर का पूरा जोर लगाते हुए उसके अन्दर झड़ना शुरू कर दिया।लण्ड से जैसे ज्वालामुखी फ़ट पड़ा था, आज पता नहीं इतना वीर्य कहां से आ गया था कि निकलता ही जा रहा था और मेरा आनन्द उसकी तो बस पूछो मत जिन्दगी में ऐसा पहली बार महसूस हो रहा था। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और हम दोनों एक दूसरे की तरफ़ देख कर मुस्कराये। हम दोनो ही एक दूसरे से पूरी तरह संतुष्ट थे। हमने एक दूसरे को गले से लगा कर छोटा सा किस किया और अलग होकर कपड़े पहनने लगे। जब मैं सब कपड़े पहन चुका तो मैंने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए उसकी तरफ़ आखें निकाल के देखा और उसे अपनी शर्ट दिखाई जिसे देखकर वो थोड़ा सा मुस्कराई और गले से लगकर सॉरी कहा। अब तक वो भी अपने कपड़े पहन चुकी थी। जब हम बाहर निकलने लगे तो उसने अपने पर्स से ५०० रू निकालकर मेरी तरफ़ बढ़ाये- तुम्हारी शर्ट के लिये ! मैंने लेने से मना कर दिया तो उसने कहा- जानू अगर मैं शर्ट खरीद कर तुम्हें गिफ़्ट करती तो क्या तुम नहीं लेते? मुझे उसके जानू कहने के स्टाईल में कुछ ज्यादा ही अपनापन लगा और मैंने वो पैसे ले लिये। उसने दोबारा मेरे होठों पर किस किया और बाथरुम का दरवाजा खोला तो हम दोनों ही सहम गये क्योंकि बाहर एक लड़की खड़ी थी जो शायद काफ़ी देर से हमारी बातें सुन रही थी। यह वही लड़की थी जो स्टेज पर मुस्कान के साथ ही खड़ी थी, जो काफ़ी सुन्दर भी थी लेकिन मुस्कान जितनी नहीं। उसने हमारी तरफ़ देख कर आखें नचाते हुए कहा- लगता है प्रोग्राम काफ़ी अच्छा रहा ! मैं तो वैसे ही तुम्हें देखने चली आई थी, मुझे क्या पता था कि यहां ये सब चल रहा है ! उसकी बात सुन कर मेरे चेहरे पर आये असमंजस के भाव की जगह एक अर्थपूर्ण मुस्कान ने ले ली। जबकि मुस्कान ने शरमाते हुए सिर नीचे झुका लिया। तो उसने मुस्कान की तरफ़ आँख मारते हुए कहा- घबराओ नहीं, मैं किसी से नहीं कहूंगी। बस तुम्हें मेरा आज से ऐसे मौकों पर मेरा भी ध्यान रखना पड़ेगा। यह सुन कर मुस्कान की जान में जान आई और उसने मेरी तरफ़ देखते हुए मुझे इशारा किया। जब मैं कुछ नहीं बोला तो उस लड़की ने कहा- क्यों मिस्टर? मेरे बारे में क्या ख्याल है? मेरा नाम शालू है और मैं भी मुस्कान से कम नहीं हूँ ! तो मैंने कहा- जब आप कहे, जहां आप कहे ! तो उसने कहा- तुम दोनों की चूदाई की बातें सुनकर दिल तो अभी करने का कर रहा है पर अभी फ़ंकशन खत्म हो चुका है और हम दोनों को ही वहां पहुँचना पड़ेगा। लेकिन हम लोग कुछ दिन और यहां रहेंगे, मेरा नम्बर ले लो और रात को 9 बजे के बाद फ़ोन करना, हम तब मिलेंगे। और शालू मुझे अपना नम्बर देकर चल पड़ी। मुस्कान ने भी मुझे गालों पर किस किया और शालू के साथ चल दी और आपके यार अपनी फ़टी हुई शर्ट से बदन छिपाते हुए अपने दोस्त के घर की तरफ़ चल दिये शालू की चूत के बारे में सोचते हुए जो रात को मारनी थी।








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Fentency आंटी ने किया लंड लंबा

Fentency

 आंटी ने किया लंड लंबा

आज मैं आपको अपनी आंटी की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिन्होंने ने मुझे पहले चुदाई का पाठ पढाया और फिर मुझसे अपनी चुत को भी पिलवाय | दरअसल दोस्तों बात यह थी मेरी अम्मा कुछ दिनों के लिए मुझे मेरी २१ बरस की उम्र में अपनी एक दोस्त के पास छोड़ गयी थी | अब वो आंटी ही मेरी देखबाल करने वाले थी | आंटी अपने चरित्र में तो काफिया चची थी पर मुझे नहीं पता था की सेक्स की इतनी भूकी भी हो सकती है | उनका पति उनसे काम के कारण हमेशा ही बहुत दूर रहा करता था इसीलिए उनके पास घर में अकेले अपनी चुत की आग भुजाने के लिए सम्भोग के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था |

दोस्तों हुआ यूँ आंटी अब मुझे ज़बरदस्ती ही निह्लाया करती थी और जान पुच कर मेरे लंड को साबुन लगाकर मसला करती थी | वो भी अपने स्तनों पर पानी डाला कर मुझे मसलने को कहा करती थी पर मैं डर जाता  | धीर – धीरे उन्होंने मुझे सेक्स के बारे में समझान अशुरु किया और एक दिन मुझे कामुक फिल्म भी दिखाई | उस दिन मैं असली वासना को समझ चूका था और आंटी के चुचों को कसकर निचोड़ने के लिए तड़प रहा था | मेरे अंदर अब बिलकुल उत्तेजना भरी हुई था और उस दिन बिस्तर पर मैं खुद ही आंटी के चुचों पर अपने हाथ को फेरने लगा | मैंने अब जैसे ही उनके कुर्ती के उप्पर से उनके चुचों तक पहुँचने की कोशिश कि तो उन्होंने मेरे होठों को अपने मुंह में भर लिया और उनके मन में असली मर्दाना भाव की याचना बन चुकी थी |

मैं आंटी की कुर्ती को उतारकर नंगे चुचों को चूस रहा था और वो भी मज़े में बिलकुल चूर हो चुकी थी और नीचे से मेरे लंड को अपने हाथ में लेते हुए मसल रही थी | मैं भी आंटी से लिपट गया और उन्हें मस्त में चूम और और नीचे से पना लंड का सुपाडा चूसा रहा था | मैंने जोश में आते हुए उनकी पैंटी को भी उतार खींच दिया | कामुक फिल्मों के नुसर मैंने अपनी उँगलियाँ आंटी की चुत में डाल रहा था |मैंने कुछ देर बाद देखा की आंटी की चुत हलकी  – हलकी गीली हो चुकी थी जिसपर मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा की अब मेरी चुत में तुम्हारे लंड की बारी है |

मैंने अब अपने लंड को आंटी की मस्तानी खुली चुत में देते हुए मज़ा लेने लगा | मुझे ऐसा मज़ा जिंदगी में पहली बार आ रहा था | लंड पर एक दम कोमल एहसास हो रहा था | मेरा उस समय भी लंड आंटी की चुत को संतुष्ट कर देने लायक था | उस वक्त आंटी ने शक्कों की रफ्तार को बधान एमें सहयोग देते हुए अपनी कमर को भी मेरे लंड की और धकेलते हुए चुदाई की हर सीमा को तोड़ दिया | मैं इतना उत्तेजित था की कुय्च पल में ही झड गया पर उस दिन के बाद हम हर दो घंटे बाद चुदाई किया करते जिससे आज मेरा लंड ८ इंच का हो गया है |







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Fentency आर्मी ऑफिसर की बेटी

Fentency
 आर्मी ऑफिसर की बेटी 

प्रेषक : देव 

मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ ! मैं मैंट्रिक तक शिमला में पढ़ा हूँ ! शिमला में मेरा नानी घर है ! बात उन दिनों की है जब मैं अपने ननिहाल शिमला, कॉलेज की छुट्टियों में गया था। मेरी उम्र बीस वर्ष की थी। उन दिनों मेरे कॉलेज में तो छुट्टियाँ थी पर शिमला कॉलेज में नहीं थी। इसलिए मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ शिमला कॉलेज की लड़कियाँ देखने जाया करता था ! मेरे दोस्तों ने मेरी इंट्रो अपनी क्लास की कुछ लड़कियों से करवा दी थी जिनके साथ मैं कॉलेज में सारा दिन बिताया करता था। उनमें से एक लड़की मेरी तरफ कुछ ज्यादा ही ध्यान देती थी। उसका नाम अनीता था, उसके पापा आर्मी ऑफिसर थे। उसका पारिवारिक माहौल आर्मी वालों की तरह बोल्ड था। एक दिन उसने मुझे अपना फ़ोन नंबर दिया और कहा कि मैं उसे शाम को फ़ोन करूँ। पर मैंने उसे चिढ़ाने के लिय शाम को ना तो उसे फ़ोन किया और ना ही उसकी कॉल का जवाब दिया। जब अगले दिन हम कॉलेज में मिले तब उसके पूछने पर कि कल तुमने फ़ोन क्यों नहीं किया, मैंने बहुत रूखे ढंग से कहा- मैं किसी और काम में व्यस्त था, सो मुझे तुम्हें फ़ोन करने का ध्यान नहीं रहा ! इस तरह के जवाब से वो बहुत नाराज हो गई और सारा दिन मुझसे बात नहीं की ! उस शाम हमारी एक और फ्रेंड चन्द्रिका के घर पर मैं चाये पीने गया, वहां पर अनीता भी थी। फिर हम तीनों चाय पीते हुए बातें करने लगे ! बातों बातों में चन्द्रिका अनीता को कहने लगी कि देव पर बहुत लड़कियाँ मरती है और हमारे कॉलेज की बहुत सी लड़कियाँ इसकी एक्स-गर्ल-फ्रेंड रह चुकी हैं ! मुझे लगा कि अब मेरे बारे में ये सब कुछ जान कर कम से कम अनीता तो कभी मेरे साथ नहीं फंसेगी ! पर इस बात का असर बिलकुल उल्टा हुआ ! अनीता मेरे बारे में मुझसे और चन्द्रिका से सब कुछ जानना चाहती थी ! मौका देख कर मैंने भी "दिल चाहता है" फिल्म का डायलोग मार दिया- मेरे बारे में इतना सब कुछ पूछ रही हो ! क्या मेरे साथ शादी करने का इरादा है ? इस बात पर हम सभी हंसे और अपने अपने घर चले गए ! अगले दिन रविवार था, शनिवार रात को मैंने फ़ोन कर के अनीता को अकेले पहाड़ी वाले मंदिर में मिलने के लिए बुलाया, तब उसने जवाब दिया कि वो सोचेगी ! मैंने भी सोचा कि वो कहाँ आयेगी इतनी दूर, वो भी अकेली !!! मैं अपने मामा के लड़कों के साथ स्विमिंग करने चला गया। मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि रात को मैंने अनीता को मिलने के लिए बुलाया है ! मेरी किस्मत खराब कि स्विमिंग पूल पर मेरा मोबाइल पानी में गिर कर खराब हो गया और उधर अनीता अकेले मंदिर में आ कर मेरा इंतजार करने लगी ! चार घंटों तक वीरान इलाके के मंदिर में वो लड़की मेरा इंतजार करती रही और मैं फ़ुद्दू स्विमिंग पूल में तैरता रहा ! मेरी इस हरकत से अनीता गुस्से से पागल हो कर चन्द्रिका के घर चली गई ! शाम को जब मैं चन्द्रिका के घर गया तो मुझे सारी बात का पता चला ! मैंने उसी समय अनीता को फ़ोन किया पर उसने काट दिया ! मैंने फिर फ़ोन किया तो उसने कहा कि वो मुझसे बात नहीं करना चाहती। मुझे लगा कि वो मेरे हाथो से निकल गई ! अगले दिन हम कॉलेज मिले तो मैंने अनीता को क्लास बंक कर के मेरे साथ बैठे रहने को कहा, तब वो मान तो गई पर मुझसे कोई बात नहीं कर रही थी ! मैंने कल वाली बात के लिए माफ़ी मांगी तब वो रोनी आवाज में कहने लगी कि उसने कल चार घंटे मेरा इंतजार किया ! तब मैंने उसका हाथ पकड़ कर प्रोपोज किया, और वो कुछ ना बोल पाई! कुछ दिन यूँ ही निकल गए। फिर एक दिन वो कॉलेज के बाद मुझे अपने पापा से मिलाने उनके कमांड हेड क्वाटर ले गई ! फिर हमारा मिलना जुलना बढ़ गया और मैं अपने दोस्तों से मोटर साइकिल लेकर कॉलेज टाइम में उसे घुमाने ले जाया करता था ! एक दिन वो कॉलेज नहीं आई तब मैंने उसके घर पर यह पूछने के लिए फ़ोन किया कि वो कब तक आयेगी ! अनीता ने बताया की पापा को टूर पर जाना पड़ा है जिसके कारण आज जीप उसे छोड़ने नहीं आ सकती ! मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैं फ्रेंड की कार ले कर उसके घर उसे लेने चला गया ! उसके घर पर दो बन्दूकधारी सुरक्षाकर्मियों ने जो अनीता की सुरक्षा के लिए थे, मुझे अंदर नहीं जाने दिया ! मैंने फ़ोन कर के अनीता को बताया तो वो जल्दी से बाहर आई ! उसने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि जब भी मैं आऊँ तो मुझे ना रोकें ! मैं उसके घर पर गया और वो फटाफट तैयार होने चली गई ! रास्ते में मैंने पूछा कि उसने मेरे प्रोपोज़ल का कोई जवाब क्यों नहीं दिया तो वो कहने लगी कि लड़की के चुप रहने का मतलब उसकी हाँ होता है! क्योंकि उसके घर पर कोई नहीं था तो हम शाम सात बजे तक बाजार में घूमते रहे ! जब हम वापिस जाने लगे तो उसने कहा कि वो लोकल बस से चली जाएगी पर मैं जिद कर रहा था कि मैं उसे घर छोड़ कर आऊँगा ! इस बात पर उसने कहा- तुम इतनी दूर से अकेले कैसे आओगे? तो मैंने कहा- किसी भी तरह आऊँगा पर तुम्हें अकेले नहीं जाने दूंगा ! उसने कहा कि वो एक बात पर मुझे घर छोड़ने की इजाज़त दे सकती है यदि रात को मैं उसके घर पर ही रुक जाऊँ ! तब मैंने पूछा कि उसके सुरक्षा कर्मी यह बात उसके पापा को बता सकते है ! उसने कहा- मैं उनको छुट्टी दे दूंगी और कहूंगी कि रात मैं अपनी फ्रेंड के घर पर रुकूँगी ! रात मैं उसके घर पर रुका और अपने मामा जी को फ़ोन कर के बोल दिया कि मैं आज अपने दोस्त वरुण के यहाँ हूँ ! रात को हमने इकट्ठे खाना खाया फिर उसने मेरे सोने का इंतजाम अलग कमरे में कर दिया ! रात को हम काफी देर तक बातें करते रहे ! मैंने उसका हाथ पकड़ कर पूछा कि क्या मैं उसके हाथ को चूम सकता हूँ? तो वो कुछ ना बोली और मैंने किस कर दिया ! उसके बाद तो चुम्बनों की बौछार कर दी उसके हाथों और मुँह पर ! फिर मैंने स्मूच किया ! यह मेरा और उसकी लाइफ का पहला स्मूच था ! पर मैं उस वक्त चोद नहीं पाया क्योंकि वो रोने लगी कि हम यह सब ठीक नहीं कर रहे ! ख़ैर मैंने जोर नहीं दिया क्योंकि मैं चाहता था कि सेक्स से पहले वो सामान्य हो जाए ! हम बाँहों में बाहें डाले सो गए ! थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि अनीता कि सांसें तेज हो रही हैं। मैं समझ गया और धीरे धीरे उसे सहलाने लगा। उसकी सांसें और तेज़ हो गई ! फिर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला ! उसके स्तन ब्रा के साथ दबाए ! वो सिसकारियां भरने लगी ! फिर मैंने उसके और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और हमने अपनी जिंदगी का पहला सम्भोग किया ! इसके बाद हमने कई बार सम्भोग किया ! अब तो उसके सुरक्षा कर्मी भी मुझे पहचानते हैं और जब भी मैं उसके घर जाता हूँ तो सैल्यूट मारते हैं ! यह हमारी कहानी का पहला भाग है ! इसके आगे भी लिखूँगा यदि आप चाहें तो !!!!!!!









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Fentency किराया माफ़

Fentency


किराया माफ़

प्रेषक : धीरज 
मेरा नाम धीरज है, हरियाणा का रहने वाला हूँ। हिंदी सेक्सी कहानियाँ  पर यह मेरी पहली कहानी है। 
बात उन दिनों की है जब हमारे घर में एक कमरा किराये के लिए खाली था। हम कोई किरायेदार ढून्ढ रहे थे। एक दिन एक लड़की हमारी दुकान पर आई और मुझसे पूछने लगी- मुझे मालूम हुआ है यहाँ कोई कमरा किराये के लिए खाली है। 
मैंने हाँ कर दी और कमरा दिखाने ले गया। मैंने अपनी मम्मी को बुलाया और उन्होंने ही सारी बात की लेकिन लड़की ने मना कर दिया क्योंकि किराया ज्यादा था 1500 रूपये। कुछ देर बात करने के बाद मम्मी ने किराया थोड़ा कम कर दिया 1300 रूपये। 
उसने हाँ कर दी और बोली- कल से रहने आ जाऊँगी। 
अगले दिन वो अपना सामान लेकर आ गई। मैंने उसकी मदद की सामान रखने में, उसके साथ उसका भाई भी था, देखने ठीक था उससे काफी बड़ा था। 
वो उसी दिन चला गया था। लड़की करनाल की थी। उसका नाम पलक (बदला हुआ नाम) था। वो यहाँ से बी.टेक कर रही थी। जब उसका भाई चला गया तो मैं उसे देखने उसके कमरे में चला गया। मुझे वो बहुत पसंद थी, मैं उससे दोस्ती करना चाहता था। कुछ देर देखने के बाद वो बाहर आई और बोली- क्या देख रहे हो? 
और उसने मेरे बारे में पूछा। 
मैंने बताया- मैं भी डिप्लोमा पूरा कर चुका हूँ। अब अगले साल किसी कॉलेज में दाखिला लूँगा क्योंकि घर में दिक्कत थी। इसलिए नहीं लिया इस साल। 
मैं उसके लिए कॉफी बना कर लाया उसने पी ली। मैंने उससे उसके बारे में पूछा और कहा- आज रात खाना हमारे यहाँ खा लेना। कल से अपना अलग बना लेना। अभी तुम्हारा सामान सैट नहीं हुआ इसलिए। 
उसने मुझे थैंक्स कहा। मैं सोच रहा था कि उसे कैसे कहूँ कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ। 
अगले दिन वो कॉलेज नहीं गई और मैं भी घर में अकेला था। मम्मी गई थी मार्किट, छोटा भाई स्कूल में और पापा अपने ऑफिस। 
मैं वैसे दुकान पर बैठता हूँ, मैं वर्कर्स को काम बताकर खुद उसके कमरे में चला गया और उससे बातें करने लगा और बातों-बातों में मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? 
तो वो शरमा गई, बोली- तुम जाओ यहाँ से, कोई हमें देखेगा तो क्या कहेगा। 
मैंने कहा- तुम डरो मत, कोई कुछ नहीं कहेगा और मेरे साथ खुल कर बातें करो, डरो मत। 
तो उसने कहा- नहीं है ! 
और उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई है? 
मैंने भी ना में सर हिला दिया और मैंने कहा- अगर मैं आपका बॉयफ्रेंड बनना चाहूँ तो आपको कोई हर्ज तो नहीं होगा? 
उसने कहा- इस बारे में मैंने कुछ सोचा नहीं है। आपको सोच कर बताऊँगी। 
मैंने कहा- ठीक है, कल बता देना। 
और चला आया। अब उसकी हाँ का इंतज़ार करने लगा। 
अगले दिन वो सुबह उठकर कॉलेज चली गई। जब वो आई तो मेरी हिम्मत नहीं हुई उससे पूछने की लेकिन वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा कर चली गई। 
मैं समझ गया कि हाँ है। मैं उसके कमरे में चला गया और उससे पूछा- क्या सोचा फिर आपने? 
तो उसने कहा- ठीक है। 
मैंने कहा- ठीक से कहो क्या है? 
तो वो बोली- आई लव यू। 
मैं खुश था। 
उसने कहा- वैसे इसमें मेरा ही फायदा है। 
"वो कैसे?" 
उसने कहा- देखो, एक तो कॉलेज में लड़के तंग नहीं करेंगे, दूसरा किराया भी बच जायेगा। 
मैंने कहा- किराया तो मम्मी लेंगी, मैं नहीं। 
वो बोली- मैं तुम्हें दे दूँगी, तुम मम्मी को दे दिया करो। 
मैंने कहा- देखो, किराया तो देना ही है, मेरे को या मम्मी को ! क्यों न मम्मी को ही दे दिया करो। 
उसने कहा- तुम बहुत बुद्धू हो। 
मैं समझ तो गया लेकिन जानबूझ कर ऐसा कर रहा था। मैंने कहा- चलो, फिर रात को मिलेंगे। 
और चला गया। 
रात को हम सब बाहर घूमने गए मार्कीट में। 
उसने कहा- मैं कल कॉलेज नहीं जाऊँगी, धीरज तुम मेरे साथ मार्कीट चलोगे? 
तो मैंने कहा- मम्मी को ले जाना। 
और वो मान गई। 
अगले दिन पापा को फोन आया कि किसी रिश्तेदार की शादी है, सबको जाना है। 
मैंने मना कर दिया जाने से, कहा- अगर सब चले जायेंगे तो पलक अकेली रह जाएगी और वो अभी जानती भी नहीं यहाँ किसी को। 
तो पापा बोले- चल तू रह जीयो और दुकान भी खोल लियो। 
मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा। 
मम्मी ने मुझे कहा- जा के पलक को बता दे। 
मैंने ऐसा नहीं किया, अगर बता देता तो वो शायद कह देती कि मैं भी अपने घर चली जाती हूँ थोड़े दिन के लिए। 
मैंने ऐसे ही नाटक किया घर वालों के सामने। 
अगले दिन सुबह ही घर वाले चले गए, जब पलक उठी तो उसने देखा कि कोई भी नहीं है। उसने मुझसे पूछा तो मैंने कहा- शादी में गए हैं, सब शाम तक आ जायेंगे। 
लेकिन वो तो मैं जानता था कि घर वाले दो दिन तक नहीं आएंगे। मैं ऊपर अपने कमरे में चला गया, तभी पलक आई और बोली- नीचे पानी नहीं आ रहा, ऊपर नहा लूँ? 
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी नहाना, मैंने भी नहाना है। 
वो बाथरूम में चली गई। उसने अन्दर से बन्द कर लिया, मैं उसे दरवाजे के छेद से देखता रहा। मैं देखने में इतना मशगूल हो गया कि मुझे पता ही नहीं चला, उसने कब दरवाजा खोल दिया। 
मेरे तो होश उड़ गए उसे ऐसे देखकर। 
वो घबरा गई और बोली- तुम मुझे देख रहे थे? 
मैं एकदम से अन्दर जाकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया। ताकि वो वापिस ना जा सके। मैंने उसे अपनी बाँहों में खींच लिया और चूमने लगा। 
वो बोली- मैं तुम्हारी मम्मी को बताऊँगी। 
मैंने कहा- जानेमन, किराया ऐसे मैं थोड़े ही दे दूंगा। 
तो वो बोली- अच्छा तो तुम समझ गए थे, नाटक कर रहे थे मेरे साथ। 
मैंने उसका तौलिया हटाया और कहा- जब सब पता चल गया है तो शर्म काहे की। 
मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा उसे नशा सा चरने लगा। मैंने भी अपने और उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे अपना लण्ड चूसने को कहा, उसने मना कर दिया। लेकिन बाद में वो मान गई। 
मैंने उससे पूछा- तुम पहले कितनी बार चुद चुकी हो? 
उसने कहा- पहली बार चुद रही हूँ। 
यह सुनते ही मैंने उसे उठा लिया और बेडरूम में लाकर बिस्तर पर पटक दिया और उसकी फुद्दी को देखने लगा जो अभी बंद थी। 
मैं उसे चूसने लगा, वो ऊऊउ अह्ह्ह्ह की आवाजे निकालने लगी और कहने लगी- बस अब नहीं रहा जाता, धीरज डाल दो मेरी फुद्दी में, फाड़ दो इसे। 
मैंने कहा- अगर इसमें डाल दिया तो बहुत रोएगी। 
उसने कहा- आज रुला दो मुझे ! 
मैंने तेल लिया और उसकी फुद्दी पर लगा दिया और लंड पर भी लगाया और लंड उसकी फुद्दी के मुख पर रख दिया। मैंने जोर से धक्का दिया और लंड थोड़ा सा उसकी फुद्दी में गया तो वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी- निकालो इसे ! 
मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए ताकि आवाज ज्यादा ना आये और एक जोर का झटका और मारा, लंड उसकी फुद्दी को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया। 
कुछ देर मैं ऐसे ही रहा उसके बाद धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए। 
उसे भी मजा आने लगा, वो भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब पूरे कमरे में पच पच पच की आवाजें आने लगी। वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने अपना लंड निकाला और देखा चादर पर खून लगा था। उसे दर्द हो रही थी। उससे उठा भी नहीं जा रहा था। 
उसने कहा- अब कुछ और भी करना है क्या जो निकाल लिया। 
मैंने कहा- तुम्हें पता नहीं क्या मेरा पानी अभी नहीं निकला। 
वो बोली- अब यह क्या होता है मुझे नहीं पता। 
मैंने कहा- जैसे तुम्हारी फुद्दी में से निकला है ऐसे ही मेरे लंड में से निकलेगा। 
तो वो बोली- अब अन्दर मत डालना, दर्द हो रहा है। 
मैंने कहा- चलो नहीं डालता, कहीं और डाल लेता हूँ। 
पूछने लगी- कहाँ? 
मैंने उसकी गांड की तरफ इशारा किया तो बोलने लगी- नहीं ! सुना है यहाँ ज्यादा दर्द होता है। 
मैं उसकी गांड मारना चाहता था। मैंने अब तक जितनी भी लड़किया चोदी हैं सबकी गांड जरूर मारी है। गांड मारने का अपना अलग ही स्वाद है। मैंने उसे झूठा दिलासा दिया कि फुद्दी की बजाये गांड मरवाने में दर्द कम होता है। पहले ना नुकुर करती रही। बाद में मान गई। 
मैंने वेसलिन की डिब्बी उठाई और उसकी गांड पर लगा दी। 
वो बोली- यह क्या कर रहे हो। 
मैंने कहा- इससे दर्द नहीं होगा ! 
और एक उंगली उसकी गांड में धीरे से डाल दी। उसे दर्द होने लगी। 
मैंने कहा- अभी थोड़ी देर में मजा आयेगा मेरी जान ! 
मैंने उंगली निकाली और उसे घोड़ी बना दिया उसकी कमर कस कर पकड़ ली और लंड उसकी गांड में डालने लगा। लंड ज्यादा मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था, मैंने वेसलिन और लगा दी एक जोर का झटका दिया लंड आधा अंदर चला गया। 
वो चिल्लाने लगी। मैंने पीछे से उसका मुह बंद कर दिया हाथ से और चोदने लगा पाँच मिनट के बाद मैं तैयार था फारिग होने के लिए। मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुंह में दे दिया और उसके मुंह में पानी छोड़ दिया। 
वो सारा पानी पी गई। उसे दर्द हो रहा था। मैंने उसे गोद में उठाया, बाथरूम ले गया और उसे फिर से नहलाया और खुद भी नहाया। उस दिन वो कॉलेज नहीं गई थी। 
रात को क्या हुआ वो बाद में ! 
मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर लिखें।




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