Wednesday, September 17, 2014

Fentency अब नहीं रहा जा रहा

Fentency

 अब नहीं रहा जा रहा


हैल्लो दोस्तो आज फिर पुरानी यादे ताज़ा हो गई है। दोस्तों में कानपुर से हूँ, देखने पर में ठीक ठाक ही हूँ, मेरी हाईट 5.8” है और मेरा रंग साफ है। आज मुझे एक पुरानी कहानी फिर याद आई है, वैसे ये कहानी 2008 की है, लेकिन मेरी यादो मे अभी भी तरो ताज़ा है। 
अब आप को सीधे स्टोरी पर लिए चलता हूँ। बात बहुत पुरानी भी नहीं है, अभी भी मेरे दिमाग़ मे तरो ताज़ा है बरसात का मौसम है, कल यूँ ही पुराने दिन याद आ गये थे, में अपने स्कूटर से मार्केट के लिए निकला था। में थोड़ी दूर ही गया था कि रस्ते में मुझसे थोड़ी दूरी पर दो लड़कियां अपनी स्कूटी पर जा रही थी, आगे जो लड़की बैठी थी उसके बाल खुले हुए थे और उसकी उम्र कोई 25-26 साल की रही होगी रंग गोरा और दिखने मे भी बहुत ही खूबसूरत थी। पीछे बैठी लड़की थोड़ी सावली सी तोड़ा हेवी शरीर फेसकट अच्छा सा उम्र 20-22 की ही होगी वो दोनो ही बड़ी स्पीड से जा रही थी।
में 30-40 कि स्पीड मे था। वो दोनो थोड़ा आगे निकल गई, लेकिन मुझे उन्हें देखने कि मेरी इच्छा थी, लेकिन में भी ज़्यादा तेजी से स्कूटर नहीं चलता हूँ। अब में पीछे ही रह गया था और वो करीब 200 मीटर तक आगे निकल गई थी और थोड़ा आगे ही एक चौराहा था, वहीं पर एक ज़ोरदार आवाज़ आई जैसे कोई गाड़ी किसी से टकरा गई हो, मैने वहाँ जाकर देखा कि वही दोनो लड़कियां एक कार से टकरा गई थी। दोनो ही लड़कियां गिर गई थी और शायद उन्हे चोट भी आई थी, वो खुद उठ भी नहीं पा रही थी। वहाँ पर कई लोग आ गये थे और भीड़ जमा हो गई लोग कार वाले से झगड़ा भी करने लगे थे, लेकिन कोई भी लड़कीयों कि और ध्यान नहीं दे रहा था वो उठ नहीं पा रही थी। में आगे बड़ा और लड़की को सहारा देकर खड़ा किया उसके पैरो मे शायद मोच आ गई थी वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। लेकिन पीछे बैठी लड़की तो उठ कर खड़ी हो गई थी, शायद उसे हल्की सी चोट ही आई थी या फिर कुछ संकोच की वजह से कुछ कह नहीं रही थी।
अब उनके सामने समस्या थी कि वो घर कैसे जाये। दूसरी मोटी वाली लड़की को स्कूटी चलानी नहीं आ रही थी और जो चला रही थी उसे चोट लगी थी और दर्द से कराह भी रही थी। तभी उसने मेरी और देखते हुए कहा प्लीज़ आप मुझे घर छोड़ देगे मेरा घर पास मे ही है। स्कूटी मेरी फ्रेंड घर तक ले आएगी अब उस मोटी वाली लड़की ने सहमति मे सर हिला दिया था। मैने भी उसे अपने स्कूटर पर बैठाया और उसे कहा कि आप मुझे रास्ता बताते हुए चलना वो रास्ता बताती जा रही थी, मेरी पीठ पर उसके बूब्स का मुझे अहसास हो रहा था।
बीच बीच मे उसके कराहने कि आवाज मुझे और भी मादक बना रही थी, में मस्ती मे आ गया था। पांच मिनट मे ही हम उसके घर पहुंच गये, वहां पहुंचते ही उसे स्कूटर से उतारा तो उसकी काम वाली बाई बाहर निकल कर आ गई और बोली दीदी सब लोग बाज़ार गये है और हमसे कह कर गये थे कि जब आप आवोगे तो चली जाना, मेरे बच्चे कि तबीयत बहुत खराब है। ये कह कर वो जाने लगी थी, अब उसने मेरी और देखा उसकी आँखों मे गुज़ारिश थी कि मुझे अंदर तक छोड़ दो, मैने उसके एक हाथ को कंधे पर लेते हुए उसकी कमर को सहारा देकर आगे बड़ने लगा था। उसका बहुत ही मस्त फिगर था, पहली बार अहसास हुआ था कि उसकी कमर पर हाथ रखते ही मेरा मन डोलने लगा था और में मन ही मन सोचने लगा कि काश इसे में अभी चिपका लूँ, सोच कर मेरी पेंट मे तनाव बढ़ने लगा था। उसे सहारा देते हुए में उसे उसके कमरे तक ले गया था और उसे उसके बेड पर लिटा दिया। वो कराहते हुए मुझसे लिपट गई शायद दर्द उठा होगा, फिर आहिस्ता से मुझे छोड़ते हुए लेट गई प्लीज़ आप बुरा ना माने तो मुझे क्रीम उठाकर दे दीजिए, उसने मेरी और देखते हुए कहा मैने कहा ठीक है।
तभी उसने कहा ऊपर रखी हुई है ठीक है में ला कर दे देता हूँ, उसने बोला कि बगल के कमरे मे ड्रेसिंग टेबल पर रखी होगी में बगल वाले कमरे मे चला गया था। तो वहाँ पर ढूंढने लगा वहीं पर मुझे क्रीम मिल गई थी, मैने उसे लाकर उसके हाथ मे दे दिया था, इधर मेरे लंड ने मुझे तंग करना चालू कर दिया था।
पहली बार मैने उसके पूरे शरीर का जायज़ा लिया था, 25-26 साल कि गौरी लड़की थी फिगर 34-28 -38 यही रहा होगा, बूब्स किसी जवान लड़कीयों जैसे ही थे, टॉप और जीन्स मे एकदम मस्त लग रही थी, टॉप पर उसकी ब्रा कि लाईन भी दिख रही थी। पहली बार अहसास हुआ कि चोदने को मिल जाए तो आज मज़ा आ जाए। तभी कहाँ खो गये उसकी आवाज़ ने मुझे चौका दिया था। मैने क्रीम उसके हाथ मे दे दी लेकिन दर्द कि वजह से वो लगा नहीं पा रही थी मेरी और देखते हुए उसने कहा आप लगा दीजिए प्लीज़ में क्रीम लेकर उसके घुटने पर लगाने वही उसके पास बैठ गया था। मुझे थोड़ी सी असुविधा हो रही थी तो उसकी जीन्स को ऊपर चढ़ाते हुए क्रीम लगाने लगा था।
बहुत ही नाज़ुक से पैर थे और अब उसके हाथो का स्पर्श मुझे मदहोश कर रहा था, उसने भी आँखे बंद कर ली थी शायद उसे भी अच्छा महसूस हो रहा था। उसके रोए भी खड़े हो गये थे और में भी आनंद मे डूबा हुआ था। घुटने पर लगाने के बाद मैने बोला क्या तुम्हे कहीं और भी चोट आई है, तभी उसने बिना आंख खोले अपना टॉप ऊपर करके कमर की और इशारा किया, में भी बिना कुछ बोले कमर पर क्रीम लगाने लगा था। बहुत ही गोरा सा शरीर था और अब मेरा लंड काबू मे नहीं था। लेकिन उसकी जीन्स बहुत टाइट थी मैने थोड़ा अंदर लगाने कि कोशिश की लेकिन हाथ अंदर नहीं गया वो समझ गई और बिना मेरी और देखे जीन्स का बटन और चैन ढीली कर दी थी, थोड़ा हटाते ही उसकी काले रंग कि पेंटी दिखाई देने लगी थी।
अब में अपने होश मे नहीं था मन कर रहा था कि बस इसे नंगा करू और चोदना शुरू कर दूँ। बहुत ही मस्त चूतड़ थे, गोरे सी कमर पर क्रीम लगते लगते अपने को रोक नहीं पाया और हाथो से उसके चूतड़ सहलाने लगा और उसके मुहं से सिसकारियों की आवाज़ आने लगी थी और अब में समझ गया था कि जो मेरा मन कर रहा है वही वो भी चाह रही थी। अब में उसकी जीन्स उतारने लगा, वो वैसे ही आंखे बंद किये लेटी थी, बस इतना इशारा काफ़ी था मेरे लिए। मैने क्रीम वाले हाथ को उसके बिस्तर कि बेडशीट से रगड़ कर साफ किया और अपना हाथ उसकी पेंटी मे घुसा दिया वो चीख गई और एक मादक सी चीख मारी आहहहह अपनी आंखे खोलकर मेरी और देखा एकदम नशा सा छा चुका था। उसके ऊपर आंखे लाल थी, एक निगाह मारकर फिर उसने आंखे बंद कर ली थी और अब मेरे लिए सब्र करना बहुत भारी हो रहा था।
में उसके पास मे ही लेट गया और उसका चेहरा अपनी और करके उसके होठो पर अपने होठ रख दिए उसकी तरफ से मुझे अब पूरा पूरा साथ मिल रहा था। मैने अपनी जीभ उसके मुहं मे डाल दी थी, फिर उसकी जीभ को में अब जोरो से चूसने लगा था। इधर मेरे हाथ उसके बूब्स से खेल रहे थे। अब मेरे लिए ये बयान करना बहुत मुश्कील हो गया है कि उस लम्हे का वर्णन कैसे करूं मुझे शब्द ही नहीं मिल रहे है। नाज़ुक से होठ मक्खन से बूब्स अब तो बस दिल ये चाह रहा था कि इसे नंगा करूं और अपने लंड कि तमन्ना पूरी करू दूँ।
दोस्तो आपको बता नहीं पा रहा हूँ कि कितना हसीन अहसास था। मैने उसके सारे कपड़े उतार दिए थे और अब कपड़ो का बोझ मुझे भी सहन नहीं हो रहा था। हम दोनो ही लोग पूरे नंगे हो चुके थे, में दोनो हाथो से उसके बूब्स दबा रहा था और होठो से होठ चूस रहा था लंड बस उसकी चूत मे घुसने को तैयार था। उसकी सिसकियां मुझे और भी मदहोश किये जा रही थी। आअहैहै हााआ आ चोद दो मुझे अब नहीं रहा जा रहा है। उसके हाथ मेरे लंड से खेल रहे थे अब में उसके होठो को छोड़ कर उसके बूब्स चूसने लगा था।
उसकी सिसकियाँ और भी तेज हो गई थी और वो कहने लगी चोदो मुझे, में उसके बदन को पागलो कि तरह से चूसता ही जा रहा था और वो आवाज़े निकाल रही थी लेकिन मेरा ध्यान इस और नहीं गया था कि घर के सारे दरवाजे खुले है। मेरा तो पूरा मन उसके बदन से खेल रहा था। उसके बदन को चूमते हुए उसके हर रंग का अहसास कर रहा था और वो अब मेरा पूरा साथ दे रही थी मेरी हर किस पर उसकी आहहह बड़ती जा रही थी और अब बदन अकड़ रहा था। में पूरा उसमे समा जाना चाह रहा था।
पूरे कमरे मे सिसकारियां गूंज रही थी और कह रही थी समा जाओ मुझमे में उसके ऊपर आ गया अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी में लंड को चूत मे घुसाने लगा था और वो कह रही थी थोड़ा सा और दूसरे झटके मे लंड पूरा अंदर था। उसके चेहरे पर दर्द कि लकीरें खिंच आई थी और अब पूरा 6 इंच का लंड चूत मे घुस चुका था। थोड़ी चीख थोड़ी कामुकता थी उसकी आवाज़ मे। धीरे धीरे वो सिर्फ़ वासना कि सिसकियों मे बदल गई थी।
हमारी चुदाई पूरे ज़ोर पर चल रही थी और हर पल मे हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। आहैहहह प्लीज चोदो मुझे और ज़ोर से दोनो ही पसीने मे नहा गये थे, तभी किसी ने मुझे छुआ। अचानक ये क्या हो गया घबराहट हुई अब मैने मुड़ कर देखा कि उसकी सहेली भी वहीं पर आ चुकी थी और वो बहुत देर से ये सब देख रही थी। उसकी आंखे बता रही थी कि वो बहुत ही गरम हो चुकी है, बस वो भी चुदवाने को तैयार थी।
अब क्या था मौका देखकर उसने भी पूरे कपड़े उतार दिए थे और एक हाथ से अपने बूब्स खुद ही दबा रही थी। ये सब देखकर में बहुत डर गया था। लेकिन मुझे अब उसने कहा कि तुम्हे अब मेरी भी भूख मिटानी है, अब में पूरे जोश से चोदने लगा था और मैने उसकी दोस्त को कहा तुम थोड़ा लेट जाओ और मैने उसकी चूत से लंड बाहर निकाल कर उसकी सहेली कि चूत में डाल दिया था और अब उसको भी चोदने लगा। मैने अपनी स्पीड बड़ा दी थी, क्योकि में कुछ देर में झड़ने वाला था और में जोर जोर से धक्के पर धक्के दिये जा रहा था। लेकिन उसकी चूत में बहुत दर्द था, वो दर्द से चीख रही थी और कह रही थी चोदो और चोदो मुझे, तुम दोनों को बहुत देर से देखकर में अब नहीं रह सकती हूँ, तुमने बहुत मजे लिये है चुदाई के अब मेरा नम्बर आया है। चोदो और चोदो फाड़ दो इस चूत को में पूरे जोश से उसे चोदे जा रहा था और कुछ देर बाद में झड़ गया उसकी चूत में और वीर्य के गिरते ही वो पूरी ठंडी हो गई थी और में भी वहीं पर लेट गया था।
लेकिन दोस्तो उस दिन दोनो लड़कीयो के साथ चुदाई का मज़ा लिया। दोनो को खूब चोदा उस दिन हम तीन घंटे साथ मे रहे और कई तरीके से हमने चुदाई की ।।







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