Tuesday, September 2, 2014

Fentency गांव से शहर की ओर

Fentency


गांव से शहर की ओर


मुझे नहीं पता था, कि जब मेरे कदम गांव से शहर की ओर नौकरी की तलाश मे निकलेंगे, तो मेरे साथ कुछ ऐसा होगा, कि मेरी पूरी जिंदगी ही बदल जाएगी. लेकिन, आज अच्छा है, कि मुझे लाली जैसी लड़की अपने जीवनसाथी के रूप में मिली, जो अपना सब कुछ छोड़ कर, मेरे साथ मेरे गांव आ गयी. दोस्तों, बात उस समय की है, जब मै २० बरस का बंका जवान था और गांव की परवरिश और पहलवानी शौक ने खूब तगड़ा शरीर बना दिया था. लेकिन, मेरे माँ-बाप को मेरे शरीर पैर गर्व नहीं, मेरी बुधि पर तरस आता था और उनके तानो को सुनकर मैने, शहर फैसला ले लिया ले लिया. बिना कुछ सोचे और समझे मै शहर आ तो गया, लेकिन पता था, कि क्या करू? कहाँ जाऊ? कुछ खबर नहीं थी. स्टेशन पर उतरकर, बस सामने आती बस में चढ़ गया, और सबके साथ उतर गया. उस बस ने मुझे मुंबई शहर की चौपाटी पर ला छोड़ा था. अपने को समंदर के नजदीक पाकर, मेरा दिल हिलोरे ले रहा था साथ मे पेट भी. एक ढाबे के सामने जाकर खड़ा हुआ, तो मालिक ने मुझे भगा दिया. पता नहीं, मेरी किस्मत अच्छी थी, कि उसके यहाँ कुछ भारी सामान उतर रहा था, और बुड्ढा आदमी बड़ी ही मुश्किल से उसे उठा पा रहा था, मुझे पता नहीं क्या सुझा, मै उसकी मद्द करने चल दिया और सारा सामान कुछ ही देर में सही जगह रख दिया. ढाबे मालिक ये सब देख रहा था और उसने मुझे बुलाकर नौकरी दे दी. लाली इस ढाबे के मालिक की बेटी थी. उस रात मुझे सोने की जगह भी मिल गयी और खाने को भी.
कुछ दिन निकल गए और अब लाली से मेरी दोस्ती हो चुकी थी मालिक भी मुझपर भरोसा करने लगा था. लाली अब बड़ी होने लगी, तो मालिक ने अपने सारे आदमियो लिए अलग जगह ले ली थी, लेकिन मुझे अपने ढाबे के पास घर में सोने देता था. एक दिन, मालिक कुछ देर के लिए बाहर चला गया और मुझे कुछ सामान घर पर देने के लिए बोल गया. जैसे ही, मै स्टोर में गुसा, लाली स्टोर में आ गयी और दरवाजा बंद कर लिया और मुझसे आकर चिपक गयी और मेरी कमीज़ के बटन खोल कर मेरी छाती को चूमने लगी. मुझे कुछ होने लगा था, जो पहले कभी नहीं हुआ था और मेरा पेशाब करने वाला जबरदस्त खड़ा हो गया. लाली उसको पेंट से बाहर निकाल कर बोली. साले, तेरा लंड तेरे शरीर की तरह ताकतवर है. बापू के आने से पहले, मेरी चूत की प्यास बुझा दे. मुझे नहीं पता था, कि आगे क्या करना है, तो मै ऐसे हि खड़ा रहा; लाली समझ गयी, कि मै इस मामले मे बिलकुल कोरा हु. अब लाली को मुझे खाने की जल्दी नहीं रही और बोली, तू तो साल, नया है और तुझे तो आराम से खाने में मज़ा आएगा और मुझे आँख मारकर बोली, आज रात ये इंडियन काम की गरम लड़की तुझे कामसूत्र का पाठ पढ़ाएगी और तेरे मुठ की पहली धार का मज़ा लेगी.
लाली मुझे ऐसे ही खड़ा छोड़कर चली गयी, मेरा लंड तो बैठ गया, लेकिन पूरा शरीर गर्मी की तपिश से जल रहा था. बड़ी मुश्किल से पूरा दिन निकला और जब रात हुई, मै अपने कमरे मे आ गया और दरवाजा ऐसे ही खुला छोड़ दिया. बड़ी बैचेनी थी मन में, कुछ देर में लाली आ गयी और आते ही, मेरे ऊपर कूद पड़ी. बोली, हरामजादे नज़र तो तेरे पर पहले दिन से ही थी, लेकिन, हाथ तू आज आया. तेरा पहलवानी शरीर किसी भी गरम कामुक लड़की की चूत में आग लगा दे. आज की रात, मेरी जवानी की प्यास बुझा दे, मेरे राजा. मुझे समझाने के लिए, वो कुछ फोटो साथ लायी थी, मुझे उनको देखकर कुछ कुछ होने लगा और मेरा लंड खड़ा होने लगा. लाली ने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे शरीर चूमने लगी. उसके चूमने ने मेरे लंड को कर दिया और मैने एक ही बार में उसके सारे कपडे उतार कर उसको नंगा कर दिया. उसका मस्त गोरा, चिकना शरीर देखकर मेरी आँखे खुली रह गयी. वो थोड़े नकली गुस्से में बोली, भड़वे केवल देखता रहेगा, या इन देसी चुचियो को मसलेगा और चूसेगा. मैने लाली गोद में लेकर, बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसके चुचो को हाथो से दबाने उसके निप्पलो को मस्ती में किसी बच्चे की तरह चूस रहा था. लाली का का शरीर
मस्ती में मचल रहा था और उसके मुह से मस्त कामुक आहे निकल रही थी अहहहह ओओओओओओ मर गयी. साले मसल डाल पूरी की पूरी तुम्हारी है, मेरा शरीर सिर्फ तेरे लिए है, आज तक बचा कर रखा था, लेकिन तुझे पूरा दे दूंगी.
उसकी ये बाते मेरा जोश बड़ा रही थी और मै उसको और भी मस्ती में चूसने लगा, तभी लाली ने मुझे पीछे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी और मेरे लंड को अपने हाथो में लेकर उसको अपने मुँह में घुसा लिया और उसको मस्ती लगी. अब मेरे मुँह से भी कामुक गरम साँसे चलने लगी और अपनेआप मुँह से सिसकिया लेने लगा. मुझसे रुका नहीं जा रहा था और लग रहा था, कि कुछ ही देर में एक गरम लावा लंड से बाहर आने वाला है, मैने लाली को बोला, कुछ आने वाला है, तो लाली ने मेरे लंड को अपने मुँह बाहर निकाल दिया और बोली, ऐसे कैसे मेरे राजा ! अभी तो जन्नत का नज़ारा बाकी है, और मेरे ऊपर आकर बैठ गयी दो उंगलियो से खोला, दूसरे मेरे सीधा पकड़ा चूत धम्मम से मेरे लंड में घुसा दी. मेरे लंड की पूरी खाल खीच गयी और मेरे मुँह चीख निकल गयी. लाली ने अपने मेरे मुह को बंद कर दिया और मेरे लंड पर कूदने लगी. ऐसा लग रहा था, कि कोई मेरे लंड को पम्प की तरह चला रहा हो. लाली मदहोश होकर मुझे गालिया थी और उसकी कामुक आवाज़ो ने आहहहहहह मर गयी, साले, हरामी, मेरी चूत भोसड़ा बना दिया, मुझे अपनी गांड चलाने पर मज़बूर कर दिया.
१५-२० मिनट की इस काम लीला के बाद लाली, थक कर मेरे शरीर पैर गिर गयी और मेरे होठो लगी. अब मेरी गांड भी तेज चल रही थी और कुछ ही देर में मेरे लंड ने लावे जैसा गरम वीर्य में लाली की चूत को भिगो दिया. लाली के चेहरे पर संतुस्टी दिख रही थी और हम दोनों नंगे ही लिपटकर सो गए. सुबह लाली जल्दी चली गयी. उस दिन के बाद, हम दोनों रोज़ रात को गरम कामुक खेल खेलते और एक दिन, मैने मालिक को अपनी और लाली की शादी के लिए मना लिया और लाली को लेकर गांव आ गया. मुझे उस रात को याद करके आज भी अपने लंड पर गर्मी महसूस होती है, पहली बार मेरे लंड को पकड़ा था.






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