Thursday, November 20, 2014

Fentency शादी का हंगामा--3

Fentency

 शादी का हंगामा--3
 
मैं उसकी चूत को सहला बोली, “और जब तेरा मॅन करे तू इस चूत को मेरे घर आ अपने जीजा के लंड से चुद्वा अपना तस्ते भी बदल सकती है.”
फिर नीलेश का लंड पाकर बोली, “नीलेश इसको स्टोरी सुनाने मैं चुदाई का मज़ा नही आया आप फिर चोदओ.”
“अरे दीदी एक बात तू बताओ. फिर अगले दिन क्यत उम् भी नीलेश के साथ राजेश के घर गयी थी”
“अरे कहां जा पायी हाँ रात मैं नीलेश गए थे. वह नीलेश ने राजेश के साथ मिलकर रात भर बेचारी उर्मिला को जमकर चोदअ.
दोनो ने उसकी चूत चोदई और गांड मरी. बेचारी अगले दिन मुझसे फ़ोन पर कह रही थी की Priyanka अब कभी अकेले अपने नीलेश को नही भेजना. दोनो ने मिलकर मेरी चूत को फाड़ कर रख दीया है.”
“दीदी फिर आपने राजेश से कब चुद्वाया?”
“अगले दिन नीलेश राजेश को घर पर लाए और मेरे रूम मैं कर दीया. वहाँ हम डॉन वन ३ घंटे तक चुदाई का मज़ा लिया और नीलेश ने बहार पहरा दीया. विनीता अपने नीलेश जैसा Cousin कोई नही होगा. हम्दोनो बहनों का कितना ख्याल रखते हैं.”
“ओह्ह नीलेश अब दीदी की स्टोरी सुन मैं बहुत गरम हो गयी हूँ. प्लेस अब दीदी को बाद मैंचोदना पहले एक बार मेरी झाड़ दो.”
“चल लेट मैं तेरी नीलेश से चात्वाकर झारवा देती हूँ.”
“ओह्ह दीदी केवल चात्वाना ही नही चुद्वा भी देना, हाय आपकी स्टोरी सुन बड़ा मन कर रह है नीलेश के लंड का पनि चूत के अन्दर लेने का.”
“ठीक है आओ नीलेश जब तक इसकी लो तब मैं ज़रा मूत कर आती हूँ.”
फिर मैं बाथरूम गयी और छार्र छाराकर मूता और अपनी मूत से भीगी चूत ले वापस आयी तू नीलेश विनीता की चूत को चाट रहे थे. मैं आयी तू नीलेश ने पूछा, “Priyanka मूत लिया.”
“हाँ नीलेश.”
“धोया तू नही मूतने के बाद?”
“नही नीलेश आपने मन किया था ना की मूतने के बाद धोना नही.”
“तू ला ज़रा तेरी चूत का मूत चाट लूं.”
फिर नीलेश ने मेरी चूत को ७-८ बार छठा. उसके बाद नीलेश को एक चिर पर बिठा खुद उनके मुँह पर अपनी चूत रख नीलेश से चात्वाते कहा, “विनीता तू खुद नीलेश के ऊपर आ अपनी चुद्वा ले तू फिर मैं नीलेश का अपने अन्दर लेकर अब सोना चाहती हूँ. रात बहुत हो रही है ३ बज रहे हैं.”
उसके बाद विनीता ने १५ मिनट नीलेश से चुद्वाया और झारकर अलग हूई तू मैं बेद पर लेटी और नीलेश ने मेरी चूत मैं लंड डाला और मुझसे चिपककर सो गए. विनीता भी हम्दोनो के ऊपर लेट गयी.
अगले दिन सुबह सोकर उठे और फ्रेश हुवे. सुन्दय का दिन था ममी पापा घर ही थे. करीब ११ बजे नीलेश ने ममी से कहा की वह अपने एक दोस्त के घर जा रहे हैं और शाम को ६-०७ बजे तक आएंगे.
उनकी बात सुन मैं बोली, “नीलेश आप किधर जाओगे?”
नीलेश ने बताया तू मैं बोली, “नीलेश उधर ही मेरी सहेली भी रहती है, आप मुझे लिए चलिये और जब शाम को वापस आयें तू मुझे भी लेते आना. ममी चली जाऊं कई दिन से गयी नही हूँ.”
“ठीक है बेटी चली जा. विनीता को भी लेटी जाओ इसका मॅन भी बहल जाएगा वर्ना पूरा दिन घर पर बोअर होगी.”
हमारी प्लानिंग सफल रही. हम तीनो राजेश के घर पहुंचे. वहाँ उर्मिला ने दरवाज़ा खोला और हमको देखकर बहुत खुश हूई पर विनीता को देख वह हिचकी. नीलेश ने राजेश के बारे मैं पूछा तू उसने बताया की बहार गए हैं. फिर वह हमे अपने रूम मैं ले गयी.
नीलेश सोफा पर बैठे तू हम दोनो नीलेश के दोनो ऊर बैठ गए. तभी नीलेश ने उर्मिला को पकरकर अपनी गोद मैं खींच लिया. वह विनीता को देख सिकुड़ने लगी तू नीलेश ने कहा, “अरे मेरी जान यह तेरी होनेवाली भाभी विनीता है. आज तेरे Cousin को यही सम्हालेगी.
देखना यह साली कितनी मस्त”
नीलेश की बात सुन खुश होती विनीता के पास जा विनीता के गाल पर हाथ फेर बोली, “ओह्ह मेरी प्यारी भाभी, हाय अभी नीलेश को बुलाती हूँ.”
फिर उसने राजेश के मोबाइल पर फ़ोन कर उसे बताने लगी, “नीलेश आप कहां हो जल्दी आओ नह आये नीलेश आपकी होने वाली बीवी आपकी राह देख रही हैं.”
विनीता उसकी बात सुन शर्म गयी. फिर वह फ़ोन रख विनीता के पास गयी और उससे बोली, “भाभी आप बहुत खूबसूरत हैं.”
तब विनीता उससे बोली, “उर्मिला अभी मुझे भाभी ना कहो मुझे शरम आती है.”
“अरे शर्माने की क्या बात, आप मेरी भाभी बनोगी ही. अभी नीलेश अजये तू आपको चोदकर वह तुमको मेरी भाभी बाना देंगे. एक बार नीलेश से चुद जाओ फिर तू भाभी बन ही जोगी.”
हम सब उसकी बात पर हँसे. नीलेश ने उर्मिला को खींचकर अपने पास बिठाया और विनीता के हूंत चूमकर बोले, “विनीता अभी राजेश आता होगा. आज तू उससे चुद्वाकर उसका लंड भी देखले और अपना तस्ते भी बदल ले. रोज़ रोज़ मुझसे चुद्वाती है. आ ज़रा तेरी चूत चाट लूं.”
उर्मिला फौरन बोली, “नही नही. इसकी तू अब नीलेश ही चोदएंगे और चातेंगे. अखिर उनकी होने वाली बीवी है. आज तू उनको ही इसके साथ सब करने दो. आप तू आज बस मुझे ही चोदइये. हाय बहुत दिन हुवे आपका लंड खाए. आज ख़ूब चूसुंगी इस मस्ताने लंड को.”
मैं उनकी बात सुन बोली, “ओह्ह नीलेश विनीता तू राजेश से चुद्वायेगी और आप उर्मिला की लोगे तू फिर मेरी कौन लेगा. मैं क्या अपनी चूत मैं आपके होते हुवे भी ऊँगली दलूँगी?”
“अरे नही मेरी प्यारी बहना. तेरा Cousin है ना तेरी लेने के लिए. घबरा मत तेरी मस्त जवानी चखकर ही तू तेरा Cousin चोदना सीखा है, भला तेरा Cousinचोद Cousin तुझे नही चोदएगा. मैं तुम दोनो को बरी बरी चोदउन्गा. आजो दोनो.”
मैं फौरन नीलेश की गोद मैं कूदी. उर्मिला भी नीलेश से चिपक गयी. विनीता बेचारी अपने चोदउ का इंतज़ार करने लगी. नीलेश मेरे कप्रे उतारने लगे तू उर्मिला ने नीलेश को नंगा किया. फिर मैंने उर्मिला को नंगा कर दीया और हम तीनो नंगे होकर बेद पर चले गए.
तभी बहार दूर बेल बजी. उर्मिला के पूछने पर राजेश की आवाज़ आयी तू मैंने विनीता से कहा जा दरवाज़ा खोल आ. वह बेचारी शर्माती सी गयी. फिर मैं नीलेश के लंड को पाकर मुँह मैं ले चूसने लगी. उर्मिला ने भी मेरे साथ नीलेश के बल्ल्स मुँह मैं ले लिए.
हम दोनो नीलेश के लंड से खेल रहे थे.
तभी राजेश विनीता को गोद मैं उठाये रूम मैं आया. विनीता उसके गले मैं हाथ डाले आँखें बंद किये शर्म रही थी. हम सब उनको देखने लगे. वह विनीता को लिए हमारे पास बेद पर आया और उसे बेद पर लिटा बोला, “हाय मेरी रानी कितनी खूबसूरत है. यार नीलेश तू अपनी इन दोनो मस्तानियों को उधर सोफा पर ले जा यार. आज मैं विनीता की जमकर लूँगा. हाय आज तू इसके साथ सुहागरात माननी है. हाय एक महिने से अपनी Cousin की ले रह था. आज लंड को नया माल मिलेगा. हाय उर्मिला जा तू अपने यार के साथ तू मैं तेरी भाभी के साथ सुहागरात मन लूं.”
“नीलेश तुम ख़ूब जी भरके मनाओ सुहागरात और चोदलो मेरी भाभी को. मैं भी अपने रजा से चुद्वा लूं.”
मैं राजेश से बोली, “रजा ख़ूब मज़ा लो अपनी रानी से पर यार ज़रा अपनी इस साली को और अपनी Cousin की ननद मत भूल जाना.”
“नही मेरी जान तुझको भूल नही सकता आज भी तुमको एक बार चोदउंगा ज़रुर, तेरे साथ तू कई रिश्ते हैं.”
“हाय कौन कौन से रिश्ते मानते हो मेरे साथ.”
“अरे Priyanka रानी पहला रिश्ता तू यह कित उ मेरे दोस्त की Cousin है, दूसरा कित उ मेरी Cousin की नानंद है और तीसरा यह कित उ मेरी साली है.”
“अच यह तू बताओ जब मुझे चोदते हो तू कौन सा रिश्ता मॅन मैं सोचते हो?” मैंने हस्नते हुवे उसके लंड को हिलाया.
वह मेरी चूचियों को पाकर कसकर मसलते बोला, “अरे सोचा तू हमेशा यही की यह मेरे दोस्त की मस्त जवान Cousin है.”
नीलेश दोनो की बात सुन बोले, “यार राजेश तू सच कहता है. चोदने का असली मज़ा तभी आता है जब तू जिसको भी चोदए उसे अपनी Cousin समझ या अपने दोस्त की.”
फिर नीलेश हम दोनो का हाथ पाकर सोफे पर लाए और मुझे सोफे पर बिठाया और खुद मेरे बीच आये और मेरी चूत पर झुके और फिर मेरे मन पसंद मज़े को मुझे देने लगे. वह मेरी चूत को फैलाकर चाट रहे थे. उर्मिला अब नीलेश के निचे गयी और उनके लंड को मुँह मैं ले लिया और ज़ोर से चूसने लगी. मैंने नीलेश के हाथ अपनी चूचियों पर रखे तू वह दोनो को दबा दबा चाटने लगे.
उधर विनीता पूरी नंगी हो चुकी थी और वह राजेश को नंगा कर रही थी. फिर राजेश का लंड पाकर उसपर अपनी जीभ ऊपर से निचे तक चलाने लगी. राजेश उसको अपना लंड चाटते हुवे बहुत खुश लग रह था. वह बार बार लंड को झटके दे रह था. तभी उसने मेरी ऊर देखा और मुझे अपनी ऊर देखता प वह मुस्कायी तू मैंने उसे मुँह मैं लेने का इशारा किया. वह भी इशारे मैं मुझे बोली की ले रही हूँ.
इधर उर्मिला ने नीलेश के
लंड को छोड़ा और ऊपर मेरे पास आ मेरी चूसियों से खेलने लगी. वह एक को मुँह से चुस्ती दूसरी को मसलने लगी. वह मेरे ऊपर लेती थी जिससे उसकी चूत भी मेरी छूट के ऊपर आ गयी थी. अब नीलेश हम दोनो कि छूट साथ साथ चाट राहे थे. मैने उर्मिला की चूचियों को पाकर और दबाते हुवे विनीता को देखने लगी. अब वह पूरा मुँह के अन्दर लेकर चूस रही थी. राजेश का लंड उसके थूक से भीगा बहुत चमक रह था.
तभी मैने उर्मिला को अपने पास किया और उसके हूंत चूम उससे बोली, “उर्मिला ज़रा उधर भी देख तेरे नीलेश कैसे मेरी छोटी कोउसिं को अपना ल्डं चूसा राहे हैं.”
वह अपने कोउसिं की ऊर देख बोली, “हाँ प्रियंका मेरा Cousinचोद कोउसिं साल दो महिने मैं ही बहुत अच्छी चुदाई करमा सीख गया है. यार तुने ही उसे इतनी अच्छी चुदाई करमा सिखा दिया है.”
“अरे पहले मुझे भी कहॉ आता था चुद्वाना, नीलेश ने जब पहली बार मेरी लिट ही तू मैं तू अपनी चूत चात्वाना भी नही जानती थी.
नीलेश ने मुझे एक महिने की ट्रैनिन्ग दी थी.”
“अरे क्या किया था training मैं?”
“नीलेश ने पहले ५ दिन मेरी चूत चाटकर मुझे चूत चात्वाना सिखाया. फिर अगले ५ दिन ल्डं चूसना सिखाया. फिर ५ दिन चूचियों का मज़ा लेना सिखाया और १० दिन चुद्वाना सिखाया. तभी तू नीलेश इतनी मस्त चुदाई करते हैं की क्या बातों.”
“पर यार प्रियंका यह तू केवल २५ दिन हुवे. बाकी ५ दिन क्या कुछ नही बताया?”
“अरे बताया ना ३ दिन नीलेश ने मुझे गांड मरवाना सिखाया और दो दिन नीलेश ने अपने सामने नंगे होकर डान्स करमा सिखाया. जानती हो नीलेश रोज़ रात हम दोनो का डान्स देखते हैं.”
“हाय मुझे भी सिख्वा दो डांस करमा.”
“अरे भाभी तू मेरे नीलेश से सब सीख जायेगी.”
फिर वह मेरे ऊपर से हटी और नीलेश को ऊपर सोफे पर बिठाया और उनका ल्डं पाकर चूमती बोली, “नीलेश यह तू बताओ की तुमने इतनी अच्छी चुदाई किस्से सीखी?”
“अरे यार मैने तू ब्लू फिल्म देखकर और ४-५ लड़कियों को चोदकर सीखा था. फिर जब से प्रियंका को चोदअ तब से सब कुछ सीख गया?”
“आह अच्छा आपने अपनी दोनो बहनो के अलावा और किसे चोदअ?”
“अरे ४-५ बाहरी लड़कियों को चोदने के बाद जब अपनी Cousin को चोदकर Cousinचोद बाना तब से तू कोई बहार की चोदने का मॅन ही नही कर्ता. बस अपनी मौसी को ही चोदअ था. अब तुम हो जो मुझे अपनी कोउसिनों के बाद अच्छी लगी हो.”
वह नीलेश की बात सुन खुश हो गयी और बोली, “रजा अब एक बार मेरी चोदकर पनि निकल दो फिर आज मुझे अपनी Cousinचोद बन्ने की कहानी बताना.”
“आजा मेरी जान तेरा पनि निकल दो अपना ल्डं डालकर.”
तब नीलेश ने उसे सोफे पर लिटाया तू मैने नीलेश का ल्डं पाकर उसकी चूत पर लगाया और फिर मैं नीलेश के ऊपर लेट गयी. इस तरह नीलेश हम दोनो के बीच दब गए. मेरे ऊपर लड़ने से नीलेश का ल्डं उर्मिला की चूत मैं घुस गया. मेरे ऊपर होने से नीलेश को ल्डं अन्दर बहार करने मैं बहुत ताकत लग रही थी. उर्मिला मज़े से भर गयी थी. मैं उसकी चूचियों को भी दबा रही थी. वह मुझे देख मुस्करा रही थी. मैं भी उसे देख मुस्करा अपनी चूचियों को नीलेश की पीठ से दबा रही थी.
उधर विनीता ने राजेश का ल्डं चाटकर अपने चहरे पर ही झाड़ लिया था. मैने देखा की वह अपने चहरे पर गिरे राजेश के ल्डं के पनि को हाथ से साफ कर रही है तू मैं उसके पास गयी और बोली, “अरे विनीता पगली इसे तुने अपने मुँह मैं क्यों नही झादा. देख इनका पनि कितना तस्त्य है.”
फिर मैं उसके मुँह को चाटने लगी तू वह मेरे हूंत चूम बोली, “प्रियंका दीदी नीलेश के दोस्त बहुत अछे हैं.”
“पगली अब यह सिर्फ नीलेश के दोस्त नही बल्कि तेरे पति भी हैं. शादी तू बाद मैं होगी परतु इनके साथ शादी का मज़ा अभी से ले ले. अब तू इनके साथ मज़ा ले. नीलेश तू उर्मिला की चोद राहे हैं, मैं भी नीलेश का ही लूंगी. तू आज राजेश को तू छोरेगी नही.”
“नही दीदी आज तू राजेश जी सिर्फ मुझे ही चोदएंगे. तुम नीलेश से चुद्वाओ.”
फिर मैं उन्दोनो को छोर नीलेश के पास आयी और नीलेश के मुँह पर अपनी चूत रख चात्वाते उर्मिला से बोली, “उर्मिला देख तेरे नीलेश कैसे मेरी छोटी Cousin की चाट रह है.”
“हाँ प्रियंका नीलेश को चूत चाटने मैं बहुत मज़ा आता है.
वह मेरी भी खोइओब चाटकर ही चोदते हैं. नीलेश की जीभ चूत मैं ल्ल्ल्की तरह चलती है. मेरा तू मॅन कर्ता है हर समय नीलेश से चात्वती रहूँ.”
“तू तुम चत्वा लिया करो ना अपने नीलेश से.”
“अरे यार चात्वती तू हूँ. मुम्म्य पापा तू बहार ही रहते हैं. इसलिये नीलेश दिन भर घर पर मुझे नंगी रखते हैं और मेरी चूचियों को मसल मसल ख़ूब चाटते हैं.”
“घर पर ही अपने Cousin से मज़ा लेने की बात ही कुछ और है.” मैने नीलेश की जीभ चूत के अन्दर लेते कहा.
वह अपनी गांड उछल चूत को नीलेश के ल्डं पर दबाती हांफती बोली, “तू सच कहती है. मैं दिन रात सोचा करती थी कोई मुझे भी चोदकर मज़ा दे पर बहार के लड़को से डरती थी की बदनामी होगी. अब तुमने मेरा चक्कर नीलेश से चल्वाकर मेरा काम बाना दिया है. जानती हो नीलेश भी बहुत खुश हैं. वह मुझसे कह राहे थे की मेरे जैसी खूबसूरत और जवान Cousin को चोदकर वह बहुत खुश हैं. जानती हो प्रियंका मैं जब नीलेश को नीलेश या राजेश के नाम से बुलाती हूँ तू वह कहते हैं की मुझे नीलेश नही बल्कि Cousinचोद कहा करो. मैं उनको अब घर मैं Cousinचोद के नाम से ही बुलाती हूँ.”
“अच्छा कैसे?”
“ऐसे की आओ बहिनचोद खाना खा लो या
बहिनचोद सुबह हो गयी है उठना नही है क्या. जानती हो वह मुझे क्या कहते?”
“क्या?”
“जब मैं उनको Cousinचोद कहती हूँ तू वह मुझसे कहते हैं की अरे साली उठ रह हूँ ना, अरे रंडी Cousin की रखैल अभी time ही क्या हुवा है.”
“हाय तुमलोग तू पूरा मज़ा ले राहे हो. चुदाई का मज़ा तभी आता है जब खुलकर बोलो और चोदओ. यार हमारे घर पर तू मुम्म्य रहती हैं इसलिये रात मैं ही चुदाई होती हमारी.”
तभी नीलेश ने मुझे अपने मुँह से हटाया और फिर उर्मिला को निचे लिटाया और ७-८ बार कसकर ढके लगाए तू मैने पूछा, “क्या नीलेश निकलनेवाला है क्या?”
“हाँ प्रियंका मेरी Cousin तेरा Cousin अब झड़ने वाला है.”
“ओह्ह नीलेश इसकी चूत भर दो अपने पनि से.”
“तू पीयेगी नही?”
“नीलेश तुम इसकी चूत मैं पनि भार्दो मैं इसकी चूत से चाट लूंगी.”
फिर नीलेश ने उर्मिला को कसकर जकड लिया और झड़ने लगे. उम भी झाड़ रही थी और वह हांफ रही थी. २-३ मिनट तक नीलेश उसकी चूत मैं ही झाड़ते राहे फिर ल्डं बहार किया तू उर्मिला ने उसे अपने मुँह मैं लेकर चाट कर साफ किया. ल्डं ढीला कर नीलेश लेट गए तू मैं भी उनकी बगल लेट उर्मिला को अपने ऊपर आने का इशारा किया. वह उठी और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख घोड़ी बनी तू उसकी चूत से नीलेश के ल्डं का पनि निकल कर मेरे मुँह पर गिरने लगा. मैने मुँह खोल दिया और पनि मेरे मुँह मैं गिरा जिसे मैने चाट लिया फीर उसकी चूत को चाटने लगी.
कुछ देर तक चात्वाने के बाद वह नीलेश के ऊपर लेट गयी तू नीलेश ने उसे कास कर भींच लिया. तभी मेरी नज़र विनीता पर पडी. वह राजेश के ऊपर लेती उसके ल्डं को अपनी चूत मैं लिए थी. मैने नीलेश को इशारे से दिखाया तू नीलेश ने दोनो को देखा फीर मुस्कराते हुवे बोले, “यार राजेश कैसी लगी मेरी छोटी Cousin?”
“यार तुम्हारी दोनो बहने मस्त मॉल है. हाय विनीता की बहुत प्यारी है. यार चाटकर मज़ा आ गया.”
मैने विनीता से कहा, “विनीता तुमको नीलेश का दोस्त कैसा लगा?”
“दीदी सच नीलेश के दोस्त भी नीलेश की तरह मस्त हैं. बहुत अच्छी तरह से चाता था और चोद भी बहुत अच्छा रहें हैं.”
“चोदएंगे कैसे नही, इतने दिनों से अपनी Cousin को चोदकर प्रक्टिस कर राहे थे.”
फीर मैं नीलेश से बोली, “नीलेश मेरी भी चोदलो एक बार फीर उर्मिला को ही खिलाना अपना ल्डं.”
तब नीलेश ने मुझे कसकर चोदअ और फीर एक बार उर्मिला को और चोदअ. तब तक विनीता तीन बार राजेश से चुद चुकी थी. नीलेश हम्दोनो को चोदकर एकदम ठण्डा करने के बाद विनीता के पास गए और उसकी चूचियों को पाकर सहलाते बोले, “विनीता मज़ा आया मेरे दोस्त से चुदवाने मैं?”
“बहुत हाय नीलेश आपके दोस्त का ल्डं बहुत जबर्दस्त है. मज़ा आ गया.”
“और मज़ा लेना हो तू ले लो फीर घर चलत है मुम्म्य वेट कर रही होंगी.”
“ठेक है नीलेश चलिये अब फीर कभी, आज बहुत मज़ा लिया.”
उसके बाद हम दोनो नीलेश के साथ वापस आ गए.
घर पर आ नीलेश अपने काम निप्ताये. फीर रात को हम दोनो को अपने रूम मैं बुलाया. विनीता आते ही नीलेश की गोद मैं गयी और उनके ल्डं को पाकर लिया. नीलेश ने उसकी चूसियां को पाकर और दबाते हुवे पूछा, “बहुत खुश लग रही है तू.”
“हाँ नीलेश आज मुझे चुदवाने मैं बहुत मज़ा आया.”
“क्यों क्या हुवा था?”
“नीलेश रोज़ आपसे चुद्वाती हूँ तू सच बहुत मज़ा आता है. पर नीलेश आज अपने Cousin के सामने उसके दोस्त से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और था.”
“इसका मतलब विनीता तुझे मेरे साथ चुदवाने मैं मज़ा नही आता?”
“ओह्ह नीलेश यह बात नही, हाय आप तू बुरा मान गए. आप तू मेरा पहला प्यार हैं नीलेश. मेरा कहने का मतलब यह है की किसी दुसरे लड़के से चुदवाने मैं भी बहुत मज़ा आया.”
मैं दोनो की बात सुनकर बोली, “ओह्ह नीलेश बेचारी अपने पति से चुद्वाकर आ रही है ना इसलिये बहुत खुश है. शायद इसीलिये उल्टा सीधा बोल रही है.”
इस पर हम सब हंसने लगे. फीर नीलेश ने हम्दोनो को ज्जमकर चोदअ और चिपककर सो गए.
मेरी शादी क ईक दिन पहले घर पर बहुत मेहमान आ गए थे. मैं अपने रूम मैं ऊपर थे. सब लोग निचे थे. रात को सब सोने लगे.
मैं अपने रूम मैं विनीता के साथ थी. वह मेरे हाथो मैं मेहंदी लगा रही थी. दोनो हाथों मैं मेहंदी लग गयी तू मैं धीरे से लेट गयी. करीब ११ बजे नीलेश आये और हमारे पास बैठ बोले, “प्रियंका कल तेरी शादी है. कल तू अपनी ससुराल चली जायेगी.”
“ओह नीलेश उदास ना हो. ससुराल से आया भी तू करुँगी. जब भी मौका मिल आ जाया करुँगी. मेरा वहाँ आपके बिना मॅन भी तू नही लगेगा.”
“हाँ दीदी जल्दी जल्दी आया करमा.” विनीता बोली.
“औंगी विनीता. नीलेश विनीता तू है ना आपका ख्याल रखने के लिए.”
“हाँ पर तू नही होगी तू मेरा दिल नही लगेगा.”
“ओह्ह नीलेश मैं भी अपने नीलेश के बिना नही रह पाऊँगी पर क्या करें. नीलेश आओ आज मुझे और चोद लो फीर तू कल मैं ससुराल चली जाउंगी. विनीता तू नीलेश की हेल्प करमा मेरे हाथो मैं तू मेहंदी लगी है.”
“ठीक है दीदी.”
“चल पहले नीलेश के कप्रे उतार फीर मेरी मक्षि खोल दे.”
आज मैं मक्षि पहने थी जो आगे से खुलती थी. इसे बिना उतारे ही मैं पूरी नंगी हो जति थी. विनीता ने नीलेश को नंगा कर मेरी मक्षि खोल दी. फीर मेरे कहने पर नीलेश के ल्डं को पाकर मेरे मुँह मैं दे दिया जिसे मैं चूसने लगी. मुझे आज नीलेश का ल्डं बहुत प्यारा लग रह था. आज नीलेश के ल्डं मैं नया जोश लग रह था. कुछ देर बाद मैने विनीता से कहा, “विनीता तू मेरी चूत अपने हाथ से फैलाकर नीलेश से चत्वा दो फीर चुद्वा भी देना.”
उसने मेरी चूत के फांक खोलें तू नीलेश ने अपनी जीभ अन्दर तक पेल दी. मैं गांड उठा उठा चात्वाते बोली, “नीलेश.”
“हाँ प्रियंका.”
“नीलेश अपने दोस्त को बुला लो ना. आज तू शादी का हंगामा है. उसे काम के कोउसिने बुलाकर मुझे उससे भी चुद्वा दो फीर पता नही कब मौका मिले. आपके अलावा आपके उसी दोस्त का ल्डं ही खाया है मैने.”
और पैरों से नीलेश के सर को अपनी चूत पर दबाया.
“ठीक है प्रियंका. विनीता चल राजेश को फ़ोन करके बुलाले.”
फीर विनीता ने फ़ोन किया वह आने को तैयार हो गया. नीलेश मेरी चूत को अब अपनी जीभ से चपड राहे थे. जीभ पेल पलकर नीलेश ने ५ मिनट मैं ही मेरी झाड़ दी. तभी बहार से किसी ने राजेश के आने का बताया तू नीलेश जल्दी से कप्रे पहन उसे अपने रूम मैं ले गए.
फीर कुछ देर बाद मैं भी वहाँ पहुंची. वह मुझे इस तरह देख बहुत खुश हुवा. वह मेरे पास आ मुझे चूम बोला, “यार नीलेश तेरी Cousin तू दुल्हन बन गयी. मज़ा आएगा आज इसको चोदकर.”
“हाँ यार तू इमेरी Cousin के साथ सुहागरात मन ले. मैं भी इसकी कल ज़रूर चोदउन्गा जब यह दुल्हन वाले कप्रे पहनेगी.”
“नीलेश जब चाहे तब चोदना आप पर अभी मुझे अपने दोस्त से चुदवाने दीजिए.” फीर मैं बेद पर लेट बोली, “ओह्ह राजेश आप इधर आइये ना. मेरे हाथो मैं मेहंदी लगी है इसलिये मैं कुछ करुँगी नही. आप मुझे चाटकर चोदइये. ह्ह्हाछ ख़ूब जमकर चोदना आज. नीलेश आज कुछ नही करेंगे.”
“क्यों मैं क्या ऐसे ही रहूँ.”
“हाँ नीलेश आप देखिए आपका दोस्त आपकी Cousin को उसकी शादी वाली रत कैसे चोदता है. आप तू मुझे रोज़ चोदते ही हैं. आज अपने दोस्त को चोद लेने दीजिए.”
“ठीक है प्रियंका चुद्वा मेरे दोस्त से. मैं तेरी कल चोद लूँगा.”
फीर राजेश ने मेरी साड़ी अलग की और ब्लौसे भी उतार दिया. थोरी देर पहले नीलेश के साथ थी isliye bra panty नही पहनी थी. जब मैं नंगी हो गयी तू वह भी नंगा हो गया और मेरी चूत पर झुक गया. अब वह मेरी चूत को चाट रह था और हाथ से चूचियों को भी दबा मज़ा ले रह था. नीलेश वही एक चिर पर बैठे हमको देख राहे थे.
तभी वह बोले, “यार जल्दी से चोद ले मेरी Cousin को. आज कोई भी आ सकता है.”
फीर नीलेश के दोस्त ने मुझे कसकर चोदअ और फीर नीलेश ने उसे चुपके से बहार कर दिया. उसके बाद मैं अपने रूम मैं आ गयी.
विनीता मेरा इंतज़ार कर रही थी. पास गयी तू पूछा की चुद्वा लिया तू मैने कहॉ हाँ. फीर हमलोग सो गए.


















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