Friday, August 29, 2014

Fentency किराया माफ़

Fentency


किराया माफ़

प्रेषक : धीरज 
मेरा नाम धीरज है, हरियाणा का रहने वाला हूँ। हिंदी सेक्सी कहानियाँ  पर यह मेरी पहली कहानी है। 
बात उन दिनों की है जब हमारे घर में एक कमरा किराये के लिए खाली था। हम कोई किरायेदार ढून्ढ रहे थे। एक दिन एक लड़की हमारी दुकान पर आई और मुझसे पूछने लगी- मुझे मालूम हुआ है यहाँ कोई कमरा किराये के लिए खाली है। 
मैंने हाँ कर दी और कमरा दिखाने ले गया। मैंने अपनी मम्मी को बुलाया और उन्होंने ही सारी बात की लेकिन लड़की ने मना कर दिया क्योंकि किराया ज्यादा था 1500 रूपये। कुछ देर बात करने के बाद मम्मी ने किराया थोड़ा कम कर दिया 1300 रूपये। 
उसने हाँ कर दी और बोली- कल से रहने आ जाऊँगी। 
अगले दिन वो अपना सामान लेकर आ गई। मैंने उसकी मदद की सामान रखने में, उसके साथ उसका भाई भी था, देखने ठीक था उससे काफी बड़ा था। 
वो उसी दिन चला गया था। लड़की करनाल की थी। उसका नाम पलक (बदला हुआ नाम) था। वो यहाँ से बी.टेक कर रही थी। जब उसका भाई चला गया तो मैं उसे देखने उसके कमरे में चला गया। मुझे वो बहुत पसंद थी, मैं उससे दोस्ती करना चाहता था। कुछ देर देखने के बाद वो बाहर आई और बोली- क्या देख रहे हो? 
और उसने मेरे बारे में पूछा। 
मैंने बताया- मैं भी डिप्लोमा पूरा कर चुका हूँ। अब अगले साल किसी कॉलेज में दाखिला लूँगा क्योंकि घर में दिक्कत थी। इसलिए नहीं लिया इस साल। 
मैं उसके लिए कॉफी बना कर लाया उसने पी ली। मैंने उससे उसके बारे में पूछा और कहा- आज रात खाना हमारे यहाँ खा लेना। कल से अपना अलग बना लेना। अभी तुम्हारा सामान सैट नहीं हुआ इसलिए। 
उसने मुझे थैंक्स कहा। मैं सोच रहा था कि उसे कैसे कहूँ कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ। 
अगले दिन वो कॉलेज नहीं गई और मैं भी घर में अकेला था। मम्मी गई थी मार्किट, छोटा भाई स्कूल में और पापा अपने ऑफिस। 
मैं वैसे दुकान पर बैठता हूँ, मैं वर्कर्स को काम बताकर खुद उसके कमरे में चला गया और उससे बातें करने लगा और बातों-बातों में मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? 
तो वो शरमा गई, बोली- तुम जाओ यहाँ से, कोई हमें देखेगा तो क्या कहेगा। 
मैंने कहा- तुम डरो मत, कोई कुछ नहीं कहेगा और मेरे साथ खुल कर बातें करो, डरो मत। 
तो उसने कहा- नहीं है ! 
और उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई है? 
मैंने भी ना में सर हिला दिया और मैंने कहा- अगर मैं आपका बॉयफ्रेंड बनना चाहूँ तो आपको कोई हर्ज तो नहीं होगा? 
उसने कहा- इस बारे में मैंने कुछ सोचा नहीं है। आपको सोच कर बताऊँगी। 
मैंने कहा- ठीक है, कल बता देना। 
और चला आया। अब उसकी हाँ का इंतज़ार करने लगा। 
अगले दिन वो सुबह उठकर कॉलेज चली गई। जब वो आई तो मेरी हिम्मत नहीं हुई उससे पूछने की लेकिन वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा कर चली गई। 
मैं समझ गया कि हाँ है। मैं उसके कमरे में चला गया और उससे पूछा- क्या सोचा फिर आपने? 
तो उसने कहा- ठीक है। 
मैंने कहा- ठीक से कहो क्या है? 
तो वो बोली- आई लव यू। 
मैं खुश था। 
उसने कहा- वैसे इसमें मेरा ही फायदा है। 
"वो कैसे?" 
उसने कहा- देखो, एक तो कॉलेज में लड़के तंग नहीं करेंगे, दूसरा किराया भी बच जायेगा। 
मैंने कहा- किराया तो मम्मी लेंगी, मैं नहीं। 
वो बोली- मैं तुम्हें दे दूँगी, तुम मम्मी को दे दिया करो। 
मैंने कहा- देखो, किराया तो देना ही है, मेरे को या मम्मी को ! क्यों न मम्मी को ही दे दिया करो। 
उसने कहा- तुम बहुत बुद्धू हो। 
मैं समझ तो गया लेकिन जानबूझ कर ऐसा कर रहा था। मैंने कहा- चलो, फिर रात को मिलेंगे। 
और चला गया। 
रात को हम सब बाहर घूमने गए मार्कीट में। 
उसने कहा- मैं कल कॉलेज नहीं जाऊँगी, धीरज तुम मेरे साथ मार्कीट चलोगे? 
तो मैंने कहा- मम्मी को ले जाना। 
और वो मान गई। 
अगले दिन पापा को फोन आया कि किसी रिश्तेदार की शादी है, सबको जाना है। 
मैंने मना कर दिया जाने से, कहा- अगर सब चले जायेंगे तो पलक अकेली रह जाएगी और वो अभी जानती भी नहीं यहाँ किसी को। 
तो पापा बोले- चल तू रह जीयो और दुकान भी खोल लियो। 
मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा। 
मम्मी ने मुझे कहा- जा के पलक को बता दे। 
मैंने ऐसा नहीं किया, अगर बता देता तो वो शायद कह देती कि मैं भी अपने घर चली जाती हूँ थोड़े दिन के लिए। 
मैंने ऐसे ही नाटक किया घर वालों के सामने। 
अगले दिन सुबह ही घर वाले चले गए, जब पलक उठी तो उसने देखा कि कोई भी नहीं है। उसने मुझसे पूछा तो मैंने कहा- शादी में गए हैं, सब शाम तक आ जायेंगे। 
लेकिन वो तो मैं जानता था कि घर वाले दो दिन तक नहीं आएंगे। मैं ऊपर अपने कमरे में चला गया, तभी पलक आई और बोली- नीचे पानी नहीं आ रहा, ऊपर नहा लूँ? 
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी नहाना, मैंने भी नहाना है। 
वो बाथरूम में चली गई। उसने अन्दर से बन्द कर लिया, मैं उसे दरवाजे के छेद से देखता रहा। मैं देखने में इतना मशगूल हो गया कि मुझे पता ही नहीं चला, उसने कब दरवाजा खोल दिया। 
मेरे तो होश उड़ गए उसे ऐसे देखकर। 
वो घबरा गई और बोली- तुम मुझे देख रहे थे? 
मैं एकदम से अन्दर जाकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया। ताकि वो वापिस ना जा सके। मैंने उसे अपनी बाँहों में खींच लिया और चूमने लगा। 
वो बोली- मैं तुम्हारी मम्मी को बताऊँगी। 
मैंने कहा- जानेमन, किराया ऐसे मैं थोड़े ही दे दूंगा। 
तो वो बोली- अच्छा तो तुम समझ गए थे, नाटक कर रहे थे मेरे साथ। 
मैंने उसका तौलिया हटाया और कहा- जब सब पता चल गया है तो शर्म काहे की। 
मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा उसे नशा सा चरने लगा। मैंने भी अपने और उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे अपना लण्ड चूसने को कहा, उसने मना कर दिया। लेकिन बाद में वो मान गई। 
मैंने उससे पूछा- तुम पहले कितनी बार चुद चुकी हो? 
उसने कहा- पहली बार चुद रही हूँ। 
यह सुनते ही मैंने उसे उठा लिया और बेडरूम में लाकर बिस्तर पर पटक दिया और उसकी फुद्दी को देखने लगा जो अभी बंद थी। 
मैं उसे चूसने लगा, वो ऊऊउ अह्ह्ह्ह की आवाजे निकालने लगी और कहने लगी- बस अब नहीं रहा जाता, धीरज डाल दो मेरी फुद्दी में, फाड़ दो इसे। 
मैंने कहा- अगर इसमें डाल दिया तो बहुत रोएगी। 
उसने कहा- आज रुला दो मुझे ! 
मैंने तेल लिया और उसकी फुद्दी पर लगा दिया और लंड पर भी लगाया और लंड उसकी फुद्दी के मुख पर रख दिया। मैंने जोर से धक्का दिया और लंड थोड़ा सा उसकी फुद्दी में गया तो वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी- निकालो इसे ! 
मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए ताकि आवाज ज्यादा ना आये और एक जोर का झटका और मारा, लंड उसकी फुद्दी को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया। 
कुछ देर मैं ऐसे ही रहा उसके बाद धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए। 
उसे भी मजा आने लगा, वो भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब पूरे कमरे में पच पच पच की आवाजें आने लगी। वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने अपना लंड निकाला और देखा चादर पर खून लगा था। उसे दर्द हो रही थी। उससे उठा भी नहीं जा रहा था। 
उसने कहा- अब कुछ और भी करना है क्या जो निकाल लिया। 
मैंने कहा- तुम्हें पता नहीं क्या मेरा पानी अभी नहीं निकला। 
वो बोली- अब यह क्या होता है मुझे नहीं पता। 
मैंने कहा- जैसे तुम्हारी फुद्दी में से निकला है ऐसे ही मेरे लंड में से निकलेगा। 
तो वो बोली- अब अन्दर मत डालना, दर्द हो रहा है। 
मैंने कहा- चलो नहीं डालता, कहीं और डाल लेता हूँ। 
पूछने लगी- कहाँ? 
मैंने उसकी गांड की तरफ इशारा किया तो बोलने लगी- नहीं ! सुना है यहाँ ज्यादा दर्द होता है। 
मैं उसकी गांड मारना चाहता था। मैंने अब तक जितनी भी लड़किया चोदी हैं सबकी गांड जरूर मारी है। गांड मारने का अपना अलग ही स्वाद है। मैंने उसे झूठा दिलासा दिया कि फुद्दी की बजाये गांड मरवाने में दर्द कम होता है। पहले ना नुकुर करती रही। बाद में मान गई। 
मैंने वेसलिन की डिब्बी उठाई और उसकी गांड पर लगा दी। 
वो बोली- यह क्या कर रहे हो। 
मैंने कहा- इससे दर्द नहीं होगा ! 
और एक उंगली उसकी गांड में धीरे से डाल दी। उसे दर्द होने लगी। 
मैंने कहा- अभी थोड़ी देर में मजा आयेगा मेरी जान ! 
मैंने उंगली निकाली और उसे घोड़ी बना दिया उसकी कमर कस कर पकड़ ली और लंड उसकी गांड में डालने लगा। लंड ज्यादा मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था, मैंने वेसलिन और लगा दी एक जोर का झटका दिया लंड आधा अंदर चला गया। 
वो चिल्लाने लगी। मैंने पीछे से उसका मुह बंद कर दिया हाथ से और चोदने लगा पाँच मिनट के बाद मैं तैयार था फारिग होने के लिए। मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुंह में दे दिया और उसके मुंह में पानी छोड़ दिया। 
वो सारा पानी पी गई। उसे दर्द हो रहा था। मैंने उसे गोद में उठाया, बाथरूम ले गया और उसे फिर से नहलाया और खुद भी नहाया। उस दिन वो कॉलेज नहीं गई थी। 
रात को क्या हुआ वो बाद में ! 
मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर लिखें।











Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |

Fentency सीढ़ियों में

Fentency

सीढ़ियों में

प्रेषक : मुहम्मद शाम 
मैं आज आपको अपनी जिन्दगी की दो साल पुरानी एक घटना बताने वाला हूँ जो मेरे साथ हुई थी। मैं जिस जगह पर रहता हूँ, वहाँ हर साल नए नए लोग ट्रान्सफर होकर आते हैं। 
एक बार मैं रात को अपने ही घर के पास घूम रहा था, तभी एक लड़की मेरे साइड से निकल कर गई, तब मेरे मन में क्या हुआ कि मैं उसके पीछे पीछे जाने लगा, दो तीन बार मुझे भी लगा कि वो लड़की लाइन दे रही है इसलिए मैं रुका नहीं और उसके पीछे पीछे जाता रहा। 
अचानक वो लड़की एक जगह रुक गई। उसे देख मैं भी रुक गया, मगर थोड़ी देर बाद मैं आगे बढ़ा और उसके पास चला गया और उसे बात की। मैंने उसे लम्बी लम्बी बातें चोदी, जैसी कि आप नई आई हैं क्या? अगेरा वगैरा। 
फिर मैंने उसे कहा- मैं आपको कई दिनों से देख रहा हूँ और आपका पीछा कर रहा हूँ। 
उसने पूछा- क्यों? 
तब मैंने बोला- मेरा दिल आप पर आ गया है, इसलिए ! 
वो मुस्कुरा दी और आगे चलने लगी। मैंने उसे रोका तो वो फिर से रुक गई। फिर मैंने उसे और बातें की, और मस्का लगाया और कहा- मुझे आपसे और बातें करनी हैं। 
तो उसने कहा- आपको मना किसने किया है? करो ! 
फिर मैंने कहा- यहाँ नहीं, कहीं अकेले में। यहाँ कोई देख लेगा तो लोग बातें बनाएँगे, 
उसने कहा- फिर आप बताओ कि कहाँ जाना है, मुझे तो कुछ पता ही नहीं है ऐसी जगह के बारे में। 
मैंने कहा- यहाँ सबसे अच्छी जगह है बिल्डिंग की सीढ़ियों में जहाँ कोई नहीं आता क्योंकि सब लिफ्ट प्रयोग करते हैं। 
उसने कहा- ठीक है, चलिए। 
फिर मैं उसे बिल्डिंग की सीढ़ियों में ले गया और बातें करने लगा। मैं सोच रहा था कि उसे हाथ कैसे लगाऊँ। तभी मुझे उसके हाथ पर एक काला दाग दिखा, मैंने उसका झट से हाथ पकड़ कर पूछा- यह दाग कैसा है? 
फिर वो उसके बारे में बताने लगी और मैंने उसका हाथ पकड़े रखा, और मैं हल्का हल्का मसल रहा था, बातों-बातों में मैं उसके करीब जा रहा था धीरे धीरे। 
फिर मैंने सोचा कि हाथ तो पकड़ लिया, अब और आगे कैसे बढ़ूँ। तभी मुझे एक आईडिया आया, और मैं गिरने की एक्टिंग करने लगा, तो उसी बहाने मैंने उसकी कमर पकड़ ली और फिर ठीक से खड़ा हो गया। 
मैंने उसके कमर से हाथ हटाये बिना पूछा- आपको बुरा तो नहीं लगा? 
वो बोली- इसमें बुरा लगने वाली क्या बात थी। 
फिर मैंने उसको उसकी कमर से खींचा अपनी तरफ ! वो मेरी आँखों में झांकने लगी और मैं उसके आँखों में। मैंने धीरे से अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाए तो उसने भी अपने होंठ आगे बढ़ा दिए। और फिर मैंने उसके होंठों से अपने होंठों को छुआ दिया और फिर धीरे धीरे चूसने लगा। 
वाह ! क्या मज़ा था उसके होंठों का ! एकदम मीठा-मीठा जैसे अभी अभी वो कोई मिठाई खा कर आई हो। 
अब उसके बाद मैंने उसके हाथों को पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया और उसकी कमर को अपनी तरफ और कस दिया और उसके होंठों को और चूसने लगा।फिर मेरे हाथ धीरे धीरे उसके पिछवाड़े की तरफ बढ़ने लगे और वो भी ऐसे ही कर रही थी जो मैं कर रहा था। फिर मैंने उसकी छाती पर अपना हाथ रखा और उसे दबाने लगा, उसने भी वही करने की कोशिश की मगर उसे कुछ मिला ही नहीं, फिर उसके हाथ अपने आप नीचे को चले गए और जाकर मेरे लंड पर अटक गए। वो उसे ही मसलने लगी और मैं उसकी छाती को। 
मैंने उसे कहा- हम बिल्डिंग की छत पर चलते हैं। 
बिल्डिंग के ऊपर की दो मंजिलें खाली थी इसलिए वो मान गई और हम ऊपर चल दिए। हम जैसे ही छत पर पहुँचे, वैसे ही काम शुरू हो गया, जहाँ पर रुका हुआ था। 
फिर मैंने उसे उसका टॉप उतारने को कहा तो पहले मना किया मगर मान गई। 
उसने अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था, जैसे ही उसने अपना टॉप उतारा, मैं झट से उस पर टूट पड़ा और वो मेरे सर को पीछे से धक्का दे रही थी जैसे वो मेरे सर को अपने छाती के अंदर घुसा लेगी। मैं उसके चूचों को जोर जोर से चूसे जा रहा था और वो मुझे और करने को बोले जा रही थी। 
फिर मैंने उसे कहा कि अपनी पैंट उतार दे तो उसने मना कर दिया मगर थोड़ा जोर देने पर वो मान गई और उसने अपनी पैंट उतार दी। फिर उसने मुझसे कहा- सब मैं ही उतारूंगी या तुम भी कुछ उतारने वाले हो? 
मैंने उसे बोला- मैंने तुम्हें कब मना किया है, तुम्हें जो उतारना है उतार दो। 
वो हंस दी इस बात पर। मैं फिर पूरा नंगा हो गया उसके सामने। फिर मैंने उसे सीढ़ी पर बैठने को कहा, वो बैठ गई, मैंने उसका पैर फैला दिए और थोड़ा सा नीचे होकर मैं उसकी टांगों के बीच में घुस गया और उसकी चूत चाटने लग गया और एक हाथ से उसके स्तन मसल रहा था। 
फिर उसने कहा- जांघों के बीच में खुजली सी हो रही है॥ 
मैंने कहा- रुको, खुजली के लिए लकड़ी आ रही है। फिर मैंने उसके पीछे अपनी शर्ट बिछा दी और उसे लेट जाने को कहा। वो बात मन गई और लेट गई मेरे शर्ट पर। फिर मैंने उसकी टाँगें और खोली और जोर जोर से चूसने लगा। जितने जोर से मैं चूस रहा था उतने ही जोर से उसके मुंह से आवाज़ें निकल रही थी- ह्मम म्म्म उम्म हा ओर्र्र ओर्र्र्ररर्र ओर् करो हाआआअ ! 
थोड़ी देर के लिए तो मैं डर गया था कि नीचे वाले यह न सोचें कि ऊपर भूत आ गए हैं। फिर बाद मैं उसकी चूत की खुशबू में वो सब भूल गया, मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा हल्के-हल्के से। 
वो बोली- और करो प्लीज ! ऐसे ही करते रहो, और करो ! 
फिर एक ही बार में मैंने उसके छेद में पूरी उंगली डाल दी और उसके होंठों पर होंठ रख लिए ताकि नीचे आवाज ना जाये। मैंने देखा कि उसकी आँखें बंद हैं तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और अपने होंठों को उसके होंठ पर और जोर से धक्का दिया, लंड थोड़ा सा ही अन्दर गया, वो तड़प उठी और मुझे धक्का देने लगी मगर मैंने उसको पकड़ कर रखा था। 
इसी बीच मैंने एक और जोर से धक्का लगाया और लंड अंदर चला गया, फिर मैं रुका रहा और उसे चूमता रहा और उसकी चूचियाँ मसलता रहा। 
फिर मैंने धीरे से अपना लंड-बाहर किया और फिर अंदर करने लग गया, और यही धीरे धीरे करता रहा। 10-12 मिनट करने के बाद मैं झड़ गया उसकी चूत में। फिर थोड़ी देर के लिए मैं लेट गया और वो मुझसे बातें करने लग गई। फिर हमने एक और बार किया। फिर उसके साथ सेक्स बहुत बार हुआ और वो मेरे जीवन से मस्त जुड़ गई और उसने अपना जिस्म मेरे सिवा आज तक किसी और को नहीं दिया। 
आपको मेरी कहानी कैसी लगी
















Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |

Fentency मामी का सैलाब

Fentency


मामी का सैलाब

यह बात दो साल पहले की है जब मैंने बारहवीं की परीक्षा दी थी। मेरे मामा और मामी भी यहीं रहते हैं, हमारे दोनों घरों के बीच में लगभग 30 किलोमीटर का फासला है। मेरे मामा और मामी का मिलन दो साल पहले ही हुआ था मतलब उनकी शादी को सिर्फ दो साल ही हुए थे। मामी एक अध्यापिका हैं और मामा जी सरकारी नौकरी करते है। उनका तबादला दिल्ली हो गया, मामी अपनी नौकरी के कारण उनके साथ नहीं जा सकी इसलिए मामा ने मुझे वहाँ मामी से साथ रहने के लिए बोल दिया। मैं तो खुशी के मारे उछल पड़ा।
अब मैं आपको अपनी मामी के बारे में बताता हूँ। उनकी उम्र 24 साल, रंग गोरा, तनाकृति तो पूछो मत यारो ! साड़ी पहने या जींस टॉप...या फिर चाहे राजस्थानी पोशाक ... लगती तो हमेशा एक पटाखा ही... जिसे मैं हमेशा जलाने की सोचता था।
मामा जी के चले जाने के बाद मैं वहां जाकर रहने लगा। शुरु के 3-4 दिन तो सब सामान्य चलता रहा, धीरे धीरे हल्का खुलापन आ गया। उसके बाद तो हम एक ही बेड पर सोने लगे पर पूरी दूरी बनाकर।
जब सुबह वो नहाने जाती तो मैं टॉयलेट में जाकर दीवार के छेद से उनके बाथरूम में उन्हें देखता था, उनकी चूत और गांड को देखकर मुट्ठी मारता था।
फ़िर 8-9 दिन बाद की बात है, रात को मामी ब्लाउज और पेटीकोट पहने थी और हम साथ में बैठ कर क्रिकेट मैच देख रहे थे। हम उसी बेड पर बैठे थे जिस पर हम सोते थे।
मामी को नींद आ गई। मैं देर रात तक टीवी देखता रहा था। लगभग दो बजे मैच ख़त्म हो गया। मैं ऐसे ही टीवी के चैनेल बदलकर सोने वाला ही था कि टीवी पर फैशन टीवी पर ब्रा-बिकनी शो चल रहा था।
मेरा लंड एकदम से कड़क हो गया। मैंने मामी की तरफ देखा, वो अपने पांवों को ऊपर की ओर मोड़कर सो रही थी और उनका पेटिकोट उनकी जांघों के नीचे आ गया था जिससे उनकी चूत साफ़ दिख रही थी।
मैंने झटके से उनके चहरे की तरफ देखा... वो आराम से सो रही थी।
मैंने अपने इरादे को उस रात पूरा करने का मानस बना लिया।
मैं उठा और निकर और बनियान पहनकर, बेड पर आकर सोने का नाटक करने लगा। 15-20 मिनट बाद मैंने नींद का नाटक करते हुए अपना हाथ उनके बोबों पर और एक पांव उनके दोनों पांवों के बीच में चूत पर डाल दिया। मामी नींद के नशे में मेरी तरफ़ घूमी और अपनी बाहें मेरे गले में और टाँगे एक के ऊपर एक डाल दी। मेरा पाँव अब उनकी चूत के बहुत पास आ गया और मुझे उसकी गरमी का अहसास हुआ।
मामी अब भी नींद के नशे में मुझे अपना पति समझ कर पप्पी ले रही थी और और अपनी बांहों में जकड़ कर अपने सीने से लगा रही थी और कुछ बोल रही थी। मैं जाग कर भी सोने का नाटक कर रहा था। थोड़ी सी देर बाद जब हम दोनों एक दूसरे के पूरे चिपक गए थे, वो एक हाथ से मेरा लण्ड पकड़ने की कोशिश करने लगी, मेरी निकर में हाथ डाल दिया और मेरे होंठों को चूमने लगी। मैं तो पहले से ही गर्म था और इसके बाद तो जैसे पूरी आग मुझ में और मामी में ही आ गई।
मामी ने लंड हाथ में लिया तो ऐसे लगा जैसे मुझे स्वर्ग मिल गया और मुँह से आह निकल पड़ी। मामी उसे बाहर निकाल कर चूत में डालने की कोशिश करने लगी। अब मैंने भी सोने का नाटक छोड़ दिया और मामी के चिकने बदन को मसलने लगा, जोर जोर से उनके बोबे दबाने लगा। होंठों से होंठों पर चुम्बन अब भी चालू था, हम दोनों अब अपनी अपनी आँखें खोल दी थी और एक दूसरे का पूरा साथ देने लगे थे।
अब तो सिर्फ अपनी आग शांत करने की देरी थी, मैंने मामी का ब्लाऊज उतार दिया। मामी ने ब्रा नहीं पहन रखी थी। उनके चुचूकों को जैसे ही मैंने अपने मुँह में लिया, मामी जोर जोर से आहें भरने लगी और अपने दोनों हाथों से मुझे अपने बोबों पर दबाने लगी। मैंने दूसरे हाथ से पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट को टांगो से निकाल कर दूर फ़ेंक दिया, मैंने अपनी बनियान और निकर निकाल कर फ़ेंक दी।
मामी मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी। मैंने देर न करते हुए अपने होंठ सीधे मामी की चूत पर टिका दिए और मामी ने दोनों हाथों से मेरे बाल पकड़ लिए।
जैसे जैसे मैं उनकी चूत को चाट रहा था, वैसे वैसे उनके मुँह से आहें निकाल रही थी और जैसे ही मैं उनके दाने को दांतों से हल्का काटता या चूसता वैसे वैसे वो मेरे बाल अपने हाथ से नोच रही थी।
थोड़ी देर चूत चूसने के बाद अब मैं ऊपर आ गया और फिर से चुम्बन करने लगा।
नीचे से मैं अपना लंड हाथ में पकड़ कर उसे चूत के बाहरी इलाके में घुमाने लगा और मामी मुझे निचोड़ रही थी और बार बार कह रही थी- अन्दर डालो !
अचानक उनकी सिसकारियाँ तेज़ हो गई और मुझे अपने सीने से कस कर लगा लिया और इसी के साथ उनका सैलाब फ़ूट पड़ा जिसे मैंने अपने लंड पर महसूस किया। मेरा लंड तो अभी भी बाहर था, और उस पर इतना पानी..... मामी की चूत से इतना पानी निकला कि मेरा लंड पूरा गीला हो गया और मामी जोर जोर से सकून की साँसें लेने लगी।
अब मैंने अपना लंड लेकर चूत के द्वार पर रखा, गीला होने के बावजूद अंदर जाने में दिक्कत हो रही थी इसलिए मैंने एक तगड़ा झटका दिया और लंड महाराज पूरे के पूरे चूत रानी की शरण में !
और ऊपर मामी के मुँह से दर्द भरी आह !
मैंने लंड अन्दर करने के बाद धीरे-धीरे से अपना काम पूरी पूरी लगन के साथ शुरू किया... अब धीरे धीरे बेड से चूँ-चूँ और धम्म धम्म की आवाज आने लगी और साथ ही कमरा मामी की सिसकारियों की आवाज़ से भर गया।
मामी बार बार मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा रही थी। जब भी वो झड़ने लगती, मैं अपनी स्पीड और तेज़ कर देता और उनके मुँह पर अपने होंठ रख देता... जिससे वो और तिलमिलाती...
आधे घंटे की ताबड़-तोड़ मेहनत और इस घमासान के बाद अब मुझे भी अहसास होने लगा कि मेरा निकलने वाला है। मैंने अपनी गति बढ़ा दी और उनकी चूत में अपनी मलाई डाल दी। अब मैं निढाल होकर उनकी आँखों में देखने लगा। उनकी आँखों में एक सकून था और मुस्करा रही थी। उन्होंने बड़े प्यार से मुझे चूम लिया।
अब हम दोनों उठे तो देखा कि चादर तो बीच में पूरी गीली हुई पड़ी है। तो मामी ने बताया कि उनकी चूत से पानी बहुत निकलता है।
उसके बाद तो मामी ने और मैंने चार महीने साथ गुज़ारे और मुझे सब कुछ सिखाया जैसे मुझे चूत का गुरु बना दिया। उसके बाद तो मैं मामी के सहयोग से महीने की औसतन एक चूत मारने लगा।
उसके बाद तो पता नहीं किन किन की चूतों पर धावा बोला...तीन कुंवारी चूतों पर विजयी काला लंड फहराया।












 Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |
Raj-Sharma-Stories.com

हिन्दी मैं मस्त कहानियाँ Headline Animator