Fentency
मैं आज आपको अपनी जिन्दगी की दो साल पुरानी एक घटना बताने वाला हूँ जो मेरे साथ हुई थी। मैं जिस जगह पर रहता हूँ, वहाँ हर साल नए नए लोग ट्रान्सफर होकर आते हैं।
एक बार मैं रात को अपने ही घर के पास घूम रहा था, तभी एक लड़की मेरे साइड से निकल कर गई, तब मेरे मन में क्या हुआ कि मैं उसके पीछे पीछे जाने लगा, दो तीन बार मुझे भी लगा कि वो लड़की लाइन दे रही है इसलिए मैं रुका नहीं और उसके पीछे पीछे जाता रहा।
अचानक वो लड़की एक जगह रुक गई। उसे देख मैं भी रुक गया, मगर थोड़ी देर बाद मैं आगे बढ़ा और उसके पास चला गया और उसे बात की। मैंने उसे लम्बी लम्बी बातें चोदी, जैसी कि आप नई आई हैं क्या? अगेरा वगैरा।
फिर मैंने उसे कहा- मैं आपको कई दिनों से देख रहा हूँ और आपका पीछा कर रहा हूँ।
उसने पूछा- क्यों?
तब मैंने बोला- मेरा दिल आप पर आ गया है, इसलिए !
वो मुस्कुरा दी और आगे चलने लगी। मैंने उसे रोका तो वो फिर से रुक गई। फिर मैंने उसे और बातें की, और मस्का लगाया और कहा- मुझे आपसे और बातें करनी हैं।
तो उसने कहा- आपको मना किसने किया है? करो !
फिर मैंने कहा- यहाँ नहीं, कहीं अकेले में। यहाँ कोई देख लेगा तो लोग बातें बनाएँगे,
उसने कहा- फिर आप बताओ कि कहाँ जाना है, मुझे तो कुछ पता ही नहीं है ऐसी जगह के बारे में।
मैंने कहा- यहाँ सबसे अच्छी जगह है बिल्डिंग की सीढ़ियों में जहाँ कोई नहीं आता क्योंकि सब लिफ्ट प्रयोग करते हैं।
उसने कहा- ठीक है, चलिए।
फिर मैं उसे बिल्डिंग की सीढ़ियों में ले गया और बातें करने लगा। मैं सोच रहा था कि उसे हाथ कैसे लगाऊँ। तभी मुझे उसके हाथ पर एक काला दाग दिखा, मैंने उसका झट से हाथ पकड़ कर पूछा- यह दाग कैसा है?
फिर वो उसके बारे में बताने लगी और मैंने उसका हाथ पकड़े रखा, और मैं हल्का हल्का मसल रहा था, बातों-बातों में मैं उसके करीब जा रहा था धीरे धीरे।
फिर मैंने सोचा कि हाथ तो पकड़ लिया, अब और आगे कैसे बढ़ूँ। तभी मुझे एक आईडिया आया, और मैं गिरने की एक्टिंग करने लगा, तो उसी बहाने मैंने उसकी कमर पकड़ ली और फिर ठीक से खड़ा हो गया।
मैंने उसके कमर से हाथ हटाये बिना पूछा- आपको बुरा तो नहीं लगा?
वो बोली- इसमें बुरा लगने वाली क्या बात थी।
फिर मैंने उसको उसकी कमर से खींचा अपनी तरफ ! वो मेरी आँखों में झांकने लगी और मैं उसके आँखों में। मैंने धीरे से अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाए तो उसने भी अपने होंठ आगे बढ़ा दिए। और फिर मैंने उसके होंठों से अपने होंठों को छुआ दिया और फिर धीरे धीरे चूसने लगा।
वाह ! क्या मज़ा था उसके होंठों का ! एकदम मीठा-मीठा जैसे अभी अभी वो कोई मिठाई खा कर आई हो।
अब उसके बाद मैंने उसके हाथों को पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया और उसकी कमर को अपनी तरफ और कस दिया और उसके होंठों को और चूसने लगा।फिर मेरे हाथ धीरे धीरे उसके पिछवाड़े की तरफ बढ़ने लगे और वो भी ऐसे ही कर रही थी जो मैं कर रहा था। फिर मैंने उसकी छाती पर अपना हाथ रखा और उसे दबाने लगा, उसने भी वही करने की कोशिश की मगर उसे कुछ मिला ही नहीं, फिर उसके हाथ अपने आप नीचे को चले गए और जाकर मेरे लंड पर अटक गए। वो उसे ही मसलने लगी और मैं उसकी छाती को।
मैंने उसे कहा- हम बिल्डिंग की छत पर चलते हैं।
बिल्डिंग के ऊपर की दो मंजिलें खाली थी इसलिए वो मान गई और हम ऊपर चल दिए। हम जैसे ही छत पर पहुँचे, वैसे ही काम शुरू हो गया, जहाँ पर रुका हुआ था।
फिर मैंने उसे उसका टॉप उतारने को कहा तो पहले मना किया मगर मान गई।
उसने अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था, जैसे ही उसने अपना टॉप उतारा, मैं झट से उस पर टूट पड़ा और वो मेरे सर को पीछे से धक्का दे रही थी जैसे वो मेरे सर को अपने छाती के अंदर घुसा लेगी। मैं उसके चूचों को जोर जोर से चूसे जा रहा था और वो मुझे और करने को बोले जा रही थी।
फिर मैंने उसे कहा कि अपनी पैंट उतार दे तो उसने मना कर दिया मगर थोड़ा जोर देने पर वो मान गई और उसने अपनी पैंट उतार दी। फिर उसने मुझसे कहा- सब मैं ही उतारूंगी या तुम भी कुछ उतारने वाले हो?
मैंने उसे बोला- मैंने तुम्हें कब मना किया है, तुम्हें जो उतारना है उतार दो।
वो हंस दी इस बात पर। मैं फिर पूरा नंगा हो गया उसके सामने। फिर मैंने उसे सीढ़ी पर बैठने को कहा, वो बैठ गई, मैंने उसका पैर फैला दिए और थोड़ा सा नीचे होकर मैं उसकी टांगों के बीच में घुस गया और उसकी चूत चाटने लग गया और एक हाथ से उसके स्तन मसल रहा था।
फिर उसने कहा- जांघों के बीच में खुजली सी हो रही है॥
मैंने कहा- रुको, खुजली के लिए लकड़ी आ रही है। फिर मैंने उसके पीछे अपनी शर्ट बिछा दी और उसे लेट जाने को कहा। वो बात मन गई और लेट गई मेरे शर्ट पर। फिर मैंने उसकी टाँगें और खोली और जोर जोर से चूसने लगा। जितने जोर से मैं चूस रहा था उतने ही जोर से उसके मुंह से आवाज़ें निकल रही थी- ह्मम म्म्म उम्म हा ओर्र्र ओर्र्र्ररर्र ओर् करो हाआआअ !
थोड़ी देर के लिए तो मैं डर गया था कि नीचे वाले यह न सोचें कि ऊपर भूत आ गए हैं। फिर बाद मैं उसकी चूत की खुशबू में वो सब भूल गया, मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा हल्के-हल्के से।
वो बोली- और करो प्लीज ! ऐसे ही करते रहो, और करो !
फिर एक ही बार में मैंने उसके छेद में पूरी उंगली डाल दी और उसके होंठों पर होंठ रख लिए ताकि नीचे आवाज ना जाये। मैंने देखा कि उसकी आँखें बंद हैं तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और अपने होंठों को उसके होंठ पर और जोर से धक्का दिया, लंड थोड़ा सा ही अन्दर गया, वो तड़प उठी और मुझे धक्का देने लगी मगर मैंने उसको पकड़ कर रखा था।
इसी बीच मैंने एक और जोर से धक्का लगाया और लंड अंदर चला गया, फिर मैं रुका रहा और उसे चूमता रहा और उसकी चूचियाँ मसलता रहा।
फिर मैंने धीरे से अपना लंड-बाहर किया और फिर अंदर करने लग गया, और यही धीरे धीरे करता रहा। 10-12 मिनट करने के बाद मैं झड़ गया उसकी चूत में। फिर थोड़ी देर के लिए मैं लेट गया और वो मुझसे बातें करने लग गई। फिर हमने एक और बार किया। फिर उसके साथ सेक्स बहुत बार हुआ और वो मेरे जीवन से मस्त जुड़ गई और उसने अपना जिस्म मेरे सिवा आज तक किसी और को नहीं दिया।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी
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सीढ़ियों में
प्रेषक : मुहम्मद शाममैं आज आपको अपनी जिन्दगी की दो साल पुरानी एक घटना बताने वाला हूँ जो मेरे साथ हुई थी। मैं जिस जगह पर रहता हूँ, वहाँ हर साल नए नए लोग ट्रान्सफर होकर आते हैं।
एक बार मैं रात को अपने ही घर के पास घूम रहा था, तभी एक लड़की मेरे साइड से निकल कर गई, तब मेरे मन में क्या हुआ कि मैं उसके पीछे पीछे जाने लगा, दो तीन बार मुझे भी लगा कि वो लड़की लाइन दे रही है इसलिए मैं रुका नहीं और उसके पीछे पीछे जाता रहा।
अचानक वो लड़की एक जगह रुक गई। उसे देख मैं भी रुक गया, मगर थोड़ी देर बाद मैं आगे बढ़ा और उसके पास चला गया और उसे बात की। मैंने उसे लम्बी लम्बी बातें चोदी, जैसी कि आप नई आई हैं क्या? अगेरा वगैरा।
फिर मैंने उसे कहा- मैं आपको कई दिनों से देख रहा हूँ और आपका पीछा कर रहा हूँ।
उसने पूछा- क्यों?
तब मैंने बोला- मेरा दिल आप पर आ गया है, इसलिए !
वो मुस्कुरा दी और आगे चलने लगी। मैंने उसे रोका तो वो फिर से रुक गई। फिर मैंने उसे और बातें की, और मस्का लगाया और कहा- मुझे आपसे और बातें करनी हैं।
तो उसने कहा- आपको मना किसने किया है? करो !
फिर मैंने कहा- यहाँ नहीं, कहीं अकेले में। यहाँ कोई देख लेगा तो लोग बातें बनाएँगे,
उसने कहा- फिर आप बताओ कि कहाँ जाना है, मुझे तो कुछ पता ही नहीं है ऐसी जगह के बारे में।
मैंने कहा- यहाँ सबसे अच्छी जगह है बिल्डिंग की सीढ़ियों में जहाँ कोई नहीं आता क्योंकि सब लिफ्ट प्रयोग करते हैं।
उसने कहा- ठीक है, चलिए।
फिर मैं उसे बिल्डिंग की सीढ़ियों में ले गया और बातें करने लगा। मैं सोच रहा था कि उसे हाथ कैसे लगाऊँ। तभी मुझे उसके हाथ पर एक काला दाग दिखा, मैंने उसका झट से हाथ पकड़ कर पूछा- यह दाग कैसा है?
फिर वो उसके बारे में बताने लगी और मैंने उसका हाथ पकड़े रखा, और मैं हल्का हल्का मसल रहा था, बातों-बातों में मैं उसके करीब जा रहा था धीरे धीरे।
फिर मैंने सोचा कि हाथ तो पकड़ लिया, अब और आगे कैसे बढ़ूँ। तभी मुझे एक आईडिया आया, और मैं गिरने की एक्टिंग करने लगा, तो उसी बहाने मैंने उसकी कमर पकड़ ली और फिर ठीक से खड़ा हो गया।
मैंने उसके कमर से हाथ हटाये बिना पूछा- आपको बुरा तो नहीं लगा?
वो बोली- इसमें बुरा लगने वाली क्या बात थी।
फिर मैंने उसको उसकी कमर से खींचा अपनी तरफ ! वो मेरी आँखों में झांकने लगी और मैं उसके आँखों में। मैंने धीरे से अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाए तो उसने भी अपने होंठ आगे बढ़ा दिए। और फिर मैंने उसके होंठों से अपने होंठों को छुआ दिया और फिर धीरे धीरे चूसने लगा।
वाह ! क्या मज़ा था उसके होंठों का ! एकदम मीठा-मीठा जैसे अभी अभी वो कोई मिठाई खा कर आई हो।
अब उसके बाद मैंने उसके हाथों को पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया और उसकी कमर को अपनी तरफ और कस दिया और उसके होंठों को और चूसने लगा।फिर मेरे हाथ धीरे धीरे उसके पिछवाड़े की तरफ बढ़ने लगे और वो भी ऐसे ही कर रही थी जो मैं कर रहा था। फिर मैंने उसकी छाती पर अपना हाथ रखा और उसे दबाने लगा, उसने भी वही करने की कोशिश की मगर उसे कुछ मिला ही नहीं, फिर उसके हाथ अपने आप नीचे को चले गए और जाकर मेरे लंड पर अटक गए। वो उसे ही मसलने लगी और मैं उसकी छाती को।
मैंने उसे कहा- हम बिल्डिंग की छत पर चलते हैं।
बिल्डिंग के ऊपर की दो मंजिलें खाली थी इसलिए वो मान गई और हम ऊपर चल दिए। हम जैसे ही छत पर पहुँचे, वैसे ही काम शुरू हो गया, जहाँ पर रुका हुआ था।
फिर मैंने उसे उसका टॉप उतारने को कहा तो पहले मना किया मगर मान गई।
उसने अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था, जैसे ही उसने अपना टॉप उतारा, मैं झट से उस पर टूट पड़ा और वो मेरे सर को पीछे से धक्का दे रही थी जैसे वो मेरे सर को अपने छाती के अंदर घुसा लेगी। मैं उसके चूचों को जोर जोर से चूसे जा रहा था और वो मुझे और करने को बोले जा रही थी।
फिर मैंने उसे कहा कि अपनी पैंट उतार दे तो उसने मना कर दिया मगर थोड़ा जोर देने पर वो मान गई और उसने अपनी पैंट उतार दी। फिर उसने मुझसे कहा- सब मैं ही उतारूंगी या तुम भी कुछ उतारने वाले हो?
मैंने उसे बोला- मैंने तुम्हें कब मना किया है, तुम्हें जो उतारना है उतार दो।
वो हंस दी इस बात पर। मैं फिर पूरा नंगा हो गया उसके सामने। फिर मैंने उसे सीढ़ी पर बैठने को कहा, वो बैठ गई, मैंने उसका पैर फैला दिए और थोड़ा सा नीचे होकर मैं उसकी टांगों के बीच में घुस गया और उसकी चूत चाटने लग गया और एक हाथ से उसके स्तन मसल रहा था।
फिर उसने कहा- जांघों के बीच में खुजली सी हो रही है॥
मैंने कहा- रुको, खुजली के लिए लकड़ी आ रही है। फिर मैंने उसके पीछे अपनी शर्ट बिछा दी और उसे लेट जाने को कहा। वो बात मन गई और लेट गई मेरे शर्ट पर। फिर मैंने उसकी टाँगें और खोली और जोर जोर से चूसने लगा। जितने जोर से मैं चूस रहा था उतने ही जोर से उसके मुंह से आवाज़ें निकल रही थी- ह्मम म्म्म उम्म हा ओर्र्र ओर्र्र्ररर्र ओर् करो हाआआअ !
थोड़ी देर के लिए तो मैं डर गया था कि नीचे वाले यह न सोचें कि ऊपर भूत आ गए हैं। फिर बाद मैं उसकी चूत की खुशबू में वो सब भूल गया, मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा हल्के-हल्के से।
वो बोली- और करो प्लीज ! ऐसे ही करते रहो, और करो !
फिर एक ही बार में मैंने उसके छेद में पूरी उंगली डाल दी और उसके होंठों पर होंठ रख लिए ताकि नीचे आवाज ना जाये। मैंने देखा कि उसकी आँखें बंद हैं तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और अपने होंठों को उसके होंठ पर और जोर से धक्का दिया, लंड थोड़ा सा ही अन्दर गया, वो तड़प उठी और मुझे धक्का देने लगी मगर मैंने उसको पकड़ कर रखा था।
इसी बीच मैंने एक और जोर से धक्का लगाया और लंड अंदर चला गया, फिर मैं रुका रहा और उसे चूमता रहा और उसकी चूचियाँ मसलता रहा।
फिर मैंने धीरे से अपना लंड-बाहर किया और फिर अंदर करने लग गया, और यही धीरे धीरे करता रहा। 10-12 मिनट करने के बाद मैं झड़ गया उसकी चूत में। फिर थोड़ी देर के लिए मैं लेट गया और वो मुझसे बातें करने लग गई। फिर हमने एक और बार किया। फिर उसके साथ सेक्स बहुत बार हुआ और वो मेरे जीवन से मस्त जुड़ गई और उसने अपना जिस्म मेरे सिवा आज तक किसी और को नहीं दिया।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी
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