Thursday, August 14, 2014

Fentency मेरी वासना का ज्वार

Fentency

 मेरी वासना का ज्वार
सबसे पहले मैं अपनी बॉस का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसकी बदौलत मैं आज मस्ती के उस मुकाम पर पहुंचा हूं जहां मेरी वासना का ज्वार हर लहर के साथ टूट कर नहीं बिखरता। हर एक लहर अगली लहर को तब तक बढाती है जब तक कि आखिरी मंजिल पर पहुंच कर एक जबरदस्त उफान के साथ मेरे प्यार का लावा असीम आनन्द देता हुआ मेरे साथी को अपने साथ बहा ले जाता है। बात उस समय की है जब मैं एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में काम कर रहा था। मिस आशा मेरी बॉस थी। उम्र रही होगी करीब २८ साल की। लम्बी करीब ५’८” और सारी गोलाईयां एकदम परफेक्ट। अफवाह थी कि वो मिस इन्डिया में भी भाग ले चुकी थी। पर गजब की सख्ती बरतती थी वो हम सब के साथ। किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी कि उनके बारे में सपने में भी गलत बात सोचें। वो हम सब से दूरी बना कर रखती थी।
मैं नया नया आया था। इसलिए एकाध बार उनके साथ गरम जोशी से बात बढाने की गुस्ताखी कर चुका था। पर उनकी तरफ से आती बर्फीली हवाओं में मेरा सारा जोश काफूर हो गया। अब मुझे मालूम हुआ कि मेरे साथियों ने उनका नाम मिस आईस मैडेन क्यों रखा है। पर मुझे क्या पता था कि ऊपर वाले दया ऊपर वाली की मर्जी क्या है। एक दिन हमारे आफिस का नेटवर्क गडबडा गया। कभी ऑन होता तो कभी ऑफ। उसदिन शनिवार था। मैं दिन भर उसी में उलझा रहा पर उस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया। आखिर थक कर मैंने मैडम को कहा कि अगले दिन यानि रविवार को सुबह नौ बजे आकर इस को ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैंने उनसे आफिस की चाभियां ले लीं।
अगले दिन जब मैं नौ बजे ऑफिस पहुंचा तो देखा कि आशा मैडम मेन गेट के सामने खडी हैं। मैंने उन्हें विश किया और पूछा “आप यहां क्या कर रही हैं”। वो बोलीं “बस ऐसे ही घर में बोर हो रही थी तो सोचा कि यहां आकर तुम्हारी मदद करूं”। हम दरवाजा खोलकर अन्दर गए। मैडम ने कहा कि आज इतवार होने की वजह से कोई नहीं आएगा। इसलिए सुरक्षा के खयाल से दरवाजा अन्दर से बन्द कर लो। मैंने उनके कहे अनुसार दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया। अब पूरे आफिस में हम दोनों अकेले थे और हमें कोई डिस्टर्ब भी नहीं कर सकता था। मुझे आशा मैडम की नीयत ठीक नहीं लग रही थी। दाल में जरूर कुछ काला था। नहीं तो भला आज छुट्टी के दिन एक छोटी सी समस्या के लिए उन को दफ्तर आने की क्या जरूरत।
मैडम घूम कर कम्प्यूटर लैब की तरफ चल दी और मैं भी मन्त्रमुग्ध सा उनके पीछे पीछे चल दिया। पूरे माहौल में उनके जिस्म की खुशबू थी। जब हम कॉरीडोर में थे तो मैंने उनकी पिछाडी पर गौर किया। हाय क्या फिगर था। हालांकि मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं पर यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर आशा मैडम किसी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग ले तो अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दें और देखने वाले अपने लन्ड संभालते रह जाएं। उनकी मस्तानी चाल को देख कर यूं लग रहा था मानो फैशन शो की रैम्प पर कैट वॉक कर रही हो। उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंग पारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी। उन्होंने साडी भी काफी नीची बांधी हुई थी जहां से उनके चूतडों की घाटी शुरू होती है। बस यह समझ लो कि कल्पना के लिए बहुत कम बचा था। सारे पत्ते खुले हुए थे।
अगर मुझमें जरा भी हिम्मत होती तो साली को वहीं पर पटक कर चोद देता। पर मैडम के कडक स्वभाव से मैं वाकिफ था और बिना किसी गलत हरकत के मन ही मन उनके नंगे जिस्म की कल्पना करते हुए चुप चाप उनके पीछे पीछे चलता रहा। मैडम ने कल्पना के लिए बहुत ही कम छोडा था। साडी भी कस कर लपेटे हुई थी जिससे कि उनके मादक चूतड और उभर कर नजर आ रहे थे और दोनों चूतडों की थिरकन साफ साफ देखी जा सकती थी। मैंने गौर किया कि चलते वक्त उनके चूतड अलग अलग दिशाओं में चल रहे थे। पहले एक दूसरे से दूर होते फिर एक दूसरे के पास आते। मानो उनकी गान्ड खुल बन्द हो रही हो। जब दोनों चूतड पास आते तो उनकी साडी गान्ड की दरार में फंस जाती थी। यह सीन मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मन कर रहा था कि साडी के साथ साथ अपने लन्ड को भी उनकी गान्ड की दरार में डाल दूं। बडा ही गुदाज बदन था आशा मैडम का।
लैब तक पहुंचते पहुंचते मेरी हालत खराब हो गई थी और मुझे लगने लगा कि अब और नहीं रूका जाएगा। लैब के दरवाजे पर पहुंच कर मैडम एकाएक रूक कर पलटी और मुझसे ऊपर की सेल्फ के केबल कनेक्शन जांचने को कहा। उनकी इस अचानक हरकत से मैं संभल नहीं पाया और अपने आप को संभालने के लिए अपने हाथ उनकी कमर पर रख दिए। मैडम ने एक दबी मुस्कराहट के साथ कहा “कोई शैतानी नहीं” और मेरे हाथ अपनी कमर से हटा दिए। मैंने झेंपते हुए उनसे माफी मांगी और लैब में ऊपर की सेल्फ से कम्प्यूटर हटाने लगा। मैडम भी उसी सेल्फ के पास झुककर नीचे के केबल देखने लगी। उनकी साडी का पल्लू सरक गया जिससे कि उनकी चूचियों का नजारा मेरे सामने आ गया। हाय क्या कमाल की चूचियां थीं।
एक पल को तो लगा कि दो चांद उनकी चोली में से झांक रहे हों। वो ब्रा नहीं पहने थी जिससे कि चूची दर्शन में कोई रूकावट नहीं थी। और काम करना मेरे बस में नहीं था। मैं खडे खडे उस खूबसूरत नजारे को देखने लगा। चोली के ऊपर से पूरी की पूरी चूचियां नजर आ रही थीं। यहां तक कि उनके खडे गुलाबी निप्पल भी साफ मालूम दे रहे थे। शायद उन्हें मालूम था कि मैं ऊपर से फ्री शो देख रहा हूं। इसीलिए मुझे छेडने के लिए वो और आगे को झुक गई जिससे उनकी पूरी की पूरी चूचियां नजर आने लगीं। हाय क्या नजारा था। मैं खुशी खुशी चूचियों की घाटी में डूबने को तैयार था। ऐस लगता था मानो दो बडे बडे कश्मीरी सेव साथ साथ झूल रहो हों। एकाएक मैडम ने अपना सर ऊपर उठाया और मुझे अपनी चूचियों को घूरते हुए पकड लिया। जब हमारी नजर मिली तो अपने निचले होठ को दांतों में दबा कर मुस्कराते हुए बोली “ऐ क्या देखता है”। मैं सकपका गया और कुछ भी नहीं बोल पाया। मैडम ने मेरे चूतडों पर हल्की सी चपता जमा कर कहा ” शैतान कहीं के। फ्री शो देख रहा है”।
मेरा चेहरा लाल हो गया उनके मुस्कराने के अन्दाज से मैं और भी उत्तेजित हो गया और मेरा लौंडा जीन्स के अन्दर ही तन कर बाहर निकलने को बेचैन होने लगा। मैंने अपनी जीन्स को हिला कर लन्ड को ठीक करने की कोशिश की पर मुझे इसमें कामयाबी नहीं मिली। लन्ड इतना कडा हो गया था कि पूछो मत। बस ऊपर ही ऊपर होता जा रहा था और मेरी जीन्स उठती ही जा रही थी। मैडम ने मेरी परेशानी भांप ली और शरारती मुस्कराहट के साथ बोली “ये तुमने पैन्ट में क्या छुपाया है जरा देखूं तो मैं भी” जब तक मैं कुछ बोलूं उन्होंने खडे होकर मेरे लन्ड को पकड लिया और पैन्ट के ऊपर ही से कस कर दबा दिया। “हाय बडा तगडा लगता है तुम्हारा तो। बडा बेताब भी है। बस ऐसा ही लन्ड तो मुझे पसन्द है”।
मैं तो हक्का बक्का रह गया। मैडम आशा मेरे साथ फ्लर्ट कर रही हैं। मिस आइस मैडेन का यह गरम रूख देख कर मेरी तो बोलती ही बन्द हो गई और मैं उनकी हरकतें देखता रह गया। चूंकि मैं टेबल के ऊपर खडा था इस लिए मेरा लन्ड उनके मुंह की ठीक सीध में था। वो अपने चेहरे को और पास लाईं और पैन्ट के ऊपर ही से मेरे लन्ड को चूमते हुए बोली “इसे जरा और पास से देखूं तो क्यों इतना अकड रहा है” ऐसा कहते हुए मैडम आशा ने मेरी जीन्स की जिप खोल दी। मैं आम तौर पर अन्डरवियर नहीं पहनता हूं। लिहाजा जिप खुलते ही मेरा लन्ड आजाद हो गया और उछलकर उनके चेहरे से जा टकराया।
“हूं ये तो बडा शैतान है। इसे तो सजा मिलनी चाहिए” मैडम ने अपने सेक्सी मुंह को खोला और मेरे सुपाडे को अपने रसीले होठों में दबा लिया। मैं तो मूक दर्शक बन कर सातवें आसमान में पहुंच गया था। जिस मैडम आशा के पीछे सारा आफिस दीवाना था और जिनके बारे में सोच सोच कर मैंने भी औरों की तरह कई कई बार मुठ मारी थी यहां एक रंडी की तरह मेरा लौंडा चूस रही थी। मैंने मैडम का सर पकड कर अपने लौंडे पर दबाया और साथ ही साथ अपने चूतडों को आगे धक्का दिया। एक ही झटके में मेरा पूरा लन्ड मैडम के मुंह में कंठ तक घुस गया। उनका दम घुटने लगा और उन्होंने अपना सिर थोडा पीछे किया। मुझे लगा कि अब मैडम मुझे मेरे उतावलेपन के लिए डांटेगीं।
मैं बोला “सोरी मैडम मैं अपने पर काबू नहीं रख पाया”। उन्होंने बोलने से पहले मेरा लन्ड अपने मुंह से निकाला और मुस्कुराई “धत पगले। मैं तुम्हारी हालत का अन्दाजा लगा सकती हूं। लेकिन ये मैडम मैडम क्या लगा रखी है। तुम मुझे आशा कह कर बुलाओ ठीक है ना। अब मुझे अपना काम करने दो”। ऐसा कह कर मैडम ने एक हाथ में मेरा लन्ड पकडा और शुरू हो गई उसका मजा लेने में। वो लन्ड को पूरा का पूरा बाहर निकाल कर फिर दोबारा अन्दर कर लेती। मैं भी धीरे धीरे कमर हिला हिला कर उनका मुंह चोदने लगा। कुछ देर बाद वो बोली “बस इसी तरह खडे खडे कमर हिलाने में क्या मजा आएगा। थोडा आगे बढो”।
मैंने उनका इशारा भांप लिया और पहले उनके गालों को सहलाया। फिर धीरे धीरे हाथो को नीचे खिसकाते हुए उनकी गर्दन तक पहुंचा और उनकी चोली का स्ट्रैप खोल दिया। दोनों मस्त चूचियां उछल कर बाहर आ गई। मैडम ने भी मेरी जीन्स खोल दी और बिना लन्ड मुंह से बाहर किए नीचे उतार दी। फिर लन्ड चूसते हुए वो अपनी चूचियों को मेरी जांघों पर रगडने लगी। मैंने थोडा झुक कर उनकी चूचियों को पकडा और कस कस कर मसलने लगा। जल्द ही हम दोनों काफी उत्तेजित हो गए और हमारी सांसें तेज हो गई। मैं बोला “मैडम मैं पूरी तरह से आपको मजा नहीं दे पा रहा हूं। अगर इजाजत हो तो मैं भी नीचे आ जाऊं।” मैडम ने मुझे गुस्से से देखा और हौले से सुपाडे को काट लिया। वो बोली “तुम मेरी बात नहीं मान रहे हो। अगर मैं बोलती हूं कि मुझे आशा कह कर पुकारो तो तुम मुझे आशा ही कहोगे मैडम नहीं।”
मैं बोला “सॉरी आशा अब तो मुझे नीचे आने दो।” आशा ने मेरा हाथ पकड कर नीचे उतरने में मदद की। नीचे आते ही मैंने उनके चूतडों को पकडा और अपने पास खींच कर होठों को चूमने लगा। अब मैं उनके होठों को चूसते हुए एक हाथ से चूतड सहला रहा था जबकि मेरा दूसरा हाथ उनकी चूचियों से खेल रहा था। आशा मेरे लन्ड को हाथ में पकड कर सॉफ्ट टॉय की तरह मरोड रही थी। मैंने आशा की साडी पकड कर खींच दी और पेटीकोट का भी नाडा खोल कर उतार दिया। आशा ने भी मेरी टी शर्ट उतार दी और हम दोनों ही पूरी तरह नंगे हो गए। एक दूसरे को पागलों की तरह चूमते हुए हम वहीं जमीन पर लेट गए। चूत की खुशबू पा कर मेरा लन्ड फनफनाने लगा। आशा भी गर्म हो गई थी और अपनी चूत मेरे लन्ड पर रगड रही थी। हम दोनों एक दूसरे को कस कर जकडे हुए किस करते हुए कमरे के कालीन पर लोट पोट हो रहे थे। कभी मैं आशा के ऊपर हो जाता तो कभी आशा मेरे ऊपर। काफी देर तक यूं मजे लेने के बाद हम दोनो बैठ कर अपनी फूली हुई सांसों को काबू में करने की कोशिश करने लगे।
आशा ने अपने बाल खोल दिए। मैं बालों को हटा कर उनकी गर्दन को चूमने लगा। फिर दोबारा उनके प्यारे प्यारे होठों को चूमते हुए उनकी चूचियों से खेलने लगा। आशा मेरा सिर पकड कर अपनी रसीली चूचियों पर ले गई और अपने हाथ से पकड कर एक चूची मेरे मुंह में डाल दी। मैं प्यार से उनकी चूचियों को बारी बारी से चूमने लगा। वो काफी गरम हो गई थी और मुझे अपने ऊपर ६९ की पोजिशन में कर लिया। मैं उनकी रसीली चूत का अमृत पीने लगा। आशा अपनी जीभ लपलपा कर मेरे लौंडे को चूसे जा रही थी। जब भी हम में से कोई भी झडने वाला होता तो दूसरा रूक कर उसको संभलने का मौका देता। कई बार हम दोनों ही किनारे तक पहुंच कर वापस आ गए। हमारी वासना का ज्वार बढता ही जा रहा था और बस अब एक दूसरे में समा जाने की ही बेकरारी थी।
आशा ने मुझे अपने ऊपर से उठाया और खुद चित्त हो कर लेट गई। अपने दोनों पैर उठा कर अपने हाथों से पकड लिए और मुझे मोर्चे पर आने को कहा।मैंने भी आशा के दोनों पैरों को अपने कन्धों पर टिकाया और लन्ड को उसकी चूत के मुंह पर रख कर धक्का लगाया। मेरा लोहे जैसा सख्त लौंडा एक ही झटके में आधा धंस गया। आशा के मुंह से उफ की आवाज निकली पर अपने होठों को भींच कर नीचे से जवाबी धक्का दिया और मेरा लन्ड जड तक उसकी चूत में समा गया। फिर मेरी कमर पर हाथ रख कर मुझे थोडा रूकने का इशारा किया और बोली “तुम्हारा लन्ड तो बडा ही जानदार है। एक झटके में मेरी जान निकाल दी। अब थोडी देर धीरे धीरे अन्दर बाहर कर के मजा लो।”
आशा के कहे मुताबिक मैं धीरे धीरे उसकी चूत में लन्ड अन्दर बाहर करने लगा। चूत काफी गीली हो चुकी थी इसलिए मेरे लन्ड को ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही थी। मैं धीरे धीरे चूत चोदते हुए आशा की मस्त चूचियों को भी मसल रहा था। बडी ही गजब की चूचियां थी उसकी। एक हाथ में नहीं समा सकती थी। पर इतनी कडी मानो कन्धारी अनार। वो चित्त लेटी हुई थी पर चूचियों में जरा भी ढलकाव नहीं था और हिमालय की चोटियों की तरह तन कर ऊपर को खडी थी। उत्तेजना की वजह से उसके डेढ इन्च के निप्पल भी तने हुए थे और मुझे चूसने का आमन्त्रण दे रहे थे।
मै दोनों निप्पलों को चुटकी में भर कर कस कस कर मसल रहा था। आशा भी सिसकारी भर भर कर मुझे बढावा दे रही थी। आखिर मुझसे नहीं रहा गया और उसके पैरों को कन्धे से उतार कर जमीन पर सीधा किया और उसके ऊपर पूरा लम्बा होकर लेट गया। आशा ने दोनों हाथों से अपनी चूचियों को पकड कर पास पास कर लिया और मैं दोनों निप्पलों को एक साथ चूसने लगा। ऐसा लग रहा था कि सारी दुनिया का अमृत उन चूचियों में ही भरा हो। मैं दोनों हाथों से चूचियों को मसल रहा था। चूचियों की मसलाई और चुसाई में मैं अपनी कमर हिलाना ही भूल गया। तब आशा अपने हाथ नीचे करके मेरे चूतडों पर ले गई और उन्हें फैला कर एक उंगली मेरी गान्ड में पेल दी। मैं चिहुंक गया एक जोरदार धक्का आशा की चूत में लगा दिया। आशा खिलखिला कर हंस पडी और बोली “क्यों राज्जा मजा आया। अब चलो वापस अपनी ड्यूटी पर।”
आशा का इशारा समझ कर मैं वापस कमर हिला हिला कर उसकी चूत चोदने लगा। आशा भी नीचे से कमर उठाने लगी और धीरे धीरे हम दोनों पूरे जोश के साथ चुदाई करने लगे। मैं पूरा लन्ड बाहर खींच कर तेजी से उसकी चूत में पेल देता। आशा भी मेरे हर शॉट का जवाब साथ साथ देती। पूरे कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी। जैसे जैसे जोश बढता गया हमारी रफ्तार भी तेज होती गई। आखिर उसकी चूचियों को छोड मैंने उसकी कमर को पकड कर तूफानी रफ्तार से चुदाई शुरू कर दी। आशा भी कहां पीछे रहने वाली थी। वो भी मेरी गर्दन में हाथ डाल कर पूरे जोश से कमर उछाल रही थी। अब ऐसा लगने लगा था कि हम दोनों ही अपनी अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगे पर आशा तो एक्सपर्ट चुदक्कड थी और अभी झडने के मूड में नहीं थी। उसने अपनी कमर को मेरी कमर की दिशा में ही हिलाना शुरू दिया। इससे लन्ड अन्दर बाहर होने के बजाए चूत के अन्दर ही रह गया। मेरी पीठ पर थपकी दे कर उन्होंने रफ्तार कम करने को कहा और बोली “थोडा सांस ले ले फिर शुरू होना। इतनी जल्दी झडने से मजा पूरा नहीं आएगा।”
मैंने किसी तरह अपने को संभाल कर रफ्तार कम की। मैं अब उसके रसीले होठों को चूसते हुए हौले हौले चोदने लगा। जब हम दोनों की हालत संभली तो दोबारा आशा ने फुल स्पीड चुदाई का इशारा किया और फिर से मैं पहले की तरह चोदने लगा। रूक रूक कर चुदाई करने में मुझे भी मजा आ रहा था। हमारी इस चुदाई का दौर आधा घन्टे से भी ज्यादा चला। कई बार मेरे लन्ड में और उसकी चूत में उफान आने को हुआ और हर बार हमने रफ्तार कम करके उसे रोक लिया। हाालांकि कमरे में ए सी चल रहा था पर हम दोनो पसीने से नहा गए। आखिर आशा ने मुझे झडने की इजाजत दी। मैं तूफान मेल की तरह उसकी चूत में धक्के लगाने लगा। वो भी कमर उछाल उछाल कर मेरी हर चोट का जवाब देने लगी। चरम सीमा पर पहुंच कर मैं जोर से चिल्लाया “आशाआआआआआआआआ मेरी जान। मैं आया” और उसकी चूत में जड तक लन्ड घुसा कर अपना सारा उफान उसके अन्दर डाल दिया। आशा ने भी मेरी पीठ पर अपने पैर बांध कर मुझे कस कर चिपका लिया और चीखती हुई झड गई।










Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

हिन्दी मैं मस्त कहानियाँ Headline Animator