Thursday, August 14, 2014

Fentency अंग्रेज लडकी को भोगने का मजा

Fentency


अंग्रेज लडकी को भोगने का मजा


बात उस समय की है जब मैंने एक फ़ाईव स्टार होटल में नई नई नौकरी शुरू की थी। उस समय मै बाईस वर्ष का एक सुन्दर नौजवान था। होटल मेनेजमेन्ट करते समय मैं जिम जाता था उसके फ़लस्वरूप मेरा शरीर बेलेन्स और सुन्दर हो गया था। मेरी लम्बाई भी लगभग छ: फ़ुट और मेरा चेहरा-मोहरा बहुत ही आकर्षक था, कपड़े भी मुझे पर बहुत फ़बते थे।
मुझे लगता था कि मेरे साथ की लड़कियाँ भी मुझ पर मरती थी। मेरे साथी मुझे फ़िल्मो में कोशिश करने को कहते थे, शायद मैं उन सब बातों को मजाक समझता था।
मैं इस फ़ाईव स्टार होटल में फ़्रण्ट-ऑफ़िस में काम करता था और अधिकतर मुझे काऊन्टर पर अतिथि का स्वागत करना होता था, उन्हें उनके कमरे तक पहुंचाने का काम भी करना होता था।
मेरी यह आप बीती एक होलीवुड की अभिनेत्री के बारे में है। वो एक छब्बीस वर्ष की बेहद सुन्दर युवती थी। उसके लिये होटल में सबसे महंगा स्वीट बुक किया हुआ था।
यूं तो यहाँ कई भारतीय अभिनेत्रियां भी आई थी, पर उनमें वो बात नहीं थी, शायद कैमरे के सामने और मेकअप में ही वो सुन्दर लगती थी। उसमें सेक्स अपील जबरदस्त थी। उसका फ़िगर तराशा हुआ और ऐसा प्रतीत होता था कि भगवान ने उसे बनाने में बहुत समय लगाया होगा। उसका चेहरा, उसके होंठ, उसकी मुस्कान, उसकी आकर्षक आंखे हर बात में लाजवाब थी वो।
मै उसका असली नाम नहीं लेकर उसे लीज़ा कहूंगा। उसे यहाँ आये हुए दो दिन हो गये थे। जब वो शूटिन्ग से फ़्री होती थी तो मुझसे अवश्य ही बात करती थी। वो मेरा मन मोह लेती थी। पर वी आई पी गेस्ट होने के कारण मुझे ही नहीं सभी को उसकी हर एक बात का ध्यान रखना होता था, यहाँ तक कि उसके इशारों तक को समझना होता था।
आज वो लन्च के बाद फ़्री थी। उसने मेरे बॉस से कुछ बात की और मुझे शहर में घूमने के लिये साथ ले गई। वह एक बहुत ही सरल और मधुर स्वभाव की लड़की लगी। मुझसे बात करने में उसकी दिलचस्पी साफ़ झलकती थी, या वो थी ही इतनी सहज कि बात करने में अपनापन लगता था। मुझसे मेरे बारे में उसने सब कुछ पूछ लिया।
उसे यह पता चल गया था कि मैं एक साधारण परिवार से हूँ। शायद उसने मेरी इस बात का पूरा फ़ायदा उठाया या कहिये कि हर वक्त वो मुझे कुछ ना कुछ बख्शीश के रूप में देती थी, हर बात में वो मुझे बहुत रुपया देने लगी थी। कोल्ड ड्रिन्क हो या बोटिन्ग करना हो, जहा सौ रुपये लगते, वहाँ वो एक हजार का नोट दे देती थी, और बाकी का बचा हुआ पैसा वापिस भी नहीं लेती थी। शाम तक यूं ही मेरे पास लगभग पांच हजार रुपये जमा हो चुके थे।
मैं खुशी से फूला नहीं समा रहा था कि आज मेरे भाग्य से मैं दुनिया की सबसे सुन्दर हिरोईन के साथ था और पैसा भी बहुत मिल गया था।
शाम को वो मेरे बॉस से स्वीकृति ले कर मुझे अपने स्वीट में ले गई। वहाँ उसने मेरे साथ कुछ वाईन और स्नेक्स लिये, फिर वो स्विमिंग सूट पहन कर आ गई। स्विमिंग सूट क्या था एक बिलकुल छोटी सी ब्रा और एक ना के बराबर अडरवीयर जिसमें बस उसकी चूत छिपी थी। उसके तराशे हुए चूतड़ की दरार में एक डोरी सी थी जो दरार में ही कहीं खो गई थी। शायद ऐसा पहनना उसके लिये नई बात नहीं थी, क्योंकि वो इसमें भी बिल्कुल सामान्य व्यवहार कर रही थी।
(उससे बातचीत के अंश मैं कोशिश करके हिन्दी में रूपान्तर करके लिख रहा हूँ)
“आप मेरे साथ पूल में नहाना पसन्द करेंगे?” उसने मुस्कान भरी आवाज में प्रार्थना की।
सीधी सी बात थी उसने मुझे आज्ञा दी थी, यह मैं समझता था।
“जी पर मेरे पास नहाने के कपड़े नहीं हैं !” मैंने अपनी मजबूरी दर्शाई।
“आपने अन्दर अन्डरवीयर पहना है, यह काफ़ी है ! मेरे दोस्त तो नंगे ही मेरे साथ नहाते हैं !” उसने हंसते हुये कहा।
मैं शरमा गया। अन्डरवीयर भी पुरानी सी पहना हुआ था। मुझे झिझक आने लगी। पर मैंने कपड़े उतार दिये और मात्र अन्डरवीयर में खड़ा हो गया। उसने मेरे नंगे बदन को एक गहरी नजर से देखा और शायद अपने जहन में उतार लिया।
“थेंक्स मेरे प्यारे दोस्त !!! बहुत सुन्दर …. आओ चलें !” उसने मुझे गाल पर हल्का सा किस किया और वो मेरे आगे आगे चल पड़ी। उसकी चाल बला की मनमोहक थी। उसके दोनों चूतड़ो की गोलाईयाँ चलते समय ऊपर नीचे होती हुई गजब ढा रही थी। उसका कमाल का फ़िगर देख कर मेरा लण्ड जोर मारने लगा था, पर डर अधिक लग रहा था कि कहीं लण्ड का उभार उसे नजर ना आ जाये।
पर मैं गलत था, उसे सब पता था। पूल पर आ कर उसने मुझे पानी में खड़ा कर दिया और स्वयं सामने खड़ी हो गई।
“मुझे गोद में ले लो और मुझे धीरे धीरे पानी में गीला करना, ठीक है?” उसने मुझे समझाया।
मैंने उसे एक बच्चे की तरह बाहों में ले लिया। मुझे वो बिलकुल फ़ूल जैसी हल्की लगी। उसका जिस्म मेरी बाहों में आ गया। इतना कोमल और नरम बदन का स्पर्श पा कर मैं सिहर उठा। मेरी सिरहन तक उसे पता चल गई।
“तुम्हारा जिस्म बहुत अच्छा है, मुझे इससे प्यार है।”
मेरे बदन में चींटिया सी रेंगने लगी। उसने मेरे जिस्म की तारीफ़ की, मुझे पहली बार लगा कि जिम जाने से मेरा शरीर सुन्दर दिखता है। मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया था। यह उसे भी पता था, वो अपना एक हाथ नीचे लटका कर मेरे लण्ड को भी छू लेती थी।
“क्या मैं तुम्हें चूम सकती हूँ….?” उसने बड़ी सहजता से पूछा और अपने होंठ मेरी तरफ़ बढा दिये। मै कुछ कहता उसके पहले उसके होंठ मेरे होंठो से मिल चुके थे। उसके चूमने का अन्दाज बेहद रोमांचित करने वाला था। मैंने भी जाने कब उसे चूमना और चूसना शुरू कर दिया।
उसने अपनी अधखुली आंखो से मुझे देखते हुए कहा,”तुम्हारा भारतीय स्टाईल बहुत अच्छा है, मुझे नीचे पानी में उतार दो !”
“जी ….जी…. थैंक्स मैम !”
“मुझे लीज़ा कहो, मैम नहीं ! तुम बहुत उत्तेजित हो रहे हो, क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे?”
“लीज़ा, मुझे माफ़ करना, ये तो अपने आप ही ऐसा हो गया !” मेरा खड़ा लण्ड को मैंने नीचे दबाते हुए कहा।
“ये तो प्राकृतिक है, इसमें शरमाना कैसा …. और मुझे देख कर ये खड़ा नहीं हो, ये तो मेरे लिये अच्छी खबर नहीं है। मुझे अच्छा लगेगा अगर तुम मेरे साथ सेक्स करोगे तो…. मुझे भी इसे देख कर चुदाने की इच्छा होने लगी है !”
उसने पानी के अन्दर ही मेरा लण्ड सहलाया और उसे पकड़ कर सहलाने लगी। उसके लण्ड को सहलाने का अन्दाज, बस पानी निकालने देने वाला था। उसने मेरी अन्डरवीयर नीचे खींच दी।
“बहुत अच्छा है और सुन्दर है तुम्हारा लण्ड, तुम भी ! मेरे जिस्म को मसाज करो !”
वो भी हीट में आने लगी थी। मुझे चुदाई का कोई अनुभव नहीं था, पर फ़िलहाल इसमें बहुत मजा आ रहा था। उसने मेरी अंडरवीयर पूरी उतार दी और डोरे जैसी स्वयं की अंडरवीयर भी उतार दी। पानी में कुछ साफ़ दिखाई नहीं दिया।
उसने मुझे चूत देखते हुए देख लिया और हंसी। वो उछल कर पूल की दीवार पर बैठ गई और अपनी दोनों टांगे खोल दी- मेरी चूत देखना चाहते हो ना ? देखो ! और पास आकर इसे प्यार करो !”
मेरे बदन में एक सनसनी दौड़ गई। उसकी गुलाबी चिकनी चूत, शेव की हुई थी, पानी से गीली थी, दोनों उभरी हुई पंखुड़ियों के बीच एक दरार और उसमें से झांकता हुआ गुलाबी सा एक छेद।
“लीज़ा, इतनी सुन्दर और मोहक है, सच में चूम लूं क्या?”
“येस माई डार्लिंग, कम एण्ड सक इट !” उसने मेरे बाल पकड़ पर अपनी चूत से मेरा मुंह चिपका लिया। सुगंधित, रसीली, चिकनी लसलसी, उभरा हुआ गुलाबी दाना मेरे होंठो से टकरा गये। एक ही सांस में उसका सारा पानी जीभ से मैंने चाट लिया, उसकी चूत की गुहा में मैंने अपनी जीभ घुसा दी। मेरी नाक की नोक उसके दाने पर से रगड़ खा गई।
“ओह गॉड, सो स्वीट, आहऽऽऽ, यू आर टू गुड, ओह्ह सक माइ पूसी हार्ड !” वो सिसक उठी।
मेरे हाथ उसके सुडौल उरोजों पर आ गये। जैसे ही मैंने उसे दबाया तो कह उठी,”नाईस, ओह्ह्ह, स्लो डियर, दिस इस माइ फ़िगर बॉय, नाउ लीव इट !”
उसे मजा तो बहुत आ रहा था पर शायद चूंची दबाने से उसके उरोज ढीले ना पड़ जाये, उसने मेरा हाथ हटा दिया। अब वह पानी में कूद पड़ी, और मेरे से लिपट गई।
“अब तुम इस दीवार पर बैठ जाओ” मै उछल कर दीवार पर बैठ गया।
“प्लीज डोन्ट माइन्ड, यूअर कोक इस सो नाईस, मे आई लव इट?”
मुझे बहुत देर तक जगह जगह चूमती रही फिर मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
“बहुत अच्छा है तुम्हारा लण्ड !” उसने मुझे जताया कि उसे भी थोड़ी बहुत हिन्दी आती है।
“ऐसा नहीं कहते लीज़ा, आप बहुत अच्छी है” काफ़ी देर तक वो लण्ड का मजा लेती रही, मेरी हालत झड़ने जैसी होने लगी।
“बस लीज़ा, अब नहीं !” उसने अपनी नशीली आंखे ऊपर उठाई, उसकी वासना का आलम चरम सीमा पर था। उसकी आँखे गुलाबी हो उठी थी। उसने मुझे प्यार से पानी में उतार लिया फिर मेरी ओर पीठ करके और चूतड़ उभार कर घोड़ी बन कर खड़ी हो गई। बेहद कशिश भरी आवाज में वो बोली,”फ़क माइ पूसी, माइ बॉय। डू इट नाउ, कम ऑन, लेट्स एन्जोय नाउ !”
मैंने अपने आपको रोक नहीं सका और अपना लण्ड पानी के अन्दर ही उसकी चूत से चिपका दिया। मै अब उसकी पीठ से चिपक गया और लण्ड का जोर लगाने लगा। लीज़ा ने हाथ का सहारे से लण्ड को अपनी चूत में डाल दिया और अपने चूतड़ मेरे लण्ड पर दबा दिया। मैंने भी जोश में जोर लगाया। लण्ड मक्खन की तरह उसकी चूत में पानी के भीतर ही घुस पड़ा।
“ओह्ह डार्लिन्ग, फ़क मी, इट इस टू गूऽड”
मेरे लण्ड में हल्की सी जलन हुई, मुझे चोट सी लगी, पर मैं उसे नाराज करने की स्थिति में नहीं था। फिर मेरी हालत भी ऐसी नहीं थी कि मैं उसे नहीं चोदता, वासना की तेजी मुझ पर भी थी। मैंने जलन सहते हुये लण्ड पूरा घुसा दिया। लीज़ा झूम उठी और मस्ती में कमर जल्दी जल्दी हिलाने लगी। उसकी चूत में लण्ड आराम से अन्दर बाहर आ जा रहा था, टाईट या कसी हुई चूत नहीं थी। इसलिये अब जलन भी कम होती जा रही थी।
मुझे भी उस रस भरी चूत का आनन्द आने लगा था। उसकी कोमल काया, मखमली बदन, फिर गोरी चमड़ी, गोरी चूत, गोरी गाण्ड। उसके सारे शरीर को सहलाते हुये धक्के मारने में असीम आनन्द आ रहा था। पानी में लहरे चलने लगी और छप छप की आवाज अने लगी। जोश में मैंने उसकी चूंचियाँ मसल ही दी और उसे दबा कर जोर से चोदने लगा।
“माई गॉड, फ़क मी हार्ड, माई बॉय, ऊऊईईईई, ओह्ह्ह, व्हॉट ए कॉक्….”
“हाय मैम, फ़ीलिंग नाईस, ओह्ह, तेरी तो…. साली मक्खन मलाई है !” मुझे भी आनन्द मारे मस्ती आ रही थी।
“यू मीन बटर…. आह लण्ड अच्छा है, फ़क मी !” उसके बोलते ही मुझे मालूम हो गया कि उसे मजा आ रहा है। उसने अपनी टांगे पानी में और फ़ैला ली और थोड़ा और झुक कर मेरे लण्ड को धक्का मारने लगी। फिर उसने अपना पोज बदल लिया। और सामने आकर मेरे से जोर से लिपट गई। लण्ड एक बार फिर अपने निशाने पर घुसता चला गया।
उसकी सिसकारियाँ बढ़ गई थी। उसकी चूत और मेरा लण्ड फिर से तेजी में आ गये। पर वो सामने से अच्छे झटके दे रही थी। दोनों सामने से एक दूसरे को धक्के मार मार कर चोद रहे थे। पानी में भी उबाल आ चुका था। लहरें चुदाई के कारण उछल उछल कर हमें भिगा भी रही थी। चूंकि मेरी यह पहली चुदाई थी सो मेरा शरीर जवाब देने लग गया था, मेरे लण्ड में गहरी मिठास भरने लगी थी। उधर लीज़ा का भी यही हाल था। उसकी तेजी बता रही थी कि अब जवानी का रस बाहर आने को बेताब है।
“माइ लव, आह्ह्ह, माई पूसी हेज गोन नाउ ऊईईई !”
“मैम, मेरा तो हाय, निकलने वाला है !” मै इंगलिश भूल गया और हिन्दी बोलने लगा।
“ओह्ह्ह कमिन्ग, ऊईईई…. फ़क मी हार्ड्…. कमिन्ग बॉय….” और उसने शायद पानी छोड़ दिया। मुझे उसने पीछे धक्का दे दिया और लण्ड निकाल दिया। मेरा लण्ड भींच कर पकड़ लिया और मुठ मारने लगी। कुछ ही क्षणो में मेरा वीर्य पानी में लहरा कर निकल पड़ा। मेरा वीर्य निकलते हुए वो देखती रही।
“ओह्…. सो नाईस, व्हॉट ए कलर, यूअर कम इस सो ब्यूटीफ़ुल, यु इण्डियन आर वेरी नाइस इन फ़किन्ग !” और स्वयं पानी के अन्दर डुबकी लगा गई। मैं भी उसके पीछे गोता मार कर तैरने लगा। कुछ ही देर में हम पानी से बाहर आ गये। दोनों नंगे ही कमरे के अन्दर भाग कर चले गये।
कुछ देर पश्चात मैं फिर से अपनी ड्रेस में था। शाम गहरी हो चुकी थी। उसके डिनर का समय हो गया था। मैंने लीज़ा से जाने की इज़ाज़त मांगी।
“ठहरो, मेरी तरफ़ से ये गिफ़्ट !”
उसने एक लिफ़ाफ़ा मुझे दिया। मैंने सर झुका कर उसका अभिवादन किया और लिफ़ाफ़ा ले कर बाहर आ गया। घर आ कर मैंने लिफ़ाफ़ा खोला तो उसमें एक हज़ार के पचास नोट थे। और एक इन्विटेशन कार्ड था, उसका पता लिखा हुआ था। उसमें एक सन्देश था,“आई लव यू ! जब भी जी चाहे मुझे फोन कर देना, और तुम यू.एस.ए. में होगे…….. लीज़ा”
मुझे एक बार सारी घटना फिर से आंखो के सामने घूम गई। एक प्यारी सी, गुड़िया सी, भली सी लगने वाली सुन्दरता की मूर्ति, मुझे जैसे कुछ यकीन ही नहीं हो रहा था……..मानो एक सपना देखा हो….






 Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

हिन्दी मैं मस्त कहानियाँ Headline Animator