Wednesday, April 22, 2015

Fentency मै और खाला अम्बरीन--2

Fentency

 मै  और खाला अम्बरीन--2

 नज़ीर ने खाला अम्बरीन को खड़ा किया और उन से लिपट गया. उस का क़द खाला अम्बरीन से 2 इंच छोटा तो ज़रूर होगा. वो उनके दिलकश चेहरे को चपड़ चपड़ चूमने लगा. उस का लंड अब पूरी तरह खड़ा हुआ था और खाला अम्बरीन की चूत से नीचे उनकी रानों में घुस रहा था. मै जो थोड़ी देर पहले तक खाला अम्बरीन को चोदने के लिये बे-ताब था अब खौफ और पशेमानी की वजह से सूब कुछ भूल चुका था. मुझे अपना दिल पसलियों में धक धक करता महसूस हो रहा था.

नज़ीर ने खाला अम्बरीन के होठों को मुँह में ले कर चूसा तो उन्होने अपना मुँह कुछ ऐसे दूसरी तरफ फेरा जैसे उन्हे घिन आ रही हो. इस पर नज़ीर ने उनकी शलवार के ऊपर से ही उनकी चूत को हाथ में पकड़ लिया और कहा - बाज़ आ जा कुतिया, अगर मुझे रोका तो तेरी इस मोटी फुद्दी के बाल नोच लूंगा. खाला अम्बरीन तक़लीफ़ में थीं जिसका मतलब था के नज़ीर ने वाक़ई उनकी चूत के बाल अपनी मुट्ठी में पकड़ रखे थे. उन्होने फॉरन अपना चेहरा उस की तरफ कर लिया. नज़ीर ने दोबारा अपने होंठ उनके होठों पर जमा दिये. उस का काला बदसूरत चेहरा खाला अम्बरीन के गोरे हसीन चेहरे के साथ चिपका हुआ अजीब लग रहा था. नज़ीर उनका मुँह चूमते हुए कपड़ों के ऊपर से ही उनके मोटे मम्मों को मसलने लगा.
कुछ देर बाद उस ने मेरी तरफ देखा और कहा - इधर आ कमीने, अपनी खाला की क़मीज़ उतार और इस की बाड़ी खोल. वो ब्रा को बाड़ी कह रहा था. मैंने फिर इनकार कर दिया. सिर्फ़ एक घंटा पहले में खाला अम्बरीन के मम्मों की एक झलक देखने के लिये बे-ताब था मगर अब बिल्कुल ठंडा पड़ चुका था. मेरे इनकार पर नज़ीर खाला अम्बरीन को छोड़ कर मेरी तरफ आया. क़रीब आ कर उस ने एक ज़ोरदार थप्पड़ मेरे मुँह पर रसीद कर दिया. मै इस के लिये तय्यार नही था. मेरा सर घूम गया. उस ने एक और तमाचा मेरे मुँह पर लगाया. मेरा निचला होंठ थोड़ा सा फॅट गया और मुझे अपनी ज़बान पर खून का ज़ा’इक़ा महसूस हुआ. खाला अम्बरीन घबरा गईं और नज़ीर से कहा - इसे मत मारो. तुम्हे जो करना है कर लो और फिर यहाँ से चले जाओ. नज़ीर गुस्से में उनकी जानिब पलटा और कहा - चुप, अभी तो मुझे तेरी फुद्दी का पानी निकालना है. फिर मुझे देख कर कहने लगा - तेरी माँ भी तेरी इस गश्ती खाला ही की तरह फिट माल होगी. उसे भी चोदूंगा मैं. बता किया नाम है तेरी माँ का? में चुप रहा तो उस ने एक घूँसा मेरी गर्दन पर मारा.

इस पर खाला अम्बरीन बोलीं - इस की माँ का नाम यासमीन है. नज़ीर ने कहा - में इसकी माँ की भी जरूर मारूंगा. मैंने बे-बसी से उस की तरफ देखा तो कहने लगा - तेरी माँ यासमीन की चूत में भी ज़रूर अपना पानी डालूँगा. उसकी वो फुद्दी जिस से तू निकला है तेरे सामने ही मेरा ये मोटा लंड लेगी. चल जो कह रहा हूँ वो कर वरना मार मार कर हड्डियाँ तोड़ दूँगा. मुझे बाद में एहसास हुआ के नज़ीर गाली गलोच और मार पीट से मुझे और खाला अम्बरीन को डरा रहा था ताके हम उस की हर बात मान लें. ये नफ्सीयाती हर्बा बड़ा कामयाब भी था क्योंके हम दोनो वाक़ई डर गए थे. उस ने फिर मुझे कपड़े उतारने को कहा. मै इल्तिज़ा-आमीज़ लहजे में बोला के मेरा दिल नही है इसलिए वो मुझे मजबूर नहीं करे. लेकिन वो बा-ज़िद रहा के में वोही करूँ जो वो कह रहा है. मुझे डर था के कहीं वो फिर मेरी और खाला अम्बरीन की और नंगी तस्वीरें ना ले ले.

वो खाला अम्बरीन को ले कर बेड पर चढ़ गया और उनके होठों के बोसे लेने लगा. वो भूकों की तरह उनका गदराये हुए बदन को अपने हाथों में ले ले कर टटोल रहा था. उस ने मुझे घूर कर देखा और अपनी तरफ बुलाया. मै बेड पर चढ़ कर खाला अम्बरीन के पीछे आया तो वो सीधी हो कर बैठ गईं. मैंने उनकी क़मीज़ को दोनो तरफ से ऊपर उठा कर सर से उतार दिया. उनके लंबे बाल उनकी गोरी कमर पर पड़े थे जिन के नीचे उनके ब्रा का हुक था. मैंने उनके बाल कमर पर से हटा कर ब्रा का हुक खोला और उसे उनके मम्मों से अलग कर दिया. नज़ीर ने फिर कहा के में कपड़े उतारू. मैंने जवाब दिया के में सेक्स नही कर पाऊंगा वो मेहरबानी कर के मुझे कुछ ना कहे. वो ज़ोर से हंसा और कहा - जा नामर्द, तू भला किया किसी औरत को चोदेगा. चल जा वहाँ बैठ और देख में तेरी खाला को कैसे चोदता हूँ. मै सख़्त शर्मिंदगी के आलम में बेड से उतरा और सामने पड़ी हुई एक कुर्सी पर जा बैठा.

नज़ीर खाला अम्बरीन के मोटे मोटे नंगे मम्मों पर टूट पड़ा. उस ने उनका एक मम्मा हाथ में पकड़ कर मुँह में लिया और उससे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. कमरे में लपर लपर की आवाजें गूंजने लगीं. खाला अम्बरीन होंठ भींच कर नाक से तेज़ तेज़ साँस लेने लगीं. उनका चेहरा सुर्ख हो गया. मम्मे चुसवाने से वो गरम हो गई थीं. उनके भारी मम्मे चूसते चूसते नज़ीर की साँस भी उखड़ गई मगर वो उनके मम्मों से चिपका ही रहा उन्हे चूसने के दोरान उन्हे मसलता रहा. उस ने खाला अम्बरीन को कहा के वो उस के लंड पर हाथ फेरें. उन्होने उस का लंड हाथ में लिया और अपने मम्मे चुस्वाते हुए उस पर हाथ फेरने लगीं. उनकी हालत अब और ज़ियादा खराब हो गई थी. मै ये सब कुछ देख रहा था. नज़ीर ने अम्बरीन के दोनो मम्मों को चूस चूस कर बिल्कुल गीला कर दिया था. फिर उस ने खाला अम्बरीन को सलवार उतारने को कहा. उन्होने अपनी सलवार का नाड़ा खोला और उसे उतार दिया. मुझे उनकी चूत नज़र आई जिस पर हल्के सियाह बाल थे. नज़ीर ने उनकी नंगी चूत पर अपना हाथ फेरा. कई दफ़ा उनकी चूत को सहलाने के बाद उस ने उन्हे बेड की तरफ धकेल दिया. जब वो बेड पर लेट गईं तो नज़ीर उन से फिर लिपट गया और उनके पूरे बदन पर हाथ फेरने लगा. उस ने उनकी कमर, चूतड़ों, पेट और रानों को मुठियों में भर भर कर टटोला. फिर उनकी मज़बूत टांगें खोल कर उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया.

मैंने देखा के वो अपनी ज़बान खाला अम्बरीन की चूत पर फेर रहा था. उस ने दोनो हाथ नीचे कर के उनके चूतड़ों को पकड़ लिया और उनकी चूत चाटने लगा. खाला अम्बरीन क़ाबू से बाहर हो रही थीं और उनके मोटे चूतड़ बार बार अकड़ जाते थे. वो नज़ीर के जिसम को हाथ नही लगाना चाहती थीं इस लिये उन्होने अपने हाथ सर से पीछे बेड पर रखे हुए थे. नज़ीर ने उनकी चूत से मुँह उठाया और कहा – चुदक्कड, अभी खलास ना हो जाना. तुझे अपने लंड पर खलास करूंगा. खाला अम्बरीन शर्मिंदा सी हो गईं. वो ये छुपाना चाहती  थीं के अपनी चूत पर नज़ीर की फिरती हुई ज़बान उन्हे मज़ा दे रही थी. मगर वो इंसान थीं और मज़ा तो उन्हे बहरहाल आ रहा था.

इसी तरह कुछ देर उनकी चूत चाटने के बाद नज़ीर सीधा लेट गया और खाला अम्बरीन से कहा के वो उस का लंड चूसें. उस का मोटा लंड किसी डंडे की तरह सीधा खड़ा हुआ था. खाला अम्बरीन ने कहा के वो लंड चूसना नही जानतीं. नज़ीर हंस कर बोला - ये कौन सा मुश्किल काम है. तुझ जैसी औरतें तो होती ही चूसने के लिये हैं. तुझे तो कोई मसला नही होना चाहिये लंड चूसने में. उस ने उनके हाथ की बड़ी उंगली अपने मुँह में डाली और उससे चूस कर उन्हे लंड चूसने का तरीक़ा बताया. फिर अपना लंड उनके मुँह की तरफ बढ़ा दिया. खाला अम्बरीन ने झुक कर बेमन से उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं. उन्हे इतने मोटे लंड को मुँह के अंदर कर के चूसने में दुश्वारी हो रही थी. उनके दाँत नज़ीर के लंड को चुभ रहे थे जिस पर उस ने उन्हे कहा वो उस के लंड पर ज़बान फेरें, दाँत ना लगाए. वो उस का लंड एहतियात से चूसने लगीं. नज़ीर ने अपनी टांगें फैला दीं और वो उस के लंड को हाथ में ले कर चूसती रहीं. मुझे उनके मोटे सेहतमंद मम्मे दिखाई दे रहे थे जिन्हे नज़ीर मुसलसल मसल रहा था.

देर तक यही सिलसिला चलता रहा. फिर नज़ीर ने खाला अम्बरीन को कमर के बल लिटा दिया और खुद ऊपर आ कर अपना लंड हाथ में ले कर उनकी मोटी चूत के अंदर डालने लगा. मेरे दिल की धडकनें तेज़ हो गई. जब नज़ीर के लंड का अगला हिस्सा खाला अम्बरीन की चूत में घुसा तो उनके मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली. नज़ीर ने कहा के तेरी चूत तो बड़ी टाइट है और उनके होठों पर अपना मुँह रख दिया. कुछ लम्हो तक वो इसी हालत में अपने जिसम की बॅलेन्स करता रहा रहा और फिर अचानक उनकी चूत में पूरी ताक़त से घस्सा मारा. उस का अकड़ा और फूला हुआ लंड खाला अम्बरीन की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. खाला अम्बरीन ने ज़ोर से ईई….. कहा और उनका पूरा बदन लरज़ उठा. अब उस ने फॉरन ही तावातूर के साथ उनकी चूत में घस्से मारने शुरू किये. कुछ ही देर बाद वो खाला अम्बरीन को बड़ी महारत से चोदने लगा. उस के मोटे लंड ने खाला अम्बरीन की चूत को फैला दिया था और जब घस्सों के दोरान वो अपना लंड उनके अंदर करता तो उनकी चूत जैसे चिर जाती.

हर घस्से के साथ नज़ीर के भारी टट्टे उनकी गांड़ से टकराते. खाला अम्बरीन की टांगें नज़ीर की कमर के दोनो तरफ थीं और उनके पांव मेरी जानिब थे. उनकी चूत से पानी निकल रहा था और उस के आस पास का सारा हिस्सा अच्छा ख़ासा गीला हो चुका था. चूत देते हुए उन के मुँह से मुसलसल ऊऊऊं….. ओह…….आह की आवाजें निकल रही थीं. उनकी आँखें बंद थीं. खाला अम्बरीन की चूत में बड़े ज़ोरदार और ताबड़ तोड़ घस्से मारते हुए नज़ीर ने अपने दोनो हाथों में उनके हिलते हुए मम्मे दबोच लिये और अपने घस्सों की रफ़्तार और भी बढ़ा दी. खाला अम्बरीन ने अपनी आँखें खोल कर नज़ीर की तरफ अजीब तरह की हैरानगी से देखा. उनका मुँह सुर्ख हो रहा था.

अचानक खाला अम्बरीन ने अच्छी ख़ासी तेज़ आवाज़ में ऊ…. आअहह…….. ऊ….. आआहह……. ऊ….. आआहह करना शुरू कर दिया. लगता था जैसे वो अपने आप को ऐसा करने से रोक ना पा रही थीं. वो अपने चूतड़ों को उठा उठा कर नज़ीर के घस्सों का जवाब देने लगी थीं और उनके मोटे ताज़े चूतड़ों की हरकत में तेज़ी आती जा रही थी. नज़ीर समझ गया के खाला अम्बरीन खलास होने वाली हैं. वो उन्हे चोदते हुए कहता रहा - चल अब निकाल अपनी चूत का पानी, मेरी जान. शाबाश, निकाल…. हाँ... चल, हो जा खलास मेरे लंड पर ….. ये ले….. ये ले. कोई एक मिनिट तक खाला अम्बरीन का जिस्म ज़बरदस्त झटके खाता रहा और वो खलास हो गईं. मुझे नीचे से उनकी चूत में घुसा हुआ नज़ीर का लंड दिखाई दे रहा था. जब वो छूटने लगीं तो उनकी चूत से और ज़ियादा गाढ़ा पानी निकला जो उनकी गांड़ के सुराख ती तरफ बहने लगा. खाला अम्बरीन ने अपना मुँह सख्ती से बंद कर लिया और उनका बदन ऐंठ गया. मै समझ गया के खलास हो कर उन्हे बहुत मज़ा आया था.

खाला अम्बरीन के खलास हो जाने के बाद भी नज़ीर उनकी चूत में घस्से मारता रहा. अभी कुछ ही देर गुज़री थी के खाला अम्बरीन ने बेड की चादर को अपनी दोनो मुठियों में पकड़ लिया और फिर निहायत तेज़ी से अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे हरकत देने लगीं. ये देख कर नज़ीर ने उनकी चूत में अपने घस्सों की रफ़्तार कम कर दी. जब उस ने घस्से मारना तक़रीबन रोक ही दिये तो खाला अम्बरीन खुद नीचे से काफ़ी ज़ोरदार धक्के मारने लगीं. वो एक बार फिर खलास हो रही थीं और चाहती थीं के नज़ीर उनकी चूत में घस्से मारना बंद ना करे. वो बिल्कुल पागलों की तरह नज़ीर के लंड पर अपनी चूत को उछल रही थीं.

नज़ीर ने अब उनका मम्मा हाथ में ले लिया. उन्होने अपना एक हाथ नज़ीर के उसी हाथ पर रखा जिस में उनका मम्मा दबा हुआ था और दूसरा हाथ अपने पेट पर ले आईं. फिर उनके बदन ने तीन चार झटके लिये और वो दोबारा खलास होने लगीं. चंद सेकेंड तक वो इसी हालत में रहीं. नज़ीर ने उनके मम्मे पर ज़बान फेरी और पूछा के किया उन्हे चुदने का मज़ा आया. खाला अम्बरीन की साँसें बे-रब्त और उखड़ी हुई थीं. वो चुप रहीं. नज़ीर ने एक झटके से अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाल लिया. मैंने देखा के खाला अम्बरीन की चूत से निकालने वाला गाढ़ा पानी उस के सारे लंड पर लगा हुआ था और वो रोशनी में चमक रहा था.

फिर वो बेड पर लेट गया और खाला अम्बरीन को बोला – चल, मेरे लंड पर बैठ. खाला ने उसके ऊपर आ कर लंड को हाथ में पकड़ा और उस पर बैठने लगीं तो उनकी नज़रें मुझ से मिलीं. मैंने महसूस किया के ये नज़रें पहली वाली खाला अम्बरीन की नही थीं. आज के वहशत-नाक तजरबे ने मेरे और उनके दरमियाँ एक नया ता’अलूक़ कायम कर दिया था. शायद अब हम भी पहले वाले खाला-भानजे नही बन सकते थे. खैर खाला अम्बरीन ने नज़ीर के लंड पर अपनी फुद्दी रख दी और उस का लंड अपने अंदर ले लिया. उस ने खाला अम्बरीन को कमर से पकड़ कर अपने ऊपर झुकाया और अपनी मज़बूत रानों को उठा उठा कर उनकी फुद्दी में घस्से मारने लगा. खाला अम्बरीन के गदराए और गोल चूतड़ अब मेरी तरफ थे.

नज़ीर की रानें बड़ी वर्ज़िशी और ताक़तवर थीं और वो खाला अम्बरीन की चूत में नीचे से पुरजोर धक्के मार रहा था. फिर उस ने उनके चूतड़ों को दोनो हाथों से गिरफ्त में ले लिया और उन्हे पूरी तरह क़ाबू कर के चोदने लगा. उस के हलक़ से अजीब आवाजें निकल रही थीं. खाला अम्बरीन बड़ी खूबसूरत औरत थीं. मुझे यक़ीन था के नज़ीर ने कभी उन जैसी औरत को नही चोदा होगा. उस के चेहरे के नक्श बिगड़ गए थे. वो अब शायद झड़ने वाला था.

उस ने खाला अम्बरीन को अपने लंड से नीचे उतारा और दोबारा उन्हे कमर के बल लिटा कर उनकी चूत में अपना लंड घुसा दिया. अब उस के घस्से बहुत शदीद हो गए थे और वो बड़ी बे-रहमी से उनकी चूत ले रहा था. हर घस्से के साथ उस के चूतड़ों के पाट अकड़ते और फैलते थे. उस ने खाला अम्बरीन के मम्मों में अपना मुँह दे दिया और उस का लंड तेज़ी से उनकी चूत के अंदर बाहर होने लगा. कोई एक मिनिट के बाद नज़ीर किसी पागल भैंसे की तरह गुर्राने लगा और उस ने खाला अम्बरीन की चूत में खलास होना शुरू कर दिया. इस दफ़ा खाला अम्बरीन उस के घस्सों का जवाब नही दे रही थीं मगर जब उस का पानी उनकी चूत के अंदर जाने लगी तो शायद वो खुद पर कंट्रोल ना रख सकीं और फिर उस का साथ देनें लगीं. नज़ीर ने अपना सारा पानी उनकी चूत के अंदर छोड़ दिया था. मुझे खाला के चूतड़ों की हरकत से लगा के वो एक दफ़ा फिर खलास हुई थीं.

थोड़ी देर बाद नजीर खाला अम्बरीन के ऊपर से हटा और बेड से उतर आया. खाला अम्बरीन ने जल्दी से अपने कपड़े उठाये और बाथरूम की जानिब चल पड़ीं. उनका ब्रेसियर वहीं बेड पर रह गया. नज़ीर ने उनका ब्रा उठाया और उस से अपने लंड को, जिस पर खाला अम्बरीन की चूत का और उसका अपना पानी लगी हुआ था, साफ़ किया. फिर ब्रा उनकी तरफ फैंक दिया लेकिन वो रुकी नहीं और बाथरूम में चली गईं. मेरा खून खोल गया.

नज़ीर भी कपड़े पहन’ने लगा. कुछ देर बाद खाला अम्बरीन ने बाथरूम से बाहर आ कर अपना ब्रा एक चुटकी में उठा कर साइड पर रख दिया. नज़ीर ने हंस कर उन से कहा -  तुम्हारी चूत मेरे लंड का पानी पी चुकी है और तुम अब भी नखरे कर रही हो. फिर मेरी तरफ देख कर कहने लगा – यार, तुम्हारी खाला को चोद कर बड़ा मज़ा आया. तुम ठीक ही इस पर गरम थे क्योंके ये तो माल ही चोदने वाला है. अब बताओ के तुम लोग कब तक यहाँ हो? में बेवकूफों की तरह खड़ा उस की बातें सुन रहा था. लेकिन मेरे ज़हन में चूँके खाला अम्बरीन की ज़बरदस्त चुदाई और उनकी बे-इज़ती के मंज़र घूम रहे थे इसलिये में उसे फॉरन कोई जवाब नही दे सका. इस पर वो बोला - मुँह से कुछ फूटो ना. चूतियों की तरह चुप क्यों खड़े हो. मैंने कहा - हम कल वापस चले जायेंगे. वो बोला - में तुम्हारी माँ यासमीन से मिलना चाहता हूँ कैसे मिलवाओगे? उस की तो गांड़ भी मार कर दिखाऊंगा तुम्हे. मज़े करवा सकता हूँ तुम्हे अगर तुम अपनी माँ के दल्ले बनना क़बूल करो.

में पिछले 2 घंटे से ज़िल्लत बर्दाश्त कर रहा था. नज़ीर की मारपीट, गालियों और तंज़िया बातों ने मुझे इंतहाई मुश्ता’इल कर दिया था. मेरे सामने उस ने खाला अम्बरीन की चूत ज़बरदस्ती ली थी और जब उसने अम्मी को चोदने की बात कही तो में उसका ये जुमला सुन कर होश-ओ-हवास खो बैठा और मेरे खौफ पर गुस्सा घालिब आ गया. मैंने आव् देखा ना ताव और सामने मेज़ पर रखा हुआ शीशे का जग उठाया और पूरी ताक़त से उस के मनहूस सर पर दे मारा. जग का निचला मोटा हिस्सा नज़ीर के सर से टकराया और धाब की तेज़ आवाज़ निकली. खाला अम्बरीन के मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. नज़ीर किसी मुर्दा छिपकली की तरह फ़रश पर गिरा और उस के सर से खून बहने लगा.

मैंने फॉरन उस का मोबाइल फोन और चाक़ू उठाये और फिर उस के मुँह पर एक ज़ोरदार लात रसीद की. नज़ीर के मुँह से गूं गूं की आवाज़ बरामद हुई और उस ने अपना सर अपने सीने पर झुका लिया. मैंने चाक़ू खोला तो खाला अम्बरीन ने मुझे रोक दिया और कहा के इस कुत्ते को यहाँ से दफ़ा हो जाने दो. उन्होने नज़ीर से कहा के वो चला जाए वरना में उसे मार डालूंगा. वो मुझ से कहीं ज़ियादा ताक़तवर था लेकिन शायद सर की चोट ने उसे हवास-बाख्ता कर दिया था. मेरे हाथ में चाक़ू और आँखों में खून उतरा देख कर उस ने इसी में केफियत जानी के वहाँ से चला जाए. वो करहता हुआ उठा और अपने सर के ज़ख़्म पर हाथ रख कर कमरे से निकल गया.









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