Thursday, April 10, 2014

Fentency बिधवा से प्यार a long stori

Fentency


बिधवा से प्यार की सच्ची चुदाई a long stori

     


रुचिका का शरीर  ८०% ऐसी ही है 
यह बात पिछले साल १९  ओक्टूबर २०१२  की है  मैं मेरी बाइक को सर्विसिंग  में देने के बाद टाटा मैजिक से घर की तरफ  रहा था तो उसी मैजिक  में एक बहुत ही सुन्दर महिला बैठी इनकी उम्र लगभग 28-30  के आसपास लगभग 5 फिट 5  इंच  आस पास उसकी हाईट है | ओ बहुत ही आकर्षक ,गोरे  रंग की सामन्य कद काठी की जिसे ना तो मोटी और ना ही दुबली -पतली कह सकते है ,मस्त जवानी का गदराया हुआ वदन जैसे गदराई हुई अमरुद होती है रुचिका के गोरे  गोरे गाल पर बाई तरफ तिल, सुन्दरता में चार चाँद लगा रहा है | जबकि मैं 45  साल का सादी  सुदा आकर्षक गेहुए रंग का पर मैं आज भी 35-37  साल का लगता हु मेरी हाईट लगभग 5 फिट 11इंच के आसपास होगी | मैजिक में भीड़ होने के कारण ओ मेरे पास ही सीट पर बैठ गई मेरे से सट कर , पर मैं संकोच के कारण बार बार उससे दूरी बनाने की कोसिस कर रहा था तो,ओ मुस्कुरा कर धीरे से बोली की "नीचे गिर जायेगे आप इतना खिसक कर कहा जायेगे " और फिर से मुस्कुरा दिया मैंने बोला ओके डोण्ट वरी नहीं गिरुगा मेरी चिंता करने के लिए धन्यवाद तो फिर से मुस्कुराई और बोली ओके | और फिर बात चीत का जो सिलसिला चला तो आज तक बंद नहीं हुआ उन्होंने ने मेरे बारे में पूछा की क्या करते है आप (पर मैंने नहीं बताया क्योकि ओरतो के स्वभाव होता है ज्यादा बात करना ओ अपनी ही बताती रही ) मैंने उनके बारे में पूछा  की आप क्या करती है तब पता चला की ओ एक स्थानीय गवर्मेंट जाब में है और अपनी ऑफिस का नाम भी बता दिया बात चीत से मैं अंदाजा की ये बहुत ही भोली भाली महिला है | मैं मेरे जगह पर उतर गया उसकी तरफ देखे बिना और ओ ऑफिस अपने  चली गई |  जब मैं साम को बाइक  लेने जाने लगा साम को तो सयोंग से ओ फिर मिल गई एक मैजिक में फिर हम दोनों मुस्कुराए और बात करने लगे बात बात में मैंने बोल दिया की क्या अजीब सयोंग है आज आप सुबह भी मिली  थी और साम को भी तो हसने लगी | अपने स्टाप के आने से पहले माजिक में कोई खराबी आ गई तो सभी  सवारी उतर गई तो हम दोनों भी  उतर गए और करीब एक किलोमीटर तक पैदल बात चीत करते हुए चले बात बात में मैंने पूछ लिया की आपके पति जी क्या करते है तो ओ उदास हो गई और बोली  मैं ''विडो'' हु तो मैंने सोरी बोला और माफी मागा तो ओ बोली की कोई बात नहीं ये तो सचाई है मना नहीं कर  सकती हु मैं और बात करते करते  'सो' रूम के पास आ गए तो मैंने उन मेडम को बोल ओके बाय मैं चालू तो बोली की बाय चलिए मेरा भी घर पास  में ही है तब मैंने उनसे उनका घर पूछ लिया ओपचारिकता वस्  जब ओ जाने लगी तो, मैं बोला की  नाम तो बता दीजिये तो बोली 'रुचिका जागीरदार' और हसने लगी और हस्ते हस्ते बोली की फोन नंबर भी दे दु क्या, तो मैं  बोला की जैसा उचित  समझे ' तो बोली की  हु आप सज्जन इंसान लगते है पर आप करते क्या है | इस बात क जबाब उसने नहीं सुना क्योकि उसके घर का कोई दिखा गया इससे ओ चली गई और मैं भी मेरी बाइक लिया और घर चला गया | पर ओ इतनी सुन्दर है की मैं कभी कभी उनकी सुन्दरता को निहारने के लिए रुचिका की ऑफिस के सामने दूर से ही देख लेता और आहे भरता पर हिम्मत नहीं पड़ती थी की मैं  उनसे फिर से मिलु
मैं सायद  ५ नवम्बर २०१२ को दिन मेरे ऑफिस में बैठा हुआ था (ऑफिस के अन्दर बैठा हुआ मैं बाहर से नहीं दिखाई देता काले काच के कारण )की  मैंने देखा की रुचिका  मेरे ऑफिस की तरफ ही आ रही है , ओ अन्दर आई और रिसेप्सनिस्ट से नमस्कार किया और  अन्दर कम्पूटर लैब में चली गई उस  ९ बज रहे थे  (रिसेप्सनिस्ट टीक मेरे ऑफिस के सामने बैठती है ) मैं समझ गया ये यहाँ कंप्यूटर लर्न करने आती है | मैं रिसेप्सनिस्ट को बुलाया और पूछा की ये जो मेडम अन्दर गई है इनका एडमीसन कब हुआ  तो रिसेप्सनिस्ट ने बताया की अगस्त में हुआ है ये अभी तक दोपहर में आती थी आज से ही सुबह आना सुरु किया है  मैं रिसेप्सनिस्ट को बोला टीक है जाओ |  फिर मैं करीब ९.४५ पर ऑफिस से उठा और बाहर गया और फिर वापस ५ मिनट में आ गया ऑफिस में इस दौरान रुचिका ने मुझे देखा पर मैं उसे नहीं देखा जबकि तिरछि नजर से मैंने उसे देख लिया था | रुचिका जब  जाने लगी करीब १०.१५ बजे तो रिसेप्सनिस्ट से पूछा की ये कोन है जो ऑफिस में गए तो रिसेप्सनिस्ट ने बताया की ओ तो बड़े सर है तो ओ अन्दर आई ऑफिस का दरवाजा खोलकर मैं उसे अन्दर आते देख कर काम में बिजी होने का नाटक करके कुछ करने लगा रुचिका अन्दर आकर मेरी टेबल को हलके हाथ से ठोका जब मैं उसकी तरफ देखा तो बोली की गुड मोर्निंग सर तब मैं उसकी तरफ  देखा और गुड मोर्निंग बोला और फिर कहा कहिये क्या प्राब्लाम्ब  है आपकी तो रुचिका बोलती है की आप भूल गए क्या हमें (जबकि मुझे तो सब याद था मैं जान बुझ कर नाटक कर रहा था) तो मैं बोला की कुछ जाना पहचाना चेहरा लग रहा है मुझे ,अरे हां आप तो मैजिक में मिली थी न, तो रुचिका ने बोला हां तब मैंने बोला बैठिये रुचिका जी और सुनाये कैसी है आप तो रुचिका बोली टीक हु सर | 
 रुचिका उस दिन बहुत ही सेक्सी लग रही थी ब्लू कलर की मैचिंग ब्लाउज में गजब की सुन्दर और सेक्सी लग रही थी मस्त गदराया हुआ जिस्म में गजब की सेक्स अपील थी ब्लाउज  ऊपर से ही रुचिका के बूब्स मस्त लग रहे थे मैं एक टक रुचिका की सुन्दरता को निहार रहा था तो रुचिका सर्मा गई और बोलती है की क्या हुआ सर मैं हकबका गया और झेप सा गया सरमाते हुए बोला कुछ नहीं इतनी सुन्दर है की आपको देखा तो देखता ही रहा गया तब रुचिका बोलती है की आप भी बहुत स्मार्ट है सर तब मैंने बोला की आप तो मेरे  रही है मैं कहा इतना स्मार्ट हु तो बोली की आप क्या है ये तो कोई ओरत ही बता सकती है फिर और कुछ बाते किया तब तक उस्का समय हो गया बोली की मैं चालू ऑफिस का समय हो गया तो मैंने बोला की टीक है आप जाए और जब रुचिका जाने लगी तो मैं उसे बोला की एक बात बोलू आप बुरा तो नहीं मानेगी तो बोली की बोलिए, तब मैंने उसे बोला की आप सन कोट (धुप से बचाने वाली) पहन कर बाजार और ऑफिस में जाया करे तो बोली क्यों तो मैंने बोला की लोगो की गलत नजरो और धुप से बच  जायेगी तो रुचिका जरा सा मुस्कुरा कर ओके बोली और चली गई मैं उसे तब तक अपलक देखता रहा जब तक ओ नजरो से ओझल नहीं हो गई रुचिका की चाल में भी एक गजब का नशा था पीछे से देखने पर उसकी कमर के आसपास हल्का मांसल सरीर दिख रहा था जो बहुत ही सेक्सी लग रहा था मुझे | अब ओ रोज आती लैब में मैं भी सभी स्टूडेंट की तरह रुचिका से भी पूछता की क्या सीखा आज समझ में आया की नहीं जब ओ बोलती की सर ये समझ नहीं आया तो मैंने फिर से समझा देता और यह रोज का क्रम बन गया |  
  रुचिका अब रोज रोज मेरे ऑफिस में आने लगी और घंटो बैठ कर बाते करती अपने घर परिवार के बारे में मैं भी रुचिका की बाते बड़े प्यार से सुनता और जो सही लगता ओ सलाह भी देता | रुचिका ने बताया की उसके पति की मौत एक बाइक दुर्घटना में हुई थी साल भर पहले रुचिका को सिर्फ एक लड़का और एक लड़की है रुचिका के सास - ससुर देवर -देवरानी का ब्यवहार अच्छा नहीं है ससुर और देवर दोनों की नियत खराब रहती है ऐसी बहुत सी बाते बताती थी सभी बाते यहाँ लिखना टीक  नहीं है | रुचिका ने बताया की जब ओ नहा कर निकलती है तो ससुर उसे ताकता रहता है एक दिन रात को देवर कमरे में घुस गया और जबरजस्ती करने लगा तो मैं छिल्लाकर उसे भगा दिया | 

      रुचिका से रोज रोज बाते करते करते कब प्यार हो गया समझ ही नहीं पाया अब तो ये हालत हो गई की रुचिका जिस दिन नहीं आये उस दिन मैं फोन लगाकर पूछ लेता की क्यो नहि आई इस तरह से नवम्बर माह कब निकल गया पता ही नहीं चला | इसी दौरान मैं रुचिका को इंटरनेट चलना सिखा दिया रुचिका के घर  में कंप्यूटर था तो मैंने  रुचिका को एक नेट सेटर और एक सिम भी दिला दिया और उस नेट सेटर से नेट कैसे चलाते है ये भी सिखा दिया | एक दिन रुचिका ने पूछा की इंटरनेट पर ब्लू फिल्मे कहा से देल्हते है तो मैंने उसे बताया और मेरे पास एक चिप थी जिसमे कुछ ब्लू फिल्मे थी ओ चिप् मैंने रुचिका को दे दिया | एक दिन मैं रुचिका को कुछ कुछ  तो रुचिका बार बार नाक  दबा रही थी तो मैं धीरे से पूछा की मैं बदबू मार रहा हु क्या तो बोली की नहीं आपका मुह से सिगरेट के बदबू आ रही है तो मैं  पास से उठकर चला आया तो रुचिका ने सोचा की मैं नाराज पड़  गया तो ओ भी 5 मिनट बाद ऑफिस   में आई और सोरी कहने लगी तो मैं बोला इट्स ओके मैं  आपके पास सिगरेट पी कर नहीं या करुगा तो रुचिका ने सिगरेट के नुकसान पर एक लंबा चौड़ा भाषण दे दिया और बोली की आप सिगरेट छोड़ दीजिये क्योकि मेरे हसबैंड भी सराब पीते थे जिस कारन हम दोनों का  होता था पर ओ नहीं माने और इसी सराब ने उन्हें मेरे से जुदा कर दिया और मैं अब आपको नहीं खोना चाहती हु  मैं रुचिका की बाते   बड़ी प्यार से  सुनता रहा और मनही मन  अब सिगरेट नहीं पिउगा रुचिका के ये सब्द '' मैं अब आपको नहीं खोना चाहती हु '' मुझे अन्दर तक झकझोर दिया क्योकि इस सब्द में रुचिका का प्यार झलक रहा था पर मैं फिर भी सिगरेट नहीं छोड़ पा रहा था बहुत कोशिस किया पर सिगरेट नहीं छुट रही थी |  सिगरेट के कारण मैं रुचिका के पास जाने में घबराता था की कही इसे बुरा नहीं लगे और ये बात रुचिका नहीं समझ पाई उसने सोचा की मैं नाराज पड़ गया हु सिगरेट वाली बात को लेकर इस कारण नहीं जाता हु रुचिका के पास एक दिन रुचिका फिर से ऑफिस में आई और बोलती है की आप पीजिये सिगरेट पर मेरे से नाराज नहीं पड़े मैं आपकी नाराजगी और आपसे दूरी सहन नहीं कर पाउगी इतने कहते हुए रुचिका की आँखों में आसू आ गए ओ सायद ९ दिसंबर २०१२ था | मेरे से रुचिका के आशु नहीं देखे गए और मैंने उसी प्रण कर लिया की आज से सिगरेट नहीं पिउगा पर मेरा यह प्रण महज कुछ घंटो में ही टूट गया पर सिगरेट पीने केबाद मन में बहुत दुःख होता था | इसी समय १० दिसंबर को १२/१२/१२ को लेकर कुछ लेख छापा किसी अखबार ने तो मैं उस लेख से बहुत प्रभावित हुआ और मन ही मन प्लान बनाया की रुचिका की कसम खा कर १२/१२/१२ को सिगरेट छोड़ दुगा ,मैं तुरंत ही रुचिका ही एक SMS किया की क्यों न हम इस तरीक को यादगार बना ले अपने जीवन में, अगले दिन ११/१२/१२ को रुचिका मेरे पास आई और SMS का मतलब पूछा तो मैंने उसे बताया की मैं आपकी  कसम खा कर हमेशा के लिए सिगरेट छोड़ना चाहता हु किसी मंदिर में चलकर , तो रुचिका ने बोला की टीक है चलिए आपकी जहा इच्छा हो वह चलिए आपके हित के लिए तो मैं मेरी जान भी दे सकती हु , रुचिका की इस बात पर मैं रुचिका का हाथ पकड़ा और किस कर लिया आज पहली बार मैंने रुचिका के जिस्म को स्पर्श किया है रुचिका का हाथ पकड़ते ही मेरे पुरे सरीर में बिजली से चमक गई ,मैंने रुचिका को बताया की कल एक घंटे के लिए ऑफिस से छुट्टी ले लेना कही मंदिर में चलेगे तो रुचिका ने कहा की आप कहे तो एक दिन की छुट्टी ले लू तो,मैंने बोला जैसी आपकी इच्छा तो रुचिका बोलती है की आप मुझे आप नहीं तुम कहे और हसने लगी फिर ऑफिस से उठी और अपने ऑफिस चली गई मैं रुचिका को जाते हुए अपलक देखता रहा | फिर मैं  दोपहर में रुचिका को फोन किया की कल कंप्यूटर सीखने नहीं आना और एक निश्चित जगह और समय बता दिया की मुझे वहा मिलना रुचिका ने कहा इट्स ओके कहा | 

                      अगले दिन १२ दिसंबर को रुचिका बताये हुए जगह पर करीब १० बजकर २०मिनट पर मिल गई मैं ऑफिस से निकलने के पहले घर में मेरी पत्नी को फोन कर दिया की मैं ऑफिस के कार्य से विश्वविद्यालय जा रहा हु |  मैंने रुचिका को मेरी बाइक में बिठा कर शहर से कुछ  किलोमीटर की दूरी पर ही  गया और और बोला की चलिए पास के ही एक मंदिर में चलते है (शिव जी ओ मंदिर शहर से करीब ७ किलोमीटर दूर है जहा मैं जाना चाहता था)  तो रुचिका ने कहा की मैं तो आज की पूरे दिन की छुट्टी ले लिया है  तब मैं बोला की फिर कही दूर चले क्या तो रुचिका बोलती है जैसी आपकी इच्छा तब मैंने रुचिका से बोला की चलो कही दूर चलते है और मैंने बाइक को दुसरी तरफ रोड में ले लिया एक प्रसिद्ध धार्मिक नगरी में जाने का प्लान बना लिया जो हमारे शहर से करीब ३५ KM दूर है | मैंने रुचिका को बोला की मुह  को सन कोट के कपडे से बाध लो नहीं तो धुप लगेगी मैं भी एक कपडे  से मुह को बाध लिया और हम एक सुहाने सफ़र की तरफ  बढ चले | रुचिका आज पहली बार मेरे साथ बाइक में कही जा रही है ,रुचिका पहले तो बाइक में कुछ दूरी बनाकर बैठी थी सीट पर पर जब कई  जगह पर ब्रेक लगता था तो रुचिका मेरे से चिपक जाती थी फिर रुचिका अपने आपको दूर करती थी पर कब तक आखिर में मैंने रुचिका को बोल दिया की इस तरह से बार बार खिस्कोगी तो थक जाओगी तो रुचिका हसने लगी और बोली की टीक ही अब नहीं खिस्कुगी और फिर रुचिका रस्ते भर मेरे साथ  ऐसी बैठी रही जैसी की मेरी पत्नी बैठती है ,रुचिका ने मेरे कंधे में हाथ रख कर चिपक कर बैठी रही रास्ते भर | 
                         
    हम दोनों बात करते करते रहे कब ओ प्रशिद धार्मिक नगरी आ गई पता ही नहीं चला ,रुचिका ने बोला की सबसे पहले कहा चलेगे तो मैंने बोल की आप जहा कहे वह चलू , तो रुचिका ने कहा की पहले शिव जी के मंदिर चलते है हम दोनों प्रशिद्ध ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये तब तक साढ़े बारह बज गए जब दर्शन करके बाहर निकले तो मैं रुचिका से बोला की अब कहा चलू  तो रुचिका ने कहा की ये तो ऐसी जगह है जहा पर पूरा दिन घुमा जा सकता है मैं बोला टीक है फिर मैं शिवमंदिर से प्रसिद्ध गणेश जी के मंदिर गए फिर हम शहर से काफी दूर सुनसान सड़क से जहा पर दोनों तरफ ज्वार के खेत  थे उस जगह से होते हुए सबसे दूर शिव मंदिर में गए जहा पर मंदिर में बिलकुल भी भीड़ नहीं थी मंदिर में सिर्फ मैं और रुचिका थी | रुचिका ने कहा की चलये खाइये मेरी कसम आज के बाद आप सिगरेट नहीं पियेगे  तब मैंने घड़ी में देखा की उस समय पर बारह बजकर दस मिनट हो रहे थे मैंने रुचिका को बोला की रुको अभी मैं आपकी कसम १२/१२/१२/ को १२ बजकर १२ मिनट १२ सेकण्ड पर कसम खाउगा फिर जैसे ही घड़ी ने उक्त समय हुआ मैं रुचिका के सर पर हाथ रखकर कसम खा लिया की आज केबाद सिगरेट नहीं पिउगा |  जब मैं रुचिका  की कसम खा रहा था उस समय पर  मेरा दाया हाथ रुचिका के सर पर रखा हुआ था .और रुचिका उस समय पर खडी थी और मेरे मन में एक अजीब सी  घबराहट लग रही थी कसम खाते समय फिर भी हिम्मत करके मैंने रुचिका की कसम खा लिया भगवान मुझे इतनी शक्ति दे की मैं इस कसम को जीवन भर निभा सकू मैंने कसम खा लिया रुचिका की तो रुचिका भऊक होकर मंदिर के अन्दर ही जमीन  में बैठ गई तो मैं रुचिका के पास ही बैठकर रुचिका के गले में हाथ डाल दिया और रुचिका के गालो में कई जोरदार किस  ले लिया फिर मैंने रुचिका के गले में जबड़ो के नीचे भी कई जोरदार पप्पी लिया.और धीरे से रुचिका के बाह के नीचे कमर में हाथ डाल कर रुचिका को चिपका लिया ,इस दौरान मेरे हाथ से दीपा के स्तन भी दब गए फिर से मैंने रुचिका के गले और गालो में कई पप्पी लिया तो रुचिका ने बोला की अब बस करिए  कोई देख लेगा तो मैं रुचिका से दूर हटकर खडा हो गया तो रुचिका ने इशारा किया की बैठ जाइए तो मैं रुचिका के पास ही  बैठ गया और कुछ देर तक मंदिर के अन्दर  ही बैठा रहा फिर दोनों उठकर मंदिर से बाहर आ गये और उसी मंदिर के पास प्रसिद्ध नदी के किनारे घाट पर एक छायादार पेड़ के नीचे हम दोनों बैठ गए और घंटो तक वहा  बाते करते रहे मैंने रुचिका से पूछा की आप उस सुनसान जगह पर मेरे से डरी नहीं है जहा पर ढेर सारे ज्वार के खेत थे तो रुचिका ने कहा की नहीं आप पर पूरा विश्वास है मेरे को कोई गलत निगाह से देख भी नहीं सकता तो मैंने बोला की केरी ही नियत खराब हो जाए तो ,तब रुचिका ने कहा की आप ऐसे नहीं है मैं आपको पहचान गई हु आप बहुत ही नेक इंसान है आपमें मुझे कृष्ण भगवान् की छाया नजर आती है और इसी तरह बाते करते करते कब कब दो बज गए पता ही नहीं चला मैंने रुचिकसे पूछा की भूख लगी है तो ओ बोलती है की हां फिर  हम दोनों वहा से उठे और एक होटल में दोनों ने खाना खाया तब तक साढ़े तीन बज गए फिर वहा से एक राजा की प्रसिद्ध गुफा मंगाए जहा पर राजा ने तपस्या किया था उस गुफा के अन्दर गए गुफा को देखा उस समय पर उस गुफा में भी कोई नहि था हम दोनों गुफा के नादर बहुत देर तक बैठे रहे रुचिका अपना सर मेरी गोद में रख कर लेट गई और बोलती है की कास मेरे प्राण इसी तरह से आपकी गोद में निकल जाए तो मैं रुचिका के गाल पर एक हल्का सा थपड मारा और बोला की आज के बाद ऐसा नहीं बोलना और रुचिका के गाल में एक पप्पी ले लिया तो जबाब में रुचिका ने भी अपने दोनों हाथो से अपने तरफ खीच कर चिपका लिया और ढेर सारी किस लिए मेरे गालो में तब मैं रुचिका के स्तन को दबाने लगा ब्लाउज के अन्दर हाथ डालकर सच में रुचिका के स्तन उसी तरह से थे जैसे किसी कुवारी लडकी के होते है हलके हलके कठोरता लिए हुए रुचिका को बहुत अच्छा  लग रहा था स्तनों को दबवाना और यह क्रम करीब ४ मिनट तक चलता रहा तब हम दोनों सेक्स के लिए गर्म पड़ गए पर मैं अपने आप को कंट्रोल किया और रुचिका को बोला की चलो चलते है तो रुचिका बोली और कुछ देर तक बैठिये मैंने बोला नहीं हम दोनों बहक रहे है और यह जगह टीक नहीं है बहकने के लिए और फिर रुचिका को जबरजस्ती हाथ पकड़ कर उठाया और गुफा से बाहर आ गए और गुफा के बाहर उसी नदी के किनारे दोनों फिर से बैठ गए पानी में पाँव लटका कर और करीब साढ़े चार बजे तक बैठे रही फिर हम दोनों वहा  से उठे और वापस अपने शहर को आ गए मैं रुचिका को उसके घर से थोड़ी दूर उतार कर अपने ऑफिस आ गया जहा पर मेरी पत्नी बैठी हुई थी उन्होंने पूछा की हो गया काम तो मैंने बोला की हां हो गया पर झूठ बोलते हुए मन बहुत ही घबरा रहा था की कही इन्हें पता चल गया तो हमारे घर में लड़ाई सुरू हो जायेगी और मैं मन ही मन बहुत दुखी भी था की मैं मेरी इतनी वफादार और सुन्दर पत्नी को धोखा दे रहा हु | 
              अब रुचिका जब आती तो  मेरे ऑफिस में ही  ज्यादा  समय तक  बैठी रहती तो मैं उसे समझता की इस तरह से मेरे पास बैठोगी तो हम दोनों के बारे में पता चल जाएगा सभी को तो बोली की क्या करू कंट्रोल ही नहीं होता है लगता है की दिन भर आपके सामने बैठी रहू आपको देखती रहू तो मैंने बोला की मेरी भी यही हालत है पर सम्हाल कर रहना है हम दोनों को | एक दिन सायद उस दिन १४  दिसम्बर था रुचिका आई और सीधे लैब में चली गई मेरी ऑफिस की तरफ देखा तक नहीं मैं समझ गया की ये नाराज है मैं उसके पास जाता तब तक मेरे पास कुछ सज्जन आ गए मैं बातो में ब्यस्त हो गया उन्केजाने के बाद जब मैं लैब में गया तो वहा रुचिका नहीं मिली तो मैं एक शिक्षक से पूछ लिया तो पता चला की ओ दुसरे रूम में बैठी है मैं वहा  गया तो अँधेरे में बैठी हुई मिली मुझे तो मैं बोला की अँधेरे में क्यों बैठी हो जब मैं पास गया तो देखा की रुचिका रो रही  हैमैंने रुचिका के  रखा बड़े  सहलाया और पूछा की क्यों रो रही हो तो रुचिका और जोर जोर से हिचकिया ले ले कर रोने लगी तो मैं उसे बड़ी मुस्किल से चुप् कराया और मेरी ऑफिस में लाया,पानी पिलाया और फिर  बोला अब  रही हो तो रुचिका ने बताया की उसके घर से उसके देवर -देवरानी ,सास ससुर ,ननद नंदोई और मैं सभी नासिक जा रहे है सभी के पति साथ है मैं अकेली हु ये सोच कर बहुत दुःख लगा रहा इस आशु आ गए तब मैं रुचिका को समझाया की जो नहीं है तुम्हारे पास उसके लिए अब क्यों रो रही  हो कोई फायदा नहीं ओ तो चले गए अब  नाम पर कब  रहोगी इतना सुनते ही रुचिका फिर से रोने लगी उसके आँखों से आसुओ की धार बह निकली और तब मुझे बहुत दुःख हुआ और मैं भी रुचिका के साथ रोने लगा मैं सच में बहुत दुखी हो गया रुचिका का दुःख देख कर पर क्या कर  मैंने रुचिका को बोला की यदि मेरे वस् में होता तो मैं मेरी  देकर तुम्हारे पति को जिन्दा कर देता पर ऐसा संभव नहीं फिर मैं रुचिका को बहुत समझाया तो फिर रुचिका ऑफिस से उठी और चली गई मैं रुचिका के दुःख से बहुत दुखी थी रुचिका के  मैं फिर से फोन किया रुचिका को और समझाया पर समझाते समझाते मैं  खुद भी रो पड़ा तो रुचिका ने मुझे समझाया की सर आप मैं रोइये आप ऑफिस म है और वह बहुत से बच्चे है ओ सुनेगे तो क्या सोचेगे तब मैंने रुचिक को बोला की आज के बाद मेरे सामने नहीं रोना तो रुचिका ने कहा की आपकी कसम नहीं रोउगी पर आप तो चुप हो जाइये तब मैं चुप हो  गया फिर मैं कुछ देर बार रुचिका की ऑफिस गया वहां देखा की रुचिका काम कर रही है तो मैं वापस आ गया फिर एक दो दिन बाद रुचिका नासिक चली गई और फिर वापस आने के बाद फिर से मिली तब मैंने रुचिका को बताया की मैं सिगरेट पीना छोड़ दिया एक सप्ताह से ज्यादा हो गए तो रुचिका ने बोला की सच में तो मैंने बोला की तुम्हारी कसम में ओ ताकत है की मैं सिगरेट छोड़ दिया | दिसंबर का महीना कब निकल गया पता ही नहीं चल पाया इस दौरान मैं रुचिका के प्यार में ऐसा पागल हुआ की पत्नी की तरफ ध्यान ही देना बंद हो गया पुरे दिसंबर माह में सिर्फ एक बार पत्नी के साथ सम्भोग किया जबकि सप्ताह में दो बार कम से कम पत्नी के साथ सम्भोग करता था पर रुचिका के प्यार ने मुझे पागल कर दिया |  ३१ दिसंबर को रुचिका आई तो मैंने कहा की नए साल को कैसे मनाये की हमेसा याद रहे तो रुचिका ने कहा आप बताये तो मैंने फिर रुचिका को बोला की चलो कही बहार घूम कर आते नए साल में तो रुचिका तैयार हो गई हम दोनों ने प्लान बना लिया और रुचिका को बता दिया की कहा चलना  है | 
रुचिका सलवार सूट में ऐसी ही लगती है

           
         अगले दिन १ जनवरी २०१३ को जाने के पहले ३१ दिसंबर को ही मेरी पत्नी को बता दिया था की मैं कल बाहर जा रहा हु कुछ  काम से | रुचिका एक निश्चित जगह पर 9  बजे  मिल गई मुझे |  मैंने मेरी  'आई 20' कार में रुचिका को बिठा लिया और फिर हम दोनों एक नए शहर  जो की हमारे शहर से 135  किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है वहा  के लिए निकल लिए ,रास्ते में कुछ दुरी पर रुचिका ने पूछा की आपके पास कार भी है क्या या किसी से माग कर लाये है तो मैं जोर से हस दिया और कार का रजिस्ट्रेसन कार्ड दे दिया हाथ में रुचिका उसे देखकर बोली ये तो आपकी कार है और मुझे पता ही नहीं था की आपके पास कार भी है तो मैं रुचिका की तरफ  देख कर मुस्कुरा दिया |  रस्ते में बहुत सा मनोहारी जंगल पड़ता है जिसमे मैंने रुचिका की बहुत सारी फोटो लिया मेरे गेलक्सी फोन से जब मैं फोटो लेने लगा उस समय पर रुचिका साड़ी पहने हुए थी और कट बाह का ब्लाउज में ओ बहुत ही सेक्सी लग रही थी  कुछ फोटो लेने के बाद रुचिका ने कहा की रुकिए मैं ड्रेस चेंज कर लेती हु तो मैंने बोला की क्यों तो बोलती है है की नदी में नहाने  में मजा नहीं आयेगा साडी में इसके बाद रुचिका कार से अपना कट बाह की  कुर्ती निकाल लाइ और रोड से थोडा हटकर जंगलमे ब्लाउज  को उतार कर कुर्ती पहन लिया और साडी उतार दिया तो मैं यह देख कर दंग रहा गया की क्योकि  रुचिका साड़ी के नीचे जींस पहन रखी थी रुचिका जींस और कुर्ती में २५ साल की जवान लड़की लग रही थी मैंने रुचिका की बहुत से फोटों लिया उस सुनसान जंगल में फिर हम प्यार से बाते करते हुए करीब ११.३० पर उस जगह पर पहुच गए जहा पर हम दोनों उस प्रसिद्ध नदी में स्नान करने लगे रुचिका के वदन जब पानी में गीले हो गए तो ऒर ज्यादा सेक्सी लगने लगी ऐसा लग रहा था की इसे पानी में हि चोद  दू पर भीड़ के कारण हिम्मत नहीं पडी   हमारे सामान नदी के घाट में रखे थे इस कारण ज्यादा नहीं नहा पाए और नदी से निकल कर रुचिका ने अपने कपडे को बदल कर फिर से एक जींस और टाप पहन लिया फिर हम दोनों ने प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये जहा पर रुचिका ने उस मंदिर के पुजारी से दो हार माग लिया और करीब १२ बजे हम दोनों वहां से निकल लिए और एक छोटे से शहर में आ गए रास्ते में मैंने रुचिका से पूछा की घर चले या कही रूके तो रुचिका ने कहा की आप जैसा चाहे  तो मैं रुचिका को बोला की चलो यहाँ रुकते है और एक अच्छे से होटल में हम दोनों रुक गए उस समय करीब १२ बजकर ३० मिनट हो रहे थे मैंने होटल के रजिस्टर में रुचिका को अपनी पत्नी बताया |
रुचिका के होंठ (Lips) एक दम से ऐसे ही है

 हम दोनों होटल के कमरे में गए मैं कमरे के अन्दर जाते ही रुचिका को पकड़ कर गले से लगा लिया और खूब किस किया तब रुचिका ने अपनी बेग में से ओ दोनों हार जो मंदिर से लाइ थी निकाला और बेग में से एक सिंदूर की डिब्बी निकाला और बोली की लीजिये इसे मेरी माँग  में डाल  दीजिये और अपनी पत्नी के रूप में मुझे स्वीकार करिए तब मैं रुचिका की माँग में एक चुटकी सिन्दूर डाल दिया और गले में हार डालकर अपनी पत्नी स्वीकार किया रुचिका ने अपने बेग के अन्दर एक मोटी से मोमबत्ती निकाला उसे जलाया और हम दोनों ने उस मोमबत्ती के सात फेरे भी लिए | हम दोनों को जोर से भूख लगी थी हमने खाना मगाया और खाना खाया रुचिका को मटन बहुत  पसंद है इस कारण मैंने खाने में तन्दुर्री चिकन मगाया और दोनों ने तबियत से खाया खाना खाने के बाद हम दोनों बेड पर आराम करने लगे और आराम करते करते प्यार करने लगे ( मैं जैसे ही होटल के कमरे के अन्दर गया था  तो पेसाब करने के बहाने बाथरूम में जाकर वियाग्रा की एक पावर फुल टेबलेट खा लिया था जिसे खाए हुए करीब ४५ मिनट हो गए है और वियाग्रा का असर होने लगा ) मैंने रुचिका को अपनी तरफ खीच लिया और सीने से लगा लिया और किस करने लगा तो
रुचिका पूरा साथ देने लगी रुचिका मेरे वदन में अपना हाथ घुमाने लगी सर पर बालो को सहलाने लगी मैं रुचिका कि कुर्ती के हुक खोल कर अंदर हाथ डाल दिया और स्तनो को खिलाने लगातो रुचिका ने मेरे सर्ट कि बटन खोलने लगी और सभी बटन खोल दिया और बनियान के अंदर से हाथ डाल कर मेरे पीठ को सहलाने लगी  रुचिका के मुह में अपनी जीभ डाल कर रुचिका कि जीभ को धीरे धीरे चूसने लगा, बीच बीच में रुचिका भी मेरी जीभ को चूसने लगी , अब हैम दोनों सेक्स के लिए तैयार होने लगे मैंने रुचिका कि ब्रा के हुक खोल दिया तो रुचिका के

रुचिका के बूब्स १००% इस तरह से है

 स्तन ब्रा से आजाद होकर बाहर आ  गए रुचिका कि बूब्स इतने सुन्दर थे कि सब्द नहीं है लिख दू तारीफ के एक दम से गोलाई लिए हुए बूब्स जिसमे ओ कसावट थी कि जैसी किसी कुवारी लड़की के होते है जिसने कभी भी किसी से अपने स्तनो का मर्दन नहीं कराया हो , मैं रुचिका के स्तन को हलके हलके चूसने लगा तो रुचिका और गरम पड़  गई और बार बार जोर से अपनी तरफ खीच खीच कर चिपकाने लगी तब मैं रुचिका के  जींस कि बटन खोलने लगा पर बटन  नहीं खुल रही थी  तो रुचिका ने खुद ही बटन  खोल कर अपनी जींस , कुर्ती  और ब्रा को उतार कर कमरे में रखी टेबल कि तरफ उछाल  दिया और फिर से लिपट गई अब रुचिका के वदन में सिर्फ पैन्टी थी ,चकनी चिकनी जांघे मैं सहलाने लगा  रुचिका के जांघो के बीच में एक काला तिल उसकी जाघो को और अधिक सेक्सी बना रहा था मैं पैंटी के नीचे हाथ डाल दिया और रुचिका कि चूत को सहलाने लगा रुचिका कि चूत एक  क्लीन सेव थी  सेव किया हो मैंने रुचिका कि चूत में एक उगली को हलके से डाल दिया और चूत को अंदर से सहलाने लगा तो दीपिका के मुह से आ आह आह स सस्स सस्स सस स्स्स्स उ उ ऊ ऊ उ कि आवाज आने लगी अब रुचिका तवे (रोटी  सेकने वाला) कि भाति गई जैसे तवे में एक बूँद पानी पड़ता है तो कैसा आवाज करता है तवा उसी  तरह दीपिका मेरी  एक एक 
हरकत पर आह आह स सस्स सस्स सस स्स्स्स उ उ ऊ ऊ उ करने लगी और मेरे पैंट के ऊपर से ही मेरे हथियार पर हाथ घुमाने लगी और फिर पैंट का हुक खोले लगी तो मैं खुद ही मेरे सारे कपडे उतार कर फर्श में फेक दिया और रुचिका के आगे नंगा हो गया मेरा ८ इंच लंबा और रुचिका कि कलाई से भी मोटा हथियार फनफना का खड़ा हो गया तब रुचिका बड़े प्यार से हथियार से खेलने लगी खेलते खेलते रुचिका उठकर बैठ गई और बैठ कर हथियार को अपने हाथ से पकड़ कर मुह में डालने लगी पर रुचिका का मुह  बड़ा नहीं है इस कारण इतना मोटा हथियार उसके मुह में नहीं गया तो ओ जीभ से चाटने लगी और फिर हथियार के आगे कि चमड़ी को पीछे कर दिया और आगे के सुपाड़ा को चाटने  लगी मेरा हथियार बिलकुल तनतना कर खड़ा था मैं रुचिका को पकड़ कर अपने ऊपर लिटा लिया और रुचिका को किस करने लग रुचिका कि जीभ को मुह में डाल  लिया और एक हाथ से रुचिका कि चूत में उगली डाल  दिया और सहलाने लगा तो रुचिका ने तुरंत ही अपनी चूत में मेरे हथियार को डालने लगी पर चूत बहुत सकरी थी इस कारण हथियार नहीं घुस रहा था तो मैं रुचिका को लिटा दिया और मैं  रुचिका कि चूत में डालने लगा तो रुचिका ने इसरा किया बेग कि तरफ तो मैं रुचिका कि बेग दे दया तो रुचिका उसमे से कंडोम निकाला और पैकेट को फाड़ कर कंडोम को हथियार के ऊपर चढ़ा दिया  और बेग से एक छोटी से तेल कि सीसी निकला और इसरा क्या कि इसे लगा लीजिये तब मैब तेल को रुचिका कि चूत और स्तनो में लगा दिया और स्तनो कि मालिश करने लगा हलके हाथ से और चूत को सहलाने लगा और ८ इंची हथियार को धीरे धीरे डालने लगा जब आधा हथियार को डाल  दिया तो रुचिका कराहने लगी और बोली कि दर्द कर रहा है बस ज्यादा नहीं डालिये तो मैं आधे हथियार से ही रुचिका को चोदने लगा रुचिका को जब अच्छा लगने लगा तो अचानक हलके से झटके के साथ पूरा का पूरा हथियार को डाल दिया तो रुचिका पहले जोर से कराही और फिर लिपट  कर लगभग उठ सी गई तो मैं रुचिका के स्तनो को चूसने लगा और धीरे धीरे झटके मारने लगा रुचिका भी बड़े मस्त अंदाज में दोनों हाथो को मेरी कमर में डाल कर लिपटी रही और अपने नितम्बो को आगे -पीछे करने लगी और मैं आराम से झटके पर झटके मारने लगा अब रुचिका मेरी कमर से हाथ निकाल कर बेड पर लेट गई औरमैं झटके मारते रहा हर एक झटके पर रुचिका के स्तन हिलते रहे आगे पीछे मैं बीच बीच में स्तनो को हलके हाथ से मसलता रहा अब रुचिका कि उ आह आह सस सस सी सी सी आह ऊ ऊ ऊ आ आ आ आह अह  उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह  एजी और जोर से मारो झातले बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सी से स्स्स्स उ उ उ करती रही और मैं झटके मारता  रहा करीब ८ मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद रुक्कू कि चूत हार मान गई और रुचिका स्खलित हो गई पर मैं अभी स्खलित नहीं हुआ और झटके मरता रहा करीब २ मिनट बाद मैं भी स्खलित हो गया  और रुक्कू के ऊपर लेट गया रुक्कू बड़े प्यार से मेरे सर पर पीठ पर नितम्ब पर हाथ घुमा रही थी मैं रुक्कू को बड़े प्यार से बार बार चूम रहा था हैम दोनों को पसीना आ गया इसके बाद हमदोनो नंगे ही बेड पर ५ मिनट तक एक दूसरे से चिपके हुए लेटे रहे फिर  रुक्कू उठी और नंगी ही बाथरूम में चली गई और फिर वापस आई और फिर से ब्रा और पेंटी पहन कर बेड पर लेट गई और बाते करने लगी मैं घड़ी कि तरफ देखा तो उस समय १.४५ बजने वाले थे बात बात में रुक्कू ने बताया कि उसके हस्बैंड कि लम्बाई सिर्फ ५ फिट ४ इंच थी ओ मेरे से सिर्फ एक इंच लम्बे थे जब हैम दोनों साथ चलते थे तो मैं उनसे बड़ी लगती थी रुक्कू ने ये भी बताया कि ओ बहुत जल्दी फुर्सत हो जाते थे और उनका ये भी छोटा सा पतला सा था ज्यादा कड़क नहीं पड़ता था ओ मुझे बहुत कम संतुष्ट कर पाते थे सराब पीने के कारण ओ कमजोर हो गए थे सरीर से और बहुत से बाते बताया रुक्कू ने बात करते करते कब रुक्कू  कब नीद  पता ही नहीं चला मैंने रुक्कू को कम्बल ओढ़ा दिया और मैं भी कम्बल ओढ़कर आराम  करने लगा तो झपकी लग गई फिर जब मेरी झपकी खुली तो देखा कि २.३० बज गए मैं चुपचाप उठा और फिर से एक वियाग्रा कि गोली खा लिया और बिस्तर पर लेट गया और TV देखने लगा करीब ३.१५ पर मैं सोती हुई रुक्कू को फिर से किसिंग करने लगा और रुक्कू कि चूत में हाथ घुमाने लगा बूब्स को दबाने लगा तो रुक्कू फिर से सेक्स के लिए तैयार हो गई और लिपट गई मेरे से और कहती है कि पूरा वदन टूट रहा है आपने ऐसा तोड़ा कि मजा आ गया और अगड़ाई  लेने लगी बेड पर फिर   उठी और बाथरूम गई और फिर वापस आकर लिपट गई और मेरे हथियार को टटोल कर कहती है कि ये तो फिर से तैयार हो गया ओ (रुक्कू के पति) तो सप्ताह में एक दिन बड़ी मुस्किल से करते थे और आप है कि फिर से तैयार हो गए पर वदन बहुत टूट रहा है दर्द कर रहा है तो मैंने बोला कि लाओ मालिश कर दू तुम्हारी और फिर मैं तेल कि सीसी लेकर रुक्कू को नंगा किया और मालिश करने लगा रुक्कू के पुरे वदन में तेल लगा लगा कर हलके हाथ से खूब मालिश किया पीठ कि तरफ  को सीधा लिटा दिया और फिर स्तनो में तेल लगाकर मालिश करने लगा  रुक्कू के स्तन इस तरह से हाथ से फिसल रहे थे जैसे कोई मछली फिसलती है फिर भी मैं बार बार स्तनो में तेल लगाकर खूब मालिश  करता रहा ,रुक्कू फिर से गर्म पड़ गई  रुक्कू कि आँखे लाला पड़  गई चेहरा तमतमा गया स्तनो कि निप्पल  कड़क पड़ गई और स्तन और अधिक कड़क हो गए मैं समझ गया कि रुक्कू पुरे सबाब में आ गई है अब मैं रुक्कू कि चूत को सहलाने लगा और फिर एक उगली डाल कर चूत के अंदर घुमाने लगा तो रुक्कू के मुहसे उ उ उउउ उउउ उउउ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़  आ आ  अह हा अह उ उउउ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स कि आवाजे आने लगी और रुचिका ने फिर मेरे हथियार को पकड़ कर उसे मरोड़ने लगी और उगली से चिटिन्ना  मारने लगी और फिर ३०सेकण्ड बाद मुझे नीचे गिरा दिया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे हथियार में कंडोम लगाकर एक झटके में ही पूरा हथियार को अपनी चूत में घुसेड़ लिया और अपने दोनों हाथो को मेरे सीने पर और पाँव को कमर के बगल में रखके ऊपर नीचे मलखम्ब करने लगी क्या सुन्दर सीन था उस समय का रुचिका के स्तन बार बार उछाल रहे थे जैसे मछलिया पानी में इधर उधर कूदती है फिर वापस पानी में आ गिरती है कुछ इसी तरह से रुचिका के मस्त मस्त स्तन उछाल रहे थे सर के बाल बार बार चेहरे के आगे आ जाते थे तो रुक्कू कभी दाए हाथ से तो कभी बाए हाथ से बालो को पीछे करती इस तरह यह क्रम करीब ५ मिनट तक चला रुक्कू कि मलखम्ब कि स्पीड कमजोर पद गई मैं समझ गाय कि ये थक रही है तो मैं रुक्कू के नितम्बो और जांघोंके बीच से पकड़ कर उठा लिया और बेड पर खड़ा हो गया रुक्कू ने अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डाल कर जोर से पकड़ लिया मुझे फिर मैं रुक्कू के नितम्बो के नीचे हाथ लगा कर ऊपर नीचे उठा उठा झटके मारने  लगा रुक्कू बड़े मजे से झटके खाती रही ३ मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद रुक्कू को नीचे बिस्तर पर गिरा दिया और पेट के नीचे टकिया रखकर पेट के बल लिटा दिया और अब रुक्कू के चूतड़ थोड़ा उठ गए तो पीछे से हथियार को घुसेड़ दिया चूत में और फिर तबियत से झटके मारने  लगा झटके  से रुक्कू को बहुत मजा  आ रहा था रुक्कू ने धीरे धीरे अपने चूतड़ो को ऊपर  करते करते दोनों घुटनो के बल उठ गई और हाथ को बिस्तर पर टेक दिया और तकिया पर सर रख कर झुक गई मैं झटके मरता रहा रुक्कू बड़े प्यार से झटके खाती रही और उ उ उ उ उ उ उ उ उ  आ अ अ आए स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ऊऊऊऊ आआआ ओओओओओओ ह्ह्ह्ह कि अजीब आवाजे निकलती रही मुह से और अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी यह क्रम  करीब ४ मिनट तक चलता रहा फिर दोनों एक साथ स्खलित हो गए और रुक्कू पेट के बल  गई मैं प्यूरी ताकत से हथियार को घुसेड़ दिया जैसे कोई भैंसा ,भैस को घुसेड़ देता है और फिर मैं लेट गया रुक्कू के ऊपर और ३ मिनट तक रुक्कू के ऊपर लेटा रहा और रुक्कू की पीठ पर प्यार से हाथ सहलाता रहा किस करता रहा तब रुक्कू ने कहा कि उठिए अब जान लेगे क्या तो मैं हसते हुए उठा गया और रुक्कू भी उठी और अपनी ब्रा और पेंटी को पहना जब घड़ी कि तऱफ देखा तो ४ बजने वाले थे रुक्कू ने बोला कि अब चलिए नहीं तो लेट हो जायेगे तब मैं और रुक्कू उठा कपडे पहना और करीब ४ बजकर २० मिनट पर होटल से बहार आ गए और करीब ६ बजकर ३० मिनट पर दोनों अपने शहर आ गए मैं रुक्कू को उसके घर के पास ड्राप दिया | 
"उसकी आँखों में डूब कर बस लूट गया मै पूरी तरह उससे दूर जाते वक्त -उसकी आँख में आंसू देख बस ऐसा लगा सूरज-चन्द्रमा डूब रहे है उसके अश्को में"
मेरे रुक्कू कि चितवन ऐसी ही है
   रुक्कू मेरे पास ऑफिस आई और बोली कि मेरे देवर को संका हो गया है क्योकि कल ओ मेरे ऑफिस गया था तो मैं वहा नहीं मिली थी तो ओ ऑफिस वालो से पूछ रहा था कि मैं आई थी कि नहीं ,ओ मेरे से भी पूछ रहा था तो मैं बोल दिया कि मैं तो कुछ काम से सिटी चली गई  थी पर उसे संका हो गया है | मैंने बोला जाने दो कहे को घबरा रही हो जन जाए तो जान जाए मैं तुम्हे खुले आम अपने साथ रख लुगा घबराओ नहीं फिर २६ जनवरी कि छुट्टी आई तो फिर से हम दोनों ने प्लान बनाया और अपने ही शहर के एक होटल में हम दोनों करीब ४ घंटे बिताये इन ४ घंटो में रुक्कू ने दो बार सम्भोग किया मेरे साथ पर उस दिन जब हम दोनों होटल से निकल रहे थे तो किसी ने देख लिया और रुक्कू के ससुर से बता दिया तो रुक्कू के घर में उस दिन आपस में बहुत  नोक झोक हुई ये सब बात मुझे रुक्कू ने बताया ,इसके बाद हैम दोनों पर   रुक्कू के देवर और ससुर नजर रखने लगे  वेलंटाइन डे पर हम दोनों पास के ही एक मंदिर गए हुए थे बाईक से तो उस दिन रुक्कू के ससुर ने देख लिया हम दोनों को तो अगले दीन रुक्कू मिली और बोली कि अब तो सबने देख लिया क्या करू इसके बाद मैंने रुक्कू को बोला कि कैसे क्या करना है कि संका ख़तम  हो जाए ,तब मैंने एक sms रुक्कू के मोबाइल में किया उस sms को आधार बना कर रुक्कू के देवर ने कुछ गुंडों से धोखे से एक दिन मेरी पिटाई करवा दिया मैं बहुत अपमा नित  हुआ उस दिन |  पर ये पिटाई और अपमान के कारण रुक्कू ने अपने घर वालो से कुछ बहाने बनाकर बगावत कर दिया और ये सब बाते मेरी पत्नी को पता चल गई और बहुत  लड़ाई हुई मेरी बीबी से जो आज तक शांत नहीं हुई पर रुक्कू मेरे से और अधिक प्यार करने लगी पर रुक्कू के घर  में उसका पूरा परिवार बिरोध में हो गया तो एक दिन रुक्कू ने अपना सास ससुर का घर छोड़ दिया और अलग से कमरा किराए पर ले कर  अपनी मम्मी के साथ रहने लगी जब रुक्कू अलग हो गई तो मैं रुक्कू को  पचीस हजार कि मदद करके पूरी  गृहस्थी का सामान खरीद दिया और रुक्कू आराम से अपने बच्चो के साथ सुखी है और अब हम दोनों से बड़े मजे से कभी कभी बाहर जाते है और मजे करते है | मेरी रुक्कू खुस रहे मैं उसके लिए मेरी जान भी दे सकता हु और इस जीवन में रुक्कू का साथ नहीं छोड़ूगा क्योकि मैं रुक्कू से सच्चा प्यार करता हु करता रहूगा | रुक्कू आई लव यू रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू | 
चुराके शोख निगाहें कभी न आया करो | 
रुक्कू के रशीले होठ ऐसी ही है


पलक उठाके ये जन्नत मुझे दिखाया करो | घेर लेते हैं जब चांद को काले बादल
इन उंगलियों से अपनी जुल्फें हटाया करो
जिगर पे कोई निशानी नहीं तेरे आने तक
तुम अपने कदमों को इस रेत पे नुमाया करो
तुमसे पहले कोई शमा मेरे करीब न थी
कभी मुझे भी अपने नूर में जलाया करो || 
 आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक्कू आई लव यू  रुक् आई लव यू  रुक्कू आई लव यू ……।
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 अभी 12 दिसंबर 2013  आया तो मैंने रुचिका को कहा  कि चलो अपने मिलन कि सालगिरह मनाते है तो  रुचिका  ने कहा कि आज नहीं क्योकि आज मेरे कुत्ते देवर के निगाहें मेरे ऊपर ही लगी रहती है ओ मेरी जासूसी  करता है फिर कभी चलुगी 19 तारिख को रुचिका ने साम को फोन किया और बोली कि कल चलते है तो मैंने बोला कि टीक है और रुचिका 20 दिसंबर को सुबह 10.15  बजे एक जगह मिली [रुक्कू आज ब्लू कलर कि सलवार सूट पहन रखी जिसमे बाला कि खूबसूरत लग रही थी ]और बोली कि मैं ऑफिस में पञ्च करके हाजिरी लगा कर कोई बहाना  बना कर आती हु आप अभी अपनी ऑफिस जाए जब मैं ऑफिस से निकलुंगी तो आपको मिस काल दुगी मैंने बोला ओके और चला आया करीब 10.50  पर रुक्कू ने मिस काल दिया मैंने फोन लगाया तो बोली कि मछी मार्किट के पास खड़ी हु आप वही मिल लीजिये तब मैं तब रुचिका को वही मिला और पूछा कि कहा चले तो रिक्कू ने कहा कि अभी तो यहाँ से चले सिटी के बहार चलकर प्लान बनाते है कि कहा चलना है तब मैं रुक्कू को जल्दी से कार कि पिछली सीट में लिटा कर बिठाया और सिटी के बाहर चले गए तब रुचिका आगे के सीट में आ गई तब मैंने बोला कि कहा चले तो रुक्कू ने कहा कि ऐसी जगह जहा आपको और मेरे को कोई नहीं पहचान सके तब मैं सहर से 35 किलोमीटर दूर एक छोटे से सहरी कसबे में गए  और वहा एक होटल में रुक गए उस समय करीब 11.50 हो गए थे रुक्कू होटल के अंदर जाते ही कहा कि मेरे  को टीक 5.15 बजे ऑफिस के आस पास छोड़ दीजियेगा तब मैंने रुक्कू को कहा कि टीक है अभी तो अपने पास साढ़े 4 घंटे है ,
रुक्कू कि चुचिया 95 % ऐसी ही है
 मैंने रुक्कू को पूछा कि भूख लगी है क्या तो रुक्कू ने कहा कि अभी नहीं तब मैंने कहा कि एक राउंड हो जाए उसके बाद अच्छी भूख लग जायेगी तब लच लेगे तो रुक्कू मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और बोली जैसा आप कहे , तब मैंने रुक्कू को पकड़ कर खीच लिया अपनी तरफ और फटाफट कई किस कर लिए गालों पर तो रुक्कू मेरे से ऐसी लिपटी जैसे कोई नागिन नाग से लिपट जाती है काम क्रीड़ा में मैं रुक्कू को उठा  कर बिस्तर पर गिरा दिया और मुलायम कम्बल ओढ़कर रुक्कू के ऊपर लेट गया और रुक्कू को किस करने लगा किस करते करते एक हाथ से रुक्कू के 
सलवार सूटके ऊपर से बूब्स को दबाने लगा तो रुक्कू भी मेरे सर पर ,पीठ पर हाथ घुमाने लगी और गालो पर किस्सी करने लगी ,मैं रुक्कू किसलवार सूटके अंदर ब्रा का हुक खोलने के लिए रुक्कू कि पीठ के नीचे हाथ डाला तो रुक्कू ने पीठ को हलके से उठा लिया तब मैंने रुक्कू कि ब्रा का हुक खोल दिया अब रुक्कू के मस्त मस्त बूब्स आजाद हो गए मैं ऊपर का सूट और ब्रा को बूब्स के ऊपर खिसका दिया और बूब्स को चूसने लगा और हाथ से हलके हलके दबाने लगा तो रुक्कू मेरे सर्ट कि बटने खोलने लगी तब मैं उठा और सर्ट पैंट उतार दिया अब सिर्फ चड्ढी और बनियान में लेट गया और रुक्कू कि सलवार सूट,ब्रा  को भी उतार दिया अब रुक्कू सिर्फ पैंटी पहन कर मेरे पास लेटी हुई है मैं रुक्कू कि जांघो को सहलाने लगा तो रुक्कू मेरी बनियान के अंदर हाथ डालकर मेरी पीठ को सहलाने लगी अब मैं रुक्कू कि पैंटी को उतार दिया और मैं भी बनियान और चड्डी उतार कर रुक्कू के साथ लेट गया आज रुक्कू कि चूत में एक भी बाल नहीं है लगता है आज सुबह ही साफ़ करके आई है मैं रुक्कू कि चूत को चाटने लगा जीभ अंदर करके  रुक्कू रुक्कू अब गर्म पड  गई सेक्स सम्भोग के लिए और मेरे हाथ को पकड़ कर खीचने लगी मैं समझ गया रुक्कू कोअब केला खाने कि चाहत बढ़ गई गई तब मैं रुक्कू के ऊपर लेट गया और किस करने लगा तो रुक्कू मेरे हथियार को पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी तो मैं बोला कि रुको कंडोम लगा लू तो बोली कि रहने दीजिये महीना होने वाली हु कुछ नहीं होगा तब मैं चूत के मुहाने में हथियार को टिका दिया तो रुक्कू ने अपने चूतड़ो को ऊपर उठाया कि लण्ड घुस जाए तो मैं लण्ड को ज़रा सा पूस किया और चूत में सिर्फ लण्ड का सुपाड़ा ही घुसा दिया तो रुक्कू जल्दी जल्दी अपने चूतड़ो को आगे -पीछे करने लगी और कस कर पकड़ लिया मुझे और बोली अब मत तरसा ओ यार तब भी मं नहीं माना और थोड़ा थोड़ा सा लण्ड को छुआता रुक्कू कि चूत में रुक्कू के मुह से उ उ उ उ उ उ उ उ  आ अ अ आए स्स्स्स् स्स्स्स् स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स् स् स्स्स् स्स्स ऊऊऊऊ आ आ आ 

ओ ओ ओ ओओ ओ ह्ह् आह आह आःग आह उ उ उ उई माँ उई माँ उई माँ आ आह कि आवाज करने लगी मैं और बार बार कहने लगी करो ना जल्दी जल्दी तब भी मैं उसी तरह से रुक्कू को तरसा रहा था तो रुक्कू से नहीं रहा गया तो रुक्कू मुझे अपने बगल में नीचे गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और लण्ड को पूरा घुसेड़ लिया और पेट के बल लेट गाइ मेरे ऊपर और अपने दोनों हाथों को मेरी भुजाओ के पास बेड टिका लिया और अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी और मुह से आ आ आ आ आह आह आह आह आह उ उ उ उ उई उई उई उयउ उई ऊ ऊ उउउ उउउउउऊऊऊ उउउउउउउ आह आह आहाह अह करने लगी और जोर जोर आगे पीछे करने लगी करीब 4 मिनट बाद मैंने रुक्कू

   को नीचे लिटा दिया और मैं ऊपर हो गया रुक्कू ने अपने दोनों टांगो को मेरे पुष्टो  पर चढ़ा लिया और हाथो को कमर पर रख कर जोर से पकड़ लिया मुझे तब मैं जोर दार झटके मार मार कर रुक्कू को चोदने लगा और रुक्कू कि चुचियो को चूसने लगा रुक्कू भी मेरे को बार बार किस करती पीठ पर हाथ घुमाती जीभ को चूसती रुक्कू अब जोर जोर से आह आह आह आह आह उ उ उ ऊ ऊ उई उई माँ आ आह आह सी सी सी आ आ आह कि आबाज   निकलाने लगी और जोर से चिपक गई और ढीली पड़  गई मैं समझ गया रुक्कू स्खलित हो चुकी है तब मैं जल्दी जल्दी 15 - 20 झटके मारे और चूत में ही वीर्य को निकाल दिया और लण्ड डाले हुए लेटा रहा रुक्कू के ऊपर फिर 1 मिनट बाद उठा और रुक्कू को गोद में उठा कर बाथरूम ले गया रुक्कू इस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स कि जोरदार आवाज के साथ पेसाब करने लगी मैं भी रुकू के पास ही बैठ कर पेसाब करने लगा तो रुक्कू ने बोला कि इसका गुस्सा अभी तक शान्त नहीं हुआ ये तो अभी भी फन निकाल कर खड़ा है [मैं सुबह चलने के पहले ही वियाग्रा कि पावरफुल टेबलेट लिया था] तब मैंने रुक्कू को बोला कि अभी इसे दो बार और रस पीना है तुम्हारा तब ये सांत होगा तो रुक्कू बोली टीक है और दोनों बाथरूम  से उठकर आ गए कपडे पहने और लंच के लिए फोन किया बैरे को आर्डर दिया एक तंदूरी चिकन [रुचिका को बहुत पसंद है] और दोनों ने जम कर खाये तब तक डेढ़ बज गए थे मैं खाने के बाद जब रुक्कू बाथरूम में गई तो चुपचाप एक वियाग्रा ले लिया और दोनों फिर से मुलायम कम्बल ओढ़कर लेट गए बाते करने लगे रुक्कू ने बहुत सारी बाते बताया रुक्कू ने बताया कि उसका कमीना कुत्ता देवर अभी भी आता है  घर और मेरे साथ सोने को कहता है मैंने एक दिन डॉट कर भगा दिया और बोली कि अब ऐसा कहोगे तो तुम्हारी बीबी को बता दुगी रुक्कू ने ये भी बताया कि उसकी मम्मी आ गई है गाव से इस कारण तो आज चलने के लिए मोका मिला नहीं तो बेटी कि तबियत खराब होने के कारण कही नहीं जा पा रही थी रुक्कू ने भी बताया कि उसकी ऑफिस में काम करने वाला एक लड़का उसका पीछा करता है एक दिन डॉट दिए उस दिन से पीछा करना भूल गया और बहुत से बाते किया अब मैं रुक्कू को फिर से किस करने लगा रुक्कू के स्तनो को दबाने लगा तो रुक्कू फिर से तैयार हो गई चुदाने के लिए तब मैं रुक्कू के और अपने सारे कपडे निकाल कर कुर्सी पर रख दिया और कम्बल के नीचे दोनों नंगे होकर लेट गए , मैंने रुक्कू को कहा कि इस बार कुछ  से करू तो रुक्कू ने कहा कि जैसा मन पड़े करिये  बस मजा खूब आना चाहिए तब मैं रुक्कू को बेड  पर लिटा दिया और मैं 
के नीचे खड़ा हो गया और रुक्कू कि दोनों टांगो को पकड़ लिया और लण्ड को पेल दिया रुक्कू कि मुलायम चूत में और धीरे धीरे झटके मारने लगा रुक्कू गरम पड़  गई और अपनी चुचिया अपने ही हाथ से दबाने लगी धीरे धीरे झटके मारने लगा रुक्कू अपने दातो से होठो को चबाने लगी लगातार 4 मिनट तक झटके मारने  बाद रुक्कू ने इसरा किया कि बेड  पर आ जाओ तो मैं बेड पर आ गया और लण्ड को खड़ा कर के लेट गया तब रुक्खू ने लण्ड को घुसेड़ लिया चूत में और अपने दोनों पैरो को मेरी तरफ कर लिया और मेरे पैरोंकी तरफ कर लिया और आगे पीछे होकर चोदने  लगी मुझे 3 मिनट बाद जब थकने लगी तो उठकर तकिया लिया और अपने सर को तकिया में रख कर झुक  गई और अपने चूतड़ो को आगे पीछे करने लगी 5 मिनट तक ऐसा ही चुदाती रही फिर कहती है कि जब तक मर्द के  जिस्म का बजन नहीं पड़े तब तक मजा नहीं आता और फिर पीठ केबल लेट गई और बोली मारो जोर जोरसे झटके जितनी ताकत हो तब मैंने पुरे जोश के साथ जोर जोर झटके मारने लगा रुक्कू के मुह से  उ आह आह सस सस सी सी सी आह ऊ ऊ ऊ आ आ आ आह अह  उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह  एजी और जोर से मारो झातले बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सी से स्स्स्स उ उ उ करती रही और मैं झटके मारता  रहा करीब 7 मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद रुक्कू और मैं एक साथ स्खलित हो गए और मैं रुक्कू केऊपर  तक पड़ा रहा इस ठंडी में भी दोनों पसीना पसीना हो गए रुक्कू ने कहा कि पंखा चलाओ बहुत गर्मी लग रही है तो मैंने मना किया कि बीमार पड़ जाओगी फिर रुक्कू ने कहा कि आपने थका लिया आज पर बहुत मजा आया फिर हम दोनों कुछ देर में उठे बातरूम गए फिर कपडे पहने रुक्कू ने अपनी बेग से मेकअप का सामान निकाला मेकअप किया और बाहर निकल लिए घड़ी में देखा तो 3 बजने वाले है रुक्कू ने कहा कि चलिए अब ऑफिस में एकात घंटे दिख जाउ सभी को और हम होटल से निकल और रुक्कू के लिए कुछ शापिंग किया जिसमे रुक्कू के लिए नई  ब्रा और पेंटी ,तीन लैगीज और तीन कुर्ते खरीदे मेकअप का सामान खरीदा और फिर वहा से 4 बजे निकल लिए और 5  बजे रुक्कू को ऑफिस से कुछ दूर कार से उतार दिया रुक्कू अपनी ऑफिस चली गई और मैं घर चला गया | रास्ते में रुक्कू बहुत खुस थी क्योकि मैंने  उसके लिए 3 हजार की खरीददारी कर दिया जिसमे एक गरम कोट एक साल और उसकी लड़की के लिए कुछ महंगे कपडे और जब कार से उतरने लगी तो उसे हजार हजार कि 5  नोट पकड़ा दिया अभी कुछ दिन पहले ही रुक्कू के लिए एक टीवी खरीद दिया था उसकी छोटी लड़की के इलाज में 1 हजार खर्च कर दिया इस कारण रुक्कू बहुत खुस रहती है अब मैं रुक्कू को दिल से प्यार करता हु और आगे भी करता रहूगा क्योकि  मुझे रुक्कू  बहुत पसंद है | 
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मेरी रुक्कू ऐसी ही है
 नए साल में १ जनवरी 2014  को सुबह 6  बजे फोन किया रुक्कू को और नए साल कि शुभकामनाये दिया  और हाल हाल चाल पूछा रुक्कू से तो बोली कि टीक है फिर मैंने रुक्कू से कहा कि नए साल में कब मिल रही हो बहुत दिन हो गए तुम्हे किस किये हुए तो रुक्कू ने कहा कि अभी रुकिए फिर बताती हु एकांत दिन फिर ३ जनवरी को रुक्कू से एक जगह मिला और बात किया और रुक्कू को बोला कि मैं सुबह ७ बजे  ऑफिस में यही आ जाओ एक दिन सुबह सुबह मॉर्निंग वाक् के बहाने |  तो रुक्कू बोली कि मम्मी आ जाए गाव से तो आती हु एक दिन और फिर एक दिन  रुक्कू कि मम्मी गाव से आ गई दो दिन बाद रुक्कू को फोन किया तो बोली कल सुबह सुबह  आउगी आपकी ऑफिस में और 8 जनवरी 2014 को सुबह सुबह 7 बजे के पहले ही आ गई क्योकि रुक्कू का घर ऑफिस से पास ही है  उस दिन घना कोहरा छाया हुआ था मैं जल्दी ही ऑफिस आ गया रुक्कू सलवार सूट पहन कर आई थी जैसे ही रुक्कू आई मैंने तुरन्त सटर गिरा दिया आते ही रुक्कू बोली आओ जल्दी जल्दी फटाफट निपट ले नहीं तो कोई आ जाएगा , रुक्कू अंदर घुसते ही सलवार सूट उतार दिया और जल्दी से नंगी हो गई और लिपट गई मेरे से  तब मैंने एक कमरे में कुछ फलैक्स बिछा दिया और कपडे उतार कर नंगा हो गया और खड़े खड़े रुक्कू से प्यार करने लगा रुक्कू कि चुचियो को मसलने लगा हलके हलके हाथ से रुक्कू खड़ी रही और मैं बैठकर रुक्कू कि चूत को चाटने लगा रुक्कू खड़े खड़े मेरे सर पर हाथ घुमाती रही बीच बीच में झुक कर सर पर किस कर लेती इस तरह रुक्कू  बहुत जल्दी गरम पड़ गई चुदाई के लिए तब मैफलैक्स के ऊपर घुटने पीछे कि तरफ मोड़ कर

बैठ गया और रुक्कू को अपनी तरफ खीच कर रुक्कू की दोनों टांगो को फैला दिया तब रुक्कू खिसक कर लण्ड को अपनी चूत में घुसेड़ लिया और दोनों हाथो को कंधो से पकड़ते हुए चिपक गई मेरे साथ और किस करने लगी मेरे होठो को चूसने लगी मैं रुक्कू कि कमर में हाथ डाल  दिया और हलके हलके झटके के साथ रुक्कू कि अतृप्त जिस्म को तृप्त करने लगा बीच बीच में रुक्कू कि चुचियो का रस भी लेता रहा रुक्कू मेरे कंधे से हाथ हटाकर अपने दोनों हाथो को फलैक्स में रख लिया दोनों पाँव को जमीन पर टिका लिया और अपने चूतड़ो को आगे -पीछे कर कर के चुदाने लगी रुक्कू इस तरह से लगातार 6 मिनट तक चुदाती रही और मुह से उ उ उ उआ अ अ अ अ अ आआआअ आ सीईईई अ आह आह आह अह अह करती रही और अचानक पीठ  के बल लेट गई और मुझे अपनी तरफ खीच लिया तब मैं लण्ड को घुसेड़ते हुए रुक्कू के ऊपर लेट गया  [मेरी सबसे पसंदीदा पोजीसन चुदाई कि है और यह पोजीसन सभी ओरतो को अच्छी लगती है क्योकि ओरत का पूरा जिस्म मर्द के जिस्म से चिपक  जाता है और चुदाई के समय पर ओरतो को मर्दो के जिस्म का वजन बहुत अच्छा लगता है ] और जोर जोर के झटके मारने लगा रुक्कू मजे के साथ चुदा ने लगी रुक्कू के मुह से उ आह आह सस सस सी सी सी आह ऊ ऊ ऊ आ आ आ आह अह  उ उ उ उ उ आ आ अ अ अ अ उ ऊ आ ऊ ऊ ओ ओ ओ ओ आह आ सस्स सस्स सस्स स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह आह ऊ ऊ आआ आआ आए आह  एजी और जोर से मारो झातले बहुत मजा आ रहा है फर उ उ उ उ उ उ उ अ अ अ अ आ आह सस्स स सस स  स्स्स्स्स् स्स्स्स्स स्स्स्स सस्स आह आह आह ऊ उ उ उउउ आ आउउउउउउउउउउउउं आ ओ ओ ओ आ सस सस्स ई सीकि आवाज निकलने लगी और रुक्कू कहने लगी और जोर जोर मारिये झटके बहुत अच्छा लगता है और बार बार अपने चूतड़ो को ऊपर उठाती मैं जोर जोर से झटके मारने  लगा लगातार 8 मिनटक तक झटके खाने के बाद रुक्कू स्खलित हो गई और जोर से चिपक गई मेरे से पर मैं अभी तक स्खालित नहीं हुआ क्योकि मैंने कंडोम लगा रखा था लण्ड के सुपाड़े कि चमड़ी हटाये बिना इस कारण मैं अभी तक स्खलित नहीं हुआ तो रुक्कू ने कहा कि आप बहुत दमदार है बहुत मजा देते है तब मैंने लण्ड को बाहर निकाला तो रुक्कू लण्ड को  पकड़ कर बड़े प्यार से चूमने लगी तब मैंने बोला इसे शांत करो ये अभी तक गुस्से में है तब रुक्कू ने कहा कि कैसे करू तो मैंने रुक्कू को कहा कि पीछे घूम जाओ मैं कर लुगा इसे शांत तब रुक्कू पेट के बल झुक कर घोड़ी बन गई [रुक्कू के घुटनो के नीचे कुर्शी कि गद्दी रख दिया जिससे घुटने को चोट नहीं लगे ] तो मैंने लण्ड के ऊपर से कंडोम को निकाला और बोरोप्लस को रुक्कू कि गाड़ [चूत और गाड़ में अंतर तो जानते हो] में लगा दिया और लण्ड पेलने लगा तो रुक्कू कहती है ये क्या कर रहे है कहा डाल रहे है तब मैंने बोला रुको यहाँ डाल कर देखता हु तो रुक्कू बोली कि दर्द होगा तो मैंने कहा कि जब घुसेगा तब दर्द होगा थोड़ा सहन कर लेना तो रुक्कू कुछ नहीं बोली तब मैं धीरे धीरे रुक्कू कि गाड़ में लण्ड को घुसेड़ने लगा तो रुक्कू को  दर्द हुआ और रुक्कू ने कहा रहने दीजिये न बहुत दर्द हो रहा है तब मैंने बोला टीक है और उसके बाद रुक्कू ने कहा सांत कर लीजिये अपने हैवान लण्ड  को चूत में डाल कर तो मैंने बोला कंडोम निकाल दिया है तो रुक्कू बोली कर लीजिये बिना कंडोम के महीना होने वाली हु तब मैं घोड़ी बनी रुक्कू कि चूत में लण्ड पेल दिया और जोर  झटके मरने लगा और 3 मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद  ढेर सारा वीर्य रुक्कू कि चूत में उड़ेल दिया कुछ देर में रुक्कू  उठी तो वीर्य बहाकर जांघो तक आ  गया तब रुकु ने एक  कपडे से वीर्य को साफ़ किया और जल्दी से कपडे पहन कर मेरे साथ आ और ऑफिस में बैठ गई और बात करने लगी रुक्कू ने बताया कि अब तो रोज रोज आपके साथ सोने की इच्छा पड़ती है तब मैंने बोला जब भी इच्छा पड़े आ जाया करो तो रुक्कू बोली टीक है और कुछ देर बाद रुक्कू चली गई तब तक घड़ी में 7 बजकर 30 मिनट हो गए थे |

नोट--- सत्य कहानी में नाम बदला हुआ है  |

 

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