Fentency
जुए की लत--12
अब आगे
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अंदर का नजारा देखकर सभी कि आँखे फटी कि फटी रह गयी, हरिया काका उस वक़्त दिव्या कि चूत को अपनी जीभ से चाट कर साफ़ करने में लगे थे .
हरिया काका ने पलट कर देखा तो उनका पूरा बदन कांपने लगा.
सामने अपने मालिक को खड़ा देखकर उनकी हालत पतली हो गयी, और उसी मालिक कि बीबी कि चूत वो एक पल पहले मजे ले लेकर चाटने में लगे थे.
राहुल को तो पता था कि उसकी बीबी रिया कैसी है, क्योंकि रिया ने अपनी लाइफ के बारे में, यानि मनीष और हरिया काका के साथ लिए गए मजे के बारे में पहले से ही बता रखा था, इसलिए राहुल ने रिया को नंगा लेटे हुए देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं कि, पर बाकी के दोस्त रिया को नंगा देखकर जरुर हैरान हो गए , रिया भी अपने पति के अय्याश स्वभाव के बारे में जानती थी, इसलिए दोनों एक दूसरे कि जिंदगी में ज्यादा दखल नहीं देते थे.
और मनीष कि तो समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले और क्या नहीं, वो तो खुद ही दिव्या को अपने दोस्तों से चुदवाने के लिए आया था और वो पहले से वहाँ चुद रही थी, उसकी समझ में ये नहीं आ रहा था कि वो खुश हो या गुस्सा करे , गुस्सा इसलिए कि उसकी बीबी को उसका नौकर चोद रहा था , और खुश इसलिए कि उसे अब दिव्या को अपने दोस्तों से चुदवाने को मनाने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी …
दिव्या भी सभी को अपने सामने देखकर घबरा सी गयी .
पर मनीष को साथ में देखकर और उसे गुस्सा न करता पाकर उसे भी कुछ - २ समझ में आने लगा था कि वह क्या होने वाला है .
सबसे पहले राहुल ही बोल पड़ा : "लो जी, यहाँ तो पहले से ही चुदाई का खेल चल रहा है ''
और फिर हरिया काका कि तरफ देखकर बोला : "अरे भाई हरिया काका , क्या खाता है तू जो तेरा पहलवान इस उम्र में भी चुदाई के लिए तैयार रहता है, तेरी कहानियां तो पहले भी सुन चूका हु अपनी बीबी से, पर आज तेरे पहलवान को देखकर समझ में आ रहा है कि क्यों वो तेरे लंड कि दीवानी थी, जैसी गाँव कि और भी औरतें दीवानी है …''
और दिव्या को देखकर बोला : "और देखो न, तुमने तो अपनी मालकिन को भी अपने पहलवान का दीवाना बना लिया .... हा हा हा ''
उसकी हंसी के साथ -२ बाकी के दोस्त भी हंसने लगे ...
वो आगे बोला : "देखो जी, बात अब ऐसी है कि मनीष भाई पुरे पचास हजार हार चूका है उधार के , और अपने बाप के पांच लाख भी , तो वो सब उधार चुकाने के लिए और घर का काम करवाने के लिए हमारे बीच एक समझोता हुआ है, जिसमे भाभी जी को हमें खुश करना होगा और बदले में हम मनीष को इस मुसीबत से निकालेंगे ''
राहुल कि बात सुनकर दिव्या को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, उसे मनीष से ऐसी ही उम्मीद थी, वो पहले भी उसे दांव पर लगाकर अपने पैसे बचा चूका था जंगल में, और अब फिर से अपने हारे हुए पैसे पाने के लिए और उधार के पैसे चुकाने के लिए वो उसे दांव पर लगाने को तैयार था ...
चाहे जो भी था, उसको भी तो मजे आने ही थे, और वो जिस तरह से हरिया काका से चुदाई करती हुई पकड़ी गयी थी, ऐसे में उसका विरोध करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता था, कुल मिलाकर वहाँ चल रहे चुदाई के खेल ने दोनों तरफ के प्रतिरोध को शांत कर दिया था.
हरिया काका भी अपनी किस्मत कि दाद दे रहे थे , कि कैसे रंगे हाथो पकडे जाने के बावजूद भी वो आसानी से बच गए .
वो अपने लम्बे लंड को शांत करते हुए एक किनारे पर जाकर खड़े हो गए .
राहुल ने पहल कि और अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए.
उसकी देखा देखि बाकी सभी ने भी अपने-२ कपडे उतारकर नीचे फेंक दिए.
सिर्फ मनीष रह गया अपने कपड़ो में , पर अब उसकी तरफ ध्यान देने का समय किसके पास था..
रिया और दिव्या तो पलंग पर चादर कि तरह बिछी पड़ी थी , उनकी टांगो के बीच से निकल रहा पानी इस बात कि गवाही दे रहा था कि वो भी इन सबके लिए तैयार है, दिव्या तो अपने पति का उधार उतारने के लिए चुदने को तैयार हो गयी, पर रिया का क्या, उसने तो किसी का उधार नहीं उतारना था, पर इस बात पर भी ध्यान देने का समय किसी के पास नहीं था, और रिया भी अपने आपको ऐसी स्थिति में पाकर काफी खुश सी थी, उसने एक साथ इतने सारे लंड आज तक नहीं देखे थे..
दिव्या ने भी देखा कि उसकी चुदाई अब ज्यादा देर तक चलेगी तो उसने सोचा पहले उठकर मूत आये, पर जैसे ही वो उठने लगी, राहुल ने उसे रोक लिया : "अरे भाभी जी, आप कहाँ चल दिए, आपकी खातिरदारी सबसे पहले मुझे ही तो करनी है ''
दिव्या : "अरे नहीं, मैं तो बस बाथरूम तक जा रही थी''
राहुल : "क्यों भाभी जी, इतने सारे लंड देखकर मूत लग गया क्या हा हा हा ''
उसकी बेहूदा हंसी देखकर दिव्या को गुस्सा तो बहुत आया पर वो खून का घूंट पीकर रह गयी ..
राहुल बोला : "अब जो भी करना है यही कर ले , ला मैं तेरी मदद करता हु ''
इतना कहकर वो सीधा उसकी चूत पर टूट पड़ा और अपनी मोटी उँगलियों से उसकी चूत के होंठों को गुलाब कि पंखुड़ियों कि तरह से मसलने लगा ..
वो मना करती रह गयी पर उसकी उँगलियों का जादू था ही ऐसा कि उसकी ना भी एक लम्बी सिसकारी में बदल कर रह गयी ..
''नाआआआअ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स एस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ''
राहुल उसके गदराये हुए जिस्म को सांप कि तरह मचलता देखकर मुस्कुरा उठा
राहुल ने अपनी उँगलियों को पिस्टन कि तरह उसकी चूत के अंदर पेलना शुरू कर दिया ..
एक तो पेशाब का प्रेशर और ऊपर से राहुल कि मोटी उँगलियों का कहर , दिव्या सम्भाल ही नहीं पायी अपने अंदर उमड़ रहे ज्वालामुखी को और एक जोरदार गर्जन के साथ बाहर निकाल दिया , उसकी चूत के अंदर से पेशाब कि धार ऊँचे फुव्वारे कि तरह बह निकली और दिव्या अपना सर पटकते हुए जोर से चीखने लगी ...
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स मई तो गयी। ..........''
पुरे कमरे में सिर्फ उसकी चूत से निकल रही आवाज गूँज रही थी ..
सुर्र्र्र्र्र सरररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र sssssssssssssssssssssss सुर्र्र्र्र्र सरररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र ......
अपने ही पसीने , रस और पेशाब से भीगी दिव्या किसी रांड से कम नहीं लग रही थी .
सभी कि हवस से भरी नजरें उसके नंगे जिस्म को भेद रही थी...
इसी बीच थापा से सब्र नहीं हुआ और वो धीरे से खिसककर रिया के पास जा पहुंचा और राहुल कि तरफ देखा, जैसे वो उसकी बीबी को चोदने कि परमिशन मांग रहा हो, राहुल ने मुस्कुरा कर उन्हें आगे बढ़ने को कहा, बस फिर क्या था, थापा ने अपने पहाड़ी लंड को एक ही झटके में रिया के मुंह के अंदर घुसेड़ दिया और लगा उसके मुंह को किसी कुतिया कि तरह चोदने.
''अग्गग्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म उफ्फ्फ्फफ्फ़ अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह धीरे थापा। …।थ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। …।''
और दूसरी तरफ से बिल्लू भी धीरे से चलकर आगे आया और रिया कि टांगो को चौड़ा करके उन्हें फेला दिया और फिर खुद उनके बीच बैठकर वहाँ पर आयी हुई नमी को अपनी जीभ से पोछकर उसे सुखाने लगा.
रिया ने अपनी मोटी जांघे उसकी गर्दन से लपेट कर उसे अपना बंदी बना लिया , अब उसके अंदर खुजली सी हो रही थी, जिसे बिल्लू ने साफ़ महसूस किया, वो खुजली उसकी जीभ से मिटने वाली नहीं थी, इसलिए वो खड़ा हुआ और अपने मीडियम साईज के लंड को हमले के लिए तैयार करने लगा, और फिर उसने जैसे ही अपने सिपाही को रिया कि चूत के किले के अंदर धकेला, रिया ने थापा के लंड को बाहर उगल दिया और एक जोरदार चीख मारकर बिल्लू के लंड का स्वागत किया
''अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म। …। बीइलल्लूऊऊ उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म। …… चोद साले। ……अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''
अब पुरे कमरे में सिर्फ मनीष, हरिया काका और राजेश ही बचे थे जो बिना चुदाई के खड़े थे , हरिया काका तो पहले मजे ले ही चुके थे और अब अपने मालिक के सामने उनकी ही बीबी या माशूका को चोदने कि हिम्मत उनमे नहीं हो रही थी, वैसे मनीष मना तो न करता क्योंकि जहा इतने लोग उसकी बीबी के साथ मजे ले रहे हैं, एक हरिया काका भी मजे लेले तो क्या फर्क पड़ेगा, पर नौकर-मालिक के रिश्ते का लिहाज करते हुए हरिया काका अपनी तरफ से पहल नहीं करना चाहता था .
राजेश खिसक कर रिया कि बगल में जाकर खड़ा हो गया और अपने हाथों से उसके मुम्मों को मसलने लगा, रिया ने अपने दूसरे हाथ से उसके लंड को पकड़ा और मसलना शुरू कर दिया ..
मनीष का मन तो रिया को चोदने का कर रहा था पर वहाँ पहले से ही काफी भीड़ हो चुकी थी , वो बस अपनी बारी कि प्रतीक्षा करने लगा
दूसरी तरफ दिव्या जब अपने नशे से उभरी तो उसकी नजरों के सामने राहुल का लम्बा लंड लहरा रहा था, उसे पता था कि अब उसे क्या करना है, वो उठी और अपने होंठों को बड़ी ही अदा के साथ घुमा कर उसके लंड के ऊपर लायी और अपनी जीभ ऐसे घुमाई जैसे आइसक्रीम कोन के ऊपर कि मलायी चाट रही हो
और फिर उसे अपने मुंह के अंदर भरकर बाकी का माल भी चखने लगी, उसने जंगल में भी राहुल का लंड चूसा था पर उस समय हालात दूसरे थे
अब वो पुरे मजे के साथ सब कुछ करना चाहती थी...
अपने दिल कि हर इच्छा पूरी करना चाहती थी .
राहुल का तो बुरा हाल था, दिव्या जैसी सेक्सी लड़की उसके लंड को किसी रंडी कि तरह चूस रही थी, इतना तेज तो उसने जंगल में भी सक्क्क नहीं किया था.
राहुल सोफे के ऊपर लेट सा गया और दिव्या ने उसके मोटे लंड को पकड़कर अपने गले के अंदर तक डीप थ्रोट ट्रीटमेंट देना शुरू कर दिया
वो तो चुदाई के आलम में दीवानी सी होकर अपना सब कुछ राहुल के लंड पर न्योछावर करने के लिए तैयार बैठी थी
उसने राहुल के लंड को पूरा अंदर ठूस लिया, यहाँ तक कि उसकी बॉल्स को भी अपने मुंह के अंदर दाल लिया और चूसा, फिर धीरे से उसकी बॉल्स और लम्बे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया
राहुल तो उसकी ये कलाकारी देखकर उसकी सक्किंग कर कायल हो गया , उसके तो सारे पैसे वहीं के वहीँ वसूल हो गए .
उसने दिव्या को सीधा बेड पर लिटाया, और खुद उसके सामने पहुँच गया और फिर उसकी मखमली टांगो को उठाकर अपने लंड को अंदर धकेला
उसका लंड सुरसुराता हुआ चूत कि तंग गलियों को चीरता हुआ अंदर तक जा पहुंचा .
"अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ ्फ्फ्फ़ मरररररर गयी "
दूसरी तरफ दिव्या जब अपने नशे से उभरी तो उसकी नजरों के सामने राहुल का लम्बा लंड लहरा रहा था, उसे पता था कि अब उसे क्या करना है, वो उठी और अपने होंठों को बड़ी ही अदा के साथ घुमा कर उसके लंड के ऊपर लायी और अपनी जीभ ऐसे घुमाई जैसे आइसक्रीम कोन के ऊपर कि मलायी चाट रही हो
और फिर उसे अपने मुंह के अंदर भरकर बाकी का माल भी चखने लगी, उसने जंगल में भी राहुल का लंड चूसा था पर उस समय हालात दूसरे थे
अब वो पुरे मजे के साथ सब कुछ करना चाहती थी...
अपने दिल कि हर इच्छा पूरी करना चाहती थी .
राहुल का तो बुरा हाल था, दिव्या जैसी सेक्सी लड़की उसके लंड को किसी रंडी कि तरह चूस रही थी, इतना तेज तो उसने जंगल में भी सक्क्क नहीं किया था.
राहुल सोफे के ऊपर लेट सा गया और दिव्या ने उसके मोटे लंड को पकड़कर अपने गले के अंदर तक डीप थ्रोट ट्रीटमेंट देना शुरू कर दिया
वो तो चुदाई के आलम में दीवानी सी होकर अपना सब कुछ राहुल के लंड पर न्योछावर करने के लिए तैयार बैठी थी
उसने राहुल के लंड को पूरा अंदर ठूस लिया, यहाँ तक कि उसकी बॉल्स को भी अपने मुंह के अंदर दाल लिया और चूसा, फिर धीरे से उसकी बॉल्स और लम्बे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया
राहुल तो उसकी ये कलाकारी देखकर उसकी सक्किंग कर कायल हो गया , उसके तो सारे पैसे वहीं के वहीँ वसूल हो गए .
उसने दिव्या को सीधा बेड पर लिटाया, और खुद उसके सामने पहुँच गया और फिर उसकी मखमली टांगो को उठाकर अपने लंड को अंदर धकेला
उसका लंड सुरसुराता हुआ चूत कि तंग गलियों को चीरता हुआ अंदर तक जा पहुंचा .
"अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ ्फ्फ्फ़ मरररररर गयी "
दिव्या ने अपनी टाँगे राहुल कि कमर से लपेट दी और दिल खोलकर अपनी चुदाई का मजा लेने लगी
राहुल ने भी उसकी कमर पर हाथ रखकर उसकी रेल बना दी, ऐसे झटके दिए कि उसके पुरे शरीर से सागर के सामान लहरें उठने लगी
हर्षित भी काफी देर से दिव्या भाभी को चुदते हुए देखे जा रहा था, दिव्या कि नजरें भी रह रहकर उसकी तरफ ही जा रही थी, उसने इशारे से हर्षित को अपनी तरफ बुलाया, वो उसके पालतू कुत्ते कि तरह अपने लंड को लहराता हुआ उसके सर के पास जा पहुंचा, दिव्या ने अपना हाथ उठा कर उसके लंड पर रख दिया और उसे हिलाने लगी, हर्षित ने भी झुक कर उसकी दोनों जांघो को पकड़ा और उन्हें ऊपर अपनी तरफ खींचा, इस तरह से राहुल के सामने पड़ी हुई दिव्या कि चूत और भी ज्यादा खुल कर सामने आ गयी और अब दिव्या को राहुल का लंड थोडा और अंदर तक महसूस हो रहा था
दिव्या ने अपने सर के ऊपर हाथ करके हर्षित के लंड को पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी और राहुल कि आँखों में देखकर उसके लंड का भी पूरा मजा लेने लगी
सभी अपने - २ लंड के झड़ने का इन्तजार कर रहे थे
राहुल का झड़ने तो वाला था पर काफी देर तक एक ही एंगल में चोदते हुए वो थक चुका था , इसलिए वो बेड पर लेट गया और दिव्या को अपने ऊपर लिटा कर नीचे से उसकी चूत के अंदर अपनी मिसाईल फिट करके ऊपर कि तरफ झटके देने लगा
''उम्म्म्म्म्म्म्म्म अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह फक्क फक्क फक्क ओह्ह्ह्ह या फक्क्क्क मीईए उम्म्म्म स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ''
दिव्या तो ऐसे चीखे मार रही थी जैसे वो मनीष से चुदते हुए मारती थी, मनीष भी अपनी बीबी के रंडीपन को देखकर हैरान रह गया ..
राहुल ने अपने मुंह से दिव्या के मुम्मे दबोच लिए और जैसे ही उसके लंड ने चूत के अंदर पिचकारियाँ मारनी शुरू कि, उसके दांतो ने उसके पिंक निप्पलस को ऐसे तरोड़ा-मरोड़ा कि दिव्या कि दर्द भरी चीख पुरे कमरे में गूँज गयी। .
अयययययीईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ ………अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …… धीरे करो। ……अह्ह्ह्ह्ह … दर्द हो रा है। ……।''
और इसी के साथ राहुल का लंड भी फिसलकर दिव्या कि चूत से बाहर निकल आया ..
और पीछे -२ निकला ढेर सारा लंड का रस .
जिसने बिस्तर को और भी ज्यादा भिगो दिया ..
ये तो अभी शुरुवात थी, अभी और भी लंड अपना माल उगलने को तैयार थे ..
अब हर्षित आगे आ गया , दिव्या अपनी साँसे संभल ही रही थी कि हर्षित उसके ऊपर आकर लेट गया, दिव्या ने अपनी आँखे खोली और हर्षित ने उसे चूम लिया
दिव्या : "रुको न हर्षित, अभी थोडा आराम तो करने दो , एकदम से दोबारा नहीं होगा मुझसे , प्लीज दस मिनट रुक जाओ बस ....''
हर्षित ने उसके बालों को पकड़ा और उन्हें अपनी तरफ लेकर जोर से स्मूच किया और फिर बोला : "साली , तुझे आराम कि नहीं, चुदाई कि जरुरत है, नहीं तो हमारे पैसे कैसे वसूल होंगे , भेन चोद, चल पलट जा …''
दिव्या के साथ - २ मनीष भी हर्षित कि ऐसी बाते सुनकर हैरान था, कुछ देर पहले तक उसकी बीबी को जितने आदर के साथ सभी भाभी जी कहकर बुलाते थे, उसे अब किसी धंधेवाली कि तरह ट्रीट किया जा रहा था, और इसका जिम्मेदार वो खुद था, दिव्या ने उसकी तरफ देखा पर उसने सर झुका लिया, वो कुछ नहीं कर सकता था, अपनी बेबसी पर वो आज बहुत शर्मिंदा था.
हर्षित को भी इसी बात का गुस्सा था कि सबसे पहले दिव्या ने उसके साथ सेक्स क्यों नहीं किया, और अब वो इसी बात का गुस्सा उसपर निकाल रहा था.
दिव्या पलट कर बिस्तर पर उलटी लेट गयी, उसकी गांड उभर कर सामने आ गयी, जिसे देखकर सबकी आँखे चमक उठी.
मनीष समझ गया कि हर्षित के मन में क्या चल रहा है, वो उसकी गांड मारना चाहता था, वो गांड जिसे वो आजतक खुद भी नहीं मार सका था.
जैसे ही हर्षित ने अपनी ऊँगली उसकी गांड के अंदर घुसाई, दिव्या एक जोरदार चीख के साथ उछल पड़ी
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नूऊऊऊऊऊओ वहा नहीईईईइ ''
मनीष बोला : "हर्षित, ये क्या कर रहे हो, वहा से तो दिव्या ने आज तक मुझसे भी नहीं करवाया, तुम कैसे कर सकते हो और वैसे भी बात सिर्फ आगे से करने कि हुई थी उसी के बदले तुम लोग पैसे दे रहे हो ''
हर्षित भी तैश में आ गया : "अरे छोड़ ये सब, जब बात हुई थी तो मजे लेने कि, आगे से या पीछे से लेने कि नहीं, और रही बात दिव्या के करने कि तो एक न एक दिन तो उसकी गांड फटनी ही है, आज ही क्यों नहीं, इतने सारे देवर जो है उसकी मदद करने के लिए, तुझ अकेले से तो ये काम वैसे भी नहीं होगा हा हा ''
मनीष खून का घूँट पीकर रह गया
हर्षित आगे बोला : "बाकी रही बात तेरी, तो तू ऐसा कर, इसकी गांड कि कीमत अलग से ले ले, ताकि तेरे दिल में भी मलाल न रहे , बोल कितना दाम लगाता है अपनी बीबी कि कुंवारी गांड का''
उसने अपना पंजा जोर से उसकी गोरी चिट्टी गांड के ऊपर मारा और सभी ने अपनी नजरें दिव्या कि चिकनी गांड पर रख दी
उसकी चिकनाहट देखकर सभी का दिल मचल उठा
मनीष ने हकलाते हुए कहा : "तुम सभी बोली लगाओ, जिसकी ज्यादा होगी, वही सील तोड़ेगा इसकी गांड कि ''
उसकी बात सुनकर दिव्या तो हैरान रह गयी, अपनी बीबी को अपने दोस्तों के हाथो बेचने के बाद अब उसकी गांड कि भी बोली लगा रहा था मनीष, कितना नीच इंसान है ये ..
फिर क्या था, सभी उसकी बोली लगाने लगे ..
हर्षित बोला : "दस हजार"
बिल्लू : "बीस हजार"
राजेश : "पच्चीस हजार "
थापा भी बोल पड़ा : "तीस हजार ''
राहुल बोला : "पचास हजार ''
एक पल के लिए वहाँ सन्नाटा सा छा गया, तभी पीछे से आवाज आयी : "साठ हजार "
सबने नजर घुमा कर वहाँ देखा , वो हरिया काका थे.
सभी हैरानी से उन्हें देखने लगे, जैसे पूछ रहे हो कि बुड्ढे तेरे पास इतने पैसे कहाँ से आये.
हरिया उनकी नजरों कि भाषा समझ गया और बोला : " वो, वो .... मैंने बचा कर रखे थे सालो से ''
उसकी बात सुनकर सभी का तो पता नहीं पर दिव्या कि आँखे जरुर भर आयी, उसकी गांड कि सील तोड़ने के लिए हरिया काका अपनी जिंदगी भर कि पूँजी लूटाने को तैयार थे, वो गदगद हो उठी हरिया काका के प्यार को महसूस करके.
पर तभी हर्षित फिर से बोल पड़ा : "अस्सी हजार ''
राहुल : "नब्बे हजार ''
और कोई अब बोली नहीं लगा रहा था, क्योंकि किसी के पास अब इतने पैसे बचे ही नहीं थे.
हर्षित : "एक लाख ''
अब राहुल भी सोचने लगा, कि सिर्फ पहली बार चोदने के लिए वो क्यों एक लाख रूपए बर्बाद करे, एक बार उसकी गांड कि सील टूट गयी फिर तो वो मुफ्त में भी मार सकता है , ये सोचकर उसने आगे बोली नहीं बड़ाई और इस तरह से हर्षित वो बाजी जीत गया.
मनीष ने हर्षित कि तरफ देखा और उसने अपनी जेब से हजार के नोट कि गड्डी निकाल कर उसकी तरफ बड़ा दी, मनीष तो बहुत खुश हुआ पर दिव्या कि जान पर बन आयी.
उसे हर्षित पसंद था पर ऐसा कोई भी इंसान नहीं जो उसकी गांड पर नजर रखता हो, उसकी कई बार मनीष से भी लड़ाई हो चुकी थी इस बात पर.
लेकिन अब तो उसकी गांड कि कीमत भी लग चुकी थी, हर्षित ने पेमेंट भी कर दी थी , वो मना करना चाहती थी पर उसे पता था कि वहाँ उसकी एक नहीं चलेगी.
हर्षित ने अपनी ऊँगली पर थोड़ी सी थूक लगायी और फिर से अपनी ऊँगली उसकी गांड के अंदर डाल दी , इस बात उसने तकिया अपने मुंह के अंदर फंसा कर अपनी चीख रोकी, थोड़ी देर तक उँगलियाँ अंदर घुमाने के बाद उसने एक और ऊँगली अंदर डाली, और थोड़ी देर बाद एक और, इस तरह से हर्षित कि चार उँगलियाँ उसकी गांड के अंदर चली गयी, और लगभग इतनी ही मोटाई थी उसके लंड कि , उसने सोचा कि अब सही मौका है, उसने अपने लंड के ऊपर ज्यादा थूक लगायी और उसे अंदर जाने के लिए तैयार किया, दिव्या कि कमर पकड़कर उसने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांड के छेद पर अपना लंड रखकर धीरे से धक्का दिया
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अयययययीईईईईईईईई ''
सभी का ध्यान उसी तरफ था, गांड फटने का लाइव शो चल रहा था , बिल्लू ने तो अपना मोबाइल कैमरा भी चालू कर दिया था, वो सब रिकॉर्ड कर रहा था.
दिव्या कि आँखों में आंसू आ गए, उसने तकिये को पूरी तरह से अपने मुंह में चबा कर पीस डाला
हर्षित ने एक और धक्का मारा , फिर एक और, फिर एक और....
और धीरे-२ करते हुए उसने अपना पूरा गुलगुले उसकी गांड के छेद के पार पंहुचा दिया..
अब तक दिव्या का दर्द भी कम होने लगा था, और उसकी चूत कि तरफ से आ रही तरंगे उसे अपनी गांड पर महसूस हो रही थी , उसे भी मजा आने लगा था, पर दर्द अभी भी हो रहा था उसे.
और फिर हर्षित ने उसकी कमर के दोनों तरफ हाथ रखकर उसकी गांड जोर से मारनी शुरू कर दी..
दिव्या फिर से दर्द और मजे से मिली जुली आवाजों में चीखने लगी ...
''अह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह उम्म्म्म अह्ह्हह्ह येस्स्स्स अह्ह्हह्ह धीरे आआअह्हह्हह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म येस्स्स्स ओह्ह्हह्ह्ह्ह य़ाआआ उम्म्म्म्म्म्म्म ''
दिव्या कि कामुक आवाजों ने तो पुरे कमरे का माहोल बना दिया.
रिया भी कुलबुलाने लगी , उसने अपने पुराने आशिक़ मनीष को देखा , उसने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए, वैसे भी मनीष अपनी बीबी कि गांड फटते हुए देखकर काफी उत्तेजित हो चूका था, क्योंकि उसका भी तो रास्ता अब खुल गया था.
वो नंगा होकर रिया के पास आया और उसकी टांगो को मोड़कर ऊपर कर दिया और अपना लंड एक ही झटके में अंदर पेल दिया, और धीरे-२ धक्के मारने लगा.
दोनों एक दूसरे को चूम भी रहे थे.
मनीष ने नजर घुमा कर अपनी बीबी कि तरफ देखा जो उसी तरफ देख रही थी, अपने पति को किसी और कि चूत मारते हुए.
दोनों कि नजरें मिली और फिर दोनों ही मुस्कुरा दिए और फिर अपनी-२ चुदाई में लग गए..
हर्षित को ऐसी फीलिंग आज तक नहीं मिली थी, वैसे तो उसने आज तक किसी कि गांड नहीं मारी थी, आज मारने को मिली वो भी कुंवारी, उसके लंड का बुरा हाल था, ऐसा लग रहा था कि उसके चारों तरफ कोई फंदा बना कर उसे बंदी बना लिया गया है, पर उसे मजा भी बहुत आ रहा था..
वो हर एंगल से उसकी गांड के मजे लेना चाहता था, आखिर उसने एक लाख रूपए जो खर्च किये थे.
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अंदर का नजारा देखकर सभी कि आँखे फटी कि फटी रह गयी, हरिया काका उस वक़्त दिव्या कि चूत को अपनी जीभ से चाट कर साफ़ करने में लगे थे .
हरिया काका ने पलट कर देखा तो उनका पूरा बदन कांपने लगा.
सामने अपने मालिक को खड़ा देखकर उनकी हालत पतली हो गयी, और उसी मालिक कि बीबी कि चूत वो एक पल पहले मजे ले लेकर चाटने में लगे थे.
राहुल को तो पता था कि उसकी बीबी रिया कैसी है, क्योंकि रिया ने अपनी लाइफ के बारे में, यानि मनीष और हरिया काका के साथ लिए गए मजे के बारे में पहले से ही बता रखा था, इसलिए राहुल ने रिया को नंगा लेटे हुए देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं कि, पर बाकी के दोस्त रिया को नंगा देखकर जरुर हैरान हो गए , रिया भी अपने पति के अय्याश स्वभाव के बारे में जानती थी, इसलिए दोनों एक दूसरे कि जिंदगी में ज्यादा दखल नहीं देते थे.
और मनीष कि तो समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले और क्या नहीं, वो तो खुद ही दिव्या को अपने दोस्तों से चुदवाने के लिए आया था और वो पहले से वहाँ चुद रही थी, उसकी समझ में ये नहीं आ रहा था कि वो खुश हो या गुस्सा करे , गुस्सा इसलिए कि उसकी बीबी को उसका नौकर चोद रहा था , और खुश इसलिए कि उसे अब दिव्या को अपने दोस्तों से चुदवाने को मनाने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी …
दिव्या भी सभी को अपने सामने देखकर घबरा सी गयी .
पर मनीष को साथ में देखकर और उसे गुस्सा न करता पाकर उसे भी कुछ - २ समझ में आने लगा था कि वह क्या होने वाला है .
सबसे पहले राहुल ही बोल पड़ा : "लो जी, यहाँ तो पहले से ही चुदाई का खेल चल रहा है ''
और फिर हरिया काका कि तरफ देखकर बोला : "अरे भाई हरिया काका , क्या खाता है तू जो तेरा पहलवान इस उम्र में भी चुदाई के लिए तैयार रहता है, तेरी कहानियां तो पहले भी सुन चूका हु अपनी बीबी से, पर आज तेरे पहलवान को देखकर समझ में आ रहा है कि क्यों वो तेरे लंड कि दीवानी थी, जैसी गाँव कि और भी औरतें दीवानी है …''
और दिव्या को देखकर बोला : "और देखो न, तुमने तो अपनी मालकिन को भी अपने पहलवान का दीवाना बना लिया .... हा हा हा ''
उसकी हंसी के साथ -२ बाकी के दोस्त भी हंसने लगे ...
वो आगे बोला : "देखो जी, बात अब ऐसी है कि मनीष भाई पुरे पचास हजार हार चूका है उधार के , और अपने बाप के पांच लाख भी , तो वो सब उधार चुकाने के लिए और घर का काम करवाने के लिए हमारे बीच एक समझोता हुआ है, जिसमे भाभी जी को हमें खुश करना होगा और बदले में हम मनीष को इस मुसीबत से निकालेंगे ''
राहुल कि बात सुनकर दिव्या को ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, उसे मनीष से ऐसी ही उम्मीद थी, वो पहले भी उसे दांव पर लगाकर अपने पैसे बचा चूका था जंगल में, और अब फिर से अपने हारे हुए पैसे पाने के लिए और उधार के पैसे चुकाने के लिए वो उसे दांव पर लगाने को तैयार था ...
चाहे जो भी था, उसको भी तो मजे आने ही थे, और वो जिस तरह से हरिया काका से चुदाई करती हुई पकड़ी गयी थी, ऐसे में उसका विरोध करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता था, कुल मिलाकर वहाँ चल रहे चुदाई के खेल ने दोनों तरफ के प्रतिरोध को शांत कर दिया था.
हरिया काका भी अपनी किस्मत कि दाद दे रहे थे , कि कैसे रंगे हाथो पकडे जाने के बावजूद भी वो आसानी से बच गए .
वो अपने लम्बे लंड को शांत करते हुए एक किनारे पर जाकर खड़े हो गए .
राहुल ने पहल कि और अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए.
उसकी देखा देखि बाकी सभी ने भी अपने-२ कपडे उतारकर नीचे फेंक दिए.
सिर्फ मनीष रह गया अपने कपड़ो में , पर अब उसकी तरफ ध्यान देने का समय किसके पास था..
रिया और दिव्या तो पलंग पर चादर कि तरह बिछी पड़ी थी , उनकी टांगो के बीच से निकल रहा पानी इस बात कि गवाही दे रहा था कि वो भी इन सबके लिए तैयार है, दिव्या तो अपने पति का उधार उतारने के लिए चुदने को तैयार हो गयी, पर रिया का क्या, उसने तो किसी का उधार नहीं उतारना था, पर इस बात पर भी ध्यान देने का समय किसी के पास नहीं था, और रिया भी अपने आपको ऐसी स्थिति में पाकर काफी खुश सी थी, उसने एक साथ इतने सारे लंड आज तक नहीं देखे थे..
दिव्या ने भी देखा कि उसकी चुदाई अब ज्यादा देर तक चलेगी तो उसने सोचा पहले उठकर मूत आये, पर जैसे ही वो उठने लगी, राहुल ने उसे रोक लिया : "अरे भाभी जी, आप कहाँ चल दिए, आपकी खातिरदारी सबसे पहले मुझे ही तो करनी है ''
दिव्या : "अरे नहीं, मैं तो बस बाथरूम तक जा रही थी''
राहुल : "क्यों भाभी जी, इतने सारे लंड देखकर मूत लग गया क्या हा हा हा ''
उसकी बेहूदा हंसी देखकर दिव्या को गुस्सा तो बहुत आया पर वो खून का घूंट पीकर रह गयी ..
राहुल बोला : "अब जो भी करना है यही कर ले , ला मैं तेरी मदद करता हु ''
इतना कहकर वो सीधा उसकी चूत पर टूट पड़ा और अपनी मोटी उँगलियों से उसकी चूत के होंठों को गुलाब कि पंखुड़ियों कि तरह से मसलने लगा ..
वो मना करती रह गयी पर उसकी उँगलियों का जादू था ही ऐसा कि उसकी ना भी एक लम्बी सिसकारी में बदल कर रह गयी ..
''नाआआआअ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स एस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ''
राहुल उसके गदराये हुए जिस्म को सांप कि तरह मचलता देखकर मुस्कुरा उठा
राहुल ने अपनी उँगलियों को पिस्टन कि तरह उसकी चूत के अंदर पेलना शुरू कर दिया ..
एक तो पेशाब का प्रेशर और ऊपर से राहुल कि मोटी उँगलियों का कहर , दिव्या सम्भाल ही नहीं पायी अपने अंदर उमड़ रहे ज्वालामुखी को और एक जोरदार गर्जन के साथ बाहर निकाल दिया , उसकी चूत के अंदर से पेशाब कि धार ऊँचे फुव्वारे कि तरह बह निकली और दिव्या अपना सर पटकते हुए जोर से चीखने लगी ...
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स मई तो गयी। ..........''
पुरे कमरे में सिर्फ उसकी चूत से निकल रही आवाज गूँज रही थी ..
सुर्र्र्र्र्र सरररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र sssssssssssssssssssssss सुर्र्र्र्र्र सरररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र ......
अपने ही पसीने , रस और पेशाब से भीगी दिव्या किसी रांड से कम नहीं लग रही थी .
सभी कि हवस से भरी नजरें उसके नंगे जिस्म को भेद रही थी...
इसी बीच थापा से सब्र नहीं हुआ और वो धीरे से खिसककर रिया के पास जा पहुंचा और राहुल कि तरफ देखा, जैसे वो उसकी बीबी को चोदने कि परमिशन मांग रहा हो, राहुल ने मुस्कुरा कर उन्हें आगे बढ़ने को कहा, बस फिर क्या था, थापा ने अपने पहाड़ी लंड को एक ही झटके में रिया के मुंह के अंदर घुसेड़ दिया और लगा उसके मुंह को किसी कुतिया कि तरह चोदने.
''अग्गग्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म उफ्फ्फ्फफ्फ़ अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह धीरे थापा। …।थ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। …।''
और दूसरी तरफ से बिल्लू भी धीरे से चलकर आगे आया और रिया कि टांगो को चौड़ा करके उन्हें फेला दिया और फिर खुद उनके बीच बैठकर वहाँ पर आयी हुई नमी को अपनी जीभ से पोछकर उसे सुखाने लगा.
रिया ने अपनी मोटी जांघे उसकी गर्दन से लपेट कर उसे अपना बंदी बना लिया , अब उसके अंदर खुजली सी हो रही थी, जिसे बिल्लू ने साफ़ महसूस किया, वो खुजली उसकी जीभ से मिटने वाली नहीं थी, इसलिए वो खड़ा हुआ और अपने मीडियम साईज के लंड को हमले के लिए तैयार करने लगा, और फिर उसने जैसे ही अपने सिपाही को रिया कि चूत के किले के अंदर धकेला, रिया ने थापा के लंड को बाहर उगल दिया और एक जोरदार चीख मारकर बिल्लू के लंड का स्वागत किया
''अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म। …। बीइलल्लूऊऊ उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म। …… चोद साले। ……अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''
अब पुरे कमरे में सिर्फ मनीष, हरिया काका और राजेश ही बचे थे जो बिना चुदाई के खड़े थे , हरिया काका तो पहले मजे ले ही चुके थे और अब अपने मालिक के सामने उनकी ही बीबी या माशूका को चोदने कि हिम्मत उनमे नहीं हो रही थी, वैसे मनीष मना तो न करता क्योंकि जहा इतने लोग उसकी बीबी के साथ मजे ले रहे हैं, एक हरिया काका भी मजे लेले तो क्या फर्क पड़ेगा, पर नौकर-मालिक के रिश्ते का लिहाज करते हुए हरिया काका अपनी तरफ से पहल नहीं करना चाहता था .
राजेश खिसक कर रिया कि बगल में जाकर खड़ा हो गया और अपने हाथों से उसके मुम्मों को मसलने लगा, रिया ने अपने दूसरे हाथ से उसके लंड को पकड़ा और मसलना शुरू कर दिया ..
मनीष का मन तो रिया को चोदने का कर रहा था पर वहाँ पहले से ही काफी भीड़ हो चुकी थी , वो बस अपनी बारी कि प्रतीक्षा करने लगा
दूसरी तरफ दिव्या जब अपने नशे से उभरी तो उसकी नजरों के सामने राहुल का लम्बा लंड लहरा रहा था, उसे पता था कि अब उसे क्या करना है, वो उठी और अपने होंठों को बड़ी ही अदा के साथ घुमा कर उसके लंड के ऊपर लायी और अपनी जीभ ऐसे घुमाई जैसे आइसक्रीम कोन के ऊपर कि मलायी चाट रही हो
और फिर उसे अपने मुंह के अंदर भरकर बाकी का माल भी चखने लगी, उसने जंगल में भी राहुल का लंड चूसा था पर उस समय हालात दूसरे थे
अब वो पुरे मजे के साथ सब कुछ करना चाहती थी...
अपने दिल कि हर इच्छा पूरी करना चाहती थी .
राहुल का तो बुरा हाल था, दिव्या जैसी सेक्सी लड़की उसके लंड को किसी रंडी कि तरह चूस रही थी, इतना तेज तो उसने जंगल में भी सक्क्क नहीं किया था.
राहुल सोफे के ऊपर लेट सा गया और दिव्या ने उसके मोटे लंड को पकड़कर अपने गले के अंदर तक डीप थ्रोट ट्रीटमेंट देना शुरू कर दिया
वो तो चुदाई के आलम में दीवानी सी होकर अपना सब कुछ राहुल के लंड पर न्योछावर करने के लिए तैयार बैठी थी
उसने राहुल के लंड को पूरा अंदर ठूस लिया, यहाँ तक कि उसकी बॉल्स को भी अपने मुंह के अंदर दाल लिया और चूसा, फिर धीरे से उसकी बॉल्स और लम्बे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया
राहुल तो उसकी ये कलाकारी देखकर उसकी सक्किंग कर कायल हो गया , उसके तो सारे पैसे वहीं के वहीँ वसूल हो गए .
उसने दिव्या को सीधा बेड पर लिटाया, और खुद उसके सामने पहुँच गया और फिर उसकी मखमली टांगो को उठाकर अपने लंड को अंदर धकेला
उसका लंड सुरसुराता हुआ चूत कि तंग गलियों को चीरता हुआ अंदर तक जा पहुंचा .
"अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
दूसरी तरफ दिव्या जब अपने नशे से उभरी तो उसकी नजरों के सामने राहुल का लम्बा लंड लहरा रहा था, उसे पता था कि अब उसे क्या करना है, वो उठी और अपने होंठों को बड़ी ही अदा के साथ घुमा कर उसके लंड के ऊपर लायी और अपनी जीभ ऐसे घुमाई जैसे आइसक्रीम कोन के ऊपर कि मलायी चाट रही हो
और फिर उसे अपने मुंह के अंदर भरकर बाकी का माल भी चखने लगी, उसने जंगल में भी राहुल का लंड चूसा था पर उस समय हालात दूसरे थे
अब वो पुरे मजे के साथ सब कुछ करना चाहती थी...
अपने दिल कि हर इच्छा पूरी करना चाहती थी .
राहुल का तो बुरा हाल था, दिव्या जैसी सेक्सी लड़की उसके लंड को किसी रंडी कि तरह चूस रही थी, इतना तेज तो उसने जंगल में भी सक्क्क नहीं किया था.
राहुल सोफे के ऊपर लेट सा गया और दिव्या ने उसके मोटे लंड को पकड़कर अपने गले के अंदर तक डीप थ्रोट ट्रीटमेंट देना शुरू कर दिया
वो तो चुदाई के आलम में दीवानी सी होकर अपना सब कुछ राहुल के लंड पर न्योछावर करने के लिए तैयार बैठी थी
उसने राहुल के लंड को पूरा अंदर ठूस लिया, यहाँ तक कि उसकी बॉल्स को भी अपने मुंह के अंदर दाल लिया और चूसा, फिर धीरे से उसकी बॉल्स और लम्बे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया
राहुल तो उसकी ये कलाकारी देखकर उसकी सक्किंग कर कायल हो गया , उसके तो सारे पैसे वहीं के वहीँ वसूल हो गए .
उसने दिव्या को सीधा बेड पर लिटाया, और खुद उसके सामने पहुँच गया और फिर उसकी मखमली टांगो को उठाकर अपने लंड को अंदर धकेला
उसका लंड सुरसुराता हुआ चूत कि तंग गलियों को चीरता हुआ अंदर तक जा पहुंचा .
"अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
दिव्या ने अपनी टाँगे राहुल कि कमर से लपेट दी और दिल खोलकर अपनी चुदाई का मजा लेने लगी
राहुल ने भी उसकी कमर पर हाथ रखकर उसकी रेल बना दी, ऐसे झटके दिए कि उसके पुरे शरीर से सागर के सामान लहरें उठने लगी
हर्षित भी काफी देर से दिव्या भाभी को चुदते हुए देखे जा रहा था, दिव्या कि नजरें भी रह रहकर उसकी तरफ ही जा रही थी, उसने इशारे से हर्षित को अपनी तरफ बुलाया, वो उसके पालतू कुत्ते कि तरह अपने लंड को लहराता हुआ उसके सर के पास जा पहुंचा, दिव्या ने अपना हाथ उठा कर उसके लंड पर रख दिया और उसे हिलाने लगी, हर्षित ने भी झुक कर उसकी दोनों जांघो को पकड़ा और उन्हें ऊपर अपनी तरफ खींचा, इस तरह से राहुल के सामने पड़ी हुई दिव्या कि चूत और भी ज्यादा खुल कर सामने आ गयी और अब दिव्या को राहुल का लंड थोडा और अंदर तक महसूस हो रहा था
दिव्या ने अपने सर के ऊपर हाथ करके हर्षित के लंड को पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी और राहुल कि आँखों में देखकर उसके लंड का भी पूरा मजा लेने लगी
सभी अपने - २ लंड के झड़ने का इन्तजार कर रहे थे
राहुल का झड़ने तो वाला था पर काफी देर तक एक ही एंगल में चोदते हुए वो थक चुका था , इसलिए वो बेड पर लेट गया और दिव्या को अपने ऊपर लिटा कर नीचे से उसकी चूत के अंदर अपनी मिसाईल फिट करके ऊपर कि तरफ झटके देने लगा
''उम्म्म्म्म्म्म्म्म अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह फक्क फक्क फक्क ओह्ह्ह्ह या फक्क्क्क मीईए उम्म्म्म स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ''
दिव्या तो ऐसे चीखे मार रही थी जैसे वो मनीष से चुदते हुए मारती थी, मनीष भी अपनी बीबी के रंडीपन को देखकर हैरान रह गया ..
राहुल ने अपने मुंह से दिव्या के मुम्मे दबोच लिए और जैसे ही उसके लंड ने चूत के अंदर पिचकारियाँ मारनी शुरू कि, उसके दांतो ने उसके पिंक निप्पलस को ऐसे तरोड़ा-मरोड़ा कि दिव्या कि दर्द भरी चीख पुरे कमरे में गूँज गयी। .
अयययययीईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ ………अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …… धीरे करो। ……अह्ह्ह्ह्ह … दर्द हो रा है। ……।''
और इसी के साथ राहुल का लंड भी फिसलकर दिव्या कि चूत से बाहर निकल आया ..
और पीछे -२ निकला ढेर सारा लंड का रस .
जिसने बिस्तर को और भी ज्यादा भिगो दिया ..
ये तो अभी शुरुवात थी, अभी और भी लंड अपना माल उगलने को तैयार थे ..
अब हर्षित आगे आ गया , दिव्या अपनी साँसे संभल ही रही थी कि हर्षित उसके ऊपर आकर लेट गया, दिव्या ने अपनी आँखे खोली और हर्षित ने उसे चूम लिया
दिव्या : "रुको न हर्षित, अभी थोडा आराम तो करने दो , एकदम से दोबारा नहीं होगा मुझसे , प्लीज दस मिनट रुक जाओ बस ....''
हर्षित ने उसके बालों को पकड़ा और उन्हें अपनी तरफ लेकर जोर से स्मूच किया और फिर बोला : "साली , तुझे आराम कि नहीं, चुदाई कि जरुरत है, नहीं तो हमारे पैसे कैसे वसूल होंगे , भेन चोद, चल पलट जा …''
दिव्या के साथ - २ मनीष भी हर्षित कि ऐसी बाते सुनकर हैरान था, कुछ देर पहले तक उसकी बीबी को जितने आदर के साथ सभी भाभी जी कहकर बुलाते थे, उसे अब किसी धंधेवाली कि तरह ट्रीट किया जा रहा था, और इसका जिम्मेदार वो खुद था, दिव्या ने उसकी तरफ देखा पर उसने सर झुका लिया, वो कुछ नहीं कर सकता था, अपनी बेबसी पर वो आज बहुत शर्मिंदा था.
हर्षित को भी इसी बात का गुस्सा था कि सबसे पहले दिव्या ने उसके साथ सेक्स क्यों नहीं किया, और अब वो इसी बात का गुस्सा उसपर निकाल रहा था.
दिव्या पलट कर बिस्तर पर उलटी लेट गयी, उसकी गांड उभर कर सामने आ गयी, जिसे देखकर सबकी आँखे चमक उठी.
मनीष समझ गया कि हर्षित के मन में क्या चल रहा है, वो उसकी गांड मारना चाहता था, वो गांड जिसे वो आजतक खुद भी नहीं मार सका था.
जैसे ही हर्षित ने अपनी ऊँगली उसकी गांड के अंदर घुसाई, दिव्या एक जोरदार चीख के साथ उछल पड़ी
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नूऊऊऊऊऊओ वहा नहीईईईइ ''
मनीष बोला : "हर्षित, ये क्या कर रहे हो, वहा से तो दिव्या ने आज तक मुझसे भी नहीं करवाया, तुम कैसे कर सकते हो और वैसे भी बात सिर्फ आगे से करने कि हुई थी उसी के बदले तुम लोग पैसे दे रहे हो ''
हर्षित भी तैश में आ गया : "अरे छोड़ ये सब, जब बात हुई थी तो मजे लेने कि, आगे से या पीछे से लेने कि नहीं, और रही बात दिव्या के करने कि तो एक न एक दिन तो उसकी गांड फटनी ही है, आज ही क्यों नहीं, इतने सारे देवर जो है उसकी मदद करने के लिए, तुझ अकेले से तो ये काम वैसे भी नहीं होगा हा हा ''
मनीष खून का घूँट पीकर रह गया
हर्षित आगे बोला : "बाकी रही बात तेरी, तो तू ऐसा कर, इसकी गांड कि कीमत अलग से ले ले, ताकि तेरे दिल में भी मलाल न रहे , बोल कितना दाम लगाता है अपनी बीबी कि कुंवारी गांड का''
उसने अपना पंजा जोर से उसकी गोरी चिट्टी गांड के ऊपर मारा और सभी ने अपनी नजरें दिव्या कि चिकनी गांड पर रख दी
उसकी चिकनाहट देखकर सभी का दिल मचल उठा
मनीष ने हकलाते हुए कहा : "तुम सभी बोली लगाओ, जिसकी ज्यादा होगी, वही सील तोड़ेगा इसकी गांड कि ''
उसकी बात सुनकर दिव्या तो हैरान रह गयी, अपनी बीबी को अपने दोस्तों के हाथो बेचने के बाद अब उसकी गांड कि भी बोली लगा रहा था मनीष, कितना नीच इंसान है ये ..
फिर क्या था, सभी उसकी बोली लगाने लगे ..
हर्षित बोला : "दस हजार"
बिल्लू : "बीस हजार"
राजेश : "पच्चीस हजार "
थापा भी बोल पड़ा : "तीस हजार ''
राहुल बोला : "पचास हजार ''
एक पल के लिए वहाँ सन्नाटा सा छा गया, तभी पीछे से आवाज आयी : "साठ हजार "
सबने नजर घुमा कर वहाँ देखा , वो हरिया काका थे.
सभी हैरानी से उन्हें देखने लगे, जैसे पूछ रहे हो कि बुड्ढे तेरे पास इतने पैसे कहाँ से आये.
हरिया उनकी नजरों कि भाषा समझ गया और बोला : " वो, वो .... मैंने बचा कर रखे थे सालो से ''
उसकी बात सुनकर सभी का तो पता नहीं पर दिव्या कि आँखे जरुर भर आयी, उसकी गांड कि सील तोड़ने के लिए हरिया काका अपनी जिंदगी भर कि पूँजी लूटाने को तैयार थे, वो गदगद हो उठी हरिया काका के प्यार को महसूस करके.
पर तभी हर्षित फिर से बोल पड़ा : "अस्सी हजार ''
राहुल : "नब्बे हजार ''
और कोई अब बोली नहीं लगा रहा था, क्योंकि किसी के पास अब इतने पैसे बचे ही नहीं थे.
हर्षित : "एक लाख ''
अब राहुल भी सोचने लगा, कि सिर्फ पहली बार चोदने के लिए वो क्यों एक लाख रूपए बर्बाद करे, एक बार उसकी गांड कि सील टूट गयी फिर तो वो मुफ्त में भी मार सकता है , ये सोचकर उसने आगे बोली नहीं बड़ाई और इस तरह से हर्षित वो बाजी जीत गया.
मनीष ने हर्षित कि तरफ देखा और उसने अपनी जेब से हजार के नोट कि गड्डी निकाल कर उसकी तरफ बड़ा दी, मनीष तो बहुत खुश हुआ पर दिव्या कि जान पर बन आयी.
उसे हर्षित पसंद था पर ऐसा कोई भी इंसान नहीं जो उसकी गांड पर नजर रखता हो, उसकी कई बार मनीष से भी लड़ाई हो चुकी थी इस बात पर.
लेकिन अब तो उसकी गांड कि कीमत भी लग चुकी थी, हर्षित ने पेमेंट भी कर दी थी , वो मना करना चाहती थी पर उसे पता था कि वहाँ उसकी एक नहीं चलेगी.
हर्षित ने अपनी ऊँगली पर थोड़ी सी थूक लगायी और फिर से अपनी ऊँगली उसकी गांड के अंदर डाल दी , इस बात उसने तकिया अपने मुंह के अंदर फंसा कर अपनी चीख रोकी, थोड़ी देर तक उँगलियाँ अंदर घुमाने के बाद उसने एक और ऊँगली अंदर डाली, और थोड़ी देर बाद एक और, इस तरह से हर्षित कि चार उँगलियाँ उसकी गांड के अंदर चली गयी, और लगभग इतनी ही मोटाई थी उसके लंड कि , उसने सोचा कि अब सही मौका है, उसने अपने लंड के ऊपर ज्यादा थूक लगायी और उसे अंदर जाने के लिए तैयार किया, दिव्या कि कमर पकड़कर उसने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांड के छेद पर अपना लंड रखकर धीरे से धक्का दिया
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अयययययीईईईईईईईई ''
सभी का ध्यान उसी तरफ था, गांड फटने का लाइव शो चल रहा था , बिल्लू ने तो अपना मोबाइल कैमरा भी चालू कर दिया था, वो सब रिकॉर्ड कर रहा था.
दिव्या कि आँखों में आंसू आ गए, उसने तकिये को पूरी तरह से अपने मुंह में चबा कर पीस डाला
हर्षित ने एक और धक्का मारा , फिर एक और, फिर एक और....
और धीरे-२ करते हुए उसने अपना पूरा गुलगुले उसकी गांड के छेद के पार पंहुचा दिया..
अब तक दिव्या का दर्द भी कम होने लगा था, और उसकी चूत कि तरफ से आ रही तरंगे उसे अपनी गांड पर महसूस हो रही थी , उसे भी मजा आने लगा था, पर दर्द अभी भी हो रहा था उसे.
और फिर हर्षित ने उसकी कमर के दोनों तरफ हाथ रखकर उसकी गांड जोर से मारनी शुरू कर दी..
दिव्या फिर से दर्द और मजे से मिली जुली आवाजों में चीखने लगी ...
''अह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह उम्म्म्म अह्ह्हह्ह येस्स्स्स अह्ह्हह्ह धीरे आआअह्हह्हह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म येस्स्स्स ओह्ह्हह्ह्ह्ह य़ाआआ उम्म्म्म्म्म्म्म ''
दिव्या कि कामुक आवाजों ने तो पुरे कमरे का माहोल बना दिया.
रिया भी कुलबुलाने लगी , उसने अपने पुराने आशिक़ मनीष को देखा , उसने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए, वैसे भी मनीष अपनी बीबी कि गांड फटते हुए देखकर काफी उत्तेजित हो चूका था, क्योंकि उसका भी तो रास्ता अब खुल गया था.
वो नंगा होकर रिया के पास आया और उसकी टांगो को मोड़कर ऊपर कर दिया और अपना लंड एक ही झटके में अंदर पेल दिया, और धीरे-२ धक्के मारने लगा.
दोनों एक दूसरे को चूम भी रहे थे.
मनीष ने नजर घुमा कर अपनी बीबी कि तरफ देखा जो उसी तरफ देख रही थी, अपने पति को किसी और कि चूत मारते हुए.
दोनों कि नजरें मिली और फिर दोनों ही मुस्कुरा दिए और फिर अपनी-२ चुदाई में लग गए..
हर्षित को ऐसी फीलिंग आज तक नहीं मिली थी, वैसे तो उसने आज तक किसी कि गांड नहीं मारी थी, आज मारने को मिली वो भी कुंवारी, उसके लंड का बुरा हाल था, ऐसा लग रहा था कि उसके चारों तरफ कोई फंदा बना कर उसे बंदी बना लिया गया है, पर उसे मजा भी बहुत आ रहा था..
वो हर एंगल से उसकी गांड के मजे लेना चाहता था, आखिर उसने एक लाख रूपए जो खर्च किये थे.
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