Sunday, March 8, 2015

Fentency पिंकी और रिंकी-5

Fentency

 पिंकी और रिंकी-5
 उस दिन मैं घर कह कर आया था दोस्त की शादी में दिल्ली जा रहा हूँ सात दिन के लिए इसलिए अब सात दिन मैं वहीं रहने वाला था।
पहले हमने बैठ कर खाना खाया और फिर मैं कमरे में आ गया। कमरे में खुशबू आ रही थी। तभी कमरे की बत्ती बंद हो गई, मेरे आँखों पर हेमा ने पट्टी बाँध दी। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे हाथ पलंग से बांध दिए।
क्या बताऊँ, ऐसे महसूस हो रहा था कि कोई लण्ड को हाथ लगा दे तो अभी माल निकल जाये। वो भी शायद नंगी थी, उसके बदन पर कपड़ों का एहसास नहीं हो रहा था।
उसने पहले मेरे होंठ चूसे, फिर छाती, फिर नीचे आई, लण्ड चूसने लगी, तो कभी गोलियाँ। उसने मेरी टांगें उठा दी और गाण्ड पर जीभ लगा दी और चाटने लगी। उसमें तो और भी मजा आ रहा था, गाण्ड चाट रही थी और लण्ड हाथ से हिला रही थी।
दोस्तो, अगर तुम्हारी दोस्त, गर्लफ्रेंड, आंटी कोई भी हो, उससे गाण्ड चटवा कर देखना, कितना मजा आता है।
मुझे लगा मेरा निकलने वाला है, मैंने हेमा से कहा- आई एम् कम्मिंग।
उसने झट से लण्ड मुँह में ले लिया और उसका मुँह माल से भर गया। मैं जोर जोर से साँस लेने लगा और वो भी मेरे बगल में लेट गई। उसके बाद मैंने उसको खूब जी भर के चोदा। और फिर मैंने उसे आगे की सारी योजना बता दी। योजना के हिसाब से मैं हेमा का दूर का रिश्तेदार यानि कजन ब्रदर बना था।
सुबह हेमा सुमीत को छोड़ने के बाद आरती को घर पर ले आई, उसने पहले ही बता दिया था कि घर पर मेरा कोई रिश्तेदार है, वो कुछ दिन यहीं रहेगा।
यह भी कहा कि वो मेरा कज़न कम दोस्त ज्यादा है।
योजना के हिसाब से मैं अभी सो रहा था, हेमा ने आरती से कहा कि मुझे जगा दे। वो मुझे जगाने आई पर देखती रह गई... क्योंकि मैं बिना कपड़ों के था, आधा लण्ड खड़ा हुआ था। वैसे तो मैं जाग ही रहा था। वो थोड़ा पास आई पर पास आते ही उसके पैर सिकुड़ गए क्योंकि वो झर गई थी। नीले रंग की जींस चूत वाली जगह पर गीली हो गई थी। वो भाग कर कमरे में गई, कपड़े बदले और बाहर आई। मैं उस समय बाहर सोफे पर बैठ गया था। वो मुझे तिरछी नजर से देखती जा रही थी।
मैंने उसे देखते हुए पूछा- जी, आप कौन?
हेमा तभी वहाँ आई और कहा- यह मेरे साथ काम करने वाले पुलिसकर्मी की बहन है, वो कहीं बाहर गया हुआ है तो मैं इसे अपने साथ ले आई, अकेले डर लगेगा।
मैंने भी कहा- मेरे होते हुए डरने की कोई बात नहीं।
फिर हम शाम को मिले। मैं सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था और आरती हेमा से बात कर रही थी।
आरती ने कहा- हेमा दी, एक बात कहूँ?
हेमा- हाँ बोलो।
आरती- जी वो आपके जो मेहमान है वो रोज ऐसे ही सोते हैं?
हेमा- अच्छा तो लगता है तुमने उसको...
आरती ने बीच में ही बोल दिया- हाँ... आते ही देख लिया और मैं भाग कर बाहर आ गई।
हेमा- हाँ वो रोज ऐसे ही सोता है। कई बार मैंने भी देखा है... सोते समय वो बिना कपड़ों के ही सोता है... नहीं तो कम्फरटेबल फ़ील नहीं करता।
आरती- कहीं आप तो ऐसी नहीं सोती?
हेमा- नहीं रे ! तू क्यों घबरा रही है? वैसे आरती, क्या तूने पहली बार देखा है?
आरती- हाँ तभी तो डर गई।
हेमा ने पूछा- कैसा था? मतलब कैसा लगा? साइज़ क्या था उस वक्त?
आरती ने शरमाते हुए कहा- जी कोई 3-4 इंच का होगा।
हेमा- अच्छा लगा था?
आरती- क्या दी, आप भी कैसे बात कर रही हैं?
हेमा- अरे मैं तो तेरे लिए ही कह रही हूँ...
आरती- मेरे लिए? पर क्या?
हेमा- अरे झल्ली, तेरे मजे के लिए... रात को वो घोड़े बेच कर सोता है, चलम तुझे आज पास से दिखाऊँगी।
फिर हमने रात का खाना खाया और सोने चले गए। मैं जग रहा था। हेमा ने नाईट ड्रेस और ब्रा-पैंटी पहनी थी और आरती ने नाईट ड्रेस और पैंटी पहनी थी। उसके चूचे छोटे थे। वो मेरे कमरे में आई। मैं सीधा लेटा हुआ था जिससे लण्ड साफ़ साफ़ दिख सके और हाथ में दूसरी तरफ एक पोर्न मेग्जिन थी।
आरती ने देखा तो थोड़ी शर्मा गई। आरती ने कहा- दी, कही जाग तो नहीं जायेंगे?
हेमा ने कहा- इसको भी तो मजे चाहिएँ, देख कैसे पोर्न मेग्जिन दख रहा है। चल जगा देते हैं फिर तीनों मजे करेंगे।
आरती ने कहा- नहीं दी, ऐसे ही सही है।
हेमा आरती का हाथ पकड़ के मेरे पास ले आई। दोनों मेरे पास बैठ गई औरलण्ड को निहारने लगी। हेमा ने पहले हाथ आगे बढ़ाया और लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। फिर उसने आरती का हाथ पकड़ा और मेरा लण्ड पकड़ा दिया।
आरती ने झिझकते हुए लण्ड पकड़ा और हिलाने लगी। फिर हेमा ने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।कुछ ही देर में हेमा ने आरती को लण्ड चूसने का इशारा किया, आरती ने पहले मना किया पर ज्यादा जोर देने पर चूसने लगी। चूसने से ऐसा लगा जैसे कई बार लण्ड चूस चुकी हो। उसके चूसने ने कमाल दिखाया और मेरा लण्ड खड़ा हो गया। आरती मेरा लण्ड चूस रही थी और हेमा एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी, दूसरे से आरती की चूची दबा रही थी। अब हेमा ने आरती को रोका और उसकी नाइटी उतार दी और अपनी भी। हेमा तो पूरी नंगी हो गई। थोड़ी देर में उसने आरती को भी नंगा कर दिया।
अब आरती बिस्तर पर बैठ गई और लण्ड चूसने लगी। हेमा ने मेरा हाथ पकड़ा और चूत पे ले जाकर घिसने लगी। तभी मैंने आँखें खोल ली और हेमा को आँख मारी, हेमा तो मजे लेती रही पर आरती फिर भी चूसती रही। उसे मालूम नहीं चला था कि मैं जाग गया हूँ।
मैंने कहा- अरे, यह तुम दोनों क्या कर रही हो?
तभी उसकी नजर मेरे ऊपर गई। मैं उसके नंगे बदन को देख रहा था। यह देखते ही आरती दूर हट कर जमीन पर बैठ गई पर हेमा मेरे ऊपर चढ़ गई और धक्के लगाने लगी। 15 मिनट तक हमारा खेल चलता रहा और फिर दोनों एक साथ झर गए।
हमने आरती की तरफ देखा, वो हमें आँखें फाड़े देखे जा रही थी। हेमा आरती के पास गई और उसके सर पर हाथ रख के सहलाने लगी- क्या हुआ आरती?
आरती- जी, ये आपके कजन हैं न ! फिर आपने इनके साथ यह क्या कर रही हो?
हेमा- अरी पगली, जब यहाँ आग लगती है न, तब पता नहीं चलता कि आगे कौन खड़ा है और किसका खड़ा है।
यह बात उसने आरती की चूत पर हाथ रखते हुए कही और उसकी चूत सहलाने लगी। आरती धीर धीरे सिसकारियाँ लेने लगी। कुछ देर बाद हेमा ने उसे उठाया, चूत सहलाते हुए और बिस्तर पर लाने लगी।
आरती सिसकारियाँ भी ले रही थी और मना भी कर रही थी- वहाँ मत ले जाओ, आपका कजन मुझे भी चोद देगा।
हेमा उसे बिस्तर पर ले आई और लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगी।
मैं भी मौका देख कर उसकी चूची चूसने लगा। फ़िर मैं उसकी चूत चूसने लगा। फिर मैंने उसको अपना लण्ड चूसने को कहा पर वो मना करने लगी।
हेमा ने कहा- चलो कोई बात नहीं, जबरदस्ती नहीं, मैं चूस देती हूँ लाओ।
मैं आरती की चूत चूस रहा था और हेमा मेरा लण्ड। जब मैं तैयार हुआ और आरती की चूत पर लण्ड रगड़ने लगा तो आरती कहने लगी- थोड़ा आराम से, अभी मैं कुंवारी हूँ।
मैंने हाँ में सर हिलाया। हेमा ने मौका देख एक कैमरा रख दिया और जाकर कुर्सी पर बैठ कर देखने लगी।
मैंने आरती की टांगें फैलाई और एक धक्का दिया और टोपा से आगे तक अन्दर चला गया।
वो चिल्लाने लगी पर मैंने न सुनते हुए एक और धक्का दिया और आधे से ज्यादा अन्दर, थोड़ा ही बाहर था। वो अपने हाथ पैर पटकने लगी।
हेमा ने कहा- थोड़ा आराम से, बेचारी का पहली बार है।
मैं थोड़ा रुक गया और उसकी चूची चूसने लगा। उसे दस मिनट बाद आराम मिला तो वो गाण्ड उठा उठा कर मजे लेने लगी। मैंने भी पूरा लण्ड दे दिया पर इस बार वो चिल्लाई नहीं बस थोड़ा सा उई किया।
वो और मैं पूरे मजे ले रहे थे, तभी मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में से निकाल लिया, वो तड़प उठी और कहने लगी- रुक क्यों गए? और करो ना !
मैंने उसे कहा- पहले इसे अपने मुँह का स्वाद दो।
उसने मुँह बना कर कहा- यहाँ आओ।
मैं उसकी छाती के पास गया और अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और चूत की तरह मुँह को चोदने लगा।
फिर मैंने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा। वो बन गई, मैंने एक ही झटके में उसकी चूत में लण्ड पेल दिया और चोदने लगा।
फिर थोड़ी देर में उसे मैंने ऊपर किया और वो उछल-उछल कर चुदने लगी। फिर मैं जब झड़ने वाला हुआ तो उसे लिटा दिया और उसके ऊपर सारा माल छोड़ दिया।
फिर कुछ देर हम यों ही लेटे रहे, फिर मैंने उसके मुँह में लण्ड दे दिया। फिर उसे चोदने की तैयारी करने लगा।
मैंने उसे तीन बार चोदा और दो घंटे की वीडियो बनाई। पर विडियो उसे बदनाम करने के लिए नहीं बनाईं थी। बल्कि इसलिए कि उसका भाई हेमा का पीछा छोड़ दे।
सात दिन तक हम ऐसे ही मौज करते रहे। फिर उसका भाई आ गया।
हेमा ने सुमीत को वो वीडियो दिखाई, पहले वो आगबबूला हुआ पर डर के मारे कुछ नहीं कहा और हेमा का पीछा भी छोड़ दिया।
इस तरह हेमा का बदला पूरा हुआ। हेमा ने मुझसे कहा- कोई भी, किसी चीज की जरुरत हो तो बता देना, किसी को अन्दर करना हो या...मेरे में अन्दर-बाहर करना हो तो भी।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी।


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