Sunday, March 8, 2015

Fentency पिंकी और रिंकी-1

Fentency

 पिंकी और रिंकी-1
 
  हमारे घर में किरायेदार रहते हैं। दो लड़कियाँ
राजस्थान से आई थी यहाँ पढ़ाई करने, दोनों बहनें थी। छोटी का नाम पिंकी और
बड़ी का नाम रिंकी। दोनों एकदम मस्त। पिंकी 23 की होगी और रिंकी 24 की।
पिंकी का फिगर 30-24-34 और रिंकी का 30-28-38। पिंकी ज्यादा मस्त लगती
थी। मोर्डन टाइप की थी दोनों, कसी हुई जींस और टॉप ही पहनती थी। रात को
सोते समय एक ढीला निक्कर जो जांघों तक ही रहता था और गहरे गले की
टी-शर्ट।
सुबह जब घर में बगीचे में टहलती थी तब मैं भी उन्हें देखने के लिए चला
जाता, कई बार बात भी हो जाती थी जिससे पता चला कि दोनों बहनें एक दूसरी
से खुली हैं।
एक महीना हो गया था उनको हमारे यहाँ रहते हुए तो मेरे घर वालों ने कहा कि
जाकर किराया ले आ।
शाम का समय था, मैं भी चला गया। एक छोटा सा ड्राइंगरूम, एक बेडरूम, रसोई
और एक बाथरूम था। मैं चला गया, दरवाजा खुला हुआ था। मैं बिना दरवाज़ा
खटखटाए अंदर चला गया।
बेडरूम से आवाज आ रही थी, मैंने जाकर देखा तो हैरान रह गया। पिंकी रिंकी
की गोद में बैठी हुई थी, रिंकी ने टॉप नहीं पहना था और रिंकी पिंकी का
टॉप ऊपर करके उसकी चूची दबा रही थी और गले पर चूम रही थी, टीवी पर
लेस्बियन वाली फिल्म चल रही थी, मेज़ पर बीयर रखी हुई थी।
पिंकी की चूची क्या मस्त लग रही थी, मन कर रहा था कि अभी जाकर चूस लूँ।
रिंकी की भी ठीक थी पर थोड़ी लटकी हुई थी।
मैं अपना लण्ड सहला ही रहा था उनको देख कर कि रिंकी की नजर मेरे ऊपर पड़
गई। मैं डर गया और बिना कुछ बोले जाने लगा और वो भी खुद को सँभालने लगी।
मैं वहाँ से चला आया।
उसके बाद मैं उनको कुछ दिनों तक दिखाई नहीं दिया।
एक दिन मैं वहीं बगीचे में बैठा हुआ था तो दोनों बहनें आई, मेरे पास बैठ
गई। मैं उन दोनों को देख कर डर गया कि कही कुछ बोलें या डांटेंगी।
आखिरकार दोनों तो मेरे से बड़ी थी।
वो दोनों मेरे सामने घास पर बैठी हुई थी। वही पहना हुआ था एक निक्कर
जांघों तक और एक छोटा सा टॉप।रिंकी बोली- और क्या हाल है? क्या चल रहा
है?
मैंने थोड़ा डरते हुए कहा- ठीक है !
और जाने को हुआ तो पिंकी ने मेरा हाथ पकड़ के रोक लिया और कहा- रुको तो
सही ! हम बात करने आई हैं और तुम जा रहे हो।
उनकी गोरी गोरी जांघें देख कर मेरा लण्ड भी खड़ा हुआ पड़ा था थोड़ा सा,
लड़कियाँ चालू तो थी ही। रिंकी की नजर मेरे खड़े हुए लण्ड पर पड़ गई।
उसने पिंकी से कहा- लड़का जवान हो गया है।
मैंने कहा- कैसे क्या हुआ? मुझ कुछ समझ में नहीं आया।
तभी रिंकी ने मेरे लण्ड को हल्का सा छुआ और कहा- यह जो हमें देख कर ऐसा हो रहा है।
मैं शरमा गया।
पिंकी ने कहा- कोई बात नहीं, जवानी में ऐसा होता है।
मुझ कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूँ, मैंने उनसे पूछ ही
लिया- तुम दोनों एक दूसरी से इतनी खुली कैसे हो? और मेरे से भी ऐसी बात
करने लगी?
तो पिंकी ने कहा- चलो तुम्हें अब बता ही देते हैं कि हम ऐसी क्यों हैं।
पिंकी बोलती रही- मैं और रिंकी जब छोटी थी तो मम्मी-पापा रात को कुछ करते
थे, हमें समझ में नहीं आता था, आवाजें आती थी। एक रात हमने देखा तो क्या
देखा कि पापा मम्मी को चोद रह थे। हमें उस समय मालूम भी नहीं था कि वो
क्या कर रहे हैं। स्कूल में सहेलियों से पूछा तो पता चला कि उसे चोदना
कहते हैं। हमें देख कर मजा भी आता। ऐसे ही वक्त गुजरता गया।
एक हमारा भाई था वो हमसे बड़ा था तीन साल। एक बार हमारी स्कूल से जल्दी
छुट्टी हो गई। हम आईं तो दरवाजा खुला हुआ था। हम अन्दर गई तो सारे कमरे
बंद थे, भाई का कमरा थोड़ा खुला हुआ था। हमने चुपके से देखा तो भाई पूरा
नंगा शीशे के सामने खड़ा था,उसका गोरा बदन हमरे सामने था, वह अपने लण्ड पर
तेल लगा रहा था, उसके गोरे चूतड़ हमें दिख रहे थे। तेल लगाने के बाद वो
बिस्तर पर लेट गया और लण्ड सहलाने लगा। उसका छह इंच का लण्ड हमने पहली
बार देखा था। वैसे तो पापा का देखा था पर उस वक्त वो चूत के अंदर-बाहर हो
रहा था।
तो भाई लण्ड सहला रहा था और पिंकी का नाम ले रहा रहा था। पिंकी छोटी है
पर रिंकी से ज्यादा सेक्सी है।
भाई बोल रहा था- मेरे सारे दोस्त तेरे को चोदना चाहते हैं पिंकी ! क्या
मस्त गाण्ड और चूची है तेरी ! एक बार दिखा दे बस, देख कर ही मुठ मार
लूँगा। रिंकी तू भी कम नहीं ! बस तेरी चूचियाँ छोटी हैं !
कुछ देर में भाई का माल निकल आया और हम अपने कमरे में आ गए।
रात को नींद हमारी आँखों से गायब थी।
रिंकी ने मुझसे कहा- क्या हम सेक्सी हैं जो हमें हमारा भाई और उसके दोस्त
चोदना चाहते हैं?
मैंने कहा- अरे वो तो यह भी कह रहा था कि अपना नंगा बदन दिखा दूँ तो देख
कर ही मुठ मार लेगा।
रिंकी ने कहा- नींद नहीं आ रही ! अच्छा ऐसा क्या है हमारे पास जिससे हम सेक्सी हैं?
और रिंकी उठ गई, कहा- वो तो हमें कपड़े उतारने के बाद ही पता चलेगा।
मैंने कहा- क्या दीदी, हम एक-दूसरी के सामने नंगी होंगी?
रिंकी ने कहा- तो क्या हुआ? हम दोनों लड़कियाँ हैं और दोनों बहनें भी हैं
तो दिक्कत क्या है?
रिंकी ने अपना टॉप उतार दिया। उसके संतरे बाहर आ गए। फिर रिंकी ने मेरा
का टॉप उतार दिया तो मेरे मम्मे भी बाहर आ गए। मेरे मम्मे रिंकी के
मम्मों से बड़े थे। फिर रिंकी ने अपनी निक्कर उतार दी और फिर मेरी। रिंकी
की चूत थोड़े बाल थे पर मेरी चूत के आसपास तो सिर्फ़ रोंएँ से थे, हम
दोनों एक दूसरे के सामने नंगी थी।
रिंकी ने मेरे मम्मों को छुआ तो मेरी सिसकारी सी निकल गई। रिंकी ने मेरा
हाथ पकड़ा और अपनी चूची दबाने को कहा। धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरी की
चूचियाँ दबाने लगी और एक दूसरी को चूमने लगी। रिंकी अपना हाथ मेरी चूत पर
ले आई तो मैं सिहर गई और रिंकी से अलग हो गई। फिर रिंकी ने कैसे भी मुझे
मनाया और मेरी चूत को सहलाने लगी। मैंने भी अपना हाथ रिंकी की चूत पर रख
दिया और सहलाने लगी। कुछ देर में रिंकी मेरी चूचियाँ चूसने लगी, फिर
मैंने रिंकी के साथ भी ऐसा ही किया।कुछ देर हम दोनों ने एक-दूसरी की चूत
चाटी और फिर दोनों ने अपना अपना पानी निकाल लिया। हम दोनों को उस दिन
बहुत मजा आया।


अब रिंकी की जुबानी :
इस तरह हम दोनों बहनें रात को मजे करती थी, एक-दूसरी को मसलती-चूमती, चूत
में उंगली करती। मगर इस बीच हमें यह पता नहीं था कि कोई हमें देख रहा है।
वो और कोई नहीं हमारा बड़ा भाई महेश। वो रोज दरवाजे के छेद से देखता था
कि उसकी छोटी बहनें क्या कर रही हैं और वो हमें देख कर मुठ मारता।
एक दिन हमने कमरा बंद नहीं किया और सोचा कि देखें हमारा भाई क्या करता
है। हम दोनों सोने का नाटक करने लगी।
महेश ने पहले देखा कि क्या हो रहा है, जब उसने देखा कि दरवाजा खुला हुआ
है तो वो दरवाजा खोल कर अंदर आ गया। पहले उसने हमारे नाम लेकर दोनों को
धीरे से आवाज लगाई, यह देखने के लिए कि दोनों सो रही है या नहीं।
उसे जब पूरा यकीन हो गया कि हम दोनों सो रही है तो वो पिंकी के पास गया।
हम दोनों ने और दिनों की तरह एक निक्कर और एक छोटा सा टॉप पहना हुआ था,
अंदर ब्रा-पैंटी नहीं पहनी थी। पिंकी सांस ले रही थी तो उसकी चूची उठ रही
थी। महेश ने धीरे से पिंकी के गालों पर हाथ लगाया और सहलाया। पिंकी की
तरफ़ से कुछ हरकत न होने पर महेश पिंकी के होंठ फिर चूचों पर आया धीरे से
दबाया। धीरे धीरे वो हम दोनों चूचियाँ दबाने लगा। उसने भी एक निक्कर पहनी
हुई थी। उसने अपना लण्ड निकाल लिया और कभी उसकी चूचियाँ दबाता तो कभी
अपना लण्ड सहलाता। बीच बीच में देखता भी रहा कि कही मैं या पिंकी जाग ना
जाएँ पर उसे क्या मालूम था कि हम दोनों ही जाग रही हैं और सोने का नाटक
कर रही हैं।
फिर उसने पिंकी की टॉप ऊपर कर दी और उसकी चूचियाँ दबाने लगा, अपना लण्ड
जोर जोर से हिलाने लगा। फिर वो उसकी चूची चूसने लगा। फिर वो बिस्तर पर आ
गया और लण्ड हिलाने लगा और थोड़ी ही देर में पिंकी के पेट पर अपना पानी
निकाल दिया। फ़िर कपड़े से साफ़ करके उसका टॉप नीचे करके कमरा बंद करके चला
गया।
उस दिन पिंकी का पहला अनुभव था जिसे मैं भी महसूस करना चाहती थी इसलिए
पिंकी जींस और फुल टी-शर्ट ब्रा-पैंटी सारा कुछ पहन कर लेटी और मैं
जानबूझ कर बिना ब्रा-पैंटी के एक छोटा स्कर्ट और शर्ट पहन कर लेटी। उस
दिन भी हमने कमरा खुला छोड़ दिया तकि महेश अंदर आ सके।
वही हुआ जिसका हम दोनों को इन्तजार था, दोनों जाग रही थी। पिंकी ने पूरे
कपड़े पहने हुए थे और मैंने दिखाने के लिए एक घुटना मोड़ लिया ताकि महेश
मुझे बिना पैंटी के देख सके औए मुझसे मजे ले सके। साथ ही मैंने कमीज के
दो बटन भी खोल के रखे थे जिससे मेरी चूचियों का थोड़ा भाग दिख रहा था।
महेश सीधे मेरे पास आया और पिछले दिन की तरह आवाज लगा कर देखा, फिर मेरी
जांघों को सहलाने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरे कमीज के सारे बटन खोल दिए।
मेरे दोनो कबूतर आजाद हो गए महेश उन्हें दबाने लगा,
फिर कुछ देर बाद मेरे चुचूकों को चूसने लगा। फिर उसने अपना लण्ड निकाला
और मेरे हाथ में पकड़ा कर खुद हिलने लगा।
मैंने लण्ड पहली बार हाथ में लिया था तो मैं थोड़ा डर सी गई। फिर महेश ने
मेरी स्कर्ट खोल कर घुटनों तक सरका दी। मेरी नंगी चूत देख कर उसका लण्ड
और भी कड़क हो गया जो पहले ही मेरे हाथ में था। उसने मेरी टांगों को थोड़ा
सा खोला और चूत पर हल्का सा चुम्बन किया, फिर हाथ से सहलाने लगा।
मैं भी गर्म होने लगी थी। अब वो पूरा बिस्तर पर आ गया और अपना लण्ड मेरी
चूत पर रगड़ने लगा। रगड़ रगड़ कर उसने चूत लाल कर दी और मैं चाह कर भी
कुछ नहीं कर पा रही थी।
फिर थोड़ी देर में वो मेरी चूत के ऊपर ही झर गया और अपना लण्ड मेरी स्कर्ट
से साफ़ करके मुझे वैसा ही छोड़ गया। जाते जाते महेश पिंकी के गालों पर
चुम्बन किया और हल्के से चूची दबा गया।
मैं कुछ देर बाद उठी अपने को साफ़ किया, पिंकी भी उठी, कमरा बंद किया और
हम दोनों एक साथ बैठ गई।
मैंने कहा- यार, मजा तो आया पर आधे मजे में छोड़ कर चला गया खुद का निकाल कर !
फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपट गई और दोनों ने एक दूसरे की चूत में उंगली
की और सो गई।








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