Sunday, January 25, 2015

Fentency सीमा की मस्त चुदाई और मेरी आफत

Fentency

सीमा की मस्त चुदाई और मेरी आफत

दोस्तों, आप लोग कैसे है?मेरा नाम समीर है और मैने आपके साथ अपने कुछ सेक्स वृतांत बांटे है | आज, मै आप के साथ कुछ मजेदार और बहुत ही कामुक वृतांत बंटाना चाहता हु | मेरे दोस्त आनंद की गर्लफ्रेंड सीमा की बर्थडे पार्टी थी | आनंद ने मुझे भी चलने की जिद की, तो मै भी उसके साथ चला गया | सीमा के साथ, मै कई बार घुमा था और हम तीनो कई बार बाहर भी गये थे | आनंद मेरे अंकल का बेटा था | आनंद के पापा और मेरे पापा, बिज़नस मे साझीदार हुआ करते थे | जब दोनों के परिवार बढने लगे और खर्चे बढने लगे, तो दोनों के बीच मे खर्चो को लेकर दिवार बनाने लगी और मेरे पापा और उसके पापा ने अपनी दोस्ती को बरक़रार रखते हुए, बिज़नस को अलग कर लिया | अब हम दोनों परिवार सिर्फ दोस्त थे | हम दोनों की काफी पटती थी और हम दोनों खाना भी साथ ही खाते थे | सब कुछ काफी अच्छा चल रहा था | मुझ मे और आनंद मे, एक बात अलग थी | आनंद लड़कीबाजी मे रहता था और मुझे लड़कियों मे कोई दिलचस्पी नहीं थी | लेकिन, फिर भी हम दोनों के दिल मिले हुए थे |

सीमा की बर्थडे पार्टी मे, मुझे मालूम था, कि मै बोर होने वाला हु, लेकिन आनद के खातिर जाना पड़ा | फिर, वही हुआ, जो होने था; आनंद तो लग गया सीमा के साथ और मै बोर होते हुए समय काट रहा था | हालाकि, सीमा ने मुझे देखकर अपनी एक अच्छी सहेली को मेरे साथ लगा दिया था और उसने मेरा पूरा ख्याल रखा; लेकिन मैने उससे शायद ही कोई बात की होगी | तभी, ऐसा कुछ हुआ; जिसने मुझे अन्दर तक निचोड़ दिया और मुझे प्यार की वास्तिविक परिभाषा के बारे सोचने पर मजबूर कर दिया | हम तीनो, सीमा के केक के पास खड़े हुए थे और आनंद कहीं बाहर किसी काम से गया हुआ था | सीमा बिलकुल मेरे बराबर मै खड़ी हुई थी और हम दोनों का ही बदन लगभग आपस मै छु रहा था | अचानक से बिजली चली गयी और सीमा ने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, एक बात बोलू- साला तू अपने दोस्त से ज्यादा मस्त है; लेकिन तू लल्लूलाल है, वरना इतने इशारो के बाद तो तू मुझे कम से कम २०-२५ बार छोड़ चुका होता | जब तक मै कुछ समझ पता, बिजली आ गयी और सीमा ने मुझे आंख मार दी | मै सीमा के सामने बुत बना हुआ खड़ा था और कुछ भी बोल नहीं पा रहा था |

सारी पार्टी खत्म हो गयी और आनंद ने मुझे मेरे घर छोड़ दिया और अपने घर चले गया | मै सिर्फ बिस्तर पर करवटे बदल रहा था और मुझे कुछ भी समझ नहीं पा रहा था | इतने मे, सीमा का फ़ोन आ गया | मैने ना चाहते हुए भी, उसका फ़ोन फ़ोन उठाया | सीमा ने बोलना शुरू कर दिया, क्या हुआ? परेशान हो | ज्यादा मत सोचो | अभी भी मौका है, हाथ साफ़ कर लो; वरना निकल गयी, तो तुम्हरा लंड प्यासा रह जायेगा | फिर, मैने उसको पूछा तुम तो आनंद से प्यार करती हो | वो बोली, साले ऊपर से उसकी का नाम लिखवाकर थोड़ी आयी हु | वो और मै दोनों मस्ती करते है और एक दुसरे के शरीर की प्यास को बुझाते है, बस इतना ही रिश्ता है हम दोनों के बीच | प्यार का तो सिर्फ दिखावा है | आज तो मेरे ऊपर बूम फूट रहे थे ओ मेरे सर मे सोच-सोचकर दर्द होने लगा था | सुबह, मैने आनंद से उन दोनों की शादी के बारे पूछा, तो आनंद भड़कने लगा और बोला, तू पागल हो गया है; भला रंडी के साथ भी कोई शादी करता है | वो साली हरामी केवाल्चोड़ने के लिए ही अच्छी है शादी के लिए नहीं |

फिर, मुझे सारा चक्कर समझ आ गया और मैने आनंद को सब कुछ बता दिया | आनंद बोला, साले ये हम दोनों का ही तो प्लान था और हम तीनो एक साथ सेक्स करना चाहते थे और एक विश्वनीय बन्दे की जरुरत थी और तुझसे ज्यादा भरोसेमंद कौन है? ये सब बोलकर आनंद हंसने लगा और मेरा चेहरा किसी उल्लू के माफिक लग रहा था | इतने मे, सीमा भी आ गये और उस दिन वो अपनी गाड़ी भी लेकर आयी थे | मुझे सकते मे देखकर बोली, इसे क्या हुआ? सब कुछ बता दिया था | मैने बोला, कुछ नहीं; तुम दोनों झटको पर झटको दे रहे हो; उबरने का मौका तो दो और फिर हम सब हंस पड़े | हम तीनो सीमा की गाड़ी मे निकल पड़े | रास्ते के लिए उन दोनों ने काफी सारा खाने का सामान ले लिया और मेरे बार-बार पूछने पर भी नहीं बताया, कि हम लोग कहाँ जा रहे थे | सीमा गाड़ी चला रही थी और मुझे रात भर ना सोने के कारण से नीद आ गयी | जब मेरी नीद खुली तो देखा, हम लोग किसी अकेले से स्थान पर है और नदी के किनारे है | कुछ भी बोलो, जगह बड़ी मस्त थी |

मै गाड़ी मे अकेला ही लेटा हुआ था और वो दोनों गाड़ी के बाहर नंगे होकर लेटे हुए थे और एक दुसरे के ऊपर चढ़े हुए थे | आनंद, सीमा के ऊपर चड़ा हुआ था और तेजी से धक्के मार रहा था | सीमा के मुह से मस्ती मे सिर्फ अह्ह्ह...ऊऊ....ऊऊऊऊ...मस्त...
ाले छोड़ मुझे निकल रहा था | मै गाड़ी से बाहर निकला और उनके सामने खड़ा हो गया | आनंद बोला, अबे देख क्या रहा है? लोहा गरम है, आजा कपडे उतारकर और मार दे हथोड़ा | मुझे शर्म आ रही थी और मैने अपना मुह मोड़ लिया | सीमा उठी और मुझे से आकर पीछे से चिपक गयी | उसके चुचे मेरी कमर मे धस गये, मेरे शरीर मे करंट दौड़ गया और मेरे लंड ने एक दम झटके मरना शुरू कर दिया | सीमा ये देखकर हंस पड़ी और उसने अपने हाथो मे, मेरा लंड पकड़ लिया |

फिर आनंद मेरे पास आया और मेरे कपडे खोलने लगा | मैने आनंद को बोला, तू पागल हो गया है, क्या कर रहा है? आनंद ने मुझे एक ही झटके मे नंगा कर दिया और मेरा मोटा और बड़ा लंड उन्दोनो के सामने झूल गया | सीमा तो मेरा लंड देखकर उछल पड़ी और आनंद ने बोला, साले तेरा तो मुझसे भी बड़ा है | सीमा ने आव ना देखा ताव और मेरा लंड अपने हाथो मे ले लिया और उनको झटके मारने लगी | मेरा लंड काफी मोटा हो चुका था और सीमा जोर-जोर से मेरा हस्त्मथुन कर रही थी | फिर, सीमा अपने घुटनों पर बैठ गयी और उसने मेरा लंड अपने मुह मे ले लिया और उसको चूसने लगी | ये मेरा पहला सेक्स था और मेरा लंड की खाल भी नहीं उतरी थी | मेरे से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और आनंद ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और उसका लंड मेरी गांड की लकीर से टकरा रहा था | अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था और मेरे लंड से कुछ बाहर निकलने वाला था | मेरी गांड बड़ी तेजी से चलनी शुरू हो गयी | सीमा को समझ आ गया, कि मै झड़ने वाला हु, और उसने भी बड़ी तेजी से मेरे लंड को चुसना शुरू कर दिया | कुछ ही सेकेंड मे, मैने अपने लंड से मुह से एक तेज गरम पानी की धार निकलती हुई महसूस की और मैने अपना सारा पानी सीमा के मुह के अन्दर छोड़ दिया और सीमा ने भी मेरा सारा पानी पी लिया और अपने होठ मेरे लंड से चिपका दिये और चूस-चूसकर मेरा सारा पानी निकाल दिया | मेरे अन्दर तो सारी ताकत तो खत्म हो गयी थी और मै जमीन पर लेट गया |

मेरा तो काम हो चुका था, लेकिन सीमा अभी बाकी थी | मैने उनका सेक्स बीच मे रोक दिया था | मुझे वही छोड़कर, सीमा आनंद के लंड पर चढ़ गयी और उसके लंड से खेलने लगी | आनंद जमीन पर लेट गया और उसका लंड खुली हवा मे, आसमान मे तन्ना हुआ था | सीमा उसके ऊपर आयी और अपनी चूत को खोलकर, उसके लंड पर बैठ गयी और उछलने लगी | आनंद के हाथ सीमा के चुचे पर थे और वो मस्ती मे उनको दबा रहा था | अचानक से, सीमा ने तेजी से उछलना शुरू कर दिया और एक ही झटके मे, धम्म से बैठ गयी | उसकी चूत से सफ़ेद पानी बाहर आकर आनंद के शरीर पर फैलने लगा | सीमा ने कूदना बंद कर दिया और वो निकलकर, आनंद के साथ मे गिर पड़ी | आनंद भी झड़ चुका था और उसका वीर्य उसके लंड से निकलकर उसके शरीर पर गिरने लगा | हम सब अलग-अलग लेते हुए थे और मस्ती मे गिरे हुए थे | सीमा ने उस दिन मस्त चुदवाई और मुझे भी मज़ा दिया | उसके बाद तो, सीमा और मै तो अक्सर मिलने लगे और सीमा ने मुझे चोदने की आदत लगा दी |







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