Sunday, February 8, 2015

Fentency फूफी और मैं -3

Fentency

 फूफी और मैं  -3

 फिर मुझे महसूस हुआ के इस तरह काफ़ी देर तक लंड लेने से फूफी नीलोफर को कुछ तकलीफ़ हो रही थी. मैंने ये देख कर अपने घस्सों की रफ़्तार और बढ़ा दी और बड़ी मस्ती में उनके मम्मों को चूसने लगा. अब उनके मुँह से आवाजें निकालने लगीं और मुझे उनकी चूत और ज़ियादा गरम महसूस होने लगी. उन्होने अचानक अपने सेहतमंद और ठोस बदन को मज़ीद अकड़ा लिया और अपने दोनो बाज़ू मेरी गर्दन में डाल दिये. अब वो अपने चौड़े और ताक़तवर चूतड़ों की मदद से मेरे घस्सों का पूरी तरह साथ देने लगीं. वो इस दोरान मुसलसल ऊवू…ऊवू…..ऊऊओ भी करती जा रही थीं . इसी तरह मेरा लंड लेते लेते और आगे पीछे हरकत करते करते वो एक दफ़ा फिर खलास हो गईं. उनके मुँह से मुसलसल ऊओं…हू ऊओंहू ऊओंहू की आवाजें निकल रही थीं . मैंने उनके मुँह में मुँह डाल दिया और अपना बहुत सारा थूक उनके मुँह में छोड़ने लगा. वो खलास होने के दोरान पागलों की तरह मुझे चूमने लगीं. पता नही कितने अरसे बाद वो इस तरह खलास हुई थीं . लेकिन बेड पर उनकी हरकतों से साफ़ ज़ाहिर था के फूफी नीलोफर ना सिरफ़ बहुत गरम औरत थीं बल्के चुदवाना भी बड़ी अच्छी तरह जानती थीं .

जब मैंने अपना चेहरा उनके चेहरे से हटाया तो उन्होने अपने होंठ सख्ती से बंद कर लिये और मेरा सारा थूक निगल गईं. वो मुझ से सख्ती से लिपटी हुई अपने खलास होने के अमल को लंबा करने की कोशिश करती रहीं. फूफी नीलोफर जैसी तगड़ी और तंदरुस्त औरत जब पूरी ताक़त से खलास होती है तो उससे चोदने वाले को कुछ और ही क़िसम का लुत्फ़ आता है. उस वक़्त उनके बल खाते हुए मज़बूत और तवाना बदन को देख कर में भी ऐसा ही लुत्फ़ महसूस कर रहा था. फिर उन्होने दो तीन लंबी लंबी साँसें लीं और अपने बाज़ू मेरी गर्दन से हटा कर साइड पर गिरा दिये. ऐसा करते हुए उनके मोटे मम्मे थरथरा कर रह गये. उनके खलास होने के बाद भी में कुछ देर तक इसी तरह उनकी चूत में घस्से मारता रहा. मैंने उनके मम्मों को फिर अपने मुँह में ले कर चूसा और अपना लंड उनकी चूत में से बाहर निकाल लिया.

फूफी नीलोफर अब मुझे थकी हुई दिखाई दे रही थीं . “ज़ियादा थक तो नही गईं फूफी नीलोफर?” मैंने उनका एक मोटा मम्मा हाथ में ले कर पूछा.
“तुम अपने आप को सॅटिस्फाइ करो में ठीक हूँ. इतनी कमज़ोर नही हूँ के थक जाऊं.” उन्होने हंस कर कहा. ये जुमले इस बात की तरफ इशारा करते थे के उन्हे भी अपनी चूत मरवा कर मज़ा आ रहा था. मुझे सॅटिस्फाइ करना असल में खुद उनके लिये भी सैटिसफैक्शन का सबब था इसी लिये अभी वो इस लंड और चूत के खेल को जारी रखना चाहती थीं . इस के एलावा वो मुझे ये भी बताना चाहती थीं के वो चुदवाने के मामले में किसी से कम नही हैं. उन जैसै खुद-पसंद औरत भला ये कैसे बर्दाश्त करती के वो किसी भी मामले में दूसरी औरतों से पीछे रह जाए.

में बेड पर लेट गया और फूफी नीलोफर को अपने लंड के ऊपर बिठा लिया जो पूरा का पूरा उनकी मोटी चूत के अंदर चला गया. वो मेरे लंड को अपनी मोटी चूत में ले कर उस पर बैठ तो गईं लेकिन वो बड़ी लंबी और सेहतमंद औरत थीं और मेरे लिये उन्हे इस तरह चोदना मुश्किल हो रहा था. लेकिन अपने लंड पर उनके भारी और गदराये हुए चूतड़ों का बोझ मुझे बे-पनाह मज़ा भी दे रहा था. उन्होने आहिस्ता आहिस्ता मेरे लंड पर ऊपर नीचे होना शुरू कर दिया. लंड के ऊपर बैठ कर चुदवाने की उनकी शायद पहली दफ़ा थी और कुछ थकान की वजह से भी वो आसानी से लंड पर ऊपर नीचे नही हो पा रही थीं . मगर इस के बावजूद मेरे लंड पर बैठ कर चूत देना उन्हे भी बहुत अच्छा लग रहा था. उके भारी चूतड़ मेरी रानों पर आहिस्ता आहिस्ता ऊपर नीचे हो रहे थे.

फिर थोड़ी देर बाद ही वो काफ़ी हद तक संभाल गईं. वो अपनी भारी गांड़ को ऊपर नीचे कर के अपनी चूत में मेरा लंड लेतीं रहीं. ऐसा लगता था जैसे वो खुद मेरे लंड पर घस्से मार रही हूँ. मै उनके हिलते हुए गोरे मम्मों से नज़रें नही हटा पा रहा था. उनके घस्सों के दोरान ही मैंने अपनी गर्दन ऊपर उठाई और उनके मम्मों के निपल्स को मुँह में ले कर चूसने लगा. उन्होने अपना निचला होंठ दांतो में दबा लिया और में भी इसी मुश्किल पोज़िशन में उनकी चूत में जैसे तैसे घस्से मारता रहा.

चूँके बेड का मॅट्रेस बहुत नरम था इस लिये मुझे फूफी नीलोफर के सेहतमंद बदन का वज़न मुझे अपने ऊपर ज़ियादा नही लग रहा था और में क़िस्सी ना क़िस्सी तरह अपना लंड उनकी चूत में अंदर बाहर कर रहा था. उनके तेज़ तेज़ हिलते हुए मम्मे मैंने अपने दोनो हाथों में पकड़े रखे और उन्हे चोदने का मज़ा लेता रहा. काफ़ी देर हो चुकी थी और अब मुझ से अपनी मनी अंदर नही रोकी जा रही थी. मै फूफी नीलोफर के अंदर खलास होना चाहता था लेकिन इस पोज़िशन में ऐसा करना आसान नही होता.

इसी लिये मैंने फूफी नीलोफर को अपने ऊपर से उतार कर कुतिया बनाया और पिछली तरफ से उनकी चूत के अंदर अपना लंड दाखिल कर दिया. ये औरतों को चोदने की मेरी पसंदीदा पोज़िशन थी. उन्होने अपना सर बेड की मॅट्रेस में घुसा दिया और अपने मोटे चूतड़ हिलाते हुए मेरे घस्सों का बहादुरी से मुक़ाबला करने लगीं. मै उनकी कमर पर अपने दोनो हाथों से ज़ोर डाल कर उनकी टांगें खोलने की कोशिश की ताके उनकी चूत ज़ियादा बेहतर अंदाज़ में मेरे सामने आ जाए और मुझे उन्हे चोदने में आसानी हो. वो भी थोड़ी देर में काफ़ी समझदार हो गईं थीं . उन्होने अपने सेहतमंद और चौड़े चक्ले चूतड़ों को जिन के अंदर मेरा लंड घुसा हुआ था बड़े रिदम में आगे पीछे करना शुरू किया जिस से मुझे और भी मज़ा आने लगा. मै पीछे से फूफी नीलोफर की चूत में घस्से मारते हुए उनके मोटे चूतड़ों पर हाथ फेरता रहा.

मुझे इसी लिये चूतड़ों की तरफ से औरतों की चूत लेना पसंद था क्योंके इस पोज़िशन में उनके चूतड़ और गांड़ का सुराख मेरे सामने आ जाते थे और में उनकी चूत लेते लेते उनकी गांड़ के मज़ा ले सकता था. ज़ाहिर है मुझे फूफी नीलोफर की गांड़ भी मारनी थी और उन्हे पीछे से चोदते हुए में उनके छेद का बड़ी अच्छी तरह जाइज़ा ले सकता था. मैंने उनकी चूत लेते हुए उनके छेद पर नज़रें मर्कूज़ कर दीं. वो अच्छी ख़ासी तेज़ी से मेरे लंड पर आगे पीछे हो रही थीं . फिर अचानक उन्होने एक अजीब हरकत की जो मेरे लिये भी नई थी. उन्होने अपना एक हाथ पीछे किया और मेरे हिलते हुए टट्टों को पकड़ कर सहलाने लगीं. मेरे जिसम में मज़े की बे-शुमार लहरें बिजली की सी तेज़ी से दौड़ने लगीं और मुझे फूफी नीलोफर की चूत में लगते हुए हर घस्से का मज़ा दुगना महसूस होने लगा. उन्हे फॉरन ही पता चल गया के टट्टों को पकड़ना मुझे अच्छा लगा है और वो मेरे टट्टों को को हाथ में ले कर उन्हे नर्मी से दबाती रहीं.

इस के बाद मैंने अपना लंड फूफी नीलोफर की चूत में से निकाला और एक दफ़ा फिर उन्हे कमर के बल लिटा दिया. फिर उनकी चूत में दोबारा अपना लंड दे कर उन्हे चोदने लगा. मैंने उनके होठों को अपने होठों को बंद कर दिया और घस्सों में तेज़ी कर दी. उन्हे फॉरन ही समझ आ गई के में अब उनके अंदर खलास होने वाला हूँ. उन्होने अपने दोनो हाथ अपने चूतड़ों के नीचे रखे और चूतर उठा कर पूरी ताक़त से मेरे घस्सों का जवाब देना शुरू कर दिया. उनके मुँह से तेज़ तेज़ और भारी आवाजें निकालने लगीं. वो बिला-शुबा कमाल की औरत थीं और मर्द को सेक्स के दोरान मज़ा देना बहुत अच्छी तरह जानती थीं .

इतनी देर तक चुदने के बावजूद अचानक ही फूफी नीलोफर में बहुत ज़ियादा ताक़त आ गई और मुझे उनके लंबे चौड़े सेहतमंद बदन को संभालना मुश्किल हो गया. वो अपने बदन के हर हिस्से को हरकत देते हुए अपनी चूत दे रही थीं . आख़िर कुछ देर के बाद में खलास होने लगा और मेरी मनी लंड से बाहर निकालने लगी. फूफी नीलोफर भी आईं इसी वक़्त पर खलास हुईं और यों हम दोनो एक ही वक़्त में डिसचार्ज हो गए. मेरी गरम गरम मनी फूफी नीलोफर की उतनी ही गरम चूत के अंदर कहीं गुम हो गई.

ज़िंदगी के रंग अजीब हैं. मै सोचा करता था के अपनी फुफियों में फूफी नीलोफर को चोदना सब से ज़ियादा मुश्किल साबित हो गा लेकिन उन्होने तो फूफी खादीजा जितनी मज़ाहीमत भी नही की थी. मै तसवउर भी नही कर सकता था के वो इतनी आसानी से मेरा लंड लेने पर राज़ी हो जायेंगी. इंसान दूसरे इंसानो को शायद कभी भी पूरी तरह नही समझ सकेगा. शायद यही ज़िंदगी का क़ानून है.



THE END















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