Fentency
हेलो दोस्तो अब आपके लिए एक ओर
सेक्शी स्टोरी मैं नेहा हून. मेरी उमर 21 साल, रंग गोरा, बॉडी एक दम स्लिम है. मेरी शादी 1 साल पहले मोहन के साथ हुई है. मोहन की उमर 23 साल की थी. मोहन के अलावा घर पर कोई नहीं रहता. मैं सेक्स में बहुत रूचि रखती हून. मैने अपनी लाइफ के बारे में जो ख्वाब देखे थे वो सभी ख्वाब मोहन से शादी करने के बाद टूट गये. मोहन का लंड बहुत ही छ्होटा था और उस से मेरी भूख शांत नहीं होती थी.
शादी के बाद जब मैं ससुराल पहुचि तो मैने दहका की एक आदमी एक दम नंगा ही पागलों की तरह हमारे घर के आस पास चक्कर लगता रहता था. दिखने में वो गातीले बदन का सनडर नौजवान था और किसी अच्च्चे परिवार का लगता था. उसकी उमर लगभग 26-27 साल की रही होगी. मैने मोहन से उस पागल के बारे में पूचछा तो वो बोले ये तो बहुत दीनो से यहीं आस पास ही घूमता रहता है. मेरे घर के आस पास बहुत सारे जंगली पेड़ और पौधे थे जिस से कोई भी आदमी गाते के बाहर से हमारे घर को आसानी से नहीं देख सकता था. वो जब हमारे घर के आस पास होता तो मैं हमेशा च्छूप च्छूप कर उसके लंड को देखती रहती थी क्यों की उसका लंड ढीला रहने पर भी लगभग 8" लंबा और बहुत ही मोटा था. मैने सोचा की काश एक बार मैं उसके लंड को अपने हाथो से पकड़ कर देख सकती. मैं हमेशा सोचा करती थी की काश मोहन का लंड भी लंबा और मोटा होता क्यों की मोहन का लंड लगभग 4" लंबा और बहुत ही पतला था. मुझे उनसे छुड़वाने में बिल्कुल भी मज़ा नहीं आता था. वो पागल रात को हमारे कॉंपाउंड में आ जाता था और पूरी रात घर के मैं दरवाज़े के पास बैठा रहता था.
ये उन दीनो की बात है जब मोहन 15 दीनो के लिए बंगलोरे चले गये. उनके जाने के दूसरे दिन रात के 8 बजे के आस पास वो पागल हमारे घर के दरवाजे के पास आ कर बैठ गया. जब वो रात को आ कर बैठ जाता तो वो फिर सुबह ही वहाँ से वापस जाता था. मैने सोचा आज उस से कुच्छ बात करके देखती हून. मैने डरते हुए दरवाज़ा खोला और उस से पूचछा खाना खाओगे. उस ने अपना सिर हन में हिला दिया. मैं खाना ले आई और जब वो खाना खा चुका तो उसने इशारे से पानी माँगा. मैने उसे पानी लाकर दिया. पानी पीने के बाद वो चुप छाप बैठा रहा.
मौका अच्च्छा था मैं उसके बगल में बैठ गयी. मैं तो उसके लंड को अपने हाथ में लेकर देखना चाहती थी. मैं ये भी देखना चाहती थी की उसका लंड खड़ा होने के बाद कितना लंबा और मोटा हो जाता है. मैने अपना हाथ उसके जांघों पर रख दिया. वो कुच्छ नहीं बोला तो मैं अपना हाथ उसके जाँघ पर फिरने लगी. वो फिर भी कुच्छ नहीं बोला तो मैने अपना हाथ धीरे धीरे उसके लंड की तरफ बढ़ा दिया. वो फिर भी कुच्छ नहीं बोला. अब मेरी उंगलियाँ उसके लंड को टच कर रही थी. मेरे बदन में सुरसुरी सी होने लगी तो मैने अपनी उंगली उसके लंड पर फिरनी शुरू कर दी. जब वो फिर भी कुच्छ नहीं बोला तो मैने अपने हाथों से उसके लंड को पकड़ लिया. मैं धीरे धीरे उसका लंड सहलाने लगी तो वो मुझे घूर घूर कर देखने लगा. उसकी आँखों में भी सेक्स की प्यास एक दम सॉफ दिख रही थी.
थोड़ी ही देर में उसका लंड खड़ा होने लगा. उसका लंड टाइट होने के बाद लगभग 10" लंबा और बहुत ही ज़्यादा मोटा हो गया. मैं उसके लंड के साइज़ को देखकर जोश के मारे पागल सी होने लगी और थोड़ी ही देर में मेरी छूट एक दम गीली हो गयी. मुझे अब ग़लत या सही का कोई होश नहीं रह गया था. मैने सोचा अगर मैं इस पागल से छुड़वा लून तो मुझे कोई कुच्छ भी नहीं कह सकेगा. अगर मुझसे कोई कुच्छ कहेगा तो कह दूँगी की इस पागल ने मेरे साथ ज़बरदस्ती किया है. मैने सोच लिया की आज मैं इस पागल से छुड़वा कर रहूंगी भले ही मेरी छूट का हाल कुच्छ भी हो.
मैं उस पागल का हाथ पकड़ कर घरके अंदर ले गयी. उसे देख कर लग रहा था जैसे उसने कभी नाहया ही ना हो. मैं उसे बातरूम में ले गयी और उसे एक साबुन देते हुए नहाने को कहा. मैं खड़ी रही और वो नहाने लगा. जोश के मारे मेरी छूट फिर से गीली होने लगी. नहाने के बाद उसका गोरा बदन एक दम निकार आया. उसका लंड भी बहुत गोरा था. जब वो नहा चुका तो मैं उसे बेडरूम में ले गयी. मैने उसे बेड पर बिता दिया. वो कुच्छ भी नहीं बोल रहा था. मैने पूचछा तुम गूंगे हो क्या तो उसने अपना सिर हन में हिला दिया. मैने सोचा की ये तो और अच्च्ची बात है की ये गूंगा है और किसी से कुच्छ भी नहीं कहेगा. मैं बेड पर उसके बगल में बैठ गयी. मैने उसके लंड को फिर से सहलाना शुरू कर दिया तो थोड़ी ही देर में उसका लंड खड़ा हो कर एक दम टाइट हो गया.
मैने सोचा ये तो पागल है. अगर मैं इस से छोड़ने के लिए कहा तो कहीं ये ज़बरदस्ती अपना पूरा का पूरा लंड एक झटके से ही मेरी छूट में ना घुसा दे नहीं तो मेरी छूट फॅट जाएगी. मैने उसे बेड पर लिटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिए. वो मेरे गोरे बदन को घूर घूर कर देखने लगा. मैने उसके बगल में बैठ गयी और उसके लंड के सूपदे पर अपनी जीभ फिरने लगी. वो जोश में आ कर आहें भरने लगा. थोड़ी देर बाद मैने उस से पूचछा, मेरी छूट को चतोगे तो उसने अपना सिर हन में हिला दिया. मैं उसके उपर 69 की पोज़िशन में लेट गयी और मैने उसका लंड अपने मूह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. वो अपनी उंगलियों से मेरी क्लाइटॉरिस को मसालते हुए बड़े प्यार से मेरी छूट को चाटने लगा. मैं समझ गयी की वो किसी औरत को छोड़ने का पुराना खिलाड़ी है. थोड़ी देर तक मेरी छूट को चाटने के बाद उसने अपनी बीच की उंगली मेरी छूट में घुसा दी और मेरी छूट के ग-स्पॉट को रगड़ने लगा. मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी और मैने उसके लंड को तेज़ी के साथ चूसना शुरू कर दिया. वो मेरे ग-स्पॉट को रगड़ता रहा और मैं जोश से पागल सी होने लगी. फिर 2 मीं में ही मैं झाड़ गयी.
उसके बाद मैं उसके उपर से हट गयी और ढेर सारी क्रीम लाकर उसके लंड पर लगा दी और थोड़ी क्रीम अपनी छूट में भी लगा ली. क्रीम लगाने के बाद मैं फिर से उसके उपर आ गयी. जैसे ही मैने उसके लंड के सूपदे को अपनी छूट की च्छेद पर रखा तो उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और बड़े प्यार से मुझे चूमने लगा. उसके होत एक दम गरम थे. मेरे सारे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी.
थोड़ी देर तक मैने अपनी छूट कोउसके लंड के सूपदे पर रगड़ा फिर उसके बाद मैने अपनी छूट को उसके लंड पर तोड़ा सा दबा दिया तो मेरे मूह से हल्की सी चीख निकल गयी और उसके लंड का सूपड़ा मेरी छूट में घुस गया. मुझे दर्द होने लगा तो मैने उसके लंड का सूपड़ा अपनी छूट से बाहर निकल दिया और अपनी छूट को फिर से उसके लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो बड़े प्यार से मेरी पीठ को सहलाता हुआ मुझे चूमने लगा. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने अपनी छूट को उसके लंड के सूपदे पर फिर से तोड़ा सा दबा दिया. उसके लंड का सूपड़ा फिर से मेरी छूट में घुस गया लेकिन इस बार मुझे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ. मैने अपनी छूट को जैसे ही तोड़ा सा और दबाया तो मेरे मूह से चीख निकल पड़ी. अब उसका लंड मेरी छूट में लगभग 2" तक घुस चुका था. मेरी टाँगें तर-तर काँपने लगी. मेरी धड़कन बहुत तेज चलने लगी. लग रहा था की कोई गरम लोहा मेरी छूट को चीरता हुआ अंदर घुस रहा हो. मैं रुक गयी.
थोड़ी देर बाद मैने धीरे धीरे अपनी छूट को उसके लंड पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया. जब मेरा दर्द फिर से कुच्छ कम हुआ तो मैने तोड़ा सा ज़ोर और लगा दिया. मैं फिर से चीख उठी और उसका लंड मेरी छूट में 3" तक घुस गया. मैने फिर से अपनी छूट में उसके लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो उसने मुझसे लेट जाने का इशारा किया. मैं जोश से पागल हुई जा रही थी और उसके इशारे के बाद मैं उसके उपर से हट गयी और बेड पर लेट गयी. मैने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा. उसने मेरे चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए. फिर वो मेरी टाँगों के बीच आ गया और उसने मेरी छूट के बीच अपने लंड का सूपड़ा रख दिया और मेरी टाँगों को पकड़ कर डोर डोर फैला दिया. मैं दर रही थी की वो कहीं ज़बरदस्ती ही अपना पूरा का पूरा लंड मेरी छूट में ना घुसेड दे. उसने धीरे धीरे अपना लंड मेरी छूट के अंदर दबाना शुरू किया. उसका लंड धीरे धीरे मेरी छूट में घुसने लगा. जैसे ही उसका लंड लगभग 4" तक मेरी छूट में घुसा तो मैं चीखने लगी और वो रुक गया. उसने अपने होत मेरे होठों पर रख दिए और मेरे बूब्स को मसालते हुए धीरे धीरे अपना लंड मेरी छूट के अंदर बाहर करने लगा. अब मैं समझ गयी की वो ज़बरदस्ती अपना लंड मेरी छूट में नहीं घुसाएगा.
थोड़ी देर बाद जब मैं झाड़ गयीतो उसने अपनी स्पीड तोड़ा तेज कर दी. थोड़ी देर बाद उसने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो मेरे मूह से आ निकल पड़ी और उसका लंड और ज़्यादा गहराई तक मेरी छूट में घुस गया. वो फिर से धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. उसका लंड अब तक मेरी छूट के अंदर लगभग 5" तक घुस चुका था. वो मुझे धी
main neha hun - (hindi font story )
हेलो दोस्तो अब आपके लिए एक ओर
शादी के बाद जब मैं ससुराल पहुच
ये उन दीनो की बात है जब मोहन 1
मौका अच्च्छा था मैं उसके बगल म
थोड़ी ही देर में उसका लंड खड़ा
मैं उस पागल का हाथ पकड़ कर घर
मैने सोचा ये तो पागल है. अगर म
उसके बाद मैं उसके उपर से हट गय
थोड़ी देर तक मैने अपनी छूट को
थोड़ी देर बाद मैने धीरे धीरे अ
थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुच
थोड़ी देर बाद जब मैं झाड़ गयी