Fentency
छोटे भाई की बीबी
मेरे गाव के पास का ही मेरी जाती और मेरी ही गोत्र का एक छोटा भाई रहता है हम दोनों एक सहर में ही रहते है मेरा बिजनेस है और छोटा भाई एक कंपनी में सुपर्बाइजर है उसे भी अच्छी तनखाह मिलती है मेरा भी बिजनेस बढ़िया चलता है छोटे भाई की जाब सिफ्ट में चलती है हम दोनों सगे भाई तो नहीं है और हमारा गाव भी 5 KM की दूरी पर है पर हम दोनों गाव से होने के कारण आपस में अच्छी पटती है खूब रहता है मेरी पत्नी की छोटे भाई की बीबी दीदी और मुझे सर जी कहती है भी मुझे भैया नहीं कहा जबकि मेरी पत्नी ने कई बार कहा की इन्हें दादा सा कहा करो पर उसने मुझे कभी दादा सा नहीं कहा (हमारे यहाँ पर बड़े भाई को दादा सा बोलते है) इसका नाम "आशा " है / आशा से मुझे सुरु से ही की एक दिन मेरे से ये जरुर चुदवायेगी क्योकि आशा जब भी मेरे घर आती है तो मेरे से बड़े प्यार से बाते करती है पर मैं उनका जेठ होने के कारण मेरी पत्नी को बुरा नहीं लगता था और यही बात भाई भी समझाता है की मैं तो बड़ा भाई हु पर उसे क्या पता की मैं कितना कमीना इंसान हु जो छोटे भाई की बीबी पर गलत नियत रखता है पर करू क्या जब कोई महिला किसी पुरुष को घास डालने लगती है तो पुरुष बहक ही जाता है यही हाल मेरे साथ भी हुआ / भाई मेरे से कम से कम १० साल छोटा होगा मेरी उम्र ४५ साल है मेरे दो लड़के है दोनों इस समय कालेज की पढ़ाई में ब्यस्त है और दोनों ही घर से बाहर रहते है घर में सिर्फ हम दोनों पति पत्नी रहते है मेरी पत्नी बहुत ही सेक्सी और सुन्दर है सप्ताह में कम से कम दो बरा तो चुदा ही लेती है मेरे से , जबकि मेरी आज भी ऐसी इच्छा रहती है की रोज रोज सेक्स करू पर पत्नी साथ नहीं देती है / भाई की उम्र ३५ साल है और उसकी बीबी आशा भी लगभग ३३ -३४ की होगी आशा बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लगती है गोल मटोल चेहरा रानी मुर्खजी की तरह है बड़े बड़े गोल मटोल कसे हुए स्तन की मालिकन है , सुन्दर से नितम्ब और सुडौल जांघे लगती है जब ओ लैगीज पहन कर आती है तब उसके अंगो के एक एक बनावट साफ़ साफ़ झलकता है / वैसे मेरे समाज में बहुत पर्दा प्रथा है पर आशा बहुत कम पर्दा करती है क्योकि ओ बहुत ही आधुनिक खयालो की अडवांस महिला है आशा कभी कभी कट बाह का ब्लाउज पहन आती है तो गजब की सेक्सी लगती है / मेरे भाई की सादी हुए करीब १० साल से ज्यादा हो गए है पर अभी तह उन दोनों के बेच में कोई ओलाद नहीं हुई है इस कारण आशा कुछ उदास रहती है आशा को अभी तक कोई ओलाद नहीं होने के कारण आशा का जिस्म आज भी अछा खासा कसा हुआ है पेट अन्दर है बड़े बड़े मस्त बिना लटके हुए स्तन किसी को भी अपनी तरफ बरवस ही खीच लेते है /
आशा के बूब्स इसी तरह से मस्त और टाईट थे आशा भी इसी ओरत की तरह लगती है
अब मेरे भाई के बारे में बता दू मेरा भाई सरीर से कमजोर और अधिकतर बीमार रहता है उसे कोई न कोई बीमरी सदा ही लगी रहती है इस कारन ओ दुबला पतला है भाई की लम्बाई भी आशा से कम लगती है जबकि है दोनों बराबर पर आशा अच्छी खासी जवान लगती है जबकि भाई बीमारी के कारण बुढा लगाने लगा है /भाई हमेसा मेरे घर आता रहता है कभी कभी तो उसकी पत्नी रात में मेरे घर पर ही रह जाती है आशा मेरे साथ बहुत घुल मिल गई है /जब भी आती है घर मेरे से बहुत देर तक बाते करती है जब मेरी पत्नी घर में नहीं रहती है उस समय पर / मेरी पत्नी को ज़रा सा भी सक नहीं है की मेरी नियत आशा पर खराब है यही हाल भाई का भी है क्योकि मैं इन दोनों के सामने आशा से बहुत ही लिमिटेड बाते करता हु /
आज से दो साल पहले की मार्च २०११ बात है मेरी पत्नी और छोटा भाई आशा के साथ अपनी इंडिगो कार से हम शिव मंदिर गए वह पर नर्मदा नदी के किनारे स्नान करने लगे सभी मैं तो कट चढी और बनियान में नहाने के लिए नदी में उतर गया मेरी पत्नी भी सलवार सूट पहन रखी थी छोटा भाई भी नहाने के लिए पानी में उतर गया आशा भी उसके साथ आ गई स्नान करने के लिए आशा ने एक कट बाह का सूट और लेगी पहन रखी थी जब आशा पानी में गीली हो गई तो उसके वदन के एक एक अंग साफ़ साफ़ दिखाई देने लगे उसकी ब्रा में से उसके स्तन की कसावट और बनावट मस्त लग रहे थे उसकी पैंटी भी साफ़ साफ़ झलक रही थी / छोटा भाई बहुत ही जल्दी ही पानी से कापते हुए बाहर निकला गया उसे ठण्ड लगने लगी जब ओ बाहर निकला गया तो मेरी पत्नी जो कपडे देखने के लिए किनारे बैठी हुई थी सामान के पास ओ मेरे भी मेरे पास आकर नहाने लगी अब हम दोनों पति पत्नी पानी में अठखेलिया करने लगे तो आशा भी हम दोनों का साथ देने लगी ओ भी खूब दुबकी मार मार कर हम दोनों के साथ नहाने लगी नहाते समय एक बार क्या हुआ की मेरे पत्नी और आशा दोनों एक साथ पानी में डूबी मैं आशा को मेरी पत्नी समझ कर पानी के अन्दर ही बूब्स दबा दिया दोनों हाथो से और कमर पकड़ कर चिपका लिया और ओ भी बड़े प्यार से चिपक गई इतने में मेरी पत्नी मुझे पकड़ लिया मैं समझा की आशा ने पकड़ लिया तो मैं जल्दी से ऊपर आया पानी से , तो देखा की मैं तो आशा को पकड़ रखा हु तब मैंने धीरे से सोरी कह कर अलग हो गया और आशा की तरफ देखा तो उसके चहरे में कोई हैरानी या ग्लानि के भाव नहीं थे बल्कि ओ हलके हलके मुस्कुरा रही थी पर ये सब बात मेरी पत्नी नहीं देख पाई क्योकि ओ थोडा लेट बाहर आई पानी से / कुछ देर नहाने के बाद मेरी पत्नी भी बाहर निकलने लगी तो आशा को बोला की चल बाहर चलते है तो आशा बोली की दीदी थोड़ी देर और नहाओ न मजा आ रहा है तो मेरी पत्नी ने कहा की तू नहा मुझे तो ठण्ड लगने लगी है तो बोली की टीक है और मेरी पत्नी बाहर निकल गई पानी से अब सिर्फ पानी में आशा और मैं बचा और बहुत से अनजान लोगो की भीड़ थी और भीड़ का फायदा उठा कर हम दोनों आपस में एक दुसरे का हाथ पकड़ पकड़ कर दुबकी लगाने लगे और आपस में खूब मजे लिया नहाने का मैं अब खुल कर आशा के बूब्स को दबा देता पानी के अन्दर आशा भी बार बार चिपक जाती मेरे से मैं पानी के अन्दर ही आशा की चूत में हाथ घुमा देता कभी कभी आशा को किसकर लेता पानी के अन्दर ही और आशा भी पानी के अन्दर ही गर्म पड़ गई और मेरे लंड को अपने हाथो से जोर से पकड़ लिया अब हम दोनों बहुत गर्म पड़ गए और जहा पर पानी कम था और लोगो की भीड़ भी कम थी हम वह चले गए तैरते तैरते और कम पानी में नहाने लगे दोनों यहाँ पर भीड़ भी न के बराबर थी मैंने आशा को बोला की लेगी और पेंटी को नीचे करो ना तो ओ समझ गई और मैं और बोली की नहीं यहाँ कोई देख लेगा मैंने बोला कोई बात नहीं और फिर बहुत देर तक पानी के अन्दर मस्ती करते रहे फिर मैंने आशा को एक किस किया और बोल की तुम उधर से जाओ पानी से बाहर और इधर से आता हु जिससे उन लोगो को संका नहीं हो और हम दोनों अलग अलग स्थान से नदी से आगे पीछे के अंतराल से बाहर आ गए पत्नी को सक भी नहीं हुआ भाई ने पूछा आशा से की इतने देर लगा दिया तो बोली की हा नहा रहे थी जब उसने मेरे बारे में पूछा तो आशा बोली मुझे क्या पता किधर है ओ तो दीदी के बाद ही बाहर आ गए थे इतने में मैं बाहर आया और बताया की नदी के उस पार चला गया था तैरते तैरते तो दोनों को संका नहीं हुई और हम कपडे बदल कर मंदिर में दर्शन करने चले गए आशा बार बार मेरे आगे और पीछे ही हो जाती थी भीड़ में इसी बहाने चिपक जाती थी फिर हम सभी एक लान में खाना खाया और वापस अपने घर को आ गए /
अब पहले की तुलना में आशा मेरे घर ज्यादा आने जाने लगी पर हम दोनों को मोका नहीं मिलता था की सम्भोग करे क्योकि मेरे पत्नी दिन भर घर में ही रहती है कही भी नहीं आती - जाती है और हम दोनों पानी की उस मस्ती को याद कर कर के तड़प उठते थे पर मोका नहीं मिल रहा था आशा अब ज्यादातर दूकान में आती और घंटो मेरे पास बैठी रहती मैं कही चला जाता तो काउंटर में बैठ जाती और सामान की बिक्री भी करती छोटी -मोती जरूरते भी मेरे पैसे से प्यूरी करती और छोटे भाई के बारे में सिकायत करती की ये तो कभी कुछ करते ही नहीं दो दो माह हो जाता है मेरे साथ सेक्स किये क्या करू बहुत तड़पती हु आपके लिए /आशा अधिकतर कहा करती है की इनके कारण मेरे को अभी तक कोई ओलाद नहीं हुई है इनके वीर्य में सुक्रानु बहुत कम है डक्टर में बताया है पर इलाज से भी कोई फायदा नहीं हुआ / इस तरह से मैं समझ गया की आशा को ओलाद भी चाहिए और जिस्म की भूख भी कम करना है इस कारण आशा मेरे से ज्यादा लगाव रख रही है .समाज में भी ऐसा रिश्ता है की कोई सक नहीं कर सकता है /
इस तरह करीब एक साल गुजर गए पर हम दोनों आपस में मिल नहीं पाए पर यह मोका मिल ही गया बड़े मुद्दतो के बाद बात है 12 जुलाई २०१२ की है मेरे चाचा जी मतलब आशा के ससुर जी बीमार हुए तो उन्हें डाक्टर को दिखाने के लिए भाई बाम्बे लेकर चला गया आशा गहर में अकेली थी तो भाई से पूछ कर ओ मेरे घर आ गई और आते ही मेरी पत्नी को बोला की दीदे दर लगता है अकेले में इस कारण मैं यहाँ राहगी जब तक आपके देवर नहीं आ जाते है बाम्बे से तो मेरी पत्नी ने कहा की टीक है क्या फर्क पड़ता है देवरानी के हाथ का पकाया हुआ खाउगी मजे करुगी और मेरी पत्नी हसने लगी उन्हें यह नहीं पता था की आशा किस लिए आई घर में रहने के लिए / आशा मेरे लड़के के बेडरूम में रात में रहने लगी पर मेरे हिम्मत नहीं हो रही थी की आशा के पास जाऊ कही मेरी पत्नी की नीद खुल जाए तो लेने के देने पड़ जायेगे बस इसी डर के मारे हिम्मत नहीं जुटा प् रहा था उधर आशा भी मेरे से प्यूरी तरह जेठ का ब्यवहार करती थी जिस से की मेरी पत्नी को जरा भी संका नहीं हो क्योकि यह बात मैंने आशा को पहले ही समझा दिया था /
आशा हु बहू ऐसी ही लगती है
मेरी और आशा की मुह मागी मुराद उस समय पूरी हो गई जब मेरे ससुराल से फोन आया की मेरी दादी सा की तबियत ज्यादा खराब है मेरी पत्नी ने बोला की मुझे जाना है तो मैंने बोला की दोनों जायेगे तो दूकान बंद हो जायेगी तो नुक्सान होगा तुम अकेली चली जाओ तो मेरी पत्नी ने बोल दिया की टीक है मैं अकेली चली जाती हु तब मैंने खश होकर उनका रिजर्वेसन करा दिया AC कोच में और उन्हें 14 जुलाई 2012 को रात में १०.१५ बजे ट्रेन में बिठाने गया जब मेरे पत्नी जाने लगी तो बोली की टीक से रहना आशा भी घर में है खाना पीना तो बना ही देगी / मैंने बोला तुम चिंता नहीं करो / मेरी पत्नी को छोड़ने के लिए आशा भी साथ आई थी कार में जब मैं थोड़ी देर के लिए पत्नी के पास से हटा तो मेरी पत्नी ने आशा को समझाया की रात में दरवाजा अन्दर से बंद करके सोना वैसे कोई चिंता की बात नहीं है पर फिर भी मर्दों का कोई भरोषा नहीं तब आशा ने कहा की दीदी जी आप चिंता नहीं करे सर जी बहुत नेक इंसान है उनसे कोई डरने की जरुरत नहीं है (ये सब बाते आशा ने मुझे बताया ) / जब आशा और मेरी पत्नी आपस में बाते कर रही थी करीब १०.२५ पर तब मैंने मोका देखकर एक मेडिकल की दूकान से बियाग्रा के 10 टेबलेट और कंडोम खरीद लिया और बियाग्रा की एक गोली तो मेडिकल स्टोर के पास ही होटल में जाकर खा भी लिया ,मेरी पत्नी के ट्रेन करीब ११.१५ रात में आई तो मैंने उन्हें ट्रेन में बिठा दिया और आशा के साथ रात में करीब ११.३० बजे घर आ गया मैंने कार को अन्दर पार्क किया और गेट में लाक लगाया फिर दरवाजे का इंटर लाक और जब अन्दर पहुचा तो देखा की आशा उस समय कपडे बदल रही थी / आशा ने साड़ी उतार रखा था और ब्लाउज भी उतार दिया था और दूसरा ब्लाउज पहनने के लिए हाथ में लिया हुआ था इतने में मैं पीछे से जाकर आशा को कस कर बीच लिया अपनी बाहों में आशा ने कोई प्रतिकार नहीं किया बल्कि चुपचाप खडी रही तो मैंने आशा को गोद में उठा लिया और मेरे बेड रुम में ले आया तो आशा ने मेंरी गोद में पड़े पड़े ही कहा की आज पहली बार किसी पुरुष ने इस तरह से गोद में उठाया है ,तब मैंने पूछा की क्योक "राघव " (छोटा भाई का नाम है ) ने कभी नहीं उठाया तो आशा ने बोला की ओ खुद अपना बजन उठा कर चल ले ओही बहुत है मुझेक्या उठायेगे /और उदास सी एक हँसी से हस दिया आशा ने / फिर आशा ने कहा की आप तो आज भी बहुत जवान और मजबूत है शरीर से (मेरी उचाई करीब ६ फिट ३ इंच है मैं आज भी करीब 5 किलीमीटर रोज दौड़ लगता हु इस कारण पेट नहीं निकला और वदन भी कसा हुआ है और गोरा चिठ्ठा हैंडसम हु 45 की उम्र में भी 38 का लगता हु ) मैं अभी भी आशा को गोद में उठा कर चूम रहा हु तो आशा ने कहा की अब तो नीचे रख दीजिये मुझे थक जायेगे आप तोमैने आशा को बड़े प्यार से जमीन पर खडा कर दिया और प्यार करने लगा मैं आशा को किस करने लगा और किस करते करते मैंने आशा की के होठ और जीभ की किस करने लगा आशा ने भी मेरी प्यूरी जीभ को अपने मुह में ले लिया और हलके हलके चूसने लगी लाली पाप की तरह मैं भी आशा को जोर जोर से किस करने लगा और आशा के बूब्स को हलके हलके दबाने लगा और मैंने आशा की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को उतार कर बेड पर रख दिया / ओ माई गाड क्या मस्त आशा के बूब्स थे ज़रा से भी नहीं लूज थे और ना ही ज़रा सा लटके हुए थे एक दम से टाईट थे स्पंज की तरह मैंने आशा के बूब्स को दबाना सुरु किया और आशा भी गर्म पड़ गई तो मैं आशा को बिस्तर पर गिरा दिया और मेरा लम्बा सा मोटा सा लंड धीरे से डाल दिया आशा की चुत में आशा ने जोर से कस कर मेरी कमर को पकड़ लिया ऐसा लग रहा था जैसे आशा चाह रही हो की और अन्दर तक डालो मैंने जोर से झटका मारा तो मेरा पूरा लंड घुस गया आसा ने कश कर पकड़ लिया और मैं धीरे धीरे आशा की चुत को चोदने लगा आशा बड़े प्यार से मेरे सरीर पर हाथ घुमाती रहे मैं आशा को चोदता रहा आशा बड़े प्यार से मेरी किस लेती आशा आह आह आह ऊ ऊ आ आ ससी ससी ससी ससी sयी ससी सी सी की आवाज निक्लाती रहे मैं चोदता रहा आशा को इसके बाद आशा मेरे
आशा ने इस पोजीसन में बहुत चुदवाया
ऊपर चढ़ गई और मुझे खूब चोदा रही इस तरह अलग अलग पोजीसन में आशा ने खूब चुदाया रात में तीन बार चोदा आशा को फिर दिन में दूकान पर चला गया आशा भी दूकान पर आ गई फिर रात में खाना खाया और फिर से चुदाई सुरु किया और उन सात दिनों की चुदाई का परिणाम ये हुआ की आशा ने 9 माह बाद सुन्दर सा मेरे लड़के का जन्म दिया जो आज एक साल का हो गया | पर आशा को चोदने का मोका ज्यादा नहीं मिलता है एक बार दिसंबर 2013 में आशा को उसके घर में साम के समय जल्दी जल्दी चोदा था पर उसके बाद मोका नहीं मिला |
कल ही 26 जनवरी 2014 को आशा को फिर से कैसे चोदा पढ़ो |
आशा इस तरह से स्वेटर में सेक्सी लग रही थी
दिसंबर 2012 की चुदाई के बाद आशा को चोदने का मोका नहीं मिला पर 26 जनवरी 2014 को एक बार फिर से बढ़िया मोका मिल गया मेरी बीबी को कुछ काम था गाव में तो ओ गाव चली गई 26 जनवरी को तो घर से मोका मिल गया और छोटा भाई अपने पापा को दिखाने के लिए बाम्बे चला गया तो तो आशा ने फोन करके बताया कि अभी अकेली हु आओगे क्या आप तो मैंने बोला घर में रात के समय आना अच्छा नहीं होगा तुम आ जाओ मेरे घर पर तो बोली कि दीदी होगे तो मैंने बताया कि ओ गाव गई है दोनों बच्चो को लेकर तो बोली कि टीक है आ जाती हु और साम को आशा अपने लड़के को साथ लेकर आई | आशा को जब से लड़का हुआ आशा कुछ मोटी हो गई लड़के कि खुसी में आशा ने बोला कि आज कुछ तूफानी किया जाए तो मैं आशा कि बात को नहीं समझा और पूछ लिया तो बोली मैंने सूना है सराब पीकर करने में ज्यादा मजा आता है तो मैंने बोला टीक है ले आता हु और सराब कि दूकान से जाकर ब्रांडी के एक बोतल ले आया और साम को खाना बनाया दोनों ने साथ खाना खाये और जब आशा का लड़का सो गया तो आशा को अपने कमरे में बुला लिया और दोनों साथ बैठकर सराब पिए आधा घंटे में सराब का नसा आशा के ऊपर चढने लगा तो आशा बड़ी बेसर्मी के साथ बाते करने लगी | आशा ने कहा कि आओ चोद डालो इस बुर को बहुत दिन हो गए आपके मोटे ,मजबूत लण्ड का ठोकर खाये हुए और इतना कहकर अपने कपडे उतार दिया इस ठण्ड के मौसम में और ब्रा -पेंटी में सोफे पर बैठ गई और सराब कि चुस्किया लेने लगी तीन पैग और पीने के बाद मेरे पास उठकर आई [मैं तो जान बूझकर आशा को तड़पाना चाहता था] और मेरे शरीर पर हाथ घुमाने लगी मुझे किस किया और बोली उठो यार अब मत तड़पाओ और मुझे पकड़ कर उठा दिया और फिर रात भर ऐसी चुदाई किया आशा की बेसर्मी के साथ पहली चुदाई में आशा संतुष्ट होकर झर गई तो आशा के मुह में लण्ड को डालकर मुख -मैथुन किया और आशा पूरा वीर्य गटक गई |
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |
छोटे भाई की बीबी
मेरे गाव के पास का ही मेरी जाती और मेरी ही गोत्र का एक छोटा भाई रहता है हम दोनों एक सहर में ही रहते है मेरा बिजनेस है और छोटा भाई एक कंपनी में सुपर्बाइजर है उसे भी अच्छी तनखाह मिलती है मेरा भी बिजनेस बढ़िया चलता है छोटे भाई की जाब सिफ्ट में चलती है हम दोनों सगे भाई तो नहीं है और हमारा गाव भी 5 KM की दूरी पर है पर हम दोनों गाव से होने के कारण आपस में अच्छी पटती है खूब रहता है मेरी पत्नी की छोटे भाई की बीबी दीदी और मुझे सर जी कहती है भी मुझे भैया नहीं कहा जबकि मेरी पत्नी ने कई बार कहा की इन्हें दादा सा कहा करो पर उसने मुझे कभी दादा सा नहीं कहा (हमारे यहाँ पर बड़े भाई को दादा सा बोलते है) इसका नाम "आशा " है / आशा से मुझे सुरु से ही की एक दिन मेरे से ये जरुर चुदवायेगी क्योकि आशा जब भी मेरे घर आती है तो मेरे से बड़े प्यार से बाते करती है पर मैं उनका जेठ होने के कारण मेरी पत्नी को बुरा नहीं लगता था और यही बात भाई भी समझाता है की मैं तो बड़ा भाई हु पर उसे क्या पता की मैं कितना कमीना इंसान हु जो छोटे भाई की बीबी पर गलत नियत रखता है पर करू क्या जब कोई महिला किसी पुरुष को घास डालने लगती है तो पुरुष बहक ही जाता है यही हाल मेरे साथ भी हुआ / भाई मेरे से कम से कम १० साल छोटा होगा मेरी उम्र ४५ साल है मेरे दो लड़के है दोनों इस समय कालेज की पढ़ाई में ब्यस्त है और दोनों ही घर से बाहर रहते है घर में सिर्फ हम दोनों पति पत्नी रहते है मेरी पत्नी बहुत ही सेक्सी और सुन्दर है सप्ताह में कम से कम दो बरा तो चुदा ही लेती है मेरे से , जबकि मेरी आज भी ऐसी इच्छा रहती है की रोज रोज सेक्स करू पर पत्नी साथ नहीं देती है / भाई की उम्र ३५ साल है और उसकी बीबी आशा भी लगभग ३३ -३४ की होगी आशा बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लगती है गोल मटोल चेहरा रानी मुर्खजी की तरह है बड़े बड़े गोल मटोल कसे हुए स्तन की मालिकन है , सुन्दर से नितम्ब और सुडौल जांघे लगती है जब ओ लैगीज पहन कर आती है तब उसके अंगो के एक एक बनावट साफ़ साफ़ झलकता है / वैसे मेरे समाज में बहुत पर्दा प्रथा है पर आशा बहुत कम पर्दा करती है क्योकि ओ बहुत ही आधुनिक खयालो की अडवांस महिला है आशा कभी कभी कट बाह का ब्लाउज पहन आती है तो गजब की सेक्सी लगती है / मेरे भाई की सादी हुए करीब १० साल से ज्यादा हो गए है पर अभी तह उन दोनों के बेच में कोई ओलाद नहीं हुई है इस कारण आशा कुछ उदास रहती है आशा को अभी तक कोई ओलाद नहीं होने के कारण आशा का जिस्म आज भी अछा खासा कसा हुआ है पेट अन्दर है बड़े बड़े मस्त बिना लटके हुए स्तन किसी को भी अपनी तरफ बरवस ही खीच लेते है /
आशा के बूब्स इसी तरह से मस्त और टाईट थे आशा भी इसी ओरत की तरह लगती है
अब मेरे भाई के बारे में बता दू मेरा भाई सरीर से कमजोर और अधिकतर बीमार रहता है उसे कोई न कोई बीमरी सदा ही लगी रहती है इस कारन ओ दुबला पतला है भाई की लम्बाई भी आशा से कम लगती है जबकि है दोनों बराबर पर आशा अच्छी खासी जवान लगती है जबकि भाई बीमारी के कारण बुढा लगाने लगा है /भाई हमेसा मेरे घर आता रहता है कभी कभी तो उसकी पत्नी रात में मेरे घर पर ही रह जाती है आशा मेरे साथ बहुत घुल मिल गई है /जब भी आती है घर मेरे से बहुत देर तक बाते करती है जब मेरी पत्नी घर में नहीं रहती है उस समय पर / मेरी पत्नी को ज़रा सा भी सक नहीं है की मेरी नियत आशा पर खराब है यही हाल भाई का भी है क्योकि मैं इन दोनों के सामने आशा से बहुत ही लिमिटेड बाते करता हु /
आज से दो साल पहले की मार्च २०११ बात है मेरी पत्नी और छोटा भाई आशा के साथ अपनी इंडिगो कार से हम शिव मंदिर गए वह पर नर्मदा नदी के किनारे स्नान करने लगे सभी मैं तो कट चढी और बनियान में नहाने के लिए नदी में उतर गया मेरी पत्नी भी सलवार सूट पहन रखी थी छोटा भाई भी नहाने के लिए पानी में उतर गया आशा भी उसके साथ आ गई स्नान करने के लिए आशा ने एक कट बाह का सूट और लेगी पहन रखी थी जब आशा पानी में गीली हो गई तो उसके वदन के एक एक अंग साफ़ साफ़ दिखाई देने लगे उसकी ब्रा में से उसके स्तन की कसावट और बनावट मस्त लग रहे थे उसकी पैंटी भी साफ़ साफ़ झलक रही थी / छोटा भाई बहुत ही जल्दी ही पानी से कापते हुए बाहर निकला गया उसे ठण्ड लगने लगी जब ओ बाहर निकला गया तो मेरी पत्नी जो कपडे देखने के लिए किनारे बैठी हुई थी सामान के पास ओ मेरे भी मेरे पास आकर नहाने लगी अब हम दोनों पति पत्नी पानी में अठखेलिया करने लगे तो आशा भी हम दोनों का साथ देने लगी ओ भी खूब दुबकी मार मार कर हम दोनों के साथ नहाने लगी नहाते समय एक बार क्या हुआ की मेरे पत्नी और आशा दोनों एक साथ पानी में डूबी मैं आशा को मेरी पत्नी समझ कर पानी के अन्दर ही बूब्स दबा दिया दोनों हाथो से और कमर पकड़ कर चिपका लिया और ओ भी बड़े प्यार से चिपक गई इतने में मेरी पत्नी मुझे पकड़ लिया मैं समझा की आशा ने पकड़ लिया तो मैं जल्दी से ऊपर आया पानी से , तो देखा की मैं तो आशा को पकड़ रखा हु तब मैंने धीरे से सोरी कह कर अलग हो गया और आशा की तरफ देखा तो उसके चहरे में कोई हैरानी या ग्लानि के भाव नहीं थे बल्कि ओ हलके हलके मुस्कुरा रही थी पर ये सब बात मेरी पत्नी नहीं देख पाई क्योकि ओ थोडा लेट बाहर आई पानी से / कुछ देर नहाने के बाद मेरी पत्नी भी बाहर निकलने लगी तो आशा को बोला की चल बाहर चलते है तो आशा बोली की दीदी थोड़ी देर और नहाओ न मजा आ रहा है तो मेरी पत्नी ने कहा की तू नहा मुझे तो ठण्ड लगने लगी है तो बोली की टीक है और मेरी पत्नी बाहर निकल गई पानी से अब सिर्फ पानी में आशा और मैं बचा और बहुत से अनजान लोगो की भीड़ थी और भीड़ का फायदा उठा कर हम दोनों आपस में एक दुसरे का हाथ पकड़ पकड़ कर दुबकी लगाने लगे और आपस में खूब मजे लिया नहाने का मैं अब खुल कर आशा के बूब्स को दबा देता पानी के अन्दर आशा भी बार बार चिपक जाती मेरे से मैं पानी के अन्दर ही आशा की चूत में हाथ घुमा देता कभी कभी आशा को किसकर लेता पानी के अन्दर ही और आशा भी पानी के अन्दर ही गर्म पड़ गई और मेरे लंड को अपने हाथो से जोर से पकड़ लिया अब हम दोनों बहुत गर्म पड़ गए और जहा पर पानी कम था और लोगो की भीड़ भी कम थी हम वह चले गए तैरते तैरते और कम पानी में नहाने लगे दोनों यहाँ पर भीड़ भी न के बराबर थी मैंने आशा को बोला की लेगी और पेंटी को नीचे करो ना तो ओ समझ गई और मैं और बोली की नहीं यहाँ कोई देख लेगा मैंने बोला कोई बात नहीं और फिर बहुत देर तक पानी के अन्दर मस्ती करते रहे फिर मैंने आशा को एक किस किया और बोल की तुम उधर से जाओ पानी से बाहर और इधर से आता हु जिससे उन लोगो को संका नहीं हो और हम दोनों अलग अलग स्थान से नदी से आगे पीछे के अंतराल से बाहर आ गए पत्नी को सक भी नहीं हुआ भाई ने पूछा आशा से की इतने देर लगा दिया तो बोली की हा नहा रहे थी जब उसने मेरे बारे में पूछा तो आशा बोली मुझे क्या पता किधर है ओ तो दीदी के बाद ही बाहर आ गए थे इतने में मैं बाहर आया और बताया की नदी के उस पार चला गया था तैरते तैरते तो दोनों को संका नहीं हुई और हम कपडे बदल कर मंदिर में दर्शन करने चले गए आशा बार बार मेरे आगे और पीछे ही हो जाती थी भीड़ में इसी बहाने चिपक जाती थी फिर हम सभी एक लान में खाना खाया और वापस अपने घर को आ गए /
अब पहले की तुलना में आशा मेरे घर ज्यादा आने जाने लगी पर हम दोनों को मोका नहीं मिलता था की सम्भोग करे क्योकि मेरे पत्नी दिन भर घर में ही रहती है कही भी नहीं आती - जाती है और हम दोनों पानी की उस मस्ती को याद कर कर के तड़प उठते थे पर मोका नहीं मिल रहा था आशा अब ज्यादातर दूकान में आती और घंटो मेरे पास बैठी रहती मैं कही चला जाता तो काउंटर में बैठ जाती और सामान की बिक्री भी करती छोटी -मोती जरूरते भी मेरे पैसे से प्यूरी करती और छोटे भाई के बारे में सिकायत करती की ये तो कभी कुछ करते ही नहीं दो दो माह हो जाता है मेरे साथ सेक्स किये क्या करू बहुत तड़पती हु आपके लिए /आशा अधिकतर कहा करती है की इनके कारण मेरे को अभी तक कोई ओलाद नहीं हुई है इनके वीर्य में सुक्रानु बहुत कम है डक्टर में बताया है पर इलाज से भी कोई फायदा नहीं हुआ / इस तरह से मैं समझ गया की आशा को ओलाद भी चाहिए और जिस्म की भूख भी कम करना है इस कारण आशा मेरे से ज्यादा लगाव रख रही है .समाज में भी ऐसा रिश्ता है की कोई सक नहीं कर सकता है /
इस तरह करीब एक साल गुजर गए पर हम दोनों आपस में मिल नहीं पाए पर यह मोका मिल ही गया बड़े मुद्दतो के बाद बात है 12 जुलाई २०१२ की है मेरे चाचा जी मतलब आशा के ससुर जी बीमार हुए तो उन्हें डाक्टर को दिखाने के लिए भाई बाम्बे लेकर चला गया आशा गहर में अकेली थी तो भाई से पूछ कर ओ मेरे घर आ गई और आते ही मेरी पत्नी को बोला की दीदे दर लगता है अकेले में इस कारण मैं यहाँ राहगी जब तक आपके देवर नहीं आ जाते है बाम्बे से तो मेरी पत्नी ने कहा की टीक है क्या फर्क पड़ता है देवरानी के हाथ का पकाया हुआ खाउगी मजे करुगी और मेरी पत्नी हसने लगी उन्हें यह नहीं पता था की आशा किस लिए आई घर में रहने के लिए / आशा मेरे लड़के के बेडरूम में रात में रहने लगी पर मेरे हिम्मत नहीं हो रही थी की आशा के पास जाऊ कही मेरी पत्नी की नीद खुल जाए तो लेने के देने पड़ जायेगे बस इसी डर के मारे हिम्मत नहीं जुटा प् रहा था उधर आशा भी मेरे से प्यूरी तरह जेठ का ब्यवहार करती थी जिस से की मेरी पत्नी को जरा भी संका नहीं हो क्योकि यह बात मैंने आशा को पहले ही समझा दिया था /
आशा हु बहू ऐसी ही लगती है
मेरी और आशा की मुह मागी मुराद उस समय पूरी हो गई जब मेरे ससुराल से फोन आया की मेरी दादी सा की तबियत ज्यादा खराब है मेरी पत्नी ने बोला की मुझे जाना है तो मैंने बोला की दोनों जायेगे तो दूकान बंद हो जायेगी तो नुक्सान होगा तुम अकेली चली जाओ तो मेरी पत्नी ने बोल दिया की टीक है मैं अकेली चली जाती हु तब मैंने खश होकर उनका रिजर्वेसन करा दिया AC कोच में और उन्हें 14 जुलाई 2012 को रात में १०.१५ बजे ट्रेन में बिठाने गया जब मेरे पत्नी जाने लगी तो बोली की टीक से रहना आशा भी घर में है खाना पीना तो बना ही देगी / मैंने बोला तुम चिंता नहीं करो / मेरी पत्नी को छोड़ने के लिए आशा भी साथ आई थी कार में जब मैं थोड़ी देर के लिए पत्नी के पास से हटा तो मेरी पत्नी ने आशा को समझाया की रात में दरवाजा अन्दर से बंद करके सोना वैसे कोई चिंता की बात नहीं है पर फिर भी मर्दों का कोई भरोषा नहीं तब आशा ने कहा की दीदी जी आप चिंता नहीं करे सर जी बहुत नेक इंसान है उनसे कोई डरने की जरुरत नहीं है (ये सब बाते आशा ने मुझे बताया ) / जब आशा और मेरी पत्नी आपस में बाते कर रही थी करीब १०.२५ पर तब मैंने मोका देखकर एक मेडिकल की दूकान से बियाग्रा के 10 टेबलेट और कंडोम खरीद लिया और बियाग्रा की एक गोली तो मेडिकल स्टोर के पास ही होटल में जाकर खा भी लिया ,मेरी पत्नी के ट्रेन करीब ११.१५ रात में आई तो मैंने उन्हें ट्रेन में बिठा दिया और आशा के साथ रात में करीब ११.३० बजे घर आ गया मैंने कार को अन्दर पार्क किया और गेट में लाक लगाया फिर दरवाजे का इंटर लाक और जब अन्दर पहुचा तो देखा की आशा उस समय कपडे बदल रही थी / आशा ने साड़ी उतार रखा था और ब्लाउज भी उतार दिया था और दूसरा ब्लाउज पहनने के लिए हाथ में लिया हुआ था इतने में मैं पीछे से जाकर आशा को कस कर बीच लिया अपनी बाहों में आशा ने कोई प्रतिकार नहीं किया बल्कि चुपचाप खडी रही तो मैंने आशा को गोद में उठा लिया और मेरे बेड रुम में ले आया तो आशा ने मेंरी गोद में पड़े पड़े ही कहा की आज पहली बार किसी पुरुष ने इस तरह से गोद में उठाया है ,तब मैंने पूछा की क्योक "राघव " (छोटा भाई का नाम है ) ने कभी नहीं उठाया तो आशा ने बोला की ओ खुद अपना बजन उठा कर चल ले ओही बहुत है मुझेक्या उठायेगे /और उदास सी एक हँसी से हस दिया आशा ने / फिर आशा ने कहा की आप तो आज भी बहुत जवान और मजबूत है शरीर से (मेरी उचाई करीब ६ फिट ३ इंच है मैं आज भी करीब 5 किलीमीटर रोज दौड़ लगता हु इस कारण पेट नहीं निकला और वदन भी कसा हुआ है और गोरा चिठ्ठा हैंडसम हु 45 की उम्र में भी 38 का लगता हु ) मैं अभी भी आशा को गोद में उठा कर चूम रहा हु तो आशा ने कहा की अब तो नीचे रख दीजिये मुझे थक जायेगे आप तोमैने आशा को बड़े प्यार से जमीन पर खडा कर दिया और प्यार करने लगा मैं आशा को किस करने लगा और किस करते करते मैंने आशा की के होठ और जीभ की किस करने लगा आशा ने भी मेरी प्यूरी जीभ को अपने मुह में ले लिया और हलके हलके चूसने लगी लाली पाप की तरह मैं भी आशा को जोर जोर से किस करने लगा और आशा के बूब्स को हलके हलके दबाने लगा और मैंने आशा की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को उतार कर बेड पर रख दिया / ओ माई गाड क्या मस्त आशा के बूब्स थे ज़रा से भी नहीं लूज थे और ना ही ज़रा सा लटके हुए थे एक दम से टाईट थे स्पंज की तरह मैंने आशा के बूब्स को दबाना सुरु किया और आशा भी गर्म पड़ गई तो मैं आशा को बिस्तर पर गिरा दिया और मेरा लम्बा सा मोटा सा लंड धीरे से डाल दिया आशा की चुत में आशा ने जोर से कस कर मेरी कमर को पकड़ लिया ऐसा लग रहा था जैसे आशा चाह रही हो की और अन्दर तक डालो मैंने जोर से झटका मारा तो मेरा पूरा लंड घुस गया आसा ने कश कर पकड़ लिया और मैं धीरे धीरे आशा की चुत को चोदने लगा आशा बड़े प्यार से मेरे सरीर पर हाथ घुमाती रहे मैं आशा को चोदता रहा आशा बड़े प्यार से मेरी किस लेती आशा आह आह आह ऊ ऊ आ आ ससी ससी ससी ससी sयी ससी सी सी की आवाज निक्लाती रहे मैं चोदता रहा आशा को इसके बाद आशा मेरे
आशा ने इस पोजीसन में बहुत चुदवाया
ऊपर चढ़ गई और मुझे खूब चोदा रही इस तरह अलग अलग पोजीसन में आशा ने खूब चुदाया रात में तीन बार चोदा आशा को फिर दिन में दूकान पर चला गया आशा भी दूकान पर आ गई फिर रात में खाना खाया और फिर से चुदाई सुरु किया और उन सात दिनों की चुदाई का परिणाम ये हुआ की आशा ने 9 माह बाद सुन्दर सा मेरे लड़के का जन्म दिया जो आज एक साल का हो गया | पर आशा को चोदने का मोका ज्यादा नहीं मिलता है एक बार दिसंबर 2013 में आशा को उसके घर में साम के समय जल्दी जल्दी चोदा था पर उसके बाद मोका नहीं मिला |
कल ही 26 जनवरी 2014 को आशा को फिर से कैसे चोदा पढ़ो |
आशा इस तरह से स्वेटर में सेक्सी लग रही थी
दिसंबर 2012 की चुदाई के बाद आशा को चोदने का मोका नहीं मिला पर 26 जनवरी 2014 को एक बार फिर से बढ़िया मोका मिल गया मेरी बीबी को कुछ काम था गाव में तो ओ गाव चली गई 26 जनवरी को तो घर से मोका मिल गया और छोटा भाई अपने पापा को दिखाने के लिए बाम्बे चला गया तो तो आशा ने फोन करके बताया कि अभी अकेली हु आओगे क्या आप तो मैंने बोला घर में रात के समय आना अच्छा नहीं होगा तुम आ जाओ मेरे घर पर तो बोली कि दीदी होगे तो मैंने बताया कि ओ गाव गई है दोनों बच्चो को लेकर तो बोली कि टीक है आ जाती हु और साम को आशा अपने लड़के को साथ लेकर आई | आशा को जब से लड़का हुआ आशा कुछ मोटी हो गई लड़के कि खुसी में आशा ने बोला कि आज कुछ तूफानी किया जाए तो मैं आशा कि बात को नहीं समझा और पूछ लिया तो बोली मैंने सूना है सराब पीकर करने में ज्यादा मजा आता है तो मैंने बोला टीक है ले आता हु और सराब कि दूकान से जाकर ब्रांडी के एक बोतल ले आया और साम को खाना बनाया दोनों ने साथ खाना खाये और जब आशा का लड़का सो गया तो आशा को अपने कमरे में बुला लिया और दोनों साथ बैठकर सराब पिए आधा घंटे में सराब का नसा आशा के ऊपर चढने लगा तो आशा बड़ी बेसर्मी के साथ बाते करने लगी | आशा ने कहा कि आओ चोद डालो इस बुर को बहुत दिन हो गए आपके मोटे ,मजबूत लण्ड का ठोकर खाये हुए और इतना कहकर अपने कपडे उतार दिया इस ठण्ड के मौसम में और ब्रा -पेंटी में सोफे पर बैठ गई और सराब कि चुस्किया लेने लगी तीन पैग और पीने के बाद मेरे पास उठकर आई [मैं तो जान बूझकर आशा को तड़पाना चाहता था] और मेरे शरीर पर हाथ घुमाने लगी मुझे किस किया और बोली उठो यार अब मत तड़पाओ और मुझे पकड़ कर उठा दिया और फिर रात भर ऐसी चुदाई किया आशा की बेसर्मी के साथ पहली चुदाई में आशा संतुष्ट होकर झर गई तो आशा के मुह में लण्ड को डालकर मुख -मैथुन किया और आशा पूरा वीर्य गटक गई |
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |
No comments:
Post a Comment