Tuesday, February 10, 2015

Fentency रूचि की कहानी --3

Fentency

  रूचि की कहानी --3

मई उसके लंड की दस्तक महसूस कर रही थी और अपना द्वार खोल कर
उसके लिंग को अंदर आने के लिए कह रही थीमगर वो मुझे सताने के
मूड मे थावो मेरी योनि मे अपना लिंग घुसने की जगह बाहर फेरने लगा.


« क्या हुआ ? » मैने पूचछा.


« तुम्हे मेरा लिंग चाहिए ? »


« ह्म्*म्म्म » मैने कहा.


« तो रिक्वेस्ट करो. »


« प्लीज़ » मैने कहा.


« ऐसे नहीं ठीक से कहो. »


« प्लीज़ अंदर कर दो नामुझसे अब रहा नही जा रहा है. »


उसने कोई हरकत नही कीमैने टॉ मे आकर उसके ताने हुए बॅमबू को
पकड़ा और अपनी योनि पर सता कर अपने कमर को पीच्चे की ओर एक
जोरदार झटका दियाउसका लिंग मेरी छूटी हुई छूट मे घुसगाया.


« आआआआआहह करो ज़ोर ज़ोर से करोमुझे जाम कर छोड़ो.
आआआआआहह ऊऊऊओह »
वो अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने लगाउसके हर धक्के के साथ मेरे
बूब्स इधर उधर हिलने लगेउपर से शवर का पानी बदन को ठंडा
करने की कोशिश कर रहा था और अंदर से उसका लिंग मेरे बदन को
गर्म कर रहा थाउसने मेरे गीले बॉल थम लिए और उन्हे अपनी ओर
खींचने लगामेरा सिर ऊपर की ओर उठ गयामेरे मुँह से उत्तेजना
भरे आआअहह ऊओ निकल रहे थेकाफ़ी देर तक इस तरह छोड़ने के
बाद उसने मुझे वहीं बातरूम के फर्श पर लिटायाऔर मेरी टाँगों
च्चत की तरफ उठा दियामुझे अपनी योनि का कुच्छ हिस्सा नज़र आने
लगामेरी योनि कामोत्तेजना से खुल बंद हो रही थीउसके होंठ
रसीले हो रहे थेशवर की बूंदे सारे बदन पर गिर रही थी.


मगर शरीर फिर भी ताप रहा थाउसने मेरी योनि मे दोबारा अपना लिंग
डाल दिया और छोड़ने लगामेरा सिर उसके कंधे पर होने के कारण
मुझे उसका लिंग अपनी योनि मे धक्के मरता हुआ सॉफ सॉफ नज़र आ रहा
थामैने कुच्छ देर बाद अपने पैर उसके कंधों पर से उतरे और उसकी
कमर से लपेट दिएअपनी टाँगों को सख्ती से उसकी कमर पर लपेट कर
उसके लिंग को अपनी योनि मे जितना हो सके अंदर तक जाने को बाध्या कर
रही थीतन्हि वापस मेरी योनि के मुस्सलेस सिकुरने लगे और मेरे बदन
के अंदर भी फुहारे गिरने लगीउसके लिंग पर मेरी योनि का दबाव बढ़ा
देने के कारण उसका लिंग भी और ज़्यादा देर तक अपने आप को सम्हल नहीं
पाया और उसमे से भी गढ़ा वीरया निकल कर मेरी योनि कोभरने लगा.


हम दोनो ठंडे होने के बाद एक दूसरे को वापस ढंग से नहलाए औरफिर बदन पोंच्छ कर बाहर निकल आएहम नग्न हालत मे वापस बेडरूम
मे आगाएफिर काफ़ी देर तक एक दूसरे के बदन को चूमते छत ते रहे.
दोनो एक दूसरे के बदन से खेल रहे थेमई एक हाथ से उनके लिंग को
सहला रही थी.


« बहुत लाजवाब चीज़ हो तुम » राजेश ने कहा


मैने शर्मा कर नज़रें झुका लीराजेश ने मुझे खींच कर अपने
ऊपर लिटा लियामई उनके ढीले पड़े लिंग पर बैठ गयीवो मेरे
स्तनों से खेल रहा थामेरी निपल्स को खींच रहा थामई उनके
सीन के बालों पर उंगलियाँ फिरा रही थी.


« मैने जिस दिन से तुम्हे देखा अपना होश खो चुका था हुमारी पहली
मुलाकात ही ऐसी हुई थीयाद है ना? » उसने कहामैने प्यार मे भर
कर उसके होंठों को चूम लिया.


« मई भूल सकती हून भलामई भी तो इस दिन का बेसब्री से इंतेज़ार
कर रही थीतुम हो ही इतने हॅंडसम को कोई भी औरत एक बार मे ही
तुम्हारी बाहों मे अजाएमुझे तो तुम पर गुस्सा आ रहा था की तुम आगे
नही बढ़ रहे थे. » मई उनके सीने पर लेट गयीमेरे स्तन उनके
चौड़े सीने पर डब कर फैल गये थे.


फिर हम नग्न हालत मे बिस्तर से उठेमैने अपने हाथ कपड़ों की तरफ
बढ़ाए तो राजेश ने मेरे हाथ हटा दिया.


« प्लीज़ कपड़े दो ना. »


« नहीं तुम बिना कपड़ों के ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो. »


« प्लीज़ मई शर्म से मार जौंगी »


मगर वो नही माना और उसी हालत मे बेडरूम से बाहर आएराजेश
मुझे अपनी बाहों मे लपेटे हुए थाटेबल पर खाना लगा हुया था
मई उनकी गोद मे बैठ गयीहुँने एक दूसरे को खाना खिलायाफिर
खाने से निबटने के बाद वापस बेडरूम मे आगाए.
















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