Fentency
मेरा नाम अमित है | मेरी उम्र २४ साल है और मुझे सेक्स और संभोग काफी पसंद है और मुझे सेक्स कामसूत्र मेरी पड़ोसन ने सिखाया | ये बात जब की है, जब मै १८ साल का था | हमारे पड़ोस मे एक परिवार रहता था और उनसे हमारे बहुत ही अच्छे संभंद थे | हम दोनों के परिवारों को आपस मे काफी आना जाना था | उनके दो लड़के थे और दोनों की ही शादी हो चुकी थी | सबसे छोटे वाले लड़के की दो साल पहले ही शादी हुइ थी, मगर उसकी बीवी को कोई बच्चा नहीं हुआ था | उसकी बीवी माहुत ही सुंदर और मस्त थी | उनका फिगर देखते ही मेरा लंड झटके मारने शुरू कर देता था | वो इतनी सुन्दर थी, कि कोई अगर उन्हें देखे; तो बस देखता ही रह जाये |
एक दिन की बात है, दोपहर का समय था, हम सब लोग धूप में बैठे हुए बातें कर रहे थे | अचानक मैने देखा, कि बातो-बातो में मेरा हाथ भाभी की जांघों के नीचे चला गया | मुझे पता ही नहीं चला, कि ये कैसा हुआ | उनकी जांघे बहुत ही गरम थी | मुझे कीच अजीब सा लगा और मैने सोचा कि भाभी मेरे बारे मे क्या सोचेंगी, लेकिन किसी कारणवश, नहीं निकाल पाया | मुझे कुछ उलझा हुआ देखकर भाभी मेरी परेशानी समझ गयी और भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुस्कुरा दी | अब तो मुझे उनकी भी सहमती मिल चुकी थी और मैने अपने हाथ को और अंदर करना शुरू कर दिया, लेकिन जिस तरह से भाभी बैठी थी, एक हद तक पहुचकर मेरा हाथ आगे जा ही नहीं पा रहा था | ये सब देखकर, भाभी थोड़ी सी आगे को सरक गयी और मेरा हाथ उनकी गांड के नीचे आ गया | मैने उसने नित्म्भो को दबाना और उनकी गांड के छेद मे ऊँगली करना शुरू कर दिया | भाभी भी पूरी मस्ती मे वैसे ही बैठी रही और थोड़ी देर के बाद जब धूप चली गयी तो सब उठ गए और सब अपने अपने घर जाने लगे |
जाते वक्त, भाभी ने मुझसे कहा की शाम को ५ बजे मेरे घर आना मुझे कुछ काम हैं | अब तो मुझे समझ आ चुका था, कि भाभी ने मुझे क्यों बुलाया है | मैने भी अपना लंड बड़ी मुश्किल से रोका हुआ था, वहा से निकलकर, मै सीधे बाथरूम मै भगा और भाभी के नाम पर मस्त हस्थ्मथुन किया | शाम को ५ बजे, मै अनजान बनकर उनके घर चला गया, मै उनको ये नहीं जताना चाहता था, कि मुझे उनकी मंशा समझ आ गयी है | जब मै उनके घर मै घुसा, तो देखा भाभी सर पर चुन्नी बाँध कर लेटी हुई थी | मैने भाभी से कहा आप तो सो रही हो, चलो मै बाद मे आ जाता हु | भाभी बोली रुक-रुक मत जा, यहाँ पर आ जा | मै उनके पास गया और फिर वो मुझसे बोली की सर में दर्द हो रहा हे, थोडा दबा दो, मैने कहा ठीक है और मै उनका सर दबाने लगा; तो वो बोली, कि ऐसे कुछ अच्छा सनाही लग रहा, तुम ऊपर पैर करके बैठ जाओ और मै तुम्हारी गोदी में सर रख लेती हू फिर तुम अच्छे से दबा देना |
मैने वैसा ही किया और फिर उन्होंने मेरे गोद में सर रख दिया और फिर मै उनका सर दबाने लगा | कुछ देर उनका सर दबाने के बाद मैने उनसे पूछा की अब कैसा लग रहा हे ? भाभी बोली, काफी ठीक है, लेकिन थोडा नीचे की और दबा दो | मैने मन ही मन खुश होते हुए, ठीक है दबा देता हु | फिर उन्होंने मेरे तरफ अपनी कान को किया और उनका गाल अब मेरे लंड की तरफ था, जब भी मै उनके कान के पास दबाता, उनका गाल मेरे लंड को भी दबा देता और ऐसा करते-करते कुछ ही पलो में मेरा लंड खड़ा हो गया | मुझे फिर से अजीब सा लगने लगा और फिर मैने भाभी से कहा, कि अब मुझे चलना चाहिए |
भाभी ने मुझे से रुकने की जिद की और बोली मेरे कान के पास दर्द हो रहा है, कुछ और देर दबा दे; जब मुझे थोडा सा आराम मिलेगा, तब तू चले जाना |
मै अब कुछ भी नही कर पा रहा था | उनके गालो के कारण मेरे लंड अब पूरी तरह खड़ा हो चूका था | फिर कुछ देर के बाद वो बोली अरे ये क्या है ?जो मेरे गालो को लग रहा है |
मैने भोला बनते हुए कहा, क्या भाभी कुछ भी नहीं है | उन्होंने फिर मेरे पेंट का ज़िप खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल कर अपना गाल रख दिया और फिर लेट गयी, और बोली अब दबाव अब मुझे और आराम मिल रहा है | फिर कुछ देर के बाद हिलते हिलते वो अपना होठ मेरे लंड पर लगाने लगी थी | अब तो मुझे पक्का पता चल गया की उनके मन में क्या चल रहा है ? मगर फिर भी मै अनजान बनाने का नाटक कर रहा था | फिर वो अचानक से उठ गयी और मुझसे पूछाम तेरा क्या हाल हो रहा है?
मैने कहा, भाभी मजा आ रहा है | ऊऊओ………..आआआआअ…….फिर उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और मेरे होठो को और मेरे गालो को चूमने लगी और फिर मुझे बोली की चल अब तू भी ऐसे ही कर मुझे | मैं भी फिर उनको चूमने लगा, गालो पर और होठो को चूसने लगा | मुझे भी अब मज़ा आने लगा | फिर कुछ १५ – २० मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को चुमते और चूसते रहे | फिर हम दोनों अलग हुए और फिर उन्होंने मुझसे कहा की किसी को बताना नहीं | उसके बाद मैं फिर अपने घर को निकल पड़ा |
इसके बाद जब भी हम दोनों को मौका मिला, हम दोनों एक दूसरे को चूसते और चुमते रहते कभी कभी में एक कदम आगे बड जाता और उनके चुचे दबा देता |
फिर एक दिन मैने उनसे पूछा, कि आप भैया से खुश नहीं हो क्या ?
भाभी मुस्कुराकर बोली, ऐसी बात नहीं है | वो क्या है, कि तू मुझे अच्छा लगता है; इसीलिए मै तुझ से चुदना चाहती हू | मैने कहा, मैने तो आज तक किसी को नहीं चोदा; थोड़ी देर बाद हंसकर भाभी बोली, चिंता क्यों कर रही है | मै आपको सब कुछ सिखा दूंगी | तुझे सिखने का मन है ?
मैने खुश होते हुए बोला, नेकी और पूछ-पूछ | अभी तो उम्र हे मेरी सिखने की और उसके बाद, मै और भाभी दोनों मौका ढूंढने लगे |
फिर एक दिन वो घर पर अकेली थी, तब उसने मुझे बुलवा लिया, और जब तक मै पंहुचा उसने पूरी तरह से साज्श्रंगार कर रखा था | उसे देख के तो मेरी फट गयी, क्या लग रही थी और उसको देखकर मेरे लंड ने उसको सलाम बजाना शुरू कर दिया | उनके चुचे को मैने ध्यान से देखा; तो, देखा कि उसके चुचे कपड़ो मे से बाहर आने को बैचेन है | मैने उनको इस हाल में देखते ही उन्हें अपने गले से लगा लिया और झट से उनके होठो पर अपने होठ रख दिया और उन्हें जोर जोर से चूसने लगा |
कुछ देर के चूसने के बाद वो बोली की ऊपर के कमरे में चलते हे, तुम उपर चलो में दरवाजा लगा कर आती हू | मै ऊपर चले गया और वो दरवाजा लगाकर ऊपर कमरे मे आ गयी | उनको देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मै उनपर टूट पड़ा और उनके कामुक होठो को चूसने लगा | उनके होठ आज काफी मीठे लग रहे थे, पहले से | मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मै उनके होठो को नहीं किसी मिस्री को चूस रहा हू | उनके होठो को चूसते चूसते उन्होंने अपनी जीभ से मेरे होठो को चाटने लगी और फिर मुझे बोली की अपनी जीभ से मेरे जीभ को छु आआआ…..ऊऊओ | मैने वैसा ही किया और मुझे काफी मज़ा आ रहा था, आज तो वो मुझ कामशास्त्र की टीचर लग रही थी |
फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए और फिर उन्होंने मुझे अपने पुरे शरीर पर किस करने को कहा और मस्ती मे चूमने के लिए बोला | मैने उसके गाल, होठ, सर, हर जगह को चूमा | मेरे चूमें से वो भी पूरी तरह से मस्ती मे आ चुकी थी और मस्ती अपना कामुक शरीर हिला रही थी | अब मुझ से रुका नहीं जा रहा था और मैने बड़ी ही बेसब्री से उनके पुरे कपडे उतार दिये और अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी | फिर उन्होंने मुझे कहा, कि अब तुम मेरे ऊपर आ जा और मुझे चुसो | फिर, मैने उसके चुचो को अपने हाथो में पकड़ा और कसकर मसलने लगा | उसके दोनों चुचे बड़े ही मजेदार थे और मै दोनों को बारी-बारी से मसल रहा था और वो भी मस्ती मै कामुक आवाजो के साथ आआआआ……ओऊ………..अपना बदन हिला रही थी |
फिर, भाभी ने मेरे सारे कपडे उतारकर पूरा नंगा कर दिया और हम एक दुसरे से लिपट गये | हम दोनों के नंगे बदन आपस मे चिपके हुए थे और उसके चुचे मेरी छाती मे धसे हुए थे और मेरा लंड उसकी चूत की घंटी पर टक्कर मार रहा था और उसके अंदर जाने को बैचेन था | भाभी, ने अपने हाथ नीचे कर लिए और मेरा लंड पकड़ लिया और जोर से खीचने लगी | मेरा शरीर मस्ती मे हिल रहा था ओऊ……क्या कर रही हो भाबी..वाह…मैने भी अपना हाथ उसकी चूत पर रख लिया और उसकी चूत को रगड़ने लगा | भाभी मस्ती मे थी और उसकी गांड हिल रही थी और वो जोर-जोर से चिल्ला रहीथी, साले….और कर…आआअ…ऊऊऊऊऊ..मस्त…तेरा लौड़ा मस्त है…चोद दे मुझे आज…आआआआआआअ…..ऊऊऊऊऊ……..
फिर उन्होंने मेरी एक जांघ को अपनी चूत के पास अपनी दोनों टांगो के बीच मे ले लिया | अब मेरा लंड उनकी चूत को बिलकुल छु रहा था और जब उनको उनकी चूत पर मेरे लंड की लम्बाई और मोती का अहसास हुआ, तो वो बोली साले, तेरा लंड तो छुपा रुस्तम है | और फिर से मेरे लंड को अपने हाथो मे ले लिया और हँसते हुए, तेजी से अमर लंड अपने मुह मे ले लिया और फिर अपने मुह को आगे पीछे करके मेरा मुठ मारने लगी और मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ से सहला रही थी | आआआआअ……ओ..बस…….तुम सेक्सी हो मेरी जान…..आज तो तेरी जान ले लूँगा …..आआआअ…ऊऊओ…बस….
मैं तो एक दम सा पागल सा हुए जा रहा था | फिर वो अचानक से रुक गयी और बोली बस चोदने की बारी | इतना कहकर वो लेट गयी और मुझे बोली की चल अब मेरे ऊपर आ | मै जब उनके ऊपर आया तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत के ऊपर रख लिया और अपनी चूत से रगड़ने लगी | उनके मुह से बड़ी कामुक आवाज़े निकल रही थी….आआआ…सी….सी…सी…आ…ऊ…आ…ओउच….औ
र अपनी गांड को सही तरीके से रखने के
लिए, उन्होंने गांड के नीचे तकिया रख लिया और मुझे मेरा लंड चूत के ऊपर
चलाने को कहा और बोला, कि रगड़ते हुए ही, धक्का मार देना | मैने अपना लंड
उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया, तो वो मस्ती मै कसमसाने लगी और मचलने लगी और
फिर मैने धीरे से एक धक्का मार दिया | मेरा लंड थोडा सा अंदर गया, मेरा
लंड पहली बार किसी चूत मै जा रहा था, तो मुझे थोडा सा दर्द होने लगा | दर्द
काफी हो रहा था, तो मै रुक गया | भाभी ने पूछा, क्या हुआ? मैने कहाँ, मेरे
लंड की खाल छिल गयी है और काफी दर्द हो रहा है | भाभी बोली, कि कुछ न्हिया
होगा, तेज धक्के मार, सब ठीक हो जायेगा और भाभी बैचेनी मे अपनी गांड
हिलाकर मेरे लंड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी |
मैने जैसा भाभी ने बोला, वैसा ही करना शुरू कर दिया | मैने जोर से धक्के मारकर, लंड को और अंदर डालना शुरू कर दिया | आआअ….ऊऊओ…मेरा दर्द बड़ रहा था और मुझे से दर्द शान नहीं हो रहा था | लेकिन, भाभी मुझे बार-बार मुझे मेरे लंड को उनकी चूत में आगे पीछे करने के लिए बोलती रही | कुछ देर मे, मेरा दर्द कम होने लगा और मैने पुरे जोश मे लंड को चलाना शुरू कर दिया | अब मुझे से सहन नहीं हो रहा था | भाभी का शरीर काफी तेज चल रहा था और एक ही झटके के साथ उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया | फिर, मुझे लगा; कि मै भी झड़ने वाला हु, तो मैने भाभी को बोला, कि भाभी अजीब से चुभन है, लगता है कुछ बाहर आने वाला है | भाभी समझ गयी और उसने मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल लिया अपने मुह पर रख लिया और मेरा गरम पानी एक ताज झटके के साथ भाभी के मुह मे चला गया | भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुह मे ले लिया और मेरा लंड चूसने लगी | भाभी ने मेरे वीर्य की एक-एक बूंद चूस ली और मेरा लंड बिलकुल सुकड़ गया |
मुझे भी उस दिन बड़ा मज़ा आया और मेरा पहला कामसूत्र बहुत ही मस्त था | उसके बाद तो हम को जब भी मौका मिलता, हम एक दुसरे को मस्ती मे चोदते और मज़े लेते |
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मेरी भाभी बड़ी सायानी
मेरा नाम अमित है | मेरी उम्र २४ साल है और मुझे सेक्स और संभोग काफी पसंद है और मुझे सेक्स कामसूत्र मेरी पड़ोसन ने सिखाया | ये बात जब की है, जब मै १८ साल का था | हमारे पड़ोस मे एक परिवार रहता था और उनसे हमारे बहुत ही अच्छे संभंद थे | हम दोनों के परिवारों को आपस मे काफी आना जाना था | उनके दो लड़के थे और दोनों की ही शादी हो चुकी थी | सबसे छोटे वाले लड़के की दो साल पहले ही शादी हुइ थी, मगर उसकी बीवी को कोई बच्चा नहीं हुआ था | उसकी बीवी माहुत ही सुंदर और मस्त थी | उनका फिगर देखते ही मेरा लंड झटके मारने शुरू कर देता था | वो इतनी सुन्दर थी, कि कोई अगर उन्हें देखे; तो बस देखता ही रह जाये |
एक दिन की बात है, दोपहर का समय था, हम सब लोग धूप में बैठे हुए बातें कर रहे थे | अचानक मैने देखा, कि बातो-बातो में मेरा हाथ भाभी की जांघों के नीचे चला गया | मुझे पता ही नहीं चला, कि ये कैसा हुआ | उनकी जांघे बहुत ही गरम थी | मुझे कीच अजीब सा लगा और मैने सोचा कि भाभी मेरे बारे मे क्या सोचेंगी, लेकिन किसी कारणवश, नहीं निकाल पाया | मुझे कुछ उलझा हुआ देखकर भाभी मेरी परेशानी समझ गयी और भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुस्कुरा दी | अब तो मुझे उनकी भी सहमती मिल चुकी थी और मैने अपने हाथ को और अंदर करना शुरू कर दिया, लेकिन जिस तरह से भाभी बैठी थी, एक हद तक पहुचकर मेरा हाथ आगे जा ही नहीं पा रहा था | ये सब देखकर, भाभी थोड़ी सी आगे को सरक गयी और मेरा हाथ उनकी गांड के नीचे आ गया | मैने उसने नित्म्भो को दबाना और उनकी गांड के छेद मे ऊँगली करना शुरू कर दिया | भाभी भी पूरी मस्ती मे वैसे ही बैठी रही और थोड़ी देर के बाद जब धूप चली गयी तो सब उठ गए और सब अपने अपने घर जाने लगे |
जाते वक्त, भाभी ने मुझसे कहा की शाम को ५ बजे मेरे घर आना मुझे कुछ काम हैं | अब तो मुझे समझ आ चुका था, कि भाभी ने मुझे क्यों बुलाया है | मैने भी अपना लंड बड़ी मुश्किल से रोका हुआ था, वहा से निकलकर, मै सीधे बाथरूम मै भगा और भाभी के नाम पर मस्त हस्थ्मथुन किया | शाम को ५ बजे, मै अनजान बनकर उनके घर चला गया, मै उनको ये नहीं जताना चाहता था, कि मुझे उनकी मंशा समझ आ गयी है | जब मै उनके घर मै घुसा, तो देखा भाभी सर पर चुन्नी बाँध कर लेटी हुई थी | मैने भाभी से कहा आप तो सो रही हो, चलो मै बाद मे आ जाता हु | भाभी बोली रुक-रुक मत जा, यहाँ पर आ जा | मै उनके पास गया और फिर वो मुझसे बोली की सर में दर्द हो रहा हे, थोडा दबा दो, मैने कहा ठीक है और मै उनका सर दबाने लगा; तो वो बोली, कि ऐसे कुछ अच्छा सनाही लग रहा, तुम ऊपर पैर करके बैठ जाओ और मै तुम्हारी गोदी में सर रख लेती हू फिर तुम अच्छे से दबा देना |
मैने वैसा ही किया और फिर उन्होंने मेरे गोद में सर रख दिया और फिर मै उनका सर दबाने लगा | कुछ देर उनका सर दबाने के बाद मैने उनसे पूछा की अब कैसा लग रहा हे ? भाभी बोली, काफी ठीक है, लेकिन थोडा नीचे की और दबा दो | मैने मन ही मन खुश होते हुए, ठीक है दबा देता हु | फिर उन्होंने मेरे तरफ अपनी कान को किया और उनका गाल अब मेरे लंड की तरफ था, जब भी मै उनके कान के पास दबाता, उनका गाल मेरे लंड को भी दबा देता और ऐसा करते-करते कुछ ही पलो में मेरा लंड खड़ा हो गया | मुझे फिर से अजीब सा लगने लगा और फिर मैने भाभी से कहा, कि अब मुझे चलना चाहिए |
भाभी ने मुझे से रुकने की जिद की और बोली मेरे कान के पास दर्द हो रहा है, कुछ और देर दबा दे; जब मुझे थोडा सा आराम मिलेगा, तब तू चले जाना |
मै अब कुछ भी नही कर पा रहा था | उनके गालो के कारण मेरे लंड अब पूरी तरह खड़ा हो चूका था | फिर कुछ देर के बाद वो बोली अरे ये क्या है ?जो मेरे गालो को लग रहा है |
मैने भोला बनते हुए कहा, क्या भाभी कुछ भी नहीं है | उन्होंने फिर मेरे पेंट का ज़िप खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल कर अपना गाल रख दिया और फिर लेट गयी, और बोली अब दबाव अब मुझे और आराम मिल रहा है | फिर कुछ देर के बाद हिलते हिलते वो अपना होठ मेरे लंड पर लगाने लगी थी | अब तो मुझे पक्का पता चल गया की उनके मन में क्या चल रहा है ? मगर फिर भी मै अनजान बनाने का नाटक कर रहा था | फिर वो अचानक से उठ गयी और मुझसे पूछाम तेरा क्या हाल हो रहा है?
मैने कहा, भाभी मजा आ रहा है | ऊऊओ………..आआआआअ…….फिर उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और मेरे होठो को और मेरे गालो को चूमने लगी और फिर मुझे बोली की चल अब तू भी ऐसे ही कर मुझे | मैं भी फिर उनको चूमने लगा, गालो पर और होठो को चूसने लगा | मुझे भी अब मज़ा आने लगा | फिर कुछ १५ – २० मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को चुमते और चूसते रहे | फिर हम दोनों अलग हुए और फिर उन्होंने मुझसे कहा की किसी को बताना नहीं | उसके बाद मैं फिर अपने घर को निकल पड़ा |
इसके बाद जब भी हम दोनों को मौका मिला, हम दोनों एक दूसरे को चूसते और चुमते रहते कभी कभी में एक कदम आगे बड जाता और उनके चुचे दबा देता |
फिर एक दिन मैने उनसे पूछा, कि आप भैया से खुश नहीं हो क्या ?
भाभी मुस्कुराकर बोली, ऐसी बात नहीं है | वो क्या है, कि तू मुझे अच्छा लगता है; इसीलिए मै तुझ से चुदना चाहती हू | मैने कहा, मैने तो आज तक किसी को नहीं चोदा; थोड़ी देर बाद हंसकर भाभी बोली, चिंता क्यों कर रही है | मै आपको सब कुछ सिखा दूंगी | तुझे सिखने का मन है ?
मैने खुश होते हुए बोला, नेकी और पूछ-पूछ | अभी तो उम्र हे मेरी सिखने की और उसके बाद, मै और भाभी दोनों मौका ढूंढने लगे |
फिर एक दिन वो घर पर अकेली थी, तब उसने मुझे बुलवा लिया, और जब तक मै पंहुचा उसने पूरी तरह से साज्श्रंगार कर रखा था | उसे देख के तो मेरी फट गयी, क्या लग रही थी और उसको देखकर मेरे लंड ने उसको सलाम बजाना शुरू कर दिया | उनके चुचे को मैने ध्यान से देखा; तो, देखा कि उसके चुचे कपड़ो मे से बाहर आने को बैचेन है | मैने उनको इस हाल में देखते ही उन्हें अपने गले से लगा लिया और झट से उनके होठो पर अपने होठ रख दिया और उन्हें जोर जोर से चूसने लगा |
कुछ देर के चूसने के बाद वो बोली की ऊपर के कमरे में चलते हे, तुम उपर चलो में दरवाजा लगा कर आती हू | मै ऊपर चले गया और वो दरवाजा लगाकर ऊपर कमरे मे आ गयी | उनको देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मै उनपर टूट पड़ा और उनके कामुक होठो को चूसने लगा | उनके होठ आज काफी मीठे लग रहे थे, पहले से | मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मै उनके होठो को नहीं किसी मिस्री को चूस रहा हू | उनके होठो को चूसते चूसते उन्होंने अपनी जीभ से मेरे होठो को चाटने लगी और फिर मुझे बोली की अपनी जीभ से मेरे जीभ को छु आआआ…..ऊऊओ | मैने वैसा ही किया और मुझे काफी मज़ा आ रहा था, आज तो वो मुझ कामशास्त्र की टीचर लग रही थी |
फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए और फिर उन्होंने मुझे अपने पुरे शरीर पर किस करने को कहा और मस्ती मे चूमने के लिए बोला | मैने उसके गाल, होठ, सर, हर जगह को चूमा | मेरे चूमें से वो भी पूरी तरह से मस्ती मे आ चुकी थी और मस्ती अपना कामुक शरीर हिला रही थी | अब मुझ से रुका नहीं जा रहा था और मैने बड़ी ही बेसब्री से उनके पुरे कपडे उतार दिये और अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी | फिर उन्होंने मुझे कहा, कि अब तुम मेरे ऊपर आ जा और मुझे चुसो | फिर, मैने उसके चुचो को अपने हाथो में पकड़ा और कसकर मसलने लगा | उसके दोनों चुचे बड़े ही मजेदार थे और मै दोनों को बारी-बारी से मसल रहा था और वो भी मस्ती मै कामुक आवाजो के साथ आआआआ……ओऊ………..अपना बदन हिला रही थी |
फिर, भाभी ने मेरे सारे कपडे उतारकर पूरा नंगा कर दिया और हम एक दुसरे से लिपट गये | हम दोनों के नंगे बदन आपस मे चिपके हुए थे और उसके चुचे मेरी छाती मे धसे हुए थे और मेरा लंड उसकी चूत की घंटी पर टक्कर मार रहा था और उसके अंदर जाने को बैचेन था | भाभी, ने अपने हाथ नीचे कर लिए और मेरा लंड पकड़ लिया और जोर से खीचने लगी | मेरा शरीर मस्ती मे हिल रहा था ओऊ……क्या कर रही हो भाबी..वाह…मैने भी अपना हाथ उसकी चूत पर रख लिया और उसकी चूत को रगड़ने लगा | भाभी मस्ती मे थी और उसकी गांड हिल रही थी और वो जोर-जोर से चिल्ला रहीथी, साले….और कर…आआअ…ऊऊऊऊऊ..मस्त…तेरा लौड़ा मस्त है…चोद दे मुझे आज…आआआआआआअ…..ऊऊऊऊऊ……..
फिर उन्होंने मेरी एक जांघ को अपनी चूत के पास अपनी दोनों टांगो के बीच मे ले लिया | अब मेरा लंड उनकी चूत को बिलकुल छु रहा था और जब उनको उनकी चूत पर मेरे लंड की लम्बाई और मोती का अहसास हुआ, तो वो बोली साले, तेरा लंड तो छुपा रुस्तम है | और फिर से मेरे लंड को अपने हाथो मे ले लिया और हँसते हुए, तेजी से अमर लंड अपने मुह मे ले लिया और फिर अपने मुह को आगे पीछे करके मेरा मुठ मारने लगी और मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ से सहला रही थी | आआआआअ……ओ..बस…….तुम सेक्सी हो मेरी जान…..आज तो तेरी जान ले लूँगा …..आआआअ…ऊऊओ…बस….
मैं तो एक दम सा पागल सा हुए जा रहा था | फिर वो अचानक से रुक गयी और बोली बस चोदने की बारी | इतना कहकर वो लेट गयी और मुझे बोली की चल अब मेरे ऊपर आ | मै जब उनके ऊपर आया तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत के ऊपर रख लिया और अपनी चूत से रगड़ने लगी | उनके मुह से बड़ी कामुक आवाज़े निकल रही थी….आआआ…सी….सी…सी…आ…ऊ…आ…ओउच….औ
मैने जैसा भाभी ने बोला, वैसा ही करना शुरू कर दिया | मैने जोर से धक्के मारकर, लंड को और अंदर डालना शुरू कर दिया | आआअ….ऊऊओ…मेरा दर्द बड़ रहा था और मुझे से दर्द शान नहीं हो रहा था | लेकिन, भाभी मुझे बार-बार मुझे मेरे लंड को उनकी चूत में आगे पीछे करने के लिए बोलती रही | कुछ देर मे, मेरा दर्द कम होने लगा और मैने पुरे जोश मे लंड को चलाना शुरू कर दिया | अब मुझे से सहन नहीं हो रहा था | भाभी का शरीर काफी तेज चल रहा था और एक ही झटके के साथ उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया | फिर, मुझे लगा; कि मै भी झड़ने वाला हु, तो मैने भाभी को बोला, कि भाभी अजीब से चुभन है, लगता है कुछ बाहर आने वाला है | भाभी समझ गयी और उसने मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल लिया अपने मुह पर रख लिया और मेरा गरम पानी एक ताज झटके के साथ भाभी के मुह मे चला गया | भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुह मे ले लिया और मेरा लंड चूसने लगी | भाभी ने मेरे वीर्य की एक-एक बूंद चूस ली और मेरा लंड बिलकुल सुकड़ गया |
मुझे भी उस दिन बड़ा मज़ा आया और मेरा पहला कामसूत्र बहुत ही मस्त था | उसके बाद तो हम को जब भी मौका मिलता, हम एक दुसरे को मस्ती मे चोदते और मज़े लेते |
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