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भाइयों का प्रेम
मेरे पति देवराज एक मल्टीप्लेक्स के मालिक
हैं। उनकी उम्र लगभग 38 वर्ष की है । और मेरी उम्र आज लगभग 34 साल है।
हमारी शादी आज से एक वर्ष पूर्व हुई थी। देवराज एक बेहद ही रोमांटिक इंसान
हैं। वो मुझे किसी भी वक़्त चाहे घर, ऑफिस, कार, जिम, स्विमिंग पूल,
गार्डेन, किसी के घर आदि कहीं भी चोद लेते हैं। कई बार तो वो मुझे
रेस्टुरेंट के फैमिली केबिन में पूरी तरह नंगी कर के चोद लेते हैं। एक बार
तो रात को बारिश में खुले छत पर मुझे दो घंटे तक चोदते रहे. मैं भी उनकी इस
अंदाज़ पर फ़िदा हूँ। मर्द हो तो इस हिम्मतवाला.
उनका एक छोटा भाई है राजदेव। वो लन्दन में रहता है। हम दोनों (मैं और मेरे
पति) लन्दन घुमने के लिए जाने का प्रोग्राम बना कर लन्दन चले गए। हीथ्रो
हवाई अड्डे पर मेरा प्यारा देवर राजदेव हम दोनों को रिसीव करने आया हुआ था।
हम तीनो राजदेव के घर पहुँच गए। मेरे पति देवराज और और मेरे देवर राजदेव
में काफी प्रेम था। दोनों भाई कम और जिगरी यार अधिक थे। दोनों अपनी हर बात
शेयर किया करते थे। मेरे पति ने मुझे कई बार बताया था कि दोनों भाई साथ
साथ ब्लू फ़िल्में देखते थे और एक दुसरे के लंड की हस्तमैथुन भी दोनों किया
करते थे। एक रात उसके घर पर रुक कर शाम में हम तीनो लन्दन के मशहूर
समुद्री बीच पर सैर सपाटे के लिए निकले। वहां हम तीनो ने समुद्र में नहाने
का प्लान बनाया। शाम का अँधेरा पसरता जा रहा था। इस अँधेरे में भी सैकड़ों
लोग पानी के अन्दर खेल रहे थे। वो दोनों भाइयों ने अपना पूरा वस्त्र उतार
लिया और सिर्फ अंडरवियर में आ गए। मैंने भी अपना सारा वस्त्र उतार दिया और
ब्रा और पेंटी पहन कर उन दोनों के साथ समुद्र में उतर गयी। मेरी ब्रा और
पेंटी दोनों ही काफी छोटी थी। मेरे बड़े बड़े स्तन का 80% भाग खुला हुआ था।
मेरी पेंटी भी इतनी टाईट व छोटी थी कि मेरे चूत के बाल भी पेंटी के बगल से
निकल कर दिख रहे थे। लेकिन विदेश में इतना खुलापन था कि वहां इन सब पर कोई
गौर ही नहीं करता था। और अब अँधेरा भी लगभग हो चूका था। हम तीनो समुद्र
में जा रहे थे। मुझे उन दोनों भाइयों ने अगल बगल से पकड़ रखा था। समुद्र की
लहरों में हम तीनो मस्ती कर रहे थे। हम तीनो धीरे धीरे और गहराई की तरफ
बढे। उन दोनों भाइयों ने मुझे और भी कस कर पकड़ लिया। मेरे देवर ने मुझे
अपनी बाहों लपेट लिया था। मुझे भी मजा आ रहा था। हम तीनो गले तक पानी में
तैर रहे थे। तभी मुझे अहसास हुआ कि पानी के अन्दर मेरा देवर मेरे स्तन को
दबा रहा है। मैंने हँसते हुए देवर को कहा क्यों देवरजी पानी में भाभी के
साथ मस्ती सूझ रही है आपको। मेरे पति ने पूछा - क्यों क्या हुआ? मैंने कहा -
देवर जी अपनी भाभी के साथ मस्ती कर रहे हैं। मेरे पति ने कहा - तो क्या
हुआ मेरी जान, तू भी उसके साथ मस्ती कर ले। फिर उन्होंने अपने भाई को कहा -
ओय यार , कर ले अपनी भाभी के साथ मस्ती। जो करना हो कर ले।वो भाभी ही क्या
जिसके देवर ने उसके साथ मस्ती नहीं की हो?
देवर जी ने हँसते हुए कहा - हाँ भैया, तुम चिंता मत करो, जब तक तुम लोग
यहाँ हो भाभी की सेवा मैं अच्छी तरह करूँगा। फिर उसने मुझसे कहा - भाभी ,
तुम अपनी ब्रा पूरी तरह खोलो न।
मैंने कहा - क्या देवर जी, इस तरह खुले आम मैं अपनी चूची आपको दिखा दूँ?
देवर ने कहा - अरे भाभी जी, पानी के अन्दर आपकी चूची नंगी भी रहेगी तो कौन
देखेगा? और अँधेरा भी तो हो रहा है?
मेरे पति ने कहा - हाँ यार, तुझे सब जगह नंगा किया है, आज समुन्द्र में भी
नंगा करूँगा तुझे।
मैंने कहा - ठीक है, जैसी आप दोनों भाइयों की मर्जी। कह कर मैंने ब्रा खोल
दिया। अब मेरे स्तन पानी के अन्दर बिलकुल नंगे थे। मेरे देवर ने पानी के
अन्दर मेरे स्तन को दबाते हुए कहा - वाव ...भाभी आपके माल तो मस्त हैं। अब
मैं आपको एक कमाल दिखाता हूँ।
कह कर वो पानी के अन्दर गया और मेरे चूची को चूसने लगा। मेरे पति ने कहा -
अरे मेरा भाई कहाँ चला गया। मैंने कहा - वो शरारती पानी के अन्दर घुस कर
मेरे स्तन को पी रहा है। मेरे पति को हंसी आ गयी। जोर से बोले - ओय छोटे,
चूची पीने के चक्कर में अन्दर ही मत रह जईयो। तेरी भाभी की चूची है ही इतनी
मस्त कि जल्दी छोड़ने का मन ही नहीं करेगा।
दो मिनट तक चूची चूसने के बाद देवर पानी के बाहर निकल कर बोल - भैया,
समुद्र की नमकीन पानी में भाभी की चूची भी नमकीन हो गयी है। आप को भी चुसना
चाहिए।
मेरे पति ने कहा - जब चूची इतनी नमकीन हो गयी है तो इसकी चूत तो और भी मस्त
हो गयी होगी ना। डार्लिंग तू मुझे इस समुन्द्र में अपनी चूत चूसने दे ना।
मैंने कहा - मैंने आपको कभी मना किया है क्या? लेकिन सवाल यह है कि मैं
पैंटी खोलूंगी कैसे?
मेरे पति ने कहा - तू उसकी चिंता ना कर। ओय छोटे जरा अपनी भाभी को कस के
पकड़ और उठा ले मैं नीचे जा कर इसकी पैंटी खोलता हूँ।
मेरे देवर ने मुझे कस कप अपने बाहों में लपेटा जिस से मेरी चूची उसके सीने
से सट गयी और ओसे मुझे थोडा ऊपर उठा लिया जिस से मेरे पैर जमीन से ऊपर उठ
गए।
मेरे पति पानी के अन्दर गए और मेरी पैंटी को खोल दिया। उसने अपना मुंह मेरी
चूत में लगाया और मेरी चूत चूसने लगे। इधर मेरी साँस उखड़ने लगी। मेरे देवर
ने मुझे कस के जकड रखा था। उसने मुझे मस्त देख कर मेरे होठो पर अपना होठ
रख दिया और किस करने लगा। मैंने भी अपने दोनों हाथ उसके गले के चारो तरफ
लपेटा और उसके मुंह में अपना जीभ डाल दिया। हाय क्या मंजर था? पानी के ऊपर
मेरा देवर मेरी जीभ चूस रहा था और उसी समय पानी के अन्दर मेरा पति मेरा चूत
चूस रहा था। जब तक मेरे पति पानी के अन्दर रह सकते थे उसने मेरी चूत को
चूसा। फिर सांस लेने के लिए पानी के बाहर निकल आये। लेकिन मैंने अपने देवर
के मुंह में से अपनी जीभ नहीं निकाली। मेरे पति ने मेरे देवर से कहा - अरे
यार , अब तू नीचे जा और इसकी नमकीन चूत का मज़ा ले।
मेरा देवर पानी के अन्दर गया और मेरे चूत में अपना दांत गड़ा दिया। मैं तो
चिहुंक गयी और हलकी सी चिल्ला भी पड़ी। मेरे पति ने मुझे अपने में सटाते हुए
कहा - क्या हुआ मेरी जान, क्या मेरे भाई ने तेरी चूत में अपना लंड तो नहीं
डाल दिया।
मैंने कहा - लंड डाल दे तो इतना दर्द नहीं होगा , लेकिन आपके दुष्ट भाई ने
तो मेरी चूत में अपना दांत ही गड़ा दिया है।
मेरे पति को हंसी आ गयी और बोले - वो बचपन से ही अधिक शरारती है।
खैर थोड़ी देर चूत चूसने के बाद मेरा देवर भी पानी के बाहर आ गया। फिर मैंने
कहा - क्यों जी बस चूत चूसने का ही प्रोग्राम है क्या? अब बिना चुदाई झेले
मेरी चूत को आराम मिलेगा क्या?
मेरे पति ने कहा - अच्छा ठीक है तो आज तुझे समुन्द्र में चोदेंगे।
उन्होंने पानी के अन्दर ही अपनी अंडरवियर खोल दी। और अपना लंड मेरे हाथ में
पकड़ा दिया। मैंने उसे मसला। थोड़ी ही देर में उनका लंड तैयार था। मैंने
पोजीशन बनाया और उनका लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया। मुझे पीछे से
सहारा देने के लिए मेरे देवर ने मुझे पकड़ रखा था और मेरी चूची दबा रहा था।
मेरे पति ने मेरी चुदाई चालु कर दी थी। मैंने अपनी दोनों टांगो को अपने पति
के कमर के चारों तरफ लपेट रखा था। और मेरा देवर पीछे से मुझे सहारा दे कर
पकडे हुए था। समुन्द्र में चुदाई का जबदस्त मजा आ रहा था। करिब्ब पांच मिनट
तक चोदने के बाद मेरे पति के लंड ने माल निकाल दिया। उसके बाद उन्होंने
मेरे देवर से कहा - ओय छोटे, तू भी मज़ा मार ले। मेरे देवर ने भी अपनी
अंडरवियर उतारी और अपना लंड मेरे हाथ में थमा दिया। मुझे आज नया लंड मिला
था। मैंने उसे बड़े ही प्यार से सहलाया। धीरे धीरे वो विशालकाय रूप में
तब्दील हो गया। फिर मैंने उसके लंड को अपनी चूत के मुहाने पर टिकाया और कहा
- आजा शेर, अपनी भाभी के बिल में घुस जा। मेरे इतना कहते ही मेरे देवर ने
एक झटके में अपना विशालकाय लंड मेरे चूत में घुसेड दिया। मैं तो दर्द के
मारे बिलबिला गयी। मेरे पति ने मुझे सम्भाला - और कहा - क्या हुआ मेरी जान,
?
मैंने कहा - हाय, आपके भाई को तो कुछ भी नहीं आता है जी, लगता है की चूत
फाड़ देगा मेरी।
मेरे पति ने कहा - अरे अभी बच्चा है ना वो अभी। और जोश भी अधिक है अभी।
भाभी की चुदाई पहली बार ना कर रहा है?
मैंने भी हँसते हुए कहा - हाँ वो तो है। आज घर पर उसे अछि तरह से बताउंगी
कि किसी औरत को कैसे चोदते हैं।
मेरे देवर का चूँकि पहला ही अनुभव था
इसलिए बेचारा दो मिनट में ही गया । फिर हम तीनो ने पानी के अन्दर ही अपने
अपने कपडे पहने और वापस बीच पर आ गए। फिर हम लोग करीब 2 घंटे बीच पर घुमे।
रात के 11 बजे वहां से हमलोग घर की तरफ रवाना हो गए। रास्ते में हमलोगों
ने 5 स्टार होटल में खाना खाया। रात करीब 1 बे हम सब घर पहुंचे। लेकिन शेष
पूरी रात हम तीनो नंगे हो कर बियर पीते रहे और मेरे पति और मेरे देवर ने
बारी बारी से मुझे सुबह के 7 बजे तक चोदा।
फिर हम लोग वह जब तक रहे मैं उन दोनों की बीबी बन कर रही और वो दोनों मुझे
एक ही बिस्तर पर कभी अलग अलग चोदते तो कभी साथ साथ। दोनों भाइयों का प्रेम
देख कर मैं अविहल हो उठी थी।
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