Tuesday, December 16, 2014

Fentency कामांध लाजो भाभी

Fentency

 कामांध लाजो भाभी


आईये आज आपको एक कामांध भाभी की सेक्सी कहानी सुनाते हैं। ये भाभी हमारे किराये के मकान के बगल वाले कमरे में रहती थीं और गजब की सेक्सी थीं। साईज था छत्तीस चौबीस छत्तीस और रंग था जैसे मक्खन में किसी ने एक चुटकी सिंदूर मिला दिया हो। मुलायम मुलायम गांड साड़ी के उपर से ही झलकती थी और सारे किरायेदारों का लंड खड़ा कर जाती थी। उनका नाम बतादें आपको नाम था लाजो। लाजो भाभी का नाम ही लाजो था बस काम था कि शरम नाम की कोई चीज नहीं, सामने अपनी ब्रा टांग जातीं और चड्ढी सूखने को रख कर चली जातीं बस सारे कंवारें उनको छू छू कर अपना लंड सहलाते रहते। एक दिन जब गर्मियों की छुट्टी में सारे लोग अपने अपने घर चले गये थे, और मैं अकेला अपने रुम में था, और लाईट कटी हुई थी तो मैने सोचा जरा देखूं लाजो भाभी क्या कर रही हैं। जब मैं बाहर निकला और खिड़की की झिर्री से झांका तो मेरा लंड सन्ना के खड़ा हो गया। लाजो भाभी अपने नंगे चूंचों पर पंखा झल रही थी और मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया था उनके दूधिया चूंचे देख कर भूरे निप्पल एक दम नुकीले थे। मैं वहीं लाबी में ही अपने खड़े लौड़े पर हाथ रख कर खड़ा था। मैने सोचा जरा दरवाजा खोल कर देखूं, सच में कहीं खुला तो नहीं और जैसे मैने दरवाजे को टटोलने के लिये हाथ लगाया, दरवाजा सीधा दो तरफ खुल गया। मैं डर गया, न मैं आगे जा सकता था न पीछे। अचानक से बिना नाक किये दरवाजा खोलने का मतलब गलत था और अब लंड खड़ा था सामने नंगी भाभी की चूंचियां। तभी भाभी ने अपना स्तन अपने आंचल से छुपाते हुए कहा क्या हुआ अंदर आ जाओ राकेश, मैने कहा ओके भाभी।

मैने दरवाजा भेंड़ दिया तो भाभी ने कहा किल्ली लगा दो। मैने वैसा ही किया और अंदर आते ही भाभी ने मुस्कान मारी, अच्छा तो आज आपने मेरे कुछ खास चीज देख ली है। बोलो नजराना क्या दोगे, मेरा तो लंड पहले से पैंट में खड़ा था, भाभी ने हाथ मार कर कहा, जवान हो गया है तेरा लंड देवर जी। इसे ऐसे न छुपाओ मेरा तो देख लिया अब अपना भी दिखाओ। कह कर उन्होंने मेरी जिप खोल दी और  मेरे लंड को मसलने लगी। लंड मसलन से और भी लाल हो गया, ये पहली बार था जब मैं किसी भाभी के साथ था और सेक्स करने की नौबत बन रही थी। अब तक तो मैने सिर्फ सेक्सी कहानी पढ पढ कर लंड खड़ा किया था और हस्तमैथुन किया था लेकिन आज तो खुद ही मेरी सेक्सी कहानी बन रही थी। भाभी ने अपने आंचल को हटा लिया, फिर दुधिया चूंचे नुमाईश करने लगे। मेरे दिल की धड़कन बढ रही थी कि भाभी ने मेरे हाथ पकड़ के अपने चूंचों से लगा दिये। मुझे चार सो चालीस का झटका लगा और भाभी ने रहम नहीं किया मेरे अंडे सहलाने लगीं और मेरी पैंट मेरे गांड से अलग कर दी। उफ्फ!! लंड का लोहा गरम था और अब तक चूत के दरशन नहीं हुए थे

 भाभी ने मुझे बहका कर मेरी पैंट उतरवा दी। वो मेरे लंड को सहला कर खड़ा कर चुकी थी और अपने चूंचें नंगे दिखा कर मेरी सांसे तेज भी कर चुकी थी। उसके भूरे निप्पल मुझे बहका रहे थे कि मेरे गांड की तरफ उसने अपना हाथ फिराते हुए मेरे अंडों को हल्का सा दबा दिया मेरी चीख निकलने वाली थी कि बोली अरे देवर जी कुछ करोगे कि बस ट्कट्काते रहोगे, मुझे ही चोदना पड़ेगा क्या तुम्हें। मेरी हिचक जा चुकी थी, फुटबाल का प्लेयर था मैं अपने कालेज में तो अब आया खिलाड़ियों वाला स्पिरिट, साली को वहीं बेड पर पटक कर उसके दोनों बुम्बाट चूंचे पकड़ कर एक को मुह में दबोच लिया और दूसरे को दोनों हाथों से मसलने लगा। वह उम्माह, आह धीरे धीरे दबाओ दर्द होता है करने लगी पर मैं नहीं रुका। लगभग चार मिन्ट तक इन चूंचियों को मसलने के बाद मैने उसकी कमर के नीचे अपनी जीभ फिरानी शुरु कर दी।यह सेक्सी कहानी आप राकेश के मुह से सुन रहे हैं। वो मेरे बालों को पकड़ के लगभग उपर की तरफ खींच रही थी, मैने उसके रसभरे होटों पर होट रखे और पीठ पर अपने नाखून खुरचते हुए उसकी कमर और पीठ का सारा हिस्सा अपने नाखुनों से लहूलुहान कर डाला। वह एक दम तैयार थी अपने अंदर लेने को। यह सेक्सी कहानी इस भाभी की पूरी चुदाई का हिस्सा है इसलिये पूरे डिटेल में सुना रहा हूं। तो भाभी की अपनी खास फुद्दी गीली हो चुकी थी तब तक। मैने उन्हें पेट के बल लिटा दिया और पीठ पर से चुम्मा करते हुए उसके नितम्ब थपथपाते हुए और चाटते हुए नीचे की तरफ आने लगा।

उसका बदन मारे आनंद और उत्तेजना के कांप रहा था। साली की गांड को मैने किस करने के इरादे से उसके दोनों गोल चूतड़ हटा के एक गहरा चुम्मा उसके गांड के छेद पर लिया। वह गनगना उठी। इसके बाद नीचे आते हुए उसकी झांटों से टपकता कामरस भी हल्का पिया। अब मेरा लंड उसके चूत में घुसने को तैयार था। पीछे से ही मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। और एक जोरदार झट्का दिया। अब आधा लंड सुपाड़े समेत अंदर था। वह कहने लगी ओह राकेश तेरा लंड तो सचमुच राकिंग है मेरे राकी। चल और अंदर पूरा ही घुसेड़ दे। जब मैने अपना सात इंची लौड़ा पूरा ठोक कर बजाना शुरु किया वह बुदबुदाने लगी आह उह्ह फक मी। वगैरह वगैरह। भाभी को थोड़ी देर पिछ्वाड़े से चुदाई के बाद उसे अपने गोद में सामने से बिठा लिया और उसके चूंचे अपने मुह में लेते हुए चोदने लगा। काफी देर तक ऐसे चोदने के बाद मैने उसके मुह में उसके कामरस से सना लँड डाल दिया और देसी मुखमैथुन का मजा लेने लग गया। जब उसने दुबारा लन्ड को सख्त कर दिया तो उसकी गांड में लंड डाल कर उसकी फैली टांगों के उपर दिखती चूत में उंगली करते हुए धमाके दार चोदने लगा। वह मस्ती में थी मेरे जवान लंड को पाकर। जब मैं झड़ा उसकी गांड में तो उसकी चूत दुबारा झड़ चुकी थी। गांड से निकला हुआ लंड मैने उसके मूह में ठूंस कर साफ कर दिया। दोस्तों लाजो भाभी की सेक्सी कहानी आपको कैसी लगी जरुर बताना अपने कमेंट्स में!










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