Tuesday, December 16, 2014

Fentency दूध वाली के पास दूध नही

Fentency

 दूध वाली के पास दूध नही
हाई दोस्तों,

मेरा नाम रवी हे और मैं बिहार से हू | ये बात तब की हे जब में गर्मियों की छुट्टी में अपने गॉव गया हुआ था | मेरी दादी बोली की दूध वाले को बोलके आ की कल से दो लीटर जादा दूध दे जाये, मैं बोला ठीक हे और दूध वाले के घर की तरफ निकल पड़ा | उसके घर गया तो वो नही था पर उसकी बीवी थी | उसकी बीवी क्या माल लगती थी, मेने उनसे उनके पती के लिए पूछा तो वो बोली की वो बाहर गए हे थोड़े देर में आते ही होंगे | मेने उन्हें बता दिया की कल से उने बोल दीजिए गा की मेरे घर पे दो लीटर जादा दूध दे जाये तो वो बोली ठीक हे | दूसरे दिन दूध वाला हर रोज की तरह दूध दे गया, जादा दिया ही नही |दादी मुझपे बरस पड़ी की एक काम बोला वो भी नही किया ठीक से | मैं फिर गुस्से में उसके घर गया दूध वाले के, पर उसका पती तब तक दूध देके घर ही नही पंहुचा | उसकी बीवी को बोला तो वो बोली की में उन्हें बताना भूल गयी मं शाम को आपके घर दे जाउंगी |शाम के वक्त वो मुझे रस्ते में मिली और बोली की मैं आपके घर ही आज रही थी दूध देने, तो मैं बोला यही दे दो मुझे |

वो दूध के जगह में दूध डालने के लिए झुकी तो मुझे उसके चुच्चे नजर आ गए और मेरे मुह से गलती स एनिक्ल गया क्या दूध हे ? वो समझ चुकी थी क्युकी मेने उन्हें मुस्कुराते हुए देख लिया था पर वो जान बुझ के बोली की कोनसी दूध ? मैं बोला यही जो आप दे रही हे, बहुत गाडा दूध हे, वो बोली हाँ गाय भी तो बहुत अच्छी हे और फिर मुस्कुरा दी | हम दोनों एक दूसरे के इशारे समझ गए पर दिखा नही रहे थे | उन्होंने मुझे दूध दिया और में वहा से जेसे जाने लगा तो वो बोली की फिर कब आपको दूध चाहिए, मैं बोला की कल में खुद शाम को आपके घर लेने आ जाऊंगा ये वाले दूध अलग से | वो बोली ठीक हे और मुस्कुराते हुई चली गयी और में भी चला गया | दूसरे दिन में बहुत बेचें था उनके लिए और जेसे ही शाम हुई में उनके घर चला गया और दूध वाले को आवाज दी तो उनकी पत्नी बोली की वो नही हे काम से शहर से बाहर गए इ, मेने पूछा कब गए वो बोली की अभी अभी दस मिनट हुए हे |

मैं फिर बोला की दूध चहिये था, तो वो बोली किसका दूध चहिये ? उझे ये सुन के अजीब लगा पर उनके होटो पे मुस्कान देख के में समझ गया और बोला किसी का भी मिल जाये, बस कडक और ताजा होना चाहिए | वो बोली की आपको जैसा चाहिए मिल जायेगा, फिर वो मुझे अंदर बुलाई और मैं अंदर जाके चारपाई ओए बैठ गया | वो आई और मुझे दूध देने के लिए झुकी तो मुझे फिर से उनकी चुच्चे दिख गए, इस बार उनके चुच्चे देख के मेरा तन गया और मैं दुधे के बर्तन को पकड़ने के जगह उनके चुच्चो को हल्के से छू दिया | वो बोली दूध अच्छा हे तो इसका मतलब ये नही की उन्हें छुआ जाये, दूध खराब हो जाते हे | इस बार तो मुझे इस बात से समझ आ गया की गाडी पक्का आगे जायेगी, तो मेने उन्हें खुल के बोल दिया की मुझे एक बार आपके दूध पीना हे मुझे ये बहुत पसंद आये | वो बोली आभी पिओगे क्या ? मैं बोला हाँ आभी पियूँगा, अभी मोका मिला हे फिर मिले न मिले तो अभी पीला दो | वो बोली फिर चलो अंदर दूध क्या पूरी गई पीने को दूंगी, वो फिर आगे आगे चलने लगी अपनी कमर मटका मटका के और में उनके पीछे पीछे चलने लगा |

वो मुझे अपने कमरे में ले गयी और में जेसे ही अंदर गया तो उन्होंने दरवाजा लगा दिया और बोली लो पिलो जो जो पीना हे | मेने उन्हें गले लगा लिया और उन्हें चूमने लगा, वो भी मेरा साथ देने लग गयी | मैं उनके गाल गले और होठो को चूमने लगा और अंत मै जाके मैं उनके होठो पे अपने होठ रख दिया और चूसने लग गया, वो भी बड़े मस्त मै मेरे होठो को मस्त मै चूसने लग गयी | हम दोनों एक दुसरे के जीभ को एक दुसरे से टकरा रहे थे और मस्त मजे ले रहे थे | कुछ देर के बाद मेने उनकी साडी खड़े खड़े उतार दी और उन्होंने कुछ नही बोला | साडी उतरने के बाद मेने उनकी पेटीकोट और ब्लाउस भी उतार दी और सिर्फ पैंटी मै रहने दिया | दूध वाली की बीवी ने भी कमाल की पैंटी पहनी हुई थी | मेने फिर उन्हें बिस्तर पे लेटा दिया और उनके उपर चद गया, और उनके होठो को फिरसे चूसने लग गया | मेने एक बार उनके होठो को जोर से कटा तो उन्होंने भी मेरे होठ की गांड मार दी |होठो के बाद मैं उनके चूचो पे आया, जो की मस्त थे न जादा बड़े न जादा छोटे | मैं उनके चूचो को पहले तो अच्च्स से मसल दिया और फिर एक निप्पल को मुह मै भर लिया | निप्पल मुह मै भरते ही उनके मुह से सिसकिय निकल आई और मेरे सर पे हाथ फेरने लग गयी |

मैं उनके एक निप्पल को चूसता तो दुसरे हाथ से उसके पुरे मम्मे को दबा देता | वो अब बहुत गर्म हो चुकी थी और जोर जोर से सिकिया भरने लग चुकी थी | वो अपने टांगो को उठा के मेरे कमर पे बंद दी और मेरे कमर को अपने जिस्म से कसने लग गयी | मैं उसके मम्मो को इतना मसला की वो एक दम टमाटर की तरह लाल हो गये और मै तब तक मसला जब वो ये न बोली की दर्द हो रहा हें | मैं फिर उसके चुच्चो को चुमते चुमते हुए निचे की तरफ आ गया और फिर उसके नाभी को चूमा और फिर उसकी पेंटी के उपर से सकी चुत को काटने लग गया, कट हीर हा था की वो झड गयी और उसकी पेंटी एक तरफ से गीली होने लग गयी | मैं फिर उठा और उनकी पेंटी निकाल दी और फिर उनकी टांगो को खोल के अपना सर उनकी टांगो के बिच ले गया और फिर उनकी चुत पे जीभ रख दिया | जीभ रखते ही उनकी पूरी जिस्म सिमट गयी और वो अपने पेरो को रगड़ने लग गयी | मेने कस के उनकी टांगो को खोले रखा और कस कस के चाटने लग गया, वो अब जोर जोर से कराह रही थी और मेरे सर को पकड़ के अपनी चुत पे घुसेड रही थी |

कुछ देर किया ही था की वो एक दम से झड गयी और झड़ते वक्त जोर से अह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईई की और झड गयी |मैं उठ के पूरा नंगा हुआ और वो मेरे लंड को देख के बोली, लंड की बड़ी देख बहाल करते हो, कितना प्यारा लंड हे तुम्हारा इतना कहते ही वो मेरे लंड को पकड़ी और हिलाने लग गयी, मेने कहा मुह में लो तो वो बोली छी छी ये कोई मुह में लेने वाली चीज हे क्या ? मैं बोला लेती हो या जबरदस्ती डालू वो बोली रुको देखती हू होता हे की नही | वो धीरे से मेरे लंड पे किस की और फिर पुरे मुह में ले ली और फिर चूसने लग गयी | लंड चूसते चूसते वो एक हाथ से मेरे अंडकोष के साथ भी खेल रही थी और मैं उस वक्त हवा में उड़ रहा था | कुछ देर टिका नही की में उसके मुह में ही झड गया और वो मुठ पीने के जगह थूक दी, पर कोई बात नही मुह में ही झाडा वोही बहुत था | उसके बाद मेने उन्हें लेटा दिया और फिर उनकी टांगो को खोल के उनकी चुत में ऊँगली करने लगा, उनकी चुत से लगातर पनी निकले जा रहा था और कुछ देर के बाद मेने उनकी चुत पे लंड टिका दिया और रगड़ने लग गया |

दो मं तक लंड रगडा की वो गिडगिडाने लग गयी की लंड डाल दो अंदर, में और नही सह सकती चुत की खुजली को जल्दी अंदर डाल दो, इतने व बोल ही रही थी की मेने अंदर घुसेड दिया और वो चीख उठी, उसे बहुत दर्द हुआ, शायद इतना मोटा लंड उसने कभी नही लिया था |उसके आँख से आंसू निकल आये पर वो बोली तुम लगे रहो, मेरी चिंता मत करो | मैं उनकी बात मान गया और लंड को आगे पीछे करने लगा | उनकी चुत काफी कसी हुई थी जिसके कारण मेरे लंड में हल्की फुलकी दर्द हो रही थी पर में रुका नही और पलते रहा | कुछ देर के बाद वो भी अपनी गांड उठा उठा के मुझसे चुदने लगी और बिच बिच में वो अपनी कमर को गोल गोल घुमाने लग गयी और चुदने लगी | चालीस मिनट में उन्हें पेला और वो फिर अह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म उईई करते करते झड़ने के तरफ आ चुकी वो मुझसे बोली की मैं झड़ने वाली हू और मैं भी उस वक्त झड़ने ही वाला था की मी अपनी गति तेज कर दी और हम दोनों एक साथ झड गए | झड़ते वक्त हम दोनों ने एक दूसरे को कस के जकड लिया था और फिर हम दोनों एक दूसरे को पकड़ के लेते रहे | मैं फिर कुछ देर के बाद उन्हें चूमने लगा तो वो भी मेरा साथ दी | मैं फिर उनके चुच्चे चूसने लगा और उन्हें बोला की धुध वाली के पास दूध क्यों नही हे ? वो बोली तुम आ गए हो तो वो भी आ जायेगा | फिर हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत प्यार किया और फिर में उठ के चला गया |
 









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