Tuesday, December 30, 2014

Fentency मेरी साली की जवानी

Fentency


मेरी साली की जवानी

तो ये कहना था हमारी साली का जो बोलती थी कि जब चूत ना मिले दिलदार हमारी गली आ जाना! सरिता, छिनाल मेरी साली जो कि अपने बाप से भी चुदवाने में कभी नहीं हिचकी, मेरी भाभी की बुआ की बेटी थी। वो बहुत जल्दी जवान हो गयी थी क्योंकि उसके बाप से लेकर भाई तक उसे पेलते हुए अघाते नहीं थे। साली अपनी चूत की दुकान तो ऐसे खोलके बांटती थी कि जैसे कोई सरकारी गल्ले की दुकान हो। बस एक दिन उसने मुझे कहा कि जीजा जी आज आपको कुछ गिफ्ट मिलने वाला है। मैं सोच रहा था कि गिफ्ट में क्या हो सकता है? तो मैं ससुराल चला गया। वो अपने कमरे में अकेले थी आज उसने अपनी बुर की मलाई मुझे देने का फैसला किया था। मैं उसके कमरे में घुस गया। वो अपने बेड से उठ गयी, लाल साड़ी में कमाल लग रही थी वो कुतिया।
मैने उसे दबोच लिया, और उसके चूंचे की साईज नापने लगा। अठरह की उमर में चौंतीस के चूंचे? आश्चर्यजनक मेजरमेंट था ये। मैने पकड़ के मसलना शुरु कर दिया। वो कराह रही थी, आह छोड़िये ना जीजा जी! प्लीज बहुत दुख रहा है, प्लीज छोड़िए  ना। लेकिन मेरी पैंट में आग लगा के वो लौंडिया नहीं बच सकती थी, उसे आज चुदना था तो चुदना था, और वैसे भी उसने आज मेरा लंड को ज्यादा ही उत्तेजित कर दिया था। वो उस विषकन्या को मैंने कमर से पकड़ कर भींच लिया। और चूंचे दबाते हुए गाँड मसलनी शुरु कर दी। अब वो कराहते हुए भी सेक्सी लग रही थी। मैने उसकी गांड के दायें गोलक को पकड़कर मसलना शुरु कर दिया था। वो कराहे मारते हुए मचल रही थी और मैने चूत चोदन के अंदाज में ही आज उसे पकड़ के रगड़ना जारी रखा। दायीं गोलक को दस मिनट गरम करने के बाद मैने उसकी बांयी गोलक भी पकड़ ली।

 

और मसलने लगा। साड़ी ऊठा के गचागच पेलने से पहले मैने उसकी दोनो गांड की गोलाईयां खूब रगड़ीं खड़े खड़े और फिर बेड पर सुला के वहीं गांड चाटनी शुरु कर दी। वो मस्त होकर पागल होने लगी। आह्ह! क्या कर रहे हो? प्लीज छोड़ींये ना जीजू! आह आह्ह्ह! और मैने गांड को लगभग खाना शुरु कर दिया था। उसके गांड के छेद को अपने मुह में भर के मैने उसकी अच्छे से गोलगप्पे की तरह से स्वाद चखा। मस्त नमकीन स्वाद था उसका और उसने मुझे चुदवाने के लिए एक हरी झंडी के समान था। वो मुझे रोक तो नहीं रही थी, पर सेक्सी आवाजों से मेरा उत्साह वर्धन जरुर कर रही थी, उस रंडी लौन्डिया की आज छ्ठी का दूध उतरने वाला था। मैने गांड चाटनी खानी शुरु रखा। आहह्ह! आह्ह्ह! आह्ह! जीजा जी! और वो पागल बनी रही मैं चाटता रहा। गांड चाट कर मैने उसे सामने पीठ के बल लिटा दिया और चूत में दो उंगली करनी शुरु कर दी। वो अभी शादी शुदा तो नहीं थी, और भी पागल होने लगी। अपनी जवानी को दर किनार करना उसके लिए मुश्किल हो रहा था और वो मुझे रोक नहीं पा रही थी, चाह के भी।
उसने अपनी टांगे खोल दी और मैं उसके बीच आकर चूत को चूसने लगा। आह्ह! आह्ह्ह! प्लीज आराम से जीजू! आप तो मेरे को पागल बना के छोड़ेंगे, आह्ह! आराम से और उसने उत्तेजना से मूतना शुरु कर दिया, पेशाब सीधा मेरे मुह में आ गया। कोल्ड ड्रिंक  की तरह से मैच में ड्रिंक हो गया। मैने उसका पेशाब पीकर अपना लंड उसके मुह में डाल कर मूतना शुरु कर दिया। वो भी पीने लगी, प्यास उसे भी इतनी देर से चूत को खोदवाते हुए लग चुकी थी अत: वह प्यासी तो थी ही, सारा मूत गटक गयी। फिर मैने उसकी भगनाशा को चूसना जारी रखा, वो गरम होकर फिर से अपना कामरस निकालने लगी मैने फिर उसे पी लिया। अपना लन्ड उसके मुह में डालके चोदते हुए उसे अपने वीर्य का पान भी कराया। अब चुदने की बारी थी।
उसकी दोनों टांगे खोल कर मैने अपने कंधे पर रखा और लंड को अंदर ढकेलते हुए उसका मुह बंद कर दिया। उसकी चीख घुटी घुटी सी उ सके अंदर रह गयी और मैने एक ही झटके में उसकी नवयौवना चूत का बंद दरवाजा खोलते  हुए उसकी चूत का क्रिया कर्म कर दिया। वह पागल हो रही थी, मोटे लंबे लन्ड का उसके चूत के अंदर जाते ही वह आह्ह! चोदो, मुझे आह! मैं तुम्हारी मां हूं मुझे चोद कर मेरा बेड़ा गर्क कर दो! प्लीज फक मी येह आहह्ह! आअह्ह! अ अ अहा हाअ आह आह्ह! और मैने चोदना जारी रखा, अब मैने उसे पलाट कर उसकी गांड में लंड घुसाना शुरु किया। चूत के पानी से गांड को गीला कर के चिकना बनाया और सुपाड़े को अंदर धकेलना शुरु किया। वो चिचियाने लगी, आ ? गांड ना मारो जीजू बहुत दुखेगी बहुत संकरी है मेरी। आह रहने दो ना!
प्लीज जीजू, लेकिन कोई सुनवाई नहीं। धक धक करता लंड का इंजन गांड की पटरी पर दौंडने लगा। पागल लौंडिया चुदने लगी अपनी चूत को मेरे हवाले करके वो खुश दीख रही थी, मन ही मन। मैने चोदना जारी रखा। आह वो मेरी रानी चूत की दीवानी, लंड लेने में सयानी गांड मरवाए जा रही थी। मेरी इकलौती प्यारी साली, अब अपने हाथों से गांड खोल के मेरा लंड जड़ तक अंदर ले कर इतरा रही थी। मैं उसकी गांड में झड़ने वाला था कि लंड बाहर निकालके उसका मुखचोदन करने लगा। एक ही झटके में मेरा सारा वीर्य उसकी आहार नलिका में अंदर घुस गया, वो ज्यादा टेस्ट नहीं ले पायी थी, मैने सीधा वीर्य उसके पेट में पार्सल कर दिया था।
अब वो मजे में थी, कि आखिर में ये हो क्या रहा है, और अपना सुपाड़ा उसकी जीभ पर मैं दुबारा मलने लगा। वो जीभ निकाल कर उसे आइसक्रीम की भांति चाट रही थी और मजे में थी। बस चुदवाते चुदवाते उसने अपनी जवानी की हर ख्वाहिश पूरी कर ली उस रोज। मेरा लंड दुबारा खड़ा हुआ और उसकी चूत की बखिया उधेड़ने के लिए मैने उसे कंधे में हाथ डालकर हवा में उठा के उछाल उछाल के चोदा। मेरी रानी पानी पानी हो गयी। उसकी चूत ने ईक्कीस बार आर्गज्म का मजा लिया









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